जोधपुर
जोधपुर सुनें सहायता·सूचना राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा नगर है। राव जोधा ने 12 मई, 1459 ई. में आधुनिक जोधपुर शहर की स्थापना की। इसकी जनसंख्या 26 लाख के पार हो जाने के बाद इसे राजस्थान का दूसरा "महानगर" घोषित कर दिया गया था। यह यहां के ऐतिहासिक रजवाड़े मारवाड़ की इसी नाम की राजधानी भी हुआ करता था। जोधपुर थार के रेगिस्तान के बीच अपने ढेरों शानदार महलों, दुर्गों और मन्दिरों वाला प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी है।
जोधपुर Jodhpur सूर्यनगरी, जोधाणा | |
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महानगर | |
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उपनाम: "ब्लू सिटी", " सूर्यनगरी" | |
निर्देशांक: 26°17′N 73°01′E / 26.28°N 73.02°Eनिर्देशांक: 26°17′N 73°01′E / 26.28°N 73.02°E | |
देश | भारत |
राज्य | राजस्थान |
जिला | जोधपुर[1] |
बसे हुए | १४५९ |
संस्थापक | मंडोर के राव जोधा |
नाम स्रोत | राव जोधा |
शासन | |
• मेयर, महानगर पालिका कॉर्पोरेशन | जोधपुर उत्तर महापौर : कुंती देवडा जोधपुर दक्षिण महापौर : विनीता सेठ |
• जोधपुर के पुलिस कमिश्नर | रवि दत्त गौड , भा.पु.से. |
क्षेत्रफल[2] | |
• महानगर | 227 किमी2 (88 वर्गमील) |
ऊँचाई | 231 मी (758 फीट) |
जनसंख्या (2023)[3] | |
• महानगर | 26,033,918 |
• दर्जा | 1436 |
• घनत्व | 161 किमी2 (420 वर्गमील) |
• महानगर | 26,38,300 |
भाषाएं | |
• आधिकारिक | हिन्दी, मारवाड़ी |
समय मण्डल | आईएसटी (यूटीसी+५:३०) |
पिन | ३४२००१ |
वाहन पंजीकरण | आरजे १९ |
वेबसाइट | jodhpur |
वर्ष पर्यन्त चमकते सूर्य वाले मौसम के कारण इसे "सूर्य नगरी" भी कहा जाता है। यहां स्थित मेहरानगढ़ दुर्ग को घेरे हुए हजारों नीले मकानों के कारण इसे "नीली नगरी" के नाम से भी जाना जाता था। यहां के पुराने शहर का अधिकांश भाग इस दुर्ग को घेरे हुए बसा है, जिसकी प्रहरी दीवार में कई द्वार बने हुए हैं,[4] हालांकि पिछले कुछ दशकों में इस दीवार के बाहर भी नगर का वृहत प्रसार हुआ है। जोधपुर पर्यटकों के लिये राज्य भर में भ्रमण के लिये उपयुक्त आधार केन्द्र का कार्य करता है।
वर्ष २०१४ के विश्व के अति विशेष आवास स्थानों (मोस्ट एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी प्लेसेज़ ऑफ़ द वर्ल्ड) की सूची में प्रथम स्थान पाया था। [5] एक तमिल सिनेमा, आई, जो कि अब तक की भारतीय सिनेमा की सबसे महंगी सिनेमा शोगी, की शूटिंग भी यहां हुई थी।[6]
नगर परिचय
संपादित करेंसूर्य नगरी के नाम से प्रसिद्ध जोधपुर शहर की पहचान यहां के महलों और पुराने घरों में लगे छितर के पत्थरों से होती है, पन्द्रहवी शताब्दी का विशालकाय मेहरानगढ़ दुर्ग, पथरीली चट्टान पहाड़ी पर, मैदान से १२५ मीटर ऊंचाई पर विद्यमान है। आठ द्वारों व अनगिनत बुजों से युक्त यह शहर दस किलोमीटर लंबी ऊंची दीवार से घिरा है।
सोलहवीं शताब्दी का मुख्य व्यापार केन्द्र, किलों का शहर जोधपुर, अब राजस्थान का दूसरा विशालतम शहर है। पूरे शहर में बिखरे वैभवशाली महल, किले और मंदिर, एक तरफ जहां ऐतिहासिक गौरव को जीवंत करते हैं वही दूसरी ओर उत्कृष्ट हस्तकलाएं लोक नृत्य, संगीत और प्रफुल्ल लोग शहर में रंगीन समां बांध देते हैं।
हस्तशिल्प
संपादित करेंउत्कृष्ट हस्तशिल्पों के समृद्ध संग्रह का रंगीन प्रगर्शन देख कर जोधपुर के बाजारों में खरीददारी करना एक उत्साहपूर्ण अनुभव है। बंधेज का कपड़ा, कशीदाकारी की हुई चमड़े, ऊँट की खाल, मखमल आदि की जूतियां आकर्षक रेशम की दरियां मकराना के संगमरमर से बने स्मृतिचिन्ह, उपयोगी व सजावटी वस्तुओं की विस्तृत किस्में आदि इन बाजारों में पाई जाती हैं।
अनगिनत त्योहारों , समृद्ध अतीत और शाही राज्य की संस्कृति का उत्सव मनाते हैं। वर्षा में एक बार विशाल पैमाने पर मारवाड़ समारोह भी मनाया जाता है।
उपलब्धियां
संपादित करेंजोधपुर को राजस्थान की न्यायिक राजधानी कहा जाता है, राजस्थान का उच्च न्यायालय भी जोधपुर में ही स्थित है। जोधपुर पूरे विश्व से जुड़ने के लिये हवाई अड्डा भी मौजुद है। पूरे राजस्थान के प्रसिद्ध विभाग जैसे मौसम विभाग , नार्कोटिक विभाग सी बी आइ, कस्टम ,वस्त्र मन्त्रालय आदि मौजूद है।
मुख्य आकर्षण
संपादित करेंचित्र दीर्घा
संपादित करेंमेहरानगढ़ का किला
संपादित करेंमेहरानगढ़ दुर्ग पहाड़ी के बिल्कुल ऊपर बसे होने के कारण राजस्थान के सबसे खूबसूरत किलों में से एक है।[7] इस किले के सौंदर्य को श्रृंखलाबद्ध रूप से बने द्वार और भी बढ़ाते हैं। इन्हीं द्वारों में से एक है-जयपोल इसका निर्माण राजा मानसिंह ने १८०६ ईस्वी में किया था। दूसरे द्वार का नाम है-फ़तह पोल, इसका निर्माण राजा अजीत सिंह ने मुगलों पर विजय के उपलक्ष्य में किया था। किले के अंदर में भी पर्यटकों को देखने हेतु कई महत्वपूर्ण इमारतें हैं। जैसे मोती महल, सुख महल, फूलमहल आदि-आदि।[8]
१२५ मीटर ऊँची पहाड़ी पर स्थित पांच किलोमीटर लंबा भव्य किला बहुत ही प्रभावशाली और विकट इमारतों में से एक है। बाहर से अदृश्य, घुमावदार सड़कों से जुड़े इस किले के चार द्वार हैं। किले के अंदर कई भव्य महल, अद्भुत नक्काशीदार किवाड़, जालीदार खिड़कियाँ और प्रेरित करने वाले नाम हैं। इनमें से उल्लेखनीय हैं मोती महल, फूल महल, शीश महल, सिलेह खाना, दौलत खाना। इन महलों में भारतीय राजवंशो के साज सामान का विस्मयकारी संग्रह निहित है।[9] इसके अतिरिक्त पालकियाँ, हाथियों के हौदे, विभिन्न शैलियों के लघु चित्रों, संगीत वाद्य, पोशाकों व फर्नीचर का आश्चर्यजनक संग्रह भी है।[10]
जसवंत थड़ा जो पूरी तरह से [11]संगमरमर से निर्मित है। इसका निर्माण १८९९ में महाराज सरदार सिंह ने अपने पिता राजा जसवंत सिंह (द्वितीय) और उनके सैनिकों की याद में किया गया था। इसकी[12] कलाकृति आज भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। महाराजा जसवंत सिंह द्वितीय की याद में सफेद संगमरमर से ईसवी सन् १८९९ में निर्मित यह शाही स्मारकों का समूह है। मुख्य स्मारक के अंदर जोधपुर के विभिन्न शासकों के चित्र हैं।
महाराजा उम्मैद सिंह ने इस महल का निर्माण सन १९४३ में करवाया था। संगमरमर और बालूका पत्थर से बने इस महल का दृश्य पर्यटकों को खासतौर पर लुभाता है। इस महल के संग्रहालय[13] में पुरातन युग की घड़ियाँ और चित्र भी संरक्षित हैं। यही एक ऐसा बीसवीं सदी का महल है जो बाढ़ राहत परियोजना के अंतर्गत निर्मित हुआ। जिसके कारण बाढ़ से पीड़ित जनता को रोजगार प्राप्त हुआ। यह महल सोलह वर्ष में बनकर तैयार हुआ था। बलुआ पत्थर से बना यह अतिसमृद्ध भवन अभी पूर्व शासकों का निवास स्थान है जिसके एक हिस्से में होटल चलता है।
आध्यात्मिक ध्यान केन्द्र
संपादित करेंप्रवृत्ति मार्गी संत श्री रामलाल जी सियाग द्वारा स्थापित अध्यात्म विज्ञान सत्संग केन्द्र, जोधपुर[14], शुद्धरूप से एक आध्यात्मिक संस्था है। यह संस्था गुरुदेव सियाग सिद्धयोग[15] का निःशुल्क प्रचार-प्रसार मानव कल्याण हेतु विश्व स्तर पर कर रही है। इस केन्द्र में एक विशिष्ट प्रकार की सिद्धयोग पद्धति से ध्यान करने पर साधक को ध्यान के दौरान स्वतः ही अनेक प्रकार की यौगिक क्रियाएँ होती हैं, जो साधक के शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक तापों को हर लेती हैं। देश और विदेश से सभी धर्म व जाति के लोग यहाँ गुरुदेव सियाग सिद्धयोग की पद्धति से ध्यान और मंत्र जाप करके असीम शांति एवं सुख का अनुभव करते हैं।
गिरडीकोट और सरदार मार्केट
संपादित करेंछोटी-छोटी दुकानों वाली, संकरी गलियों में छितरा रंगीन बाजार शहर के बीचों बीच है और हस्तशिल्प की विस्तृत किस्मों की वस्तुओं के लिए प्रसिद्ध है तथा खरीददारों का मनपस्द स्थल है।
मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट जोधपुर
संपादित करेंमेहरानगढ़ संग्रहालय ट्रस्ट भारत का प्रमुख सांस्कृतिक संस्थान और उत्कृष्टता का केंद्र है, जिसकी स्थापना 1972 में मारवाड़-जोधपुर के 36 वें संरक्षक, महाराजा गजसिंहजी ने किले को आगंतुकों के लिए जीवंत बनाने के लिए की थी।[16]
उत्सव व मेले
संपादित करेंजोधपुर में सभी पर्वों को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है, यहाँ का बेतमार मेला और कागा का शीतला माता[17] मेला बहुत प्रसिद्ध है लोग दूर - दूर से ये मेला देखने आते है। राजस्थान के लोक देवता रामदेव पीर का मसुरिया मेला भी काफी प्रसिद्ध है।
मारवाड़ उत्सव, नागौर का प्रसिद्ध पशु मेला और पीपाड़ का गंगुआर मेला। यह कुछ महत्वपूर्ण उत्सव है जो जोधपुर में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाते है। यहाँ पर सावन माह की बड़ी तीज और बेतमार मेला विश्व प्रसिद्ध है।
जोधपुर में गणगौर पूजन का भी विशेष महत्व है और इसी उत्सव पर पुराने शहर में गणगौर की झांकियां भी निकाली जाती हैं। धिंगा गवर इसके बाद आने वाला एक आयोजन है इस दिन महिलाऐं शहर के परकोटे में तरह तरह के स्वांग रच कर रात को बाहर निकलती हैं और पुरुषों को बैंत से मारती हैं अपने प्रकार का एक अनोखा त्योहार है।
निकटवर्ती स्थल
संपादित करेंखेजड़ली बिश्नोईयान- जोधपुर से 25 किलोमीटर दूर खेजड़ली बिश्नोई बाहुल्य क्षेत्र हैं दुनिया में पेड़ों की रक्षा के लिए शहीद होने का एकमात्र उदाहरण खेजड़ी ही है यहां पर आज से 300 वर्ष पहले जोधपुर के महाराजा अभय सिंह को अपने महल को बनाने के लिए लकड़ियों की जरूरत हुई तो राजा ने अपने सिपाहियों को लकड़ी लाने के लिए खेजड़ली भेजा शिपाई जब खेजड़ली गांव में आकर खेजड़ी काटने लगे तो वहां के स्थानीय लोगों ने उसका विरोध किया लेकिन वह नहीं माने फिर आस पास के बिश्नोई बाहुली 84 गांव पेड़ों को बचाने के लिए इकट्ठे हो गए सिपाही फिर भी नहीं माने तो लोग पेड़ों के चिपक गए सिपाहियों ने पेड़ों के साथ साथ चिपके लोगों को भी काटना शुरू कर दिया देखते ही देखते 363 लोग शहीद हो गए यह विश्व में एक अनूठा पेड़ों को बचाने का उदाहरण है
यह जोधपुर से ५ कि॰मी॰ दूर है। इस सुंदर झील का निर्माण ईसवीं सन् ११५९ में हुआ था। झील के किनारे खड़ा भव्य ग्रीष्मकालीन महल खूबसूरत बगीचों से घिरा हुआ है।[18] भ्रमण करने के लिए यह एक रमणीय स्थल है।
घंटाघर मर्केट
संपादित करेंदोस्तों, यदि आप जोधपुर की प्रसिद्ध जगहों पर घूम लिय है और अब आप शोपिंग करना चाहते है तो यह एक और प्रसिद्ध जगह है जहाँ आप शोपिंग कर सकते है. इस प्रसिद्ध मार्किट से अपने मन पसंद के कपड़े खरीद सकते है और यहाँ पर कपड़े खरीदने बालों की बहुत ज्यादा भीड़ भी होती है.
अरना झरना
संपादित करेंअब हम जोधपुर की एक और प्रसिद्ध जगह के बारे में जान लेते है. हम अरना झरना जगह की बात कर रह है ये काफी प्रमुख और अधिक सुन्दर जगह है जहाँ पर काफी दूर-दूर के पर्यटक का आना जाना लगा रहता है. झरना की तरह यह की हरियाली और पानी का तेज बहाव प्राकृतिक दृश्य को देखने के लिय पर्यटक वेवस हो जाते है. यदि आप इस जगह को देखने का आनंद लेना चाहते है तो बारिश के जून, जुलाई में जाना सही रहगा.
यह शहर से ०८ किलोमीटर की दूरी पर है। मारवाड़ की प्राचीन राजधानी में जोधपुर के शासकों के स्मारक हैं। हॉल ऑफ हीरों में चट्टान से दीवार में तराशी हुई पन्द्रह आकृतियां हैं जो हिन्दु देवी-देवताओं का प्रतिनिधित्व करती है। अपने ऊँची चट्टानी चबूतरों के साथ, अपने आकर्षक बगीचों के कारण यह प्रचलित पिकनिक स्थल भी बन गया है।
महामंदिर
संपादित करेंइसका निर्माण ईसवीं सन १८१२ में किया था। यह अपने ८४ नक्काशीदार खंभों के कारण असाधारण है।
कायलाना झील जो कि जोधपुर की एक प्रसिद्ध झील है। यह खूबसूरत झील एक आदर्श पिकनिक स्थल है। झील मुख्य शहर से ११ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
ओसियां जोधपुर जिले का एक प्राचीन क्षेत्र है तथा वर्तमान में एक तहसील के रूप में विस्तृत है। यह जोधपुर - बीकानेर राजमार्ग की दूसरी दिशा पर रेगिस्तान में बसा हुआ है। इस प्राचीन क्षेत्र की यात्रा के दौरान बीच - बीच में पड़ते हुए रेगिस्तानी विस्तार व छोटे-छोटे गांव अतीत के लहराते हुए भू-भागों में ले जाते है। ओसियां में सुंदर तराशे हुए जैन व ब्राह्मणों के ऐतिहासिक मन्दिर है। इनमें से सबसे असाधारण हैं आरंभ का सूर्य मंदिर और बाद के काली मंदिर, सच्चियाय माता मन्दिर [19] और भगवान महावीर मन्दिर भी स्थित है। यह काफी प्राचीन नगर है पूर्व में इसका नाम उपकेश था।
यह जोधपुर कि एक तहसील है। यह एक उपनगर है। यहां पर प्राचीन खोखरी माता का मन्दिर हैं। इसके निकटवर्ती गाँव मथानिया व ओसियां हैं।
खरीददारी
संपादित करेंजोधपुर के मोची गली से चमड़े का जूता, रंगीन कपड़ा, टाई, पॉलिश किया हुआ घरेलू सजावटी सामान आदि की खरीददारी की जा सकती है। जोधपुर के मिर्ची बड़े बाहर के देशों में भी निर्यात किये जाते है।[20]
भोजन
संपादित करेंयहाँ खासतौर पर दूध निर्मित खाद्य पदार्थों का ज्यादा प्रयोग होता है। जैसे मावा का लड्डू, क्रीम युक्त लस्सी, मावा कचौरी, और दूध फिरनी आदि।
यहाँ का मिर्ची बड़ा और प्याज कि कचौरी बहुत ही प्रसिद्ध है। भोजन में प्राय यहाँ बाजरे का आटे से बनी रोटियां, जिन्हें सोगरा कहते हैं, प्रमुखता से खाया जाता है। सोगरा किसी भी चटनी, साग आदि के साथ खाया जाता है। जो खाने में स्वादिष्ट होता है। इसी प्रकार छाछ और प्याज भी इसके साथ खाया जाता है।
प्रमुख व्यक्ति
संपादित करें- बद्रीराम जाखड़ (भूतपूर्व सांसद)
- गजेन्द्र सिंह शेखावत(केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, भारत सरकार)
- अशोक गहलोत (वर्तमान राजस्थान के मुख्यमंत्री)
- राजेन्द्र मल लोढ़ा, भारत के सर्वोच्च न्यायाधीश
- करणवीर बोहरा (अभिनेता)
- शैलेश लोढा (अभिनेता)
- किकू शारदा (हास्य अभिनेता )
परिवहन
संपादित करेंरेलवे
संपादित करेंशहर में परिवहन की अच्छी सुविधा उपलब्ध है। जहाँ लगभग सभी बड़े शहरों के लिए ट्रेनें निकलती है।
जोधपुर में कई रेलवें जंक्शन है। जोधपुर रेलवे स्टेशन उत्तर पश्चिम रेलवे (एनडब्ल्यूआर) का संभागीय मुख्यालय है। यह अच्छी तरह से अलवर, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरू, तिरुवनंतपुरम, पुणे, कोटा, कानपुर, बरेली, हैदराबाद, अहमदाबाद, इंदौर, भोपाल, धनबाद, पटना, गुवाहाटी , नागपुर, लखनऊ जैसे प्रमुख भारतीय शहरों के लिए रेलवे के साथ जुड़ा हुआ है। ग्वालियर ,जयपुर आदि मुख्य जोधपुर स्टेशन भीड़ कम करने के लिए, उपनगरीय स्टेशन भगत की कोठी रेलवे स्टेशन यात्री गाड़ियों के लिए दूसरा मुख्य स्टेशन के रूप में विकसित किया गया है।[21][22]
जोधपुर के आसपास के उपनगरीय स्टेशनों
संपादित करें- राईका बाग़ पैलेस जंक्शन
- भगत की कोठी रेलवे स्टेशन
- महामन्दिर रेलवे स्टेशन
- बासनी रेलवे स्टेशन
- जोधपुर कैंट रेलवे स्टेशन
- मण्डोर रेलवे स्टेशन
- बनाड़ रेलवे स्टेशन
- सालावास रेलवे
- लूनी रेलवे स्टेशन
विमान क्षेत्र
संपादित करेंजोधपुर विमान क्षेत्र राजस्थान के प्रमुख विमानक्षेत्रों में से एक है। यह मुख्य रूप से नागरिक हवाई यातायात के लिए अनुमति देने के लिए एक नागरिक बाड़े के साथ एक सैन्य एयरबेस है। जोधपुर की राजनीतिक स्थिति के कारण, इस विमान क्षेत्र को भारतीय वायु सेना के लिए सबसे महत्वपूर्ण विमान क्षेत्र में से एक के रूप में माना जाता है।[23]
वर्तमान में यहाँ एयर इंडिया और जेट एयरवेज और स्पाइसजेट द्वारा संचालित करने के लिए दिल्ली, मुंबई, उदयपुर, जयपुर, बैंगलोर और पुणे से दैनिक उड़ानें भरती हैं।
सड़क
संपादित करेंजोधपुर राज्य के सड़क परिवहन में भी प्रमुख माना जाता है। यहाँ से दिल्ली, अहमदाबाद, सूरत, उज्जैन, आगरा ,मुम्बई ,पुणे तथा बैंगलोर आदि के अलावा डीलक्स और एक्सप्रेस बस सेवा से जैसे पड़ोसी राज्यों के लिए सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम दिल्ली के लिए वोल्वो और मर्सिडीज बेंज बस सेवा प्रदान करता है। जबकि अहमदाबाद, जयपुर, उदयपुर और जैसलमेर हाल ही में बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) लो फ्लोर और सेमी लो फ्लोर प्रमुख मार्गों पर चलने वाली बसों के साथ शहर में शुरू की है। जोधपुर में तीन राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ और दस राज्य राजमार्गों के साथ राजस्थान राज्य राजमार्ग नेटवर्क के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग [24] नेटवर्क से जोड़ा गया है।
मीडिया
संपादित करेंसमाचार पत्र
संपादित करेंजोधपुर से प्रकाशित होने वाले हिन्दी समाचार पत्र हैं-
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Jodhpur.nic.in". मूल से 19 फ़रवरी 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 जून 2015.
- ↑ "Jodhpur District Census 2011 Handbook: VILLAGE AND TOWN WISE PRIMARY CENSUS ABSTRACT (PCA)" (PDF). Censusofindia.gov.in. पृ॰ 33. मूल से 28 अप्रैल 2016 को पुरालेखित (PDF). अभिगमन तिथि 19 April 2016.
- ↑ "Census of India : Provisional Population Totals Paper 1 of 2011 : Rajasthan". मूल से 2 अक्तूबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 जून 2015.
- ↑ Gopal, Madan (1990). K.S. Gautam (संपा॰). India through the ages. Publication Division, Ministry of Information and Broadcasting, भारत सरकार. पृ॰ 178.
- ↑ www
.dailymail .co .uk /travel /article-2562228 /Lonely-Planet-reveals-10-extraordinary-places-stay-2014 .html - ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 11 जनवरी 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 जून 2015.
- ↑ LLC, Books; LLC, General Books (2010). Jodhpur: Mehrangarh Fort, Jodhpur Group - Malani Igneous Suite Contact, Gramin Vikas Vigyan Samiti, Umaid Bhawan Palace, Jodhpurs, Jodhpur (अंग्रेज़ी में). General Books LLC. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9781156511275. मूल से 14 जुलाई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 जुलाई 2018.
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- ↑ "राठौड़ राजाओं का समाधि स्थल जसवंत थड़ा". मूल से 12 अप्रैल 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 मई 2017.
- ↑ राजस्थान पत्रिका. "पहाडियों के आंचल में शानदार पर्यटन जसवंत थडा". अभिगमन तिथि 5 मई 2017.[मृत कड़ियाँ]
- ↑ राजस्थान पत्रिका. "दुनियाभर में मशहूर है राजस्थान का यह "ताजमहल"". मूल से 10 जुलाई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 मई 2017.
- ↑ "Siddha can cure AIDS says AVSK Ram Lal Siyag". DNA India (English में).सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
- ↑ "Learning focus - Times of India". Times of India (English में).सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
- ↑ https://www.mehrangarh.org/about-us/
- ↑ दैनिक भास्कर. "here a king put sheetla mata out of city - Dainik Bhaskar". मूल से 17 मार्च 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 मई 2017.
- ↑ "Four thrilling reasons why you should visit Jodhpur in 2017". मूल से 2 जून 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 मई 2017.
- ↑ Sachiyay Mata Temple Osian Archived 2016-03-09 at the वेबैक मशीन अभिगमन तिथि : ०७ मई २०१६
- ↑ एनडीटीवी. "Mirchi Bada of Jodhpur ,Rajasthan". मूल से 10 मई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 मई 2017.
- ↑ भारतीय रेलवे. "Jodhpur - North Western Railway / Indian Railways Portal". मूल से 23 सितंबर 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 मई 2017.
- ↑ भारतीय रेलवे. "Jodhpur - Railway Station". मूल से 20 अगस्त 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 मई 2017.
- ↑ "Jodhpur Airport - Airports Authority of India" [जोधपुर विमानक्षेत्र]. मूल से 4 मई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 मई 2017.
- ↑ "Rajasthan State Road Transport Corporation(RSRTC)". rsrtc.rajasthan.gov.in. मूल से 6 मई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 मई 2017.
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- औपचारिक जालस्थल
- जोधपुर का विहंगम दृश्य (उपग्रह छवि)