नागपुरिया लोग

नागपुरी भासा को अपनी मातृ भासा के रूप में बोलनेवाले एक जातीय समूह

नागपुरिया लोग जातीय समूह हैं जो नागपुरी भाषा को अपनी मातृभाषा के रूप में बोलते हैं और भारतीय राज्य झारखण्ड , छत्तीसगढ़ , ओडिशा के छोटा नागपुर पठार क्षेत्र के मूल निवासी हैं।[1][2][3][4]

व्युत्पत्ति

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ऐतिहासिक रूप से नागपुरी भाषा के मूल वक्ता लोग नागपुरिया के नाम से जाने जाते हैं।[1][1] और जो जाति समूह नागपुरी, खोरठा, पंचपरगनिया और कुरमाली भाषा बोलते हैं उनको सादान के रूप में जाना जाता है।[5][6]

नागपुरी भाषा बोलने वाले जातीय समूह के लोगो को नागपुरिया कहा जाता है।[1] उन्हें सादान भी कहा जाता है और अनुमान लगाया जाता है की छोटनागपुर में सर्व प्रथम सादान लोगो ने ही हिंद-आर्य भाषा लाया जो की बाद में नागपुरी भाषा के रूप में बीकशीत हुई।[7] नागपुरी के प्रथम कवि नागवंशी राजा रघुनाथ शाह को माना जाता है।[8][9]

 
नवरतनगढ़

जाति और समुदाय

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विभिन्न जातियों की मातृभाषा नागपुरी भाषा है, जिसमें अहीर, रौतिया, बिंझिया, खरवार, चिक बड़ाइक, भोगता, घासी, झोरा, केवट, नागवंशी, कुम्हार, लोहरा, महली, तेली शामिल हैं ।[10][11]

संस्कृति

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करम और जितिया नागपुरीया लोगों के बीच मनाया जाने वाला प्रमुख त्योहार है। नागपुरी लोक नृत्य झुमइर , मर्दाना झुमइर , जनानी झुमइर, डमकच , लाहौसा, पौंकी आदि हैं। लोक संगीत और नृत्य में प्रयुक्त वाद्ययंत्र ढोल , मांदर , बंसी , नगाड़ा , ढाक , शहनाई , खड़ताल , नरसिंगा आदि हैं।[12][13]

 
नागपुरी पैकी नृत्य

उल्लेखनीय लोग

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  1. "नागपुरी भाषा को दो अलग कोड देने पर नाराजगी". livehindustan. 11 जुलाई 2021. अभिगमन तिथि: 14 फरवरी 2022.
  2. T Vijayendra (10 जनवरी 2021). "Recalling Jharkhand Movement". frontierweekly. अभिगमन तिथि: 29 जनवरी 2022.
  3. "ठेठ नागपुरी गीत-नृत्य के पुरोधा गोविंद शरण लोहरा". प्रभात खबर. 20 सितंबर 2019. अभिगमन तिथि: 2 अप्रैल 2022.
  4. Shivani Tiwari, Soubhik Chakraborty (2022). Statistical Analysis of Folk Songs of Jharkhand. Sanctum Books. p. 13. ISBN 9788195293162.
  5. savita kiran, john peterson. "sadani / sadri". academia.edu. अभिगमन तिथि: 5 अक्टूबर 2022.
  6. tiwari, lalan (1995). issues in indian politics. mittal publications. ISBN 9788170996187. अभिगमन तिथि: 22 अगस्त 2019.
  7. Paudyal, Netra P.; Peterson, John (2020-09-01). "How one language became four: the impact of different contact-scenarios between "Sadani" and the tribal languages of Jharkhand". Journal of South Asian Languages and Linguistics (अंग्रेज़ी भाषा में). 7 (2): 275–306. डीओआई:10.1515/jsall-2021-2028. आईएसएसएन 2196-078X.
  8. "Jharkhand Samanya Gyan". books.google.co.in. 30 मार्च 2019 को मूल से पुरालेखित. अभिगमन तिथि: 13 मार्च 2019.
  9. "Giant new chapter for Nagpuri poetry". www.telegraphindia.com. 30 मार्च 2019 को मूल से पुरालेखित. अभिगमन तिथि: 13 मार्च 2019.
  10. CM Babiracki (2017). "Two Generations in the Fault Lines of India ' s Musical Modernities". p. 45. अभिगमन तिथि: 21 November 2022.
  11. Manish Ranjan (2022). JHARKHAND GENERAL KNOWLEDGE 2021. Prabhat Prakashan. ISBN 9789354883002.
  12. "अब नहीं दिखती फाग और झूमर नृत्य, खो रही है अपनी धाक". प्रभात खबर. 29 मार्च 2021. अभिगमन तिथि: 14 फरवरी 2025.
  13. "My Mati: झारखंड का पारंपरिक बाजा खतरे में". प्रभात खबर. 25 नवंबर 2022. अभिगमन तिथि: 14 फरवरी 2025.