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मई के आलेख

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साँचा:आज का आलेख मई २०१७


जून के आलेख

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भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान संस्करण 3 व्हीकल एसेम्बली बिल्डिग से बाहर निकलते हुए।
भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान संस्करण 3 (जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लाँच वहीकल मार्क 3, या जीएसएलवी मार्क 3, या जीएसएलवी-3),जिसे लॉन्च वाहन मार्क 3 (LVM 3) भी कहा जाता है, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा विकसित एक प्रक्षेपण वाहन (रॉकेट) है। इसे भू-स्थिर कक्षा में उपग्रहों और भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को प्रक्षेपित करने के लिये विकसित किया गया है। जीएसएलवी-III में एक भारतीय तुषारजनिक रॉकेट इंजन की तीसरे चरण की सुविधा के अलावा वर्तमान भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यानों की तुलना में अधिक पेलोड(भार) ले जाने क्षमता भी है। जीएसएलवी-III का विकास 2000 के दशक में शुरू हुआ। और 2009-2010 में प्रक्षेपण के लिए योजना बनाई गयी लेकिन कई कारकों के कारण कार्यक्रम में देरी हुई जिसमे 2010 में हुए भारतीय क्रायोजेनिक इंजन की विफलता भी शामिल है।  विस्तार में...

जुलाई के आलेख

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एन्ड्रॉयड का प्रतीक चिह्न
एन्ड्रॉयड गूगल द्वारा विकसित एक मुक्त स्रोत (ओपन सोर्स) मोबाइल प्रचालन तन्त्र है जो लिनक्स पर आधारित है। एन्ड्रॉयड का विकास मुख्य रूप से स्पर्श पटल (टच स्क्रीन) मोबाइल के लिये किया गया था जिसे प्रायः स्मार्टफोन भी कहा जाता है, किन्तु इसका प्रयोग टेबलेट कंप्यूटर में भी किया जाता है और अब कार, टीवी, कलाई घड़ियों, नोटबुक, गेमिंग कन्सोल, डिजिटल कैमरा, आदि में भी एन्ड्रॉयड (ओएस) का उपयोग हो रहा है। इस प्रचालन तन्त्र में सब कुछ स्पर्श आधारित है जैसे वर्चुअल की–बोर्ड, स्वाइपिंग, टैपिंग, पिंचिंग इत्यादि जो दैनिक प्रयोग की भंगिमाओं से काफ़ी मिलते जुलते हैं। इसमें में मोबाइल गेम, कैमरा आदि अनेक सुविधाएँ उपलब्ध हैं जिनके कारण एन्ड्रॉयड वर्तमान समय में सर्वाधिक उपयोग होने वाला प्रचालन तन्त्र बन गया है। एन्ड्रॉयड तन्त्र के सोर्स कोड को गूगल ने मुक्त स्रोत लाइसेन्स के अन्तर्गत रिलीज़ किया था किन्तु अधिकांश एन्ड्रॉयड आधारित युक्तियाँ(डिवाइसेज़) निःशुल्क, मुक्त एवं स्वामित्व सॉफ़्टवेयर सामग्री के संयोजन में आती हैं।

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अगस्त के आलेख

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भोजेश्वर मन्दिर
भोजेश्वर मन्दिर (जिसे भोजपुर मन्दिर भी कहते हैं) मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग ३० किलोमीटर दूर स्थित भोजपुर नामक गांव में बना एक मन्दिर है। यह मन्दिर बेतवा नदी के तट पर विन्ध्य पर्वतमालाओं के मध्य एक पहाड़ी पर स्थित है। मन्दिर का निर्माण एवं इसके शिवलिंग की स्थापना धार के प्रसिद्ध परमार राजा भोज (१०१० - १०५३ ई॰) ने करवायी थी। इसी कारण से इसे उनके नाम पर ही भोजपुर मन्दिर या भोजेश्वर मन्दिर भी कहा जाता है, हालाँकि कुछ किंवदंतियों के अनुसार इस स्थल के मूल मन्दिर की स्थापना पाँडवों द्वारा की गई मानी जाती है। इसे "उत्तर भारत का सोमनाथ" भी कहा जाता है। यहाँ के शिलालेखों से ११वीं शताब्दी के हिन्दू मन्दिर निर्माण की स्थापत्य कला का ज्ञान होता है व पता चलता है कि गुम्बद का प्रयोग भारत में इस्लाम के आगमन से पूर्व भी होता रहा था। इस अपूर्ण मन्दिर की वृहत कार्य योजना को निकटवर्ती पाषाण शिलाओं पर उकेरा गया है। इन मानचित्र आरेखों के अनुसार यहाँ एक वृहत मन्दिर परिसर बनाने की योजना थी, जिसमें ढेरों अन्य मन्दिर भी बनाये जाने थे। इसके सफ़लतापूर्वक सम्पन्न हो जाने पर ये मन्दिर परिसर भारत के सबसे बड़े मन्दिर परिसरों में से एक होता। इस मंदिर का शिवलिंग भारत के मन्दिरों में सबसे ऊँचा एवं विशालतम शिवलिंग है। इस मन्दिर का प्रवेशद्वार भी किसी हिन्दू भवन के दरवाजों में सबसे बड़ा है।  विस्तार में...


सितम्बर के आलेख

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जनार्दन प्रसाद झा 'द्विज'
जनार्दन प्रसाद झा 'द्विज' (१९०४ - ५ मई १९६४) हिन्दी कवि, कथाकार तथा शिक्षक थे। ये कहानी लेखकों की अगली पंक्ति में थे व इनकी गणना हिन्दी के छायावाद काल के भावुक कवियों में की जाती है। विद्यार्थी जीवन में ही इन्होंने कहानी और पद्यरचना आरंभ कर दी थी जब कि ये विद्यालय के एक आदर्श छात्र थे। स्वभाव में गंभीर, प्रकृत्या शांत, प्रत्युत्पन्नमति, हँसमुख व्यक्ति थे जिन्होंने सदा सरल जीवन ही जिया। ये प्रतिभाशाली विचारक, निर्भय आलोचक, एवं स्पष्ट वक्ता थे तथा उन्होंनें हिंदीहित को अपने जीवन में सर्वोपरि रखा। श्री जनार्दन प्रसाद झा का जन्म बिहार राज्य के भागलपुर जिलांर्तगत रामपुर डीह नामक ग्राम में १९०५ में हुआ था। इनके पिता पं॰ उचित लाला झा माध्यमिक स्कूल में अध्यापक थे। द्विज जी की प्रारंभिक शिक्षा अपने गाँव में हुई। गांधी जी के राष्ट्रीय आंदोलन से प्रभावित होकर झा जी शिक्षा के लिए काशी चले आए। महामना मालवीय जी की प्रेरणा तथा पं॰ रामनारायण मिश्र के संपर्क में आकर सेंट्रल हिंदू स्कूल से प्रथम श्रेणी में ऐडमिशन परीक्षा में उत्तीर्ण हुए और हिंदू विश्वविद्यालय में प्रविष्ट हुए। यहीं से उन्होंने अंग्रेजी और हिंदी से प्रथम श्रेणी में कला स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की।  विस्तार में...

अक्तूबर के आलेख

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हाईड्रोजन का अणु
हाइड्रोजन एक रासायनिक तत्व है। यह आवर्त सारणी का सबसे पहला तत्व है जो सबसे हल्का भी है। ब्रह्मांड में (पृथ्वी पर नहीं) यह सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। तारों तथा सूर्य का अधिकांश द्रव्यमान हाइड्रोजन से बना है। इसके एक परमाणु में एक प्रोट्रॉन, एक इलेक्ट्रॉन होता है। इस प्रकार यह सबसे सरल परमाणु भी है। प्रकृति में यह द्विआण्विक गैस के रूप में पाया जाता है जो वायुमण्डल के बाह्य परत का मुख्य संघटक है। हाल में इसको वाहनों के ईंधन के रूप में इस्तेमान कर सकने के लिए शोध कार्य हो रहे हैं। यह एक गैसीय पदार्थ है जिसमें कोई गंध, स्वाद और रंग नहीं होता है। यह सबसे हल्का तत्व है (घनत्व 0.09 ग्राम प्रति लिटर)। इसकी परमाणु संख्या 1, संकेत (H) और परमाणु भार 1.008 है। यह आवर्त सारणी में प्रथम स्थान पर है। साधारणतया इससे दो परमाणु मिलकर एक अणु (H2) बनाते है। हाइड्रोजन बहुत निम्न ताप पर द्रव और ठोस होता है। द्रव हाइड्रोजन - 253° से. पर उबलता है और ठोस हाइड्रोजन - 258 सें. पर पिघलता है। विस्तार में...

नवंबर के आलेख

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श्रीराम, सीता एवं अन्य सहित पुष्पक विमान पर आरूढ
पुष्पकविमान हिन्दू पौराणिक महाकाव्य रामायण में वर्णित वायु-वाहन था। इसमें लंका का राजा रावण आवागमन किया करता था। इसी विमान का उल्लेख सीता हरण प्रकरण में भी मिलता है। रामायण के अनुसार राम-रावण युद्ध के बाद श्रीराम, सीता, लक्ष्मण तथा लंका के नवघोषित राजा विभीषण तथा अन्य बहुत लोगों सहित लंका से अयोध्या आये थे। यह विमान मूलतः धन के देवता, कुबेर के पास हुआ करता था, किन्तु रावण ने अपने इस छोटे भ्राता से बलपूर्वक उसकी नगरी सुवर्णमण्डित लंकापुरी तथा इसे छीन लिया था। अन्य ग्रन्थों में उल्लेख अनुसार पुष्पक विमान का प्रारुप एवं निर्माण विधि अंगिरा ऋषि द्वारा एवं इसका निर्माण एवं साज-सज्जा देव-शिल्पी विश्वकर्मा द्वारा की गयी थी। भारत के प्राचीन हिन्दू ग्रन्थों में लगभग दस हजार वर्ष पूर्व विमानों एवं युद्धों में तथा उनके प्रयोग का विस्तृत वर्णन दिया है। इसमें बहुतायत में रावण के पुष्पक विमान का उल्लेख मिलता है। विस्तार में...

दिसंबर के आलेख

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अरविंद केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल (जन्म: १६ अगस्त १९६८) एक भारतीय राजनीतिज्ञ, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं। अपने पहले कार्यकाल के दौरान वह २८ दिसम्बर २०१३ से १४ फ़रवरी २०१४ तक इस पद पर रहे। इससे पहले वो एक सामाजिक कार्यकर्ता रहे हैं और सरकारी कामकाज़ में अधिक पारदर्शिता लाने के लिये संघर्ष किया। भारत में सूचना अधिकार अर्थात सूचना कानून (सूका) के आन्दोलन को जमीनी स्तर पर सक्रिय बनाने, सरकार को जनता के प्रति जवाबदेह बनाने और सबसे गरीब नागरिकों को भ्रष्टाचार से लड़ने के लिये सशक्त बनाने हेतु उन्हें वर्ष २००६ में रमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्होंने आम आदमी पार्टी के नाम से एक नये राजनीतिक दल की स्थापना की।  विस्तार में...