विशाखा नक्षत्र का अंतिम चरण मंगल की वृश्चिक राशि में आता है। इसे तो नाम अक्षर से पहचाना जाता है। जहाँ नक्षत्र स्वामी गुरु है तो राशि स्वामी मंगल गुरु मंगल का युतियाँ दृष्टि संबंध उस जातक के लिए उत्तम फलदायी होती हैं। ऐसे जातक उच्च पदों पर पहुँचने वाले धर्म-कर्म का मानने वाले महत्वाकांक्षी, गुणी, न्यायप्रिय लेकिन कट्टर भी होते हैं। गुरु ज्ञान पृथक्करण की क्षमता, प्रशासनिक क्षमता न्यायप्रियता प्रदान करेगा, वही मंगल साहस देगा।

विशाखा