अश-शम्स
इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (सितंबर 2014) स्रोत खोजें: "अश-शम्स" – समाचार · अखबार पुरालेख · किताबें · विद्वान · जेस्टोर (JSTOR) |
सुरा अस-सम्स (अरबी: [الشمس] Error: {{Lang}}: text has italic markup (help) aš-Šams, सूर्य)। यह कुरान का 91वां सूरा है। इसमें 15 आयतें हैं। यह भिन्न आसमानी पवित्र शपथों की शृंखला से आरम्भ होता है, जिसमें प्रथम "सूर के द्वारा" से इस सूरा को नाम मिला है। फिर स्वयं मानवी आत्मा। फिर यह बताता है थमूद के भाग्य के बारे में। थमुद एक पूर्व समृद्ध अरब कबीला था, जो अब विलुप्त हो चुका है। पैगम्बर सलीह ने उन्हें केवल ईश्वर की ही उपासना करने की प्रेरणा दी थी, एवं ईश्वर के नाम पर एक ऊँटनी को संरक्षित करने को कहा था। परंतु उन्होंने उनके सन्देश की अनदेखी की, एवं आज्ञा का उल्लंघन करते रहे। तब ईश्वर ने उन सबों को बर्बाद कर दिया। केवल वे ही बचे, जिन्होंने सलीह की आज्ञा की अवहेलना नहीं की थी।
देखें
संपादित करेंपिछला सूरा: अल-बलद |
क़ुरआन | अगला सूरा: अल-लैल |
सूरा 91 | ||
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114
|
बाहरी कडि़याँ
संपादित करें
आधार | क़ुरआन | |||
---|---|---|---|---|
यह लेख क़ुरआन से सम्बंधित आधार है। आप इसे बढाकर विकिपीडिया की सहायता कर सकते हैं। इसमें यदि अनुवाद में कोई भूल हुई हो तो सम्पादक क्षमाप्रार्थी हैं, एवं सुधार की अपेक्षा रखते हैं।
हिन्दी में कुरान सहायता : कुरानहिन्दी , अकुरान , यह भी |