बुन्देलखण्ड
उत्तर भारत के ऐतिहासिक क्षेत्र बुन्देलखण्ड (बुन्देल राज्य) | |
Location | उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश |
राज्य स्थापना: | 914 AD |
भाषा | बुंदेली |
राजवंश | चन्देल (831-1182) महोबा, कालिंजर, खजुराहो, खंगार वंश (1182-1346) गढ़कुंडार, दिल्ली सल्तनत (1346-1501) दिल्ली, बुंदेल (1501-1950) ओरछा चरखारी , वनाफर वंश |
ऐतिहासिक राजधानीयां | महोबा, कालिंजर, खजुराहो, गढ़कुंडार, चरखारी, ओरछा, अजयगढ़,मोहली |
विभाजित राज्य | ,ओरछा (1501), दतिया, पन्ना राज्य (1732), अजयगढ़ (1765), बिजावर (1765), बेरी,चरखारी, सम्थर, सरीला, (( नैगबा रेवाई))अन्य |
बुन्देलखण्ड मध्य भारत का एक भौगोलिक-सांस्कृतिक क्षेत्र है। इसका विस्तार वर्तमान उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश में है। बुंदेली इस क्षेत्र की मुख्य बोली है। वर्तमान में बुंदेलखंड को एक भौतिक क्षेत्र घोषित किया गया है और उसकी सीमाएं इस प्रकार आधारित की गई हैं[उद्धरण चाहिए] - वह क्षेत्र जो उत्तर में यमुना , दक्षिण में विंध्य पलेटो की श्रेणियों, उत्तर-पश्चिम में चंबल और दक्षिण-पूर्व में पन्ना-अजयगढ़ श्रेणियों से घिरा हुआ है, बुंदेलखंड के नाम से जाना जाता है। इसमें उत्तर प्रदेश के जालौन, झांसी , ललितपुर, चित्रकूट, हमीरपुर, बाँदा और महोबा तथा मध्य प्रदेश के सागर, दमोह, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, दतिया के अलावा भिंड जिले का लहार और ग्वालियर जिले का डबरा और शिवपुरी जिले का करेरा व पिछोर विधानसभा क्षेत्र तथा रायसेन और विदिशा जिले का कुछ भाग भी शामिल है। बुंदेलखंड में पर्याप्त मात्रा में खनिज पाया जाता है [उद्धरण चाहिए]