विभिन्न भाषाओं में रामायण
भिन्न-भिन्न प्रकार से गिनने पर रामायण तीन सौ से लेकर एक हजार तक की संख्या में विविध रूपों में मिलती हैं। इनमें से संस्कृत में रचित वाल्मीकि रामायण (आर्ष रामायण) सबसे प्राचीन मानी जाती है।
साहित्यिक शोध के क्षेत्र में भगवान राम के बारे में आधिकारिक रूप से जानने का मूल स्रोत महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण है। इस गौरव ग्रंथ के कारण वाल्मीकि दुनिया के आदि कवि माने जाते हैं। महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण की लोकप्रियता महर्षि के जीवन-काल में ही शिखर पर पहुँच गई। महर्षि के पश्चात् रामकथा की लोकप्रियता इतनी अधिक बढ़ी कि अनेकानेक अन्य संस्कृत ग्रन्थों नाटकों, काव्यों, पुराणों एवं महाभारत में भी राम कथा ने प्रवेश कर लिया। मध्ययुग तक पहुँचते-पहुँचते, यही राम कथा प्रादेशिक तथा विदेशी भाषाओं में भी प्रस्तुत की जाने लगी। केवल कन्नड भाषा में ही चौहदवीं से सत्रहवीं शती तक के रामायण ग्रन्थों की संख्या बीस से अधिक है।
इतना ही नहीं, बौद्ध तथा जैन धर्मावलम्बियों ने भी राम कथा को अपने रूप में अपनाया। अनेक लेखकों द्वारा लिखी जाने के कारण ही मुख्यतः मूल कथा में परिवर्तन तथा परिवर्धन होता रहा, जिससे कथानक का स्वरूप कुछ-कुछ बदलता भी रहा। इसके अतिरिक्त कुछ स्थानीय भावनाएँ एवं प्रथाएँ भी इन काव्यों में जुड़ती गईं जिसके कारण मूल-मूल कथा में परिवर्तन होते गए।
श्रीराम-कथा केवल वाल्मीकीय रामायण तक सीमित न रही बल्कि मुनि व्यास रचित महाभारत में भी 'रामोपाख्यान' के रूप में आरण्यकपर्व (वन पर्व) में यह कथा वर्णित हुई है। इसके अतिरिक्त 'द्रोण पर्व' तथा 'शांतिपर्व' में रामकथा के सन्दर्भ उपलब्ध हैं।
बौद्ध परम्परा में श्रीराम से संबंधित दशरथ जातक, अनामक जातक तथा दशरथ कथानक नामक तीन जातक कथाएँ उपलब्ध हैं। रामायण से थोड़ा भिन्न होते हुए भी ये ग्रन्थ इतिहास के स्वर्णिम पृष्ठ हैं। जैन साहित्य में राम कथा सम्बन्धी कई ग्रंथ लिखे गये, जिनमें मुख्य हैं- विमलसूरि कृत 'पउमचरियं' (प्राकृत), आचार्य रविषेण कृत 'पद्मपुराण' (संस्कृत), स्वयंभू कृत 'पउमचरिउ' (अपभ्रंश), रामचंद्र चरित्र पुराण तथा गुणभद्र कृत उत्तर पुराण (संस्कृत)। जैन परम्परा के अनुसार राम का मूल नाम 'पद्म' था।
परमार भोज ने भी चम्पू रामायण की रचना की थी।
राम कथा अन्य अनेक भारतीय भाषाओं में भी लिखी गयीं। हिन्दी में कम से कम 11, मराठी में 8, बाङ्ला में 25, तमिल में 12, तेलुगु में 12 तथा उड़िया में 6 रामायणें मिलती हैं। हिंदी में लिखित गोस्वामी तुलसीदास कृत रामचरित मानस ने उत्तर भारत में विशेष स्थान पाया। इसके अतिरिक्त भी संस्कृत,गुजराती, मलयालम, कन्नड, असमिया, उर्दू, अरबी, फारसी आदि भाषाओं में राम कथा लिखी गयी। महाकवि कालिदास, भास, भट्ट, प्रवरसेन, क्षेमेन्द्र, भवभूति, राजशेखर, कुमारदास, विश्वनाथ, सोमदेव, गुणादत्त, नारद, लोमेश, मैथिलीशरण गुप्त, केशवदास, समर्थ रामदास, संत तुकडोजी महाराज आदि चार सौ से अधिक कवियों तथा संतों ने अलग-अलग भाषाओं में राम तथा रामायण के दूसरे पात्रों के बारे में काव्यों/कविताओं की रचना की है। स्वामी करपात्री ने 'रामायण मीमांसा' की रचना करके उसमें रामगाथा को एक वैज्ञानिक आयामाधारित विवेचन दिया। वर्तमान में प्रचलित बहुत से राम-कथानकों में आर्ष रामायण, अद्भुत रामायण, कृत्तिवास रामायण, बिलंका रामायण, मैथिल रामायण, सर्वार्थ रामायण, तत्वार्थ रामायण, प्रेम रामायण, संजीवनी रामायण, उत्तर रामचरितम्, रघुवंशम्, प्रतिमानाटकम्, कम्ब रामायण, भुशुण्डि रामायण, अध्यात्म रामायण, राधेश्याम रामायण, श्रीराघवेंद्रचरितम्, मन्त्र रामायण, योगवाशिष्ठ रामायण, हनुमन्नाटकम्, आनंद रामायण, अभिषेकनाटकम्, जानकीहरणम् आदि मुख्य हैं।
विदेशों में भी तिब्बती रामायण, पूर्वी तुर्किस्तानकी खोतानीरामायण, इंडोनेशिया की ककबिनरामायण, जावा का सेरतराम, सैरीराम, रामकेलिंग, पातानीरामकथा, इण्डोचायनाकी रामकेर्ति (रामकीर्ति), खमैररामायण, बर्मा (म्यांम्मार) की यूतो की रामयागन, थाईलैंड की रामकियेन आदि रामचरित्र का बखूबी बखान करती है। इसके अलावा विद्वानों का ऐसा भी मानना है कि ग्रीस के कवि होमर का प्राचीन काव्य इलियड, रोम के कवि नोनस की कृति डायोनीशिया तथा रामायण की कथा में अद्भुत समानता है।
विश्व साहित्य में इतने विशाल एवं विस्तृत रूप से विभिन्न देशों में विभिन्न कवियों/लेखकों द्वारा राम के अलावा किसी और चरित्र का इतनी श्रद्धा से वर्णन न किया गया।
भारत मे स्वातंत्र्योत्तर काल मे संस्कृत में रामकथा पर आधारित अनेक महाकाव्य लिखे गए हैं उनमे रामकीर्ति, रामाश्वमेधीयम्, श्रीमद्भार्गवराघवीयम्, जानकीजीवनम, सीताचरितम्, रघुकुलकथावल्ली, उर्मिलीयम्, सीतास्वयम्बरम्, रामरसायण्, सीतारामीयम्, साकेतसौरभम् आदि प्रमुख हैं। डॉ भास्कराचार्य त्रिपाठी रचित साकेतसौरभ महाकाव्य रचना शैली और कथानक के कारण वशिष्ठ है। नाग प्रकाशन नई दिल्ली से प्रकाशित ये महाकाव्य संस्कृत-हिन्दी मे समानान्तर रूप में है।
वर्तमान समय में रामायण
संपादित करें- वाल्मीकि रामायण - वाल्मीकि
- योगवासिष्ठ या 'वशिष्ठ रामायण' - वाल्मीकि
- अध्यात्म रामायण - वेद व्यास
- आनन्द रामायण - वाल्मीकि
- अगस्त्य रामायण - वाल्मीकि
- अद्भुत रामायण - वाल्मीकि
- रघुवंश- कालिदास
- रामचरितमानस - हिन्दी (अवधी)
- राधेश्याम रामायण-हिन्दी
- पउमचरिउ या पद्मचरित (जैनरामायण) - अपभ्रंश (विमलसूरि कृत)
- रावण मंदोदरी संवाद - श्रीधर
- रामप्रबंध - मीठा
- रामायणपुराण - स्वयंभूदेव
- राम बालचरित - भालण
- रामविवाह - भालण
- रामायण - नाकर
- लवकुशाख्यान - भालण
- रामायण - कहान
- रामायण - उद्धव
- रामायण - विष्णुदास
- अंगदविष्टि - विष्णुदास
- लवकुशाख्यान - विष्णुदास
- रामविवाह - वैकुंठ
- सीतानो सोहलो - तुलसी
- परशुराम आख्यान - शिवदास
- महीरावण आख्यान - राणासुत
- सीतास्वयंवर- हरिराम
- सीतानां संदेशा - वजियो
- रणजंग - वजियो
- सीतावेल - वजियो
- सीतानो संदेशो - मंडण
- रावण मंदोदरी संवाद - प्रभाशंकर
- रामचरित्र - देवविजयगणि
- रामरास - चन्द्रगणि
- अंजनासुंदरीप्रबंध - गुणशील
- सीताराम रास - बालकवि
- अंगदविष्टि - कनकसुंदर
- रामसीताप्रबंध - समयसुंदर
- रामयशोरसायन - केशराज
- सीताविरह - हरिदास
- सीताहरण - जयसागर
- सीताहरण - कर्मण
- रामायण - प्रेमानंद
- ऋषिश्रंग आख्यान - प्रेमानंद
- रणयज्ञ - प्रेमानंद
- गुजराती योगवासिष्ठ - रामभक्त
- रावण मंदोदरी संवाद - शामलभट्ट
- अंगदविष्टि - शामलभट्ट
- सीतास्वयंवर - कालीदास
- सीतामंगल - पुरीबाई
- सीतानी कांचली - कृष्णाबाई
- सीताविवाह - कृष्णाबाई
- रामकथा - राजाराम
- रामविवाह - वल्लभ
- रामचरित्र - रणछोड
- सीताना बारमास - रामैया
- रामायण - गिरधर
- जगमोहन रामायण या दाण्डि रामायण या ओड़िआ रामायण : बळराम दास
- बिशि रामायण: बिश्वनाथ खुण्टिआ
- सुचित्र रामायण : हरिहर
- कृष्ण रामायण : कृष्ण चरण पट्टनायक
- केशब रामायण : केशब पट्टनायक
- रामचन्द्र बिहार : चिन्तामणी
- रघुनाथ बिळास : धनंजय भंज
- बैदेहीशबिळास : उपेन्द्र भंज
- नृसिंह पुराण : पीताम्बर दास
- रामरसामृत सिन्धु : काह्नु दास
- रामरसामृत : राम दास
- रामलीळा : पीताम्बर राजेन्द्र
- बाळ रामायण : बळराम दास
- बिलंका रामायण : भक्त कवि शारलादास
- भास्कर रामायण
- रंगनाथ रामायण
- रघुनाथ रामायणम्
- भास्कर रामायण
- भोल्ल रामायण
- कुमुदेन्दु रामायण
- तोरवे रामायण
- रामचन्द्र चरित पुराण
- बत्तलेश्वर रामायण
- अन्य भाषाओं में
- कथा रामायण – असमिया
- कृत्तिवास रामायण – बांग्ला
- सिलहटी रामायण – सिलहटी[1]
- भावार्थ रामायण - मराठी
- राम बालकिया – गुजराती
- रामावतार या गोबिन्द रामायण - पंजाबी (गुरु गोबिन्द सिंह द्वारा रचित)
- रामावतार चरित – कश्मीरी
- रामचरितम् – मलयालम
- रामावतारम् या कंबरामायण - तमिल
- मन्त्र रामायण-
- गिरिधर रामायण
- चम्पू रामायण (राजा भोज
- आर्ष रामायण या आर्प रामायण
- अनामक जातक - बौद्ध परम्परा
- दशरथ जातक - बौद्ध परंपरा
- दशरथ कथानक - बौद्ध परंपरा
- रामायण - मैथिली (चन्दा झा)
संस्कृत नाटक
संपादित करेंप्रतिमानाटक सात अंकों का नाटक है, जिसमें भास ने राम वनगमन से लेकर रावणवध तथा राम राज्याभिषेक तक की घटनाओं को स्थान दिया है। महाराज दशरथ की मृत्यु के उपरान्त ननिहाल से लौट रहे भरत अयोध्या के पास मार्ग में स्थित देवकुल में पूर्वजों की प्रतिमायें देखते हैं , वहाँ दशरथ की प्रतिमा देखकर वे उनकी मृत्यु का अनुमान कर लेते हैं। प्रतिमा दर्शन की घटना प्रधान होने से इसका नाम प्रतिमा नाटक रखा गया है।
- अभिषेक नाटक - भास
यह भी रामकथा पर आश्रित है। इसमें छः अंक हैं। इसमें रामायण के किष्किंधाकाण्ड से युद्धकाण्ड की समाप्ति तक की कथा अर्थात् बालिवध से राम राज्याभिषेक तक की कथा वर्णित है। रामराज्याभिषेक के आधार पर ही इसका नामकरण किया गया है।
जिसमें रामविवाह से लेकर राज्याभिषेक तक की कथा निबद्ध की गई है। कवि ने कथा में कई काल्पनिक परिवर्तन किए हैं जिनसे चिरपरिचित रामकथा में रोचकता आ गई है। यह वीररसप्रधान नाटक है।
इसमें सात अंकों में राम के उत्तर जीवन को, जो अभिषेक के बाद आरंभ होता है, चित्रित किया गया है जिसमें सीतानिर्वासन की कथा मुख्य है। अंतर यह है कि रामायण में जहाँ इस कथा का पर्यवसान (सीता का अंतर्धान) शोकपूर्ण है, वहाँ इस नाटक की समाप्ति राम सीता के सुखद मिलन से की गई है।
- यज्ञफल नाटक - भास
- कुन्दमाला नाटक - दिंन्नाग
- जनकजान्दम् - कलय लक्ष्मी नृसिंह
- छलितराम
- रामाभ्युदय - यशोवर्मन
- रामाभ्युदय - रामदेव व्यास
- स्वप्नदशानन - भीमट
- मैथिलीकल्याणम् - हस्तिमल्ल
- उदात्त राधव - अनंगहर्ष
- आश्चर्य चूड़ामणि - शक्तिभद्र
- कृत्यारावण
- मायापुष्पक
- रामचरित
- रामान्द - श्रीगदित
- अनर्धराधव - मुरारी
- बालरामायण - राजशेखर
- अभिनवराधव - क्षीरस्वामी
- वालीवधम्
- मारीचावंचिक
- प्रसन्नराघव - जयदेव
- रघुविलास - रामचन्द्रसूरि
- राधवाभ्युदय - रामचन्द्रसूरि
- राधवाभ्युदय - गंगाधर
- राधवाभ्युदय - भगवान राया
- राधवाभ्युदय - वेंकटेश्वर
- जानकीराधव - रामसिंह
- रामविक्रम
- दूतांगद - सुभट
- दूतांगद - रामचन्द्र
- अमोधराधव
- अभिरामराधव
- उल्लाधराधव - सोमेश्वर
- उन्मत्तराधव - भास्कर
- उन्मत्तराधव - महादेव
- आनंदराधव - राजचूडामणि
- अभिराममणि - सुंदरमिश्र
- अद्भूतदर्पण - महादेव
- जानकीपरिणय - रामभद्र दिक्षित
- राघवान्द - वेंकटेश्वर
- महानाटक
- अकबर ने नवम्बर १५८८ मेंं सचित्र रामायण का फारसी भाषा मे अनुवाद पूर्ण करवाया था जो हाल जयपुर महल संग्रहालय मे हैं। इस रामायण मे ३६५ पृष्ठ हैं। इसमे १७६ चित्र हैं जिसके मुख्य चित्रकार लाल , केशव और बसावन है।
- कतार के दोहा मे भी मुगल रामायण हैं जो अकबर की मां हमीदा बानु बेगम के लिए बनाई गई थीं जो १६ मई १५९४ को पूर्ण हुए थींं।[1]
- अब्दुल रहीम ने भी सचित्र रामायण का अनुवाद करवाया था जो वर्तमान समय मे 'फ्रिर गेलेरी ओफ आर्ट' वाशिंगटन मे हैं। इस रामायण के मुख्य चित्रकार श्याम सुंदर हैं।[2]
- 'चेस्टर बेट्टी लाइब्रेरी , डबलिन ' मे एक लघु योगवासिष्ठ रामायण हैं जो अकबर और जहाँगीर की हैं। इस रामायण में ४१ चित्र हैं।[3]
भारत के बाहर रामायण
संपादित करें- भानुभक्तकृत रामायण
- सुन्दरानन्द रामायण
- आदर्श राघव
- नेपालभाषा : सिद्धिदास महाजु
- कंबोडिया : रामकर
- तिब्बती रामायण
- पूर्वी तुर्किस्तान : खोतानीरामायण
- इंडोनेशिया : ककबिनरामायण
- जावा : सेरतराम, सैरीराम, रामकेलिंग, पातानीरामकथा,
- इण्डोचायना : रामकेर्ति (रामकीर्ति), खमैररामायण
- बर्मा (म्यांम्मार)
- यूतोकी रामयागन
- राम वथ्थु
- महा राम
रचनाकाल के अनुसार विभिन्न रामायण
संपादित करेंरचना-काल | ग्रन्थ का नाम (पुराण आदि) | अन्य संस्कृत-साहित्य | बौद्धग्रन्थ |
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ई0पू0 600 | वाल्मीकि रामायण | दशरथ जातक | |
ई0पू0 400 | महाभारत-व्यासदेव कृत रामकथा | अनामकम जातक | |
ई0पू0 100/800 | (1) रामोपाख्यान | ||
(2) प्रतिमानाटक-भास | |||
(3) अभिषेक नाटक-भास | |||
300-400 ई. | (1) विष्णुपुराण-व्यासदेव कृत | ||
(2) ब्रह्माण्डपुराण-व्यासदेव कृत | |||
400-500 ई. | (1) हरिवंशपुराण - व्यासदेव कृत | कालिदास का रघुवंश | दशरथ जातक |
(2) वायुपुराण - व्यासदेव कृत | |||
(3) नृसिंहपुराण - व्यासदेव कृत | |||
300-700 ई. | (1) मत्स्यपुराण - व्यासदेव कृत | भटिकाव्य-भट्टि | रावणवहो |
(2) कूर्म पुराण - व्यासदेव कृत | |||
(3) भागवत पुराण - व्यासदेव कृत | |||
700-800 ई. | (1) उत्तर रामचरित भवभूमि कृत | ||
(2) उदात्त राघव अनंग हर्ष मयूराज | |||
800-900 ई. | (1) अग्नि पुराण - व्यासदेव कृत | (1) जानकी हरण | |
(2) स्कन्द पुराण - व्यासदेव कृत | (2) रामचरित (अभिनन्द) | ||
(3) वराह पुराण - व्यासदेव कृत | (3) कुन्दमाला (दिन्नाग) | ||
(4) तिब्बितन रामायण | |||
(5) खोतानी रामायण | |||
900-1000 ई. | (1) नारदीय पुराण व्यासदेव कृत | (1) अनर्घ राघव | |
(2) गरुड़ पुराण - व्यासदेव कृत | (2) बाल रामायण राजशेखर | ||
(3) ब्रह्म पुराण - व्यासदेव कृत | (3) आश्चर्य चूड़ामणि | ||
(4) लिंग पुराण - व्यासदेव कृत | |||
1000-1100 ई. | (1) भागवत पुराण - व्यासदेव कृत | (1) महानाटक हनुमान | |
(2) देवी भागवत पुराण - व्यासदेव कृत | (2) रामायण मंजरी क्षेमेन्द्र | ||
(3) सौर पुराण - व्यासदेव कृत | (3) दशावतार चरित क्षेमेन्द्र | ||
(4) कालिका पुराण - व्यासदेव कृत | (4) कथासरित्सागर सोमदेव | ||
(5) चम्पू रामायण भोजराज | |||
(6) पम्पा रामायण | |||
1100-1200 ई. | (1) पद्मपुराण व्यासदेव कृत (पाताल खण्ड) | (1) प्रसन्नराधव-जयदेव | |
(2) बृहद्धर्म पुराण - व्यासदेव कृत | (2) रामचरित | ||
(3)जैमिनीय अश्वमेध-जैमिनी भरत | (3) राघवपाण्डवीय | ||
(4) योगवशिष्ठ रामायण | |||
(5) कम्ब रामायण-तमिल, महर्षि कम्बर | |||
1200-1300 ई. | रामतापिनी उपनिषद् | (1) उल्लग राघव | |
(2) मैथिली कल्याण | |||
(3) दूतांगद-सुभट्ट | |||
(4) हंस सन्देश | |||
(5) महिरावण चरित-भवभूति | |||
(6) रंगनाथ रामायण (तेलुगु) | |||
(7) निर्वाचनोत्तर रामायण | |||
1300-1400 ई. | (1) अध्यात्म रामायण वेदव्यास | (1) उदार राघव सकलमल्ल | |
(2) अद्भुत रामायण महर्षि | (2) उन्मत्त राघव भास्कर वाल्मीकि | ||
(3) शिव महापुराण वेदव्यास | (3) सहस्रमुख राव चरित जैमिनी भरत | ||
(4) भास्कर रामायण (तेलुगु) | (4) पुण्य श्रावणकथासार (कन्नड़) | ||
(5) असमिया माधव कन्दली रामायण (असमिया) | |||
(6) रामलीला ने पदों (गुजराती) | |||
1400-1500 ई. | (1) आनन्द रामायण महर्षि | (1) रामभ्युदय यशोवर्मन वाल्मीकि | |
(2) पद्मपुराण-व्यासदेव | (2) उन्मत्त राघव-विरुपाक्ष | ||
(3) वन्ही पुराण - व्यासदेव कृत | (3)रामनाथचरित | ||
(4) कृत्तिबास रामायण- सन्त कृत्तिवास | (4) रामविवाह | ||
(5) महाभारत (उड़िया) (सरलादास) | (5) रामबालचरित (गुजराती) सन्त कृत्तिवास | ||
(6) कण्णश रामायण (मलयालम) | (6) सीताहरणम् (गुजराती) | ||
(7) सेरी रामायण (मलाया) | (7) रामकथा (सिंहल) | ||
1500-1600 ई. | (1) फारसी रामायण (अकबरकालीन) | ||
(2) रामचरितमानस-तुलसीदास कृत |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "सिलहटी रामायण". मूल से 14 मई 2023 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 मई 2023.