विकिपीडिया:चौपाल/पुरालेख 28
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Updates from India Program Team
This is the first post from the India Program team regarding the team. I have been posting updates on the various mailing lists - but am acutely aware that the majority of our community is on village pumps or project pages and hence this post. Do excuse me for posting something which is not solely focused on this project, but the work we are doing has learnings that you might find useful for your project. Here are 5 important links that you might find useful
- There is an India Program page on meta - which has links to a number of important workstreams (on the right of the page)
- Here is your India Program team. Feel free to reach out for any help or to provide any suggestion - or just to say hello!
- I submitted the following mid-year report to the community on January 15th 2011 - outlining the activities for 2011 and the priorities for 2012. Strictly speaking, this wasn't a mid-year report because it covered all of 2011, but going forward, I intend to make it a half-yearly affair. Please add your comments or suggestions here, or below this post.
- I have recently started monthly updates. The monthly update for February is available here. Please add your comments or suggestion here. The areas of emphasis for March are here. Please add your comments or here. This is really useful for us to ensure that we are doing what you need most.
- I have also started a new tab on the India Program page for Learnings, called Gyan. I think it is going to be a pretty cool place for us to put together a whole host of learnings, lessons, heartbreaks, Eureka moments and inspirations - gathered from all over the community. Stay tuned for more!
- One of the essential things that India Program needs to constantly work out is keeping our community informed of the work that we are doing - so that this work is clearer but also to help cross-pollinate ideas amongst a wider set of community members who might not have been engaged on specific village pump / talk page discussion or involved in particular activities (e.g. outreach events) or wikiprojects. I propose to have a fortnightly IRC for the community with India Program. (For those who are not familiar with IRC, it is an Internet messaging system similar to a regular chat room. It's very simple to use and you can join in by clicking on the following link. This would be done on the 1st and 3rd Thursdays of every month at 9pm IST (which is GMT + 0530) - THOUGH NOT THIS MONTH - BECAUSE I HAVE MISSED THE TIMELINE. Just for March, we will do it on March 15th and March 29th (both at 9pm IST which is GMT + 0530). I suggest that these chats are focused on specific work streams. As with many community meet-ups - folks will give time to attend a meet-up or participate in an IRC only if there is a topic of relevance to them. Therefore, we will do one IRC on Indic languages and one on Outreach & Communications. The March 15th one will be focused on Indic Languages and the one on March 29th will be on Outreach & Communications. (All IRCs will start with a re-cap of India Programs activities.) There is quite a bit of overlap on these topics - so feel free to join both. Please do also invite anyone who is interested to know more about India Program or - even more importantly - interact with fellow Wikimedians. As always, the logs will be put up on meta for the benefit of those who can't attend and for the record.
Please feel free to translate this post for the benefit of the larger audience. In fact, I'd be really grateful if you did!
किसी पृष्ठ के एक हिस्से का संदर्भ देना
यदि किसी लेख में किसी दूसरे लेख के केवल एक हिस्से का संदर्भ देना हो और पूरा लेख न दिखाना हो तो उसके लिए क्या करना पड़ेगा।--Somesh virgo (वार्ता) 18:45, 12 मार्च 2012 (UTC)
- विकिपीडिया पर कोई भी लेख किसी अन्य विकिपीडिया लेख को सन्दर्भ के रूप में प्रयोग नहीं कर सकता। यह en:Circular reference हो जाएगा। यह करना गलत है क्योंकि ऐसे में बात का कोई सत्यापन नहीं होता। यद्यपि विकिपीडिया पर सभी बातें स्रोत सहित ही लिखी जानी चाहियें, तब भी ऐसी कई बातें लिखी होती हैं जिनका कोई स्रोत नहीं दिया होता। ऐसे में, अगर विकिपीडिया के लेखों को ही स्रोत बनाना शुरू कर दिया जाए तो बिना किसी जाँच के कुछ भी लिखना संभव होगा। (वैकल्पिक रूप से देखें: en:Wikipedia:Manual of Style/Self-references to avoid) यदि आपको किसी एक लेख में लिखी बात किसी दूसरे लेख में लिखनी हो तो पहले देखें कि मूल बात का स्रोत क्या है, स्रोत ढूँढें और फिर अपने लेख में उसी स्रोत का प्रयोग करें।
- (नोट: अगर आपका तात्पर्य सन्दर्भ देने से नहीं, बलकी कड़ी बनाने से, अर्थात link बनाने से था तो स्पष्ट करें)--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 21:09, 12 मार्च 2012 (UTC)
- मेरे समझ से प्रश्नकर्ता यह पूछना चाहते हैं कि किसी बड़े लेख का 'पता' बताने के बजाय उसके किसी भाग (जैसे एक शीर्षक या उपशीर्षक) का पता बताना हो तो कैसे करेंगे? -- अनुनाद सिंहवार्ता 03:42, 13 मार्च 2012 (UTC)
- '#' के चिह्न का प्रयोग करके। मसलन भारत के लेख के लिए [[भारत]] जो भारत के लिए जोड़ देता है और [[भारत#राजनीति]] उसके राजनीति विभाग के लिए - भारत#राजनीति। वैसे यह विकिपीडिया:स्वशिक्षा/विकिपीडिया जोड़ में भी समझाया गया है। --Hunnjazal (वार्ता) 05:58, 13 मार्च 2012 (UTC)
- प्रिय सिद्धार्थ घई, अनुनाद सिंह तथा Hunnjazal जी, दरअसल मेरा अभिप्राय कड़ी जोड़ने से था न कि संदर्भ देने से। आप लोगों ने अपना क़ीमती वक़्त निकालकर मुझे जो समझाया है उसका मैं आभारी हूँ।--Somesh virgo (वार्ता) 16:02, 14 मार्च 2012 (UTC)
- '#' के चिह्न का प्रयोग करके। मसलन भारत के लेख के लिए [[भारत]] जो भारत के लिए जोड़ देता है और [[भारत#राजनीति]] उसके राजनीति विभाग के लिए - भारत#राजनीति। वैसे यह विकिपीडिया:स्वशिक्षा/विकिपीडिया जोड़ में भी समझाया गया है। --Hunnjazal (वार्ता) 05:58, 13 मार्च 2012 (UTC)
- मेरे समझ से प्रश्नकर्ता यह पूछना चाहते हैं कि किसी बड़े लेख का 'पता' बताने के बजाय उसके किसी भाग (जैसे एक शीर्षक या उपशीर्षक) का पता बताना हो तो कैसे करेंगे? -- अनुनाद सिंहवार्ता 03:42, 13 मार्च 2012 (UTC)
क्या आप जानते हैं में तकनीकी परिवर्तन
क्या आप जानते हैं भाग के अद्यतन और मेंटेनेंस को कुछ आसान बनाने के लिये कुछ सुझाव साँचा वार्ता:क्या आप जानते हैं#प्रणाली में परिवर्तन पर रखे हैं। सदस्य उसपर टिप्पणी करने के लिये आमंत्रित हैं।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 12:10, 15 मार्च 2012 (UTC) इस भाग को अद्यतित और सार्थक बनाए रखने के लिए कुछ नियमों में भी परिवर्तन का सुझाव है। [1] देखकर अपने मत से अवगत कराएं। अनिरुद्ध वार्ता 18:40, 25 मार्च 2012 (UTC)
स्थानान्तरण
किसी पृष्ठ का नाम परिवर्तन करने के लिए इस विकल्प को चुनने के बाद नाम बदलने की जो जगह आती है उसमें देवनागरी टंकण अक्षम क्यों है? अभी कुछ दिनों से यह समस्या आ रही है। कृपया इसे ठीक करें। रोहित रावत (वार्ता) 15:12, 18 मार्च 2012 (UTC)
- रोहित जी, इसकी वजह कहीं पर हमारे वर्तमान इनपुट स्क्रिप्ट के कोड में है। यह कोड तीन भागों में है: [2], [3] और [4]।
- जहाँ तक मुझे समझ आया है, गड़बड़ी पहले भाग में है जो इस स्क्रिप्ट का असल कोड है (दूसरे और तीसरे भाग ट्रांस्लिटरेशन और इनस्क्रिप्ट के नियम हैं)। ये गड़बड़ी ठीक करना कम-से-कम मेरे बस से बाहर की बात है।
- यह कोड User:Junaidpv ने लिखा था और उन्होंने ने ही mw:Extension:Narayam बनाया है। इस समस्या को समाप्त करने का सबसे आसान तरीका (जो शायद स्थायी भी हो) होगा कि हम Narayam extension को हिन्दी विकिपीडिया पर सक्षम करें।
- इसे सक्षम करने से पहले मैं चाहूँगा कि sa:User:Siddhartha Ghai/vector.js में किये ट्रांस्लिटरेशन नियमों के बदलाव लागू किये जाएँ ताकि यह अभी से अधिक सरल हो सके; और फिर इसे यहाँ सक्षम कर दिया जाए।
- अभी की प्रणाली के ऊपर इसमें क्या फ़ायदे होंगे इसके लिये विकिपीडिया:चौपाल/पुरालेख_27#Narayam देखें।
- अन्य सदस्य भी इस विषय पर गौर करें कि इस समस्या को कैसे सुलझाया जाए।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 07:42, 21 मार्च 2012 (UTC)
- नोट: संस्कृत विकिपीडिया (जहाँ यह extension सक्षम है) पर यह परेशानी नहीं आ रही है--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 07:47, 21 मार्च 2012 (UTC)
- इस सन्दर्भ में विकिपीडिया:चौपाल/Narayam देखें।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 14:56, 21 मार्च 2012 (UTC)
संपादकों के अधिकारों में परिवर्तन
m:Requests for comment/Userrights on Hindi Wikipedia की बहस के अनुसार सभी संपादकों के पिछले अधिकार बदल दिए गए है। कुछ अधिकारों के समूह अन्य समूहों से मिला दिए गए है या सीधा हटा दिए गए है। मुझे लगता है की अब पुनः सारे अधिकार समूहों का ढंग से गठन करना होगा और पुनः चुनाव प्रक्रिया के अनुसार ये अधिकार लेने होंगे। आशूबातकरें 08:08, 20 मार्च 2012 (UTC)
- पास हुए ड्राफ्ट के अनुसार अधिकार बदलने की प्रक्रिया कुछ ओर ही होनी चाहिए थी, परन्तु पता नहीं यह पीटर सायमंड्स क्या कर रहें हैं, इन्होंने एक बॉट प्रबंधक (सदस्य:MGA73bot) को प्रबंधक ही बना दिया और यह सदस्य हिन्दी विकिपीडिया पे न तो सक्रिय हैं और न ही हिन्दी जानते हैं, यह तो प्रबंधक बनना भी नही चहाते। इसी प्रकार ड्राफ्ट के बिंदुओं का पूर्ण रूप से पालन ही नहीं हों रहा। बिना हिन्दी विकिपीडिया के सदस्यों को कुछ बताए इसे कार्यान्वित करना मेरी नज़र में विकिपीडिया की कार्य प्रणाली के विरुद्ध व अनुचित है।<>< Bill william comptonTalk 11:53, 20 मार्च 2012 (UTC)
- बात तो सही है। प्रमुख अधिकारों को बिना किसी सुचना के हटा दिया गया है। इसमें ना तो सदस्यों का कार्य अनुभव देखा गया है और ना ही उनके कार्य करने का तरीका। ड्राफ्ट के बिंदुओं का भी पालन ठीक से नहीं हो रहा है। इस तरह की हरकतों से हमें हिन्दी विकिपीडिया के रख रखाव में और दिक्कत आएगी। पहले ही यहाँ मुश्किलें कम नहीं और इस पे ये काम। किस आधार पर ये अधिकार हटाए गए है यह पूछना पड़ेगा। शायद इस मुद्दे को पुनः RFC पर रखना पड़ेगा। आशूबातकरें 12:35, 20 मार्च 2012 (UTC)
- मेरे विचार से हिन्दी विकि पर मयूर जी और अन्य लोगों द्वारा अभी तक अधिकांश निर्णय आपसी चर्चा के बाद ही लिये गये थे। मुझे याद नहीं कि कहीं अधिकारों का सरासर दुरुपयोग किया गया हो। मयूर जी के बारे में जो कुछ भी कहा जा रहा है वह अशोभनीय है। मुझे तो यही समझ में नहीं आ रहा है कि मयूर की गलती कैसे है। यह तो उन लोगों की गलती है या विकिपिडिया की ढिलाई है कि कोई बिना किसी 'उच्च अधिकारी' के अनुमति के ही 'खतरनाक अधिकार' हासिल कर ले।
कुछ भी हो इस प्रकरण को सुलझाया जाय और हिन्दी विकि के विकास को इससे नुकसान न पहुँचने दिया जाय। हो सकता है कोई इस तरह का विवाद खड़ा करके हिन्दी विकि कार्यकर्ताओं में विवाद उत्पन्न करना चाहता हो।-- अनुनाद सिंहवार्ता 14:45, 21 मार्च 2012 (UTC)
- समस्या यह है कि हिन्दी विकि के सदस्यों के पास बहस करने का उतना फालतू समय नहीं है जितना कुछ और लोगों के पास है। हो सकता है कुछ निष्पक्ष स्टीवर्ड्स को भी गलतफहमी हुई हो, लेकिन कुछ लोग तो सिर्फ मौका भुनाने के लिए ऐसे (आरएफसी) पेजों पर पहुँच जाते हैं।
- मयूर जैसे सदस्य की सम्पूर्ण प्रतिभा को समझने मात्र के लिए भी व्यक्ति को कई क्षेत्रों का ज्ञाता होना पड़ेगा। मयूर जी का हिन्दी विकि पर योगदान इतना अधिक और गुणवत्तापूर्ण है कि वह अंग्रेजी विकि के श्रेष्ठ सदस्यों और कुल विकिमीडिया के सभी सदस्यों में भी प्रमुख स्थान रखता है (और मैं यहाँ संख्या की बात नहीं कर रहा हूँ)। मयूर जी ने अपने दिन रात एक करके "केवल अपने संपादनों की संख्या बढ़ाने के लिए ऐसा किया है" यह विचार हास्यास्पद है। मैं ऐसे योग्य सदस्य के लिए कही गयी अपमानजनक टिप्पणियों की भर्त्सना करता हूँ। -Hemant wikikoshवार्ता 17:12, 22 मार्च 2012 (UTC)
- मैं हेमंत जी व अनुनाद जी के विचारों से बिल्कुल सहमत हूँ और सम्बन्धित आरएफपी पर भी मैने यही विचार रखा था। आशा करता हूँ कि मयूर जी इस वाक्य को भूल कर पुनः हिन्दी विकिपीडिया पे अपना योगदान जारी रखेंगे।<>< Bill william comptonTalk 18:53, 22 मार्च 2012 (UTC)
- प्रिय मित्रों, जो कुछ भी हुआ उससे किसी भी प्रकार भयभीत होने के जरुरत नहीं है क्योंकि हम लोगों से सम्पादन करने का अधिकार तो नहीं छीना गया है। अब मैं आपको इस घटना के बारे में बताउंगा, दरसल कुछ दिनों पहले जब इण्डिया मेलिंग लिस्ट पर मैनें इण्डिया चेपटर की हिन्दी विकि को कोई भी सहयोग न देने के लिये उनकी भर्त्सना की तो मैं नहीं जानता था कि मैनें कितने दुश्मन बना लिये, बस तब से वह लोग स्टीवर्ड से मेरी शिकायत करने में लगे रहे। बाकी बात रही गलतियों की तो दुनियां मैं ऐसा कोई इन्सान नहीं जिससे गलतियाँ न हो यदि हम कापीराइट उल्लंघन, संदर्भ का अभाव इत्यादि अंग्रेजी विकि की पालिसी की बात करे तो हिन्दी विकि के लगभग सभी सदस्यों ने यह गलती की होगी भले ही शुरुवाती अवस्था में, परन्तु उन पर कोई कार्यवाही करने से पहले हम उस सदस्य को एक चेतावनी अवश्य देते है परन्तु इस बार ऐसा नहीं हुआ क्योंकि वे सब जानते थे कि हिन्दी विकि के सदस्य बहुत कम ही किसी चर्चा में भाग लेते है अत: उन्होने इस प्रकार की प्रक्रिया अपनायी, इसके अलावा हिन्दी विकि के इतने सारे सदस्य समूह भी कुछ स्टीवर्ड्स को खटकते थे। इन लोगों ने मेरी जो भी गलतियां दिखायी है वह मेरे प्रबंधक बनने के शुरुवाती कुछ माह में घटित है एवं उन गलतियों का सुधार मैनें स्वयं विकिमीडिया स्टीवर्ड्स से करवाया था जैसे कि ओवरसाइट सदस्य समूह हटवाना एवं ऐबयुज फिल्टर से आई पी लाग हटवाना इत्यादि, मैनें कभी भी डेवलपर्स से इन अधिकारों की माँग नहीं की थी परन्तु यह अधिकार उन्होने गलती से हिन्दी विकि में डाल दिये थे जिसे मैनें स्टीवर्ड jyothis से gmail पे चर्चा करके हटवा दिया था, परन्तु उन पुरानी बातों को पुन छेड़ना गढे़ मुद्दे उखाड़ने वाली बात है। मुख्यत मुझे यह सजा हिन्दी विकि पर अत्यधिक प्रबंधन कार्य करने के लिये दी गयी। खैर यह हम सब जानते है कि यह सदस्य समूह कभी भी कोई भी हटा सकता है बस एक वस्तु जिसे कोई नहीं हटा सकता वह है हमारे योगदान जिसके लिये हम इस विकिपरियोजना में हमेशा याद रखे जायेंगे। अत: इस घटना को भूलकर अपनी संपादकीय शक्ति को पहचाने और इस परियोजना को आगे बढा़ये, हाँ परिवर्तन इस दुनिया का सबसे बडा़ नियम है कोई भी व्यक्ति न तो हर समय शीर्ष पर नहीं रहता है और न हर समय तल पर जो वस्तु हमारे साथ रहती है वह है हमारे अच्छे एवं बुरे संस्कार, मुझे खुशी है कि मैनें हिन्दी विकि के लिये जो कुछ भी किया वह इसके उत्थान के लिये निष्पक्ष भावना से किया और आप सब लोगों का मुझे पूर्ण सहयोग मिला जिसके लिये मैं आप सबका आभारी हूँ। अब मैं अपने आप को हिन्दी विकि से अलग कर रहा हूँ क्योंकि मैं नहीं चाहता कि मेरे कारण हिन्दी विकि पुन किसी राजनीतिक दुष्परिणाम से गुजरे, मेरे विचार से विकिपीडिया पर मेरा सफर यही तक था। आप सभी को शुभकामनाएँ, हिन्दी को यू ही आगे बढा़ते चले --Mayur (talk•Email) 04:31, 24 मार्च 2012 (UTC)
- मैं हेमंत जी व अनुनाद जी के विचारों से बिल्कुल सहमत हूँ और सम्बन्धित आरएफपी पर भी मैने यही विचार रखा था। आशा करता हूँ कि मयूर जी इस वाक्य को भूल कर पुनः हिन्दी विकिपीडिया पे अपना योगदान जारी रखेंगे।<>< Bill william comptonTalk 18:53, 22 मार्च 2012 (UTC)
- समस्या यह है कि हिन्दी विकि के सदस्यों के पास बहस करने का उतना फालतू समय नहीं है जितना कुछ और लोगों के पास है। हो सकता है कुछ निष्पक्ष स्टीवर्ड्स को भी गलतफहमी हुई हो, लेकिन कुछ लोग तो सिर्फ मौका भुनाने के लिए ऐसे (आरएफसी) पेजों पर पहुँच जाते हैं।
- मेरे विचार से हिन्दी विकि पर मयूर जी और अन्य लोगों द्वारा अभी तक अधिकांश निर्णय आपसी चर्चा के बाद ही लिये गये थे। मुझे याद नहीं कि कहीं अधिकारों का सरासर दुरुपयोग किया गया हो। मयूर जी के बारे में जो कुछ भी कहा जा रहा है वह अशोभनीय है। मुझे तो यही समझ में नहीं आ रहा है कि मयूर की गलती कैसे है। यह तो उन लोगों की गलती है या विकिपिडिया की ढिलाई है कि कोई बिना किसी 'उच्च अधिकारी' के अनुमति के ही 'खतरनाक अधिकार' हासिल कर ले।
- बात तो सही है। प्रमुख अधिकारों को बिना किसी सुचना के हटा दिया गया है। इसमें ना तो सदस्यों का कार्य अनुभव देखा गया है और ना ही उनके कार्य करने का तरीका। ड्राफ्ट के बिंदुओं का भी पालन ठीक से नहीं हो रहा है। इस तरह की हरकतों से हमें हिन्दी विकिपीडिया के रख रखाव में और दिक्कत आएगी। पहले ही यहाँ मुश्किलें कम नहीं और इस पे ये काम। किस आधार पर ये अधिकार हटाए गए है यह पूछना पड़ेगा। शायद इस मुद्दे को पुनः RFC पर रखना पड़ेगा। आशूबातकरें 12:35, 20 मार्च 2012 (UTC)
मयूर यह कोइ रास्ता नहीं है। १९७२ में इंदिरा गांधी ने एक कानून द्वारा राजाओं की विशेष सुविधाएं अवैध मानकर समाप्त कर दी थी। राजा सर्वोच्च न्यायालय में गए। न्यायालय ने कानून अवैध ठहरा दिया और संसद भंग कर दी। इंदिरा पुनः और अधिक बहुमत से चुनकर आ गई। और पुनः वही कानून बनाया। तब से भारत में राजाओं का विशेषाधिकार समाप्त है। विकिया में अराजकता चाहे जितनी हो इसकी मूल संकल्पना के प्रति मैं आश्वस्त हूँ। ६ महीने बाद ही सही हम फिर से प्रशासक तय करेंगें। और यदि विकिया छोड़ें गें तो निस्चित रूप से किसी समानांतर सृष्टि की रचना करेंगें। अभी मैं दो दायित्वों से बंधा हूँ। एक तो अपना शोधग्रंथ लिख रहा हूँ। दूसरा रोज कॉलेज की कक्षाएं लेनी होती है। सबकुछ बेहतर करने की आदत है। इसलिए विकिया का शेयर थोड़ा कम हुआ है। लेकिन आपके साथ की और आशा है। कुछ दिन बाद हिंदी विकिया के लिए कुछ बेहतर करने की स्थिति में रहुँगा। तब हिंदी विकिया के आप सरीखे सदस्यों के साथ की जरूरत पड़ेगी। अनिरुद्ध वार्ता 07:13, 24 मार्च 2012 (UTC)
नयी दिल्ली के राष्ट्रीय हस्तकला संग्रहालय मे विकिपीडिया प्रस्तुति
प्रिय मित्रो मैं आपको हमारे राष्ट्रीय हस्तकला संग्रहालय में सफल ग्लैम मीटिंग के बारे में बताना चाहती हूँ। यह नई दिल्ली में १८ मार्च रविवार को हुई . हमारी मुलाकात २ बजे शुरू हुई और हमने सभी दीर्घाओं और प्रदर्शन के चारों ओर घूम कर एक साथ परिचित बनने का फैसला किया। सुभाशीष और नूपुर सहित हम कूल १४ स्वयंसेवक (वोलंटियर) थे। 3:30 तक हम चारों ओर देख कर गोंड चित्रकला, मांडणा चित्रकला, शेखावटी पेंटिंग, संग्रहालय पर लेख लिखने लगे और इन से हिंदी अनुवाद भी करने लगे. संपादन में भाषा विविधता देख हमें अच्छा लगा. हम में से ४ व्यक्ति हिंदी विकिपीडिया पर काम करना चाहते हैं और आपका सहयोग अनिवार्य होगा. हमारी गतिविधियों के बारे में जानकारी यहां पायी जा सकती है मीटीण्ग की जानकारी यह सिर्फ हमारी पहली मीटिंग थी और संपादन व् योगदान के बारे में जानकारी आप वहीँ पा सकते हैं। यह एक सुखद अनुभव था कि संग्रहालय के निदेशक, डॉ॰ रुचिरा घोष ने हमें सभी दीर्घाओं में तस्वीरें लेने के लिए अनुमति दी थी। यह तस्वीर कला वस्तुओं के लिए अनुमति जारी है और उन्हें प्रतिलिपि लाइसेंस के तहत अपलोड की जा सकती है। हम कम से कम महीने में एक बार बैठक जारी रखना चाहते है और आप सभी का सह्कार पा कर आगे बढ़ना चाहते हैं।Noopur28 (वार्ता) 09:41, 20 मार्च 2012 (UTC)
सदस्य अधिकारों में बदलाव
स्टीवार्ड सदस्य:Snowolf ने मेटा विकि पे हुई चर्चा के अनुसार कुछ सदस्यों के अधिकारों में बदलाव किए हैं। ड्राफ्ट के अनुसार यह अधिकार 20 सितंबर 2012, यानि अबसे छह महीने बाद, एक्सपायर हों जाएँगे। दिए गए लिंक को भी देखें, धन्यवाद।<>< Bill william comptonTalk 17:07, 20 मार्च 2012 (UTC)
मकसद ठीक होने के बावजूद मयूर कई प्रक्रियागत गलतियां करते रहे हैं। किंतु यद दिलचस्प है कि उन्हें ठीक करने वालों ने भी गलत प्रक्रिया ही अपनाई है। जिन्हें अपना निर्णय हिंदी विकिया पर रखना जरूरी लगा क्या वे निर्णय लेने की प्रक्रिया से हिंदी विकिया के सदस्यों को नहीं जोड़ सकते थे। यह कार्यवाई हिंदी चौपाल पर सूचना देने के एक सप्ताह बाद भी तो की जा सकती थी? मैं इस प्रक्रिया से पूर्णतः असहमती दर्ज करते हुए अधिकारों के नये वर्गीकरण से स्वयं को अलग रखने और केवल एक सदस्य के रूप में हिंदी विकिया से जुड़े रहने का निर्णय ले रहा हूं। अनिरुद्ध वार्ता 08:11, 23 मार्च 2012 (UTC)
- अनिरुद्ध जी, मेटा विकि पे हुई इस आर॰एफ॰सी की सूचना चौपाल पे स्टीवार्ड द्वारा दी गई थी, तथा अनुरोध किया गया था कि सदस्य वहाँ पे अपने विचार रखें। इस नोटिफिकेशन को यहाँ देने के लिए तो मेरे से स्टीवार्ड MBisanz ने कहा था। और मेरी नजर में हिन्दी विकिपीडिया का कोई भी सदस्य इस निर्णय से सहमत नहीं होगा। अगर उस समय यहाँ के सदस्यों ने मयूर जी के पक्ष में वहाँ कुछ कहा होता तो शायद निर्णय ऐसा न होता।<>< Bill william comptonTalk 12:36, 23 मार्च 2012 (UTC)
I admit that I was a bit coward to openly come out in Mayur's support. Perhaps, this was because I was nurturing some (immature) hopes of getting a few extra buttons next to my username. Also because, I did and do think that some of Mayur's ideas about hi.wiki were wrong. That said, I have not been able to justify to myself any of the actions taken against him during last few days. I didn't comment on the RfC as I have very little knowledge about the issues mentioned therein. However, Aniruddh's brave step provided me with an idea on how best to react to this situation.
Frankly, I do realise now that these buttons don't matter at all. One fine day some steward from nowhere is gonna enter the scene and take them away anyway -- as they have done in this case. Also, I do feel now that administrative work is more of a nuisance rather than pleasure. So, I shall continue to edit here but request the sysops to take away all my rights on hi.wiki. For the record, I'm also removing this user template from my en.wiki userpage. Also, I henceforth won't be asking for any rights on any wikimedia project.
This is also in protest of the fact that many of the rights which were granted to me by proper community consensus on en.wiki have been taken away without caring so much as to even inform me or let me present my case. If there is any thing like principles of natural justice, they've certainly been violated in Mayur's case as well as mine. All in good faith. लवी सिंघल (वार्ता) 16:29, 23 मार्च 2012 (UTC)
बिल जी! मुंबई के जिमी जी के बीज वकतव्य की यह बात मुझे ठीक लगी थी कि सबसे महत्वपूर्ण है सामग्री जोड़ना। बाकी साज-सज्जा और प्रबंधन उसे व्यवस्थित रखने के लिए और बाद की चीजें हैं। मुश्किल यह है कि निर्णय लेने का अधिकार रखने वालों ने इतना देखना भी जरूरी नहीं समझा कि हिंदी विकिया के सदस्यों की संख्या इतनी अधिक नहीं है कि सदस्यों का कोइ समूह निरंतर रेफ्रेंस डिस्क के संदेश देखता रहे। यहां सभी जरूरी मुद्दे चौपाल पर सुलझ जाते हैं।। विकिया को छोटे भाषायी परियोजनाओं के साथ वही रवैया और प्रणाली नहीं अपनानी चाहिए जो बड़ी परियोजनाओं पर लागू हैं। यह विकिया परियोजनाओं के लिए आत्मघाती कदम होगा और जिमी की मंशा के प्रतिकूल भी। स्टुअर्ट को नहीं पता की उन लोगों ने मयूर से भी बड़ी गलती कर दी है। इस तरह तो कभी वे हमारी भागीदारी के बिना ही हिंदी विकिया बंद करने का निर्णय ले लेंगें। क्योंकि यहाँ कॉपीराइट उल्लंघन, प्रबंधन अव्यवस्था, संदर्भ का अभाव, सक्रिय सदस्यों की कमी आदी कितने ही कारणऐसी कार्यवाइ को उचित ठहराने के लिए गिनाए जा सकते हैं। अनिरुद्ध वार्ता 21:05, 23 मार्च 2012 (UTC)
- बिल्कुल सही कहा अनिरुद्ध जी। स्टीवर्ड्स ने मयूर से भी बड़ी गलती कर दी है। मयूर की तथाकथित गलती के लिए पूरे हिन्दी विकि प्रोजेक्ट का मानापचयन कर दिया गया; मयूर को कोई चेतावनी नहीं दी गयी; पूरी चर्चा में प्रायः उन लोगों के मत के आधार पर निर्णय लिया गया जो हिन्दी विकि से दूर दूर तक जुड़े ही नहीं हैं। मैं आरएफसी पर राय इसलिए नहीं रख सका था कि मैं वास्तविक जीवन में भारी व्यस्त था और अभी भी चल रहा हूँ, केवल हद पार हो जाने के कारण जैसे तैसे समय निकालकर लिख रहा हूँ।
- (कल्पना कीजिये) मुझे अगर कोई एक छोटे विकि को नष्ट-भ्रष्ट करने का बेहतरीन प्रोसीजर सोचने को कहता, तो मैं इससे बेहतर तरीका नहीं सोच सकता था। .... खैर। - Hemant wikikoshवार्ता 05:11, 26 मार्च 2012 (UTC)
Narayam
ऊपर रोहित जी द्वारा बताई गई समस्या को ध्यान में रखते हुए मैं हिन्दी विकिपीडिया पर Narayam सक्षम करने का प्रस्ताव रखता हूँ। यह प्रस्ताव Narayam में कुछ सुधार करने के पश्चात उसे यहाँ सक्षम करने का है। पूर्ण प्रस्ताव विकिपीडिया:चौपाल/Narayam पर पाया जा सकता है। सभी सदस्यों से अनुरोध है कि इसे अपना समर्थन दें ताकि टंकन सम्बंधी समस्याओं का समाधान किया जा सके। धन्यवाद--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 14:06, 21 मार्च 2012 (UTC)
- इस प्रयोग के लिये मेरा पूरा समर्थन है। -- अनुनाद सिंहवार्ता 14:50, 21 मार्च 2012 (UTC)
समर्थन। अनिरुद्ध वार्ता 01:15, 24 मार्च 2012 (UTC)
- समर्थन। --गुंजन वर्मासंदेश 08:02, 25 मार्च 2012 (UTC)
टंकण समस्या
मैं आमतौर पर इंटरनेट एक्सप्लोरर का प्रयोग करता हूँ लेकिन पिछले कुछ दिन से मैं एक अजीब समस्या का सामना कर रहा हूँ मैं जब भी सम्पादन पृष्ठ पर जाता हूँ तो अधिकतर समय हिन्दी टंकण का विकल्प दिखाई ही नहीं देता और मैं चाह कर भी सम्पादन नहीं कर पाता। मैं आल्ट+एफ५ दबाता हूँ पर पुन: अधिकतर समय कुछ नहीं होता। इसने मुझे परेशान किया हुआ है कोई हल सुझायें। इसी प्रकार गूगल क्रोम पर अंग्रेजी अक्षर गायब हो जाते हैं और अंग्रेजी टाइपिंग भी अक्षम रहती है, इसका क्या हल है? Dinesh smita (वार्ता) 16:47, 22 मार्च 2012 (UTC)
- दिनेश जी ऊपर रोहित जी ने भी कुछ ऐसी ही समस्या का विवरण किया है। इसे सुलझाने के लिये विकिपीडिया:चौपाल/Narayam पर प्रस्ताव है कि यहाँ Narayam extension सक्षम किया जाए, जिससे ये परेशानियाँ दूर हो जानी चाहियें। ये एक्स्टेंशन वर्तमान प्रणाली का ही नया रूप है। कृपया इसे अपने समर्थन दें ताकि इसे शीघ्र-अति-शीघ्र यहाँ सक्षम किया जा सके।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 10:15, 23 मार्च 2012 (UTC)
सुरक्षित पृष्ठ
हिन्दी विकिपीडिया पर कई ऐसे पृष्ठ हैं जिन्हें विभिन्न कारणों से सुरक्षित किया जाता है। परंतु इस समय इन पृष्ठों की सुरक्षा कब हटाई जानी चाहिये इस बात की जाँच की कोई प्रणाली नहीं है। अतः ऐसे कुछ पृष्ठ हैं जो महीनों या सालों से सम्पादित नहीं हुए हैं (शायद उनकी सुरक्षा के कारण)। ऐसे पृष्ठों की पहचान करने और उनपर उपयुक्त कदम उठाने के लिये मैंने सदस्य:Siddhartha Ghai/pp के उप-पृष्ठों में सुरक्षित पृष्ठों की सूची बनानी शुरू की है। ये सूचियाँ API द्वारा बनाई जा रही हैं और ये सुरक्षा स्तर के साथ ये जानकारी देती हैं कि पृष्ठ का अन्तिम सम्पादन कब हुआ था। अभी एक ही सूची बनाई है जो कि सदस्य:Siddhartha Ghai/pp/si1 पर है। ये वे पृष्ठ हैं जो अनिश्चितकाल के लिये पूर्ण सुरक्षित हैं। मेरे विचार में हमें इनकी जाँच करनी चाहिये और उपयुक्त रूप से सुरक्षा में परिवर्तन करना चाहिये। सभी प्रबंधकों से अनुरोध है कि जितने पृष्ठों की हो सके जाँच करें और आम सदस्य भी इसके लिये आमंत्रित हैं। यदि किसी सदस्य को कोई ऐसा पृष्ठ मिलता है जो असुरक्षित किया जाना चाहिये अथवा जिसका सुरक्षा स्तर घटाया जाना चाहिये, तो वे इसका अनुरोध विकिपीडिया:पृष्ठ सुरक्षा अनुरोध पर कर सकते हैं। अगर किसी प्रबंधक को किसी पृष्ठ की सुरक्षा के कारण पर संदेह हो तो वे भी विकिपीडिया:पृष्ठ सुरक्षा अनुरोध पर अन्य प्रबंधकों की राय लेने हेतु अनुरोध कर सकते हैं। धन्यवाद--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 08:21, 27 मार्च 2012 (UTC)
- नोट: किसी गड़बड़ी के कारण इसमें इस समय अर्ध-सुरक्षित पृष्ठ भी शामिल हैं।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 08:42, 27 मार्च 2012 (UTC)
- बग 33304 से सम्बंधित--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 10:12, 27 मार्च 2012 (UTC)
संयुक्त राज्य या संयुक्त राज्य अमेरिका
मेरे विचार से संयुक्त राज्य अमेरिका पूरा नाम लिखना उपयुक्त है क्योंकि अंग्रेज़ी में युनाइटॅड स्टेट्स एक नामवाचक संज्ञा है लेकिन हिन्दी में ऐसा नहीं है। अंग्रेज़ी में बहुत से स्थानों पर चीन के लिए द पीप्ल्स रिपब्लिक भी लिखा जाता है लेकिन हिन्दी में चीन का पूरा नाम चीनी जनवादी गणराज्य लिखा जाता है। ये सब हर भाषा की अपनी-अपनी विशिष्टाएँ हैं। कम से कम इन बातों की तो नकल ना की जाए। बाकी जो जैसा ठीक समझे लिखे। रोहित रावत (वार्ता) 16:09, 27 मार्च 2012 (UTC)
- आपने सही कहा रोहित जी, हिन्दी में संयुक्त राज्य का वह अर्थ निकलता ही नहीं जो अंग्रेज़ी में युनाइटॅड स्टेट्स से होता है। हिन्दी में पूरा नाम संयुक्त राज्य अमेरिका ही उपयुक्त व प्रचलित है।<>< Bill william comptonTalk 16:54, 27 मार्च 2012 (UTC)
Wikipatrika: Next Issue
Dear friends, I just sent an email to the Hindi mailing list regarding Wikipatrika. It's a fantastic way of celebrating the wonderful work of your community. I'm trying to help bring out the next issue in April 2012. Can i request you to create a page on the Hindi wikipedia and start adding content, and share this page with everyone else. You can create your stories in Hindi or in English. (Someone can then help translate it before it can move to wiki.wikimedia.in) Please do refer to my email for further details and please reach out to me if you need any help. Noopur28 (वार्ता) 10:10, 28 मार्च 2012 (UTC)
विधेयक
इस पृष्ठ के रचयिता ने विधेयक के सम्बन्ध में यह कहा है कि यह संसद द्वारा पारित विधि होती है जबकि विधेयक या बिल संसद में एक प्रस्ताव होता है और वह प्रस्ताव पारित होने के बाद अधिनियम बनता है। इस विषय को मिटाना उचित नहीं होगा क्योंकि विधेयक अपने आप में एक विषय है लेकिन इस पृष्ठ का आंकलन अति आवश्यक है।--Somesh virgo (वार्ता) 19:10, 28 मार्च 2012 (UTC)
बाहरी कड़ी
अंग्रेज़ी विकी में बाहरी कड़ी के reference में जब कोई लिंक डाला जाता है तो external links में वह लिंक पूरा-पूरा दिखाई देता है। लेकिन हिन्दी विकी में वह नम्बर के तौर पर आता है। ऐसा क्यों?--Somesh virgo (वार्ता) 21:35, 28 मार्च 2012 (UTC)
- यह आम तौर पर सभी स्रोतों के लिए लागू होता है। आप यदि चित्रों लिए भी स्रोत देंगे तो वे ऐसे ही दिखेंगे। इसके लिए आप citation का प्रयोग कर सकते है क्योंकि वही सही तरीका है सन्दर्भ देने का। या आम साधारणतः अंग्रेज़ी विकी के स्रोतों को कॉपी पेस्ट कर सकते है। यह भी कार्यरत होता है। अगर आप कोई नया लेख बना रहे है तो आप इस लेख में उदहारण देख सकते है। डीसी अवंती। यह लेख प्रथम हिन्दी विकी पर ही बनाया गया था और यहाँ पर सन्दर्भ कि कड़ियाँ साफ़ तौर पर देखी जा सकती है। अब जब आप external links (बाहरी कड़ियाँ) कि बात करते है तो सन्दर्भ और बाहरी कड़ियों में अंतर है। सन्दर्भ आपके कथनों कि पुष्टि के लिए है और बाहरी कड़ियाँ अधिक जानकारी के लिए। आशूबातकरें 05:49, 30 मार्च 2012 (UTC)
- यह कुछ ऐसे होता है:
- यह आम तौर पर सभी स्रोतों के लिए लागू होता है। आप यदि चित्रों लिए भी स्रोत देंगे तो वे ऐसे ही दिखेंगे। इसके लिए आप citation का प्रयोग कर सकते है क्योंकि वही सही तरीका है सन्दर्भ देने का। या आम साधारणतः अंग्रेज़ी विकी के स्रोतों को कॉपी पेस्ट कर सकते है। यह भी कार्यरत होता है। अगर आप कोई नया लेख बना रहे है तो आप इस लेख में उदहारण देख सकते है। डीसी अवंती। यह लेख प्रथम हिन्दी विकी पर ही बनाया गया था और यहाँ पर सन्दर्भ कि कड़ियाँ साफ़ तौर पर देखी जा सकती है। अब जब आप external links (बाहरी कड़ियाँ) कि बात करते है तो सन्दर्भ और बाहरी कड़ियों में अंतर है। सन्दर्भ आपके कथनों कि पुष्टि के लिए है और बाहरी कड़ियाँ अधिक जानकारी के लिए। आशूबातकरें 05:49, 30 मार्च 2012 (UTC)
लिखा पाठ | दिखने में |
---|---|
[http://hi.wikipedia.org] |
[5] |
[http://hi.wikipedia.org हिन्दी विकिपीडिया] |
हिन्दी विकिपीडिया |
http://hi.wikipedia.org |
http://hi.wikipedia.org |
- दिखने के इस तरीके में इसके दोनों ओर <ref></ref> लगाने से सिर्फ़ इतना फ़र्क आता है कि कड़ी वहाँ न दिखकर लेख में नीचे-नीचे दिखती है। बाकी नम्बर दिखेगा या फिर पूरा एड्रेस ये तो ऊपर दिये उदाहरणों में से किस प्रकार लिखा गया है उसी पर निर्भर करता है।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 10:34, 31 मार्च 2012 (UTC)
मेरा लेख आज का चित्र मुझे समुचित समय दिये बिना शीघ्र हटा दिया गया
मैंने बहुत समय पूर्व आज का चित्र शीर्षक से एक लेख दो चित्र फाइलों के साथ विकिपीडिया पर डाला था जिसे पूर्व सूचित किये बगैर एक दम हटा दिया गया यह सही है कि मैंने उस लेख के साथ दो चित्र भी डाले थे जिन पर लाइसेंस की अनुमति नहीं दी गयी थी वह अनुमति मैंने आज ही उन दोनों चित्र फाइलों पर दे दी है। आप सभी से अनुरोध है कि जल्दबाजी में लिये गये निर्णय पर पुनर्विचार करें ताकि मुझ जैसा सदस्य हिन्दी विकिपीडिया पर टिका रह सके धन्यवाद. Krantmlverma (वार्ता) 05:15, 30 मार्च 2012 (UTC)
- आप अपने चित्र का यहा नामान्कन कर सकते हैं Featured picture candidates, Valued image candidates तथा Quality images candidates Rajenver (वार्ता) 06:02, 30 मार्च 2012 (UTC)
"क्या आप जानते हैं" के नियमों में बदलाव
विकिपीडिया के सभी सदस्यों से मेरा अनुरोध है कि वे यहाँ हो रही चर्चा का हिस्सा बनके विकिपीडिया के मुख्यपृष्ठ के "क्या आप जानते हैं" अनुभाग के लिए सुझाए गए नए नियमों के प्रति अपनी राय दें व जल्द से जल्द इनको पास कराने में मदद करें जिससे अटके हुए नामित हुक पे इन नए नियमों का पालन हो सके व अनुभाग में नए हुक आ सकें। मेरा सदस्यों से यह भी अनुरोध है कि वे भी नए नियमों के अनुरूप लेखों को इस भाग के लिए नामित करें ताकि हिन्दी विकिपीडिया का यह विभाग जीवंत हो सके। धन्यवाद।<>< Bill william comptonTalk 12:12, 31 मार्च 2012 (UTC)
नारायम
प्रिय मित्रों नारायम अब हिन्दी विकि पर समर्थ कर दिया गया है अत: हिन्दी विकि से पुराना देवनागरी टूल हटा दिया गया है ताँकि नारायम प्रयोग करने में कोई दुविधा न हो। इस टूल को हिन्दी विकि पर लाने का प्रस्ताव लाने के लिये सिद्धार्थ घई को साधुवाद सहित धन्यवाद--Mayur (talk•Email) 04:01, 3 अप्रैल 2012 (UTC)
पृष्ठ हटाने हेतु चर्चा
हमारी वर्तमान पृष्ठ हटाने की नीति के अनुसार जो भी लेख शीघ्र हटाने योग्य नहीं हैं, उन्हें विकिपीडिया:पृष्ठ हटाने हेतु चर्चा से गुज़ारना पड़ेगा। परंतु अब तक यह चर्चा प्रक्रिया किसी सुगठित तरीके से नहीं चल रही। इसे सुगठित तरीके से चलाने के कुछ विकल्प इसके वार्ता पृष्ठ पर रखे हैं। सभी सदस्यों से अनुरोध है कि वे इसपर अपनी टिप्पणी एवं सुझाव दें। धन्यवाद--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 07:14, 7 अप्रैल 2012 (UTC)
हस्ताक्षर करने के लिए टिल्ड् कैसे टाइप करें?
कृपया कोई सदस्य मुझे यह बताए कि अपने हस्ताक्षर करने के लिए टिल्ड कैसे टाइप करें। अभी तो टिल्ड दबाने पर ्््् आ रहा है। अपने हस्ताक्षर वाले टिल्ड मैंने कहीं और टाइप किए और यहाँ डाल दिए हैं। धन्यवाद। रोहित रावत (वार्ता) 18:15, 8 अप्रैल 2012 (UTC)
- जब तक हिन्दी ट्रांस्लिटरेशन सक्षम है ~ और ` टाइप करना संभव नहीं है। टिल्ड टाइप करने के लिये आपको नारायम इनपुट
Ctrl + M
द्वारा अक्षम करना होगा। यह नारायम की एक ख़ामी है। इसके अतिरिक्त नारायम में इस समय लाघव चिन्ह ॰ टाइप करना भी संभव नहीं है। यदि किसी सदस्य के पास इन समस्याओं को दूर करने के लिये कोई key mapping के सुझाव हों तो अवश्य बताएँ। वर्तमान key mappings के लिये विकिपीडिया:नारायम देखें।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 21:02, 8 अप्रैल 2012 (UTC)
- टिल्ड टाइप करने के लिए तो फिलहाल संपादन के दौरान निचे दिए गए बटन का उपयोग किया जा सकता है जो विकिविनियास में मिलते है। एक और समस्या है। मैं ऑ या इसकी मात्रा टाइप करने में असमर्थ हूँ। निर्देशों के अनुसार यह O से हो जाना चाहिए परन्तु ऐसा नहीं हो रहा है। आशूबातकरें 02:22, 9 अप्रैल 2012 (UTC)
- कुछ नियम अभी ठीक इसलिए नहीं काम कर रहे क्योंकि यद्यपि पैच को मर्ज कर दिया गया है, इसे अभी डिप्लॉय नहीं किया गया है। जब तक ये डेप्लॉय नहीं होता तब तक इसमें जो कमियाँ ठीक की गई हैं वे दूर नहीं होंगी।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 18:47, 9 अप्रैल 2012 (UTC)
- इसके अनुसार 25 अप्रैल को ये बदलाव मीडियाविकि 1.20 के साथ यहाँ आ जाना चाहिये।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 19:40, 9 अप्रैल 2012 (UTC)
खाली पृष्ठ
हमारी वर्तमान हटाने की नीति के अनुसार मापदंड व5 के अंतर्गत खाली पृष्ठों को हटाया जा सकता है। परंतु इस मापदंड के संदर्भ में खाली पृष्ठ किसे माना जाएगा इसका ज़िक्र नहीं है। मार्डी फिश लेख को इसी कारण हटाने के लिये नामांकित किया गया है कि इसके अभी के अवतरण में इन्फोबौक्स के अतिरिक्त कुछ भी नहीं है। यद्यपि इसे आसानी से बढ़ाया जा सकता है, मैं समुदाय की इस बात पर राय जानना चाहूँगा कि ऐसे लेख जिनमें सिर्फ़ इन्फोबोक्स, नैवबौक्स, साँचा:आधार, या कोई चित्र ही हो (अर्थात एक भी वाक्य ना लिखा हो बस केवल साँचे और चित्र ही हों), उसे क्या इस मापदंड में गिना जा सकता है? या फिर ऐसे किसी भी पृष्ठ को चर्चा के बाद हटाया जाना चाहिये? मेरे विचार में ऐसे पृष्ठों में एक भी वाक्य ना होने के कारण वे "लेख" नहीं कहे जा सकते और उन्हें खाली ही मानना चाहिये। अन्य सदस्यों के विचारों का स्वागत है।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 04:24, 12 अप्रैल 2012 (UTC)
- मेरे विचार से हिन्दी विकि समुदाय का बहुमत आज तक इसी बात पर रहा है कि यदि किसी लेख में कुछ भी जानकारी है तो उसे हटाना नहीं जाहिये क्योंकि भविष्य में कोई भी नया संपादक उसका विस्तार कर सकता है। अत: हमें केवल विकिपीडिया:हटाना में दिये गये मापदण्डों को मानक मानकर ही लेखों पर कोई कार्यवाही करनी चाहिये।--Mayur (talk•Email) 15:30, 14 अप्रैल 2012 (UTC)
- मेरे विचार से यदि किसी लेख का नाम सही है और वह महत्वपूर्ण टॉपिक है (किन्तु खाली है), तो जितनी मेहनत उसे हटाने में लगाएंगे लगभग उतनी ही मेहनत में दो उपयोगी वाक्य लिखकर उसे आगे बढ़ा देना श्रेयस्कर है। -- अनुनाद सिंहवार्ता 05:27, 16 अप्रैल 2012 (UTC)
Updates & Ideas from and for Indic Communities
Greetings all!
I thought it would be useful to share the following updates from various Indic communities - which you might find interesting for the Hindi community.
- Odia community had a great weekend between March 30 and April 2 - including 3 outreach sessions and 1 community meetup. They shared a great report that includes lessons, solutions and next steps on outreach & community collaboration - which are applicable across many communities.
- Wikisource is seeing increased participation across communities and there is's a story that was shared about Gujarati community's Wikisource as well as an update from Shiju on a tool (DjVu) that will be useful to all Wiki librarians. If you are not familiar with Wikisource and want to know a little bit more, Amir Aharoni has written a basic introduction about it.
- Malayalam community is organizing the first Indic wiki conference ever - Sangamothsavam - on April 28-29 in Kollam, Kerala. They have very sweetly invited other Indic Wikimedians to attend, and we know that a couple of communities are going to be sending delegate - because they can take back ideas to their own communities.
- A couple of interesting Wikiprojects are active across different Indic communities. The medical project is up and running in Assamese, Bangla, Odia, Malayalam and Telugu. The Kannada community is working on a translation enhancement project
- India Program worked to several Indic communities on outreach, ideas for helping newbies, Wikiprojects as well as other technical support - and have prepared the following report for March. In April, the plan is to continue this support including Hindi editing at the Crafts Museum GLAM project as well as planning the 10th anniversaries of Nepali and Assamese.
- There are regular IRC meetings to discuss Indic languages, outreach and communication support that India Program provides. These are all logged here - and there are a couple of useful ones on how to establish and build Indic Wikisources as well as outreach, especially for Indic languages. (IRCs are conducted one 1st & 3rd Thursdays of every month at 9pm IST at #wikimedia-office. Please do join in; you'll find them very useful.)
Please reach out to Shiju or I for any support you need. (Our email IDs are shiju@wikimedia.org and noopur@wikimedia.org respectively.)
Please share your comments and ideas below on any of these updates. Noopur28 (वार्ता) 05:00, 16 अप्रैल 2012 (UTC)
विकिपत्रिका
विकिपत्रिका के मई 2012 के संस्करण के लिये कार्य विकिपीडिया:विकिपत्रिका/मई 2012 पर शुरू किया गया है। इसमें सभी हिन्दी विकिपरियोजनाओं से सम्बंधित जानकारी जोड़ने की आवश्यकता है। सदस्यों से अनुरोध है कि इसमें सहायता प्रदान करें। साथ ही, कृपया कोई भी जोड़ी जानकारी का अंग्रेज़ी अनुवाद विकिपीडिया:विकिपत्रिका/मई 2012/en पर जोड़ दें। चूँकि विकिपत्रिका अंग्रेज़ी में है अतः अंग्रेज़ी अनुवाद का प्रयोग किया जाएगा। धन्यवाद--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 09:54, 27 अप्रैल 2012 (UTC)
कुँजीपटल शॉर्टकट
• हिंदी विकिया पर सारे कुँजीपटल शॉर्टकट अंग्रेजी अक्षरों के साथ संबद्ध हैं। उदाहरण के लिए संवाद के लिए ऑल्ट+t, संपादित करें के लिए ऑल्ट+e, पुराने अवतरण के लिए ऑल्ट+h आदि। इन अंग्रेजी अक्षरों को हिंदी अक्षरों से बदलने की जरूरत है। क्योंकि हिंदी इनस्क्रिप्ट के साथ काम करने पर इन निर्देशों के लिए कुँजीपटल बदलने की जरूरत पड़ती है। शायद बहुत से लोग अभी रोमण कीबोर्ड से काम करते हों किंतु कीबोर्ड शार्टकट जिस उद्देश्य के लिए बने हैं वह हिंदी अक्षरों के साथ ही पूरा होगा। मसलन माइक्रोसॉफ्ट के हिंदी संस्करण और अंग्रेजी संस्करण के लिए अलग और उसी भाषा के अक्षरों वाले शार्टकट तय किए गए हैं। कृपया सॉफ्टवेयर संबंधी जानकारी रखने वाले सदस्य इस ओर ध्यान दें। अनिरुद्ध वार्ता 23:46, 27 अप्रैल 2012 (UTC)
- अनिरुद्ध जी, आप अपने अनुकूलन कुँजीपटल शॉर्टकटस् बना सकते हैं।<>< Bill william comptonTalk 00:16, 28 अप्रैल 2012 (UTC)
धन्यवाद। आपका दिया गया लिंक काफी काम का है। यद्यपि मुझे अब भी समझ नहीं आया कि कीबोर्ड शॉर्टकट बदला कैसे जाए। To disable or modify these access keys, add the code near the bottom of your own skin file (e.g., User:Example/vector.css). फिर भी अंग्रेजी विकिया पर ऐक्सेसिब्लिटी संबंधी पृष्ठ ठीक ढ़ंग से बना हुआ है। हिंदी विकिया पर अभी इसे करना पड़ेगा। अनिरुद्ध वार्ता 16:58, 28 अप्रैल 2012 (UTC)
- अनिरुद्ध जी, आपके विचार पर गौर करने के बाद मैंने हिन्दी विकी के लिए यह पृष्ठ विकिपीडिया:कुँजीपटल शॉर्टकटस बनाना शुरू कर दिया है। यदि कोई अनुवाद या समझने में दिक्कत आपको नज़र आती है तो उसे सुधारने के लिए आप स्वतन्त्र है। धन्यवाद। आशूबातकरें 06:06, 30 अप्रैल 2012 (UTC)
टंकण सहायता कड़ियाँ
इस समय मुख्य रूप से दिखने वाली टंकण सहायता कड़ियाँ जो कि पार्श्वपट्टी और साइटनोटिस मैं हैं, विकिपीडिया:देवनागरी में कैसे टंकण करें? पर जाती हैं। अब इस पृष्ठ पर विभिन्न ऑनलाइन एव्व्म ऑफ़लाइन टूल्स की जानकारी है परंतु विकिपीडिया की मूल इनपुट प्रणाली नारायम की जानकारी विकिपीडिया:नारायम पर है। अतः मेरे विचार में इन कड़ियों क पाठ वही रखते हुए इनका लिंक विकिपीडिया:नारायम का कर देना चाहिये। अन्य सदस्यों के विचार आमंत्रित हैं।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 12:16, 28 अप्रैल 2012 (UTC)
- यह विचार सही है और मै इससे सहमत हूँ. चूँकि अब डिफॉल्ट इनपुट विधि नारायम है तो हमें हिन्दी टंकण सहायता के लिए नारायम की विधि पहले देनी चाहिए. अन्य टूल्स व विधियां हम "इन्हें भी देखें" या "अन्य टूल्स" के विभाग में दे सकते है क्योंकि अधिकांश नए सदस्यों को नारायम के बारे में ज्ञान नहीं होता और वे केवल टूल्स ही खोजते रह जाते है। आशूबातकरें 04:42, 29 अप्रैल 2012 (UTC)
- Mediawiki:Sitenotice और Mediawiki:Sidebar में परिवर्तन कर दिये हैं। साथ ही पार्श्वपट्टी में कुछ कड़ियाँ सहायता से हटाकर योगदान वाले भाग में डाल दी हैं चूँकि वे experienced users से सम्बंधित थीं, नए सदस्यों से नहीं (अतः योगदान में वे सहायता से बेहतर fit बैठती हैं)। यदि कहीं और टंकण सहायता कड़ी ठीक करनी हो तो बताएँ और यदि किसी सदस्य को पार्श्वपट्टी में किये परिवर्तन से आपत्ती हो तो अवश्य बताएँ। धन्यावाद--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 08:52, 5 मई 2012 (UTC)
- यह विचार सही है और मै इससे सहमत हूँ. चूँकि अब डिफॉल्ट इनपुट विधि नारायम है तो हमें हिन्दी टंकण सहायता के लिए नारायम की विधि पहले देनी चाहिए. अन्य टूल्स व विधियां हम "इन्हें भी देखें" या "अन्य टूल्स" के विभाग में दे सकते है क्योंकि अधिकांश नए सदस्यों को नारायम के बारे में ज्ञान नहीं होता और वे केवल टूल्स ही खोजते रह जाते है। आशूबातकरें 04:42, 29 अप्रैल 2012 (UTC)
निर्वाचित चित्र
इस सप्ताह जो निर्वाचित चित्र साँचा लगना था उसका चित्र कॉमन्स से किसी कारण से हटा दिया गया था। अतः मुखपृष्ठ पर लाल कड़ी दिख रही थी। ऐसे में मैंने अगले सप्ताह के साँचे को इस सप्ताह में प्रयोग कर लिया था। अब अगले सप्ताह के साँचे (साँचा:प्रमुख चित्र सप्ताह १८ वर्ष २०१२) को बनाने की आवश्यकता है। आम तौर पर आशीष जी ये कार्य संभालते हैं, पर लगता है वे किसी कारण पिछले कुछ दिनों से यहाँ नहीं आ पाए हैं। ऐसे में अनुरोध है कि इस प्रक्रिया क अनुभव रखने वाला कोई सदस्य इस साँचे को बना दे ताकि अगले सप्ताह कार्य ठीक चलता रहे। धन्यवाद--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 13:33, 28 अप्रैल 2012 (UTC) हां, मैंने उसे सुधार दिया है। ध्यान न दे पाने हेतु क्षमाप्रार्थी हूं।-- प्रशा:आशीष भटनागरवार्ता 09:40, 5 मई 2012 (UTC)
अनुवाद
Hello. I am sorry that I don't speak Hindi. Can someone help us with a translation please? http://en.wikipedia.org/wiki/Wikipedia:Reference_desk/Language#Language_poster Thank you. गूगल अनुवाद: हैलो.मुझे खेद है कि मैं हिन्दी बात नहीं करते. किसी अनुवाद कृपया के साथ हमारी मदद कर सकते हैं? http://en.wikipedia.org/wiki/Wikipedia:Reference_desk/Language#poster.2Fhi शुक्रिया. 184.147.123.69 (वार्ता) 15:42, 1 मई 2012 (UTC)
Yours truly
जब हम अंग्रेजी में कोई पत्र लिखते हैं तो Yours truly, yours sincerely या yours faithfully जैसे वाक्यांशों से पत्र का समापन करते है। कृपया कोई मुझे इन वाक्याशों का हिन्दी समकक्ष शब्द सुझाएगा?Dinesh smita (वार्ता) 11:19, 2 मई 2012 (UTC)
- अर्थ : (भवदीय, आपका विश्वासपात्र) यह (Yours truly, yours sincerely या yours faithfully) के हिन्दी पर्यायवाची शब्द है। आनन्द विवेक सतपथी सन्देश 12:10, 2 मई 2012 (UTC)
- लेकिन क्या, औपचारिक आधिकारिक पत्रों में आपका विश्वासपात्र या फिर आपका निष्ठावान जैसे वाक्यांश प्रयोग किये जा सकते हैं?Dinesh smita (वार्ता) 05:25, 4 मई 2012 (UTC)
- हिन्दी में अधिकांशतः भवदीय का ही प्रयोग करते हैं। हां विद्यालय आदि के लिये आपका आज्ञाकारी प्रयोग किया जाता है, किन्तु विश्वासपात्र आदि कहीं नहीं देखा। यह आवश्यक नहीं कि सभी भाषाओं में सभी नियम समान हों, अतः प्रत्येक शब्द का हिन्दी अनुवाद शब्दशः नहीं किया जाता है, ऐसे ही अंग्रेज़ी भी शब्दशः अनुवाद नहीं करती है।-- प्रशा:आशीष भटनागरवार्ता 09:38, 5 मई 2012 (UTC)
- लेकिन क्या, औपचारिक आधिकारिक पत्रों में आपका विश्वासपात्र या फिर आपका निष्ठावान जैसे वाक्यांश प्रयोग किये जा सकते हैं?Dinesh smita (वार्ता) 05:25, 4 मई 2012 (UTC)
नारायम
नारायम में ज़, ड़, क़ और ढ़ जैसे अक्षर कैसे टाइप करने हैं?Dinesh smita (वार्ता) 11:25, 2 मई 2012 (UTC)
- सहायता के लिये देखें विकिपीडिया:नारायम। अगर उससे स्पष्ट ना हो तो समझने में आई परेशानी का उल्लेख करें ताकि उसे बेहतर बनाया जा सके।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 08:55, 5 मई 2012 (UTC)
प्रबंधक सम्बंधी नीतियाँ
इस समय प्रबंधकों सम्बंधी नीतियाँ बताते कम-से-कम निम्न तीन पृष्ठ हैं:
मेरे विचार में इन तीनों को सुगठित कर के विकिपीडिया:प्रबन्धक में मिला देना चाहिये ताकि सारी जानकारी एक जगह एकत्रित हो। साथ ही प्रबंधकों के नामांकन, उन नामांकनों की स्वीकृति और प्रबंधकों को हटाने से सम्बंधित नीतियों पर चर्चा की भी आवश्यकता है; चूँकि अब वरिष्ठ सदस्यों का सदस्य समूह अलग नहीं है, अतः इन नीतियों को अद्यतन की आवश्यकता है। सदस्यों से अनुरोध है कि वे इस संबंध में अपने विचार रखें। धन्यवाद--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 09:02, 5 मई 2012 (UTC)
- मेरे विचार में दो पृष्ठों की आवश्यकता है, पहला विकिपीडिया:प्रबन्धक, जिसका उद्देश्य सदस्यों को हिन्दी विकिपीडिया पे "प्रबंधक" के पद से परिचय देना होगा। इस पृष्ठ में प्रबंधक पद की परिभाषा, कर्तव्यों, व प्रबंधक बनने की प्रक्रिया का विवरण होगा। दूसरा पृष्ठ सदस्यों से ज्यादा निवर्तमान प्रबंधकों के लिए ज्यादा उपयोगी होगा, इसमें प्रबंधक के कार्य, टूल्स व अधिकार, आदि का विवरण होगा। इस पृष्ठ में हम सभी महत्वपूर्ण पृष्ठों जैसे विकिपीडिया की पृष्ठ हटाने की निति, सदस्य अवरोध करने की निति आदि के लिंक दे सकते हैं। अगर किसी को इस प्रारूप से कोई दिक्कत न हों तो में इस विलय और नए पृष्ठ के निर्माण में सहायता कर सकता हूँ। रही बात विकिपीडिया पे प्रबंधक बनने, नामांकन प्रक्रिया, प्रबंधक हटाने, आदि की नीतियों से सम्बन्धित तो इसके लिए में एक प्रलेख तैयार कर सकता हूँ जिसे सभी सदस्यों की स्वीकृति के बाद लागू किया जा सकता है। कृपया इसमें अपने विचार रखें।<>< Bill william comptonTalk 15:19, 8 मई 2012 (UTC)
- मैं आपकी बातों से सहमत हूँ। एक पृष्ठ प्रबंधक-सम्बंधी जानकारी के लिये (नीति, नामांकन, निष्कासन इत्यादि) और एक पृष्ठ प्रबंधकों की सहायता के लिये, ताकि सभी प्रबंधक अपने सारे कार्यों को ठीक से जान सकें, नए प्रबंधक उस पृष्ठ के प्रयोग से जानकारी पा सकें और सदस्य नामांकन करने से पहले जान सकें कि प्रबंधक बनकर क्या करना होता है)। कृपया नीति के संबंध में कार्य शुरू करें, मैं कोशिश करूँगा कि प्रबंधक सहायता पृष्ठ को बनाऊँ। कार्य शुरू करने पर ड्राफ़्ट की कड़ी यहाँ अवश्य दे दें। धन्यवाद--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 10:49, 11 मई 2012 (UTC)
बर्बरता की परिभाषा
विकिपीडिया के संदर्भ में क्या कहीं बर्बरता की परिभाषा दो गई है?
मुख्य रूप से मेरा प्रश्न इस संदर्भ में है कि क्या जो पृष्ठ केवल attack pages के रूप में बनाए गए हैं, अर्थात जिनपर किसी व्यक्ति/वस्तु/प्रोडक्ट/कंपनी/समूह इत्यादि पर मानहानिकारक बातों के अतिरिक्त कुछ भी नहीं है, उसे पृष्ठ हटाने की नीति में बर्बरता के अंदर माना जाए या नहीं?
यह प्रश्न इसलिए उठा रहा हूँ क्योंकि पुराने अंग्रेज़ी साँचे (जो श्र:शीघ्र हटाने हेतु साँचे में पाए जा सकते हैं), या तो हटाए जाने हैं या पुनर्निर्देशित किये जाने हैं। इसमें एक साँचा है साँचा:Db-g10। क्या इसे साँचा:शीह-व3 पर पुनर्निर्देशित किया जाना चाहिये या हटाया जाना चाहिये?
सदस्य कृपया सहायता दें। आभारी--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 12:49, 5 मई 2012 (UTC)
- विकिपीडिया की परिभाषा में किसी भी तरह का संपादन जो विकिपीडिया की [मूल] नीतियों के विरुद्ध है वो बर्बरता है। बर्बरता एक व्यापक शब्द है और हर तरह का कार्य जो विकिपीडिया की नीतियों के विरुद्ध है उसे बर्बता में डाल सकते हैं, अगर उसके लिए पर्याप्त शब्दावली की कमी है। तो मेरे विचार से सम्बन्धीत साँचे को पुनर्निर्देशित करना चाहिए।<>< Bill william comptonTalk 15:01, 8 मई 2012 (UTC)
विशेष पृष्ठ अनुवाद
ट्रांसलेटविकि पर विशेष पृष्ठों के नामों का अनुवाद संभव है, परंतु अब तक हिन्दी में इनका अनुवाद नहीं किया गया है। चूँकि इनका अनुवाद सभी के लिये होता है, अतः इनका अनुवाद करने के लिये सर्वसम्मति की आवश्यकता है। अतः विकिपीडिया:चौपाल/विशेष पृष्ठ अनुवाद पर इन पृष्ठों के नामों के अनुवाद प्रस्तावित हैं। सदस्यों से अनुरोध है कि वे इन्हें देखें और अपनी टिप्पणी एवं सही लगें तो समर्थन प्रदान करें। धन्यवाद--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 16:04, 6 मई 2012 (UTC)
- सिद्धार्थ जी! नमस्कार!! क्या मैं इस पृष्ठ को सम्पादित कर दूँ? क्योंकि बड़ा डर लगता है कुछ लोग खाँमोखाँ को मेरे पीछे हाथ धोकर पड़े हुए हैं वे यह कहकर उसे हटा या मिटा सकते हैं कि मैंने किस अधिकार से इस पृष्ठ को सम्पादित किया? आप तो जानते ही हैं मुझे कोई विशेषाधिकार तो प्राप्त हैं नहीं। कृपया इसे अन्यथा न लें धन्यवाद,Krantmlverma (वार्ता) 07:42, 8 मई 2012 (UTC)
- नमस्कार क्रांत जी। कृपया यहाँ के किसी भी सदस्य के कार्यों को अन्यथा ना लें। मुझे हमारे सह-कारियों पर पूरा भरोसा है कि वे अच्छी मंशा से ही कार्य कर रहे हैं, चाहे उनके विचार आपसे कुछ भिन्न हों। जहाँ तक रही बात इस पृष्ठ के संपादन की, तो आप कोई भी नया अनुवाद जोड़ सकते हैं (चाहे अनुवाद किया गया हो)। बस इतना अनुरोध है कि वर्तनी की गलती के अलावा कोई अनुवाद हटाएँ ना (चाहे उसमें अंग्रेज़ी शब्दों का देवनागरीकरण हो), अनुवाद अच्छा ना लगने पर चर्चा भाग में बताएँ ताकि पता चल सके कि उस अनुवाद के संबंध में अन्य सदस्यों के क्या विचार हैं। सहायता के लिये आपका धन्यवाद--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 14:01, 9 मई 2012 (UTC)
प्रिय सिद्धार्थ जी! उपरोक्त में से मैंने सही को टिक कर दिया है और कुछ जगह जो मुझे गलत लगे उनके आगे क्रॉस भी लगा दिया है। कृपया देख लेवें। Krantmlverma (वार्ता) 06:15, 11 मई 2012 (UTC) :डॉ॰'क्रान्त'एम०एल०वर्मा (talk•Email)
जनार्पीत नहीं, जनार्पित
जब भी हम किसी पृष्ठ को सम्पादित करते हैं तो नीचे लिखा आता है:
"आप यह भी प्रमाणित कर रहे हैं कि यह लेख सामग्री आपने स्वयं लिखी है अथवा जनार्पीत या किसी अन्य मुक्त स्रोत से कॉपी की है। कॉपीराइट वाले लेखों को, बिना अनुमति के, यहाँ नहीं डालिये !"
मेरे विचार से यहाँ पर जनार्पीत के स्थान पर जनार्पित होना चाहिये। क्यों जी! ठीक है न। Krantmlverma (वार्ता) 07:42, 8 मई 2012 (UTC)
- मीडियाविकि:Wikimedia-copyrightwarning में यह त्रुटि थी जो ठीक कर दी गई है।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 14:41, 17 मई 2012 (UTC)
Article translation request
I am trying to find someone who can help to translate User:Russavia/Polandball into Hindi. If anyone could help with that, it would be great if you could drop me a message on email (russavia.wikipedia@gmail.com) or on my Commons talk page (Commons:User_talk:Russavia). All editors have my permission to edit the article at User:Russavia/Polandball to do the translation.
The article already exists on Russian, Spanish, Catalan, Arabic, Dutch, Greek, Swahili, Persian, etc Wikipedias. Any help with translating this article would be greatly appreciated
In return for a translation of the article, I will upload 50 new Indian-related images to Commons, from a range of subjects. Russavia (वार्ता) 23:17, 10 मई 2012 (UTC)
- Listed at विकिपीडिया:अनुवाद अनुरोध which is the standard page for translation requests (use it only if you have the link to the article in another language, for new articles use विकिपीडिया:अनुरोधित लेख).
- मैं हिन्दी विकिपीडिया के सदस्यों को इन पृष्ठों से अवगत कराना चाहता हूँ।
- विकिपीडिया:अनुवाद अनुरोध पर विभिन्न विषयों के लेखों को किसी अन्य विकिपीडिया से अनूदित करने के अनुरोध डाले जा सकते हैं और जो सदस्य उनमें रुचि रखता हो वह अनुवाद कर सकता है।
- विकिपीडिया:अनुरोधित लेख में वर्णानुसार कई लेखों की सूची है जो विकिपीडिया पर नहीं हैं और होने चाहियें। सदस्य इस पृष्ठ पर वर्णानुसार या विषयानुसार अनुरोध कर सकते हैं यदि उनके पास किसी अन्य विकिपीडिया की कड़ी ना हो (अर्थात नए लेख का अनुरोध करना हो, अनुवाद का नहीं)।
- सदस्यों से अनुरोध है कि वे इन दो पृष्ठों को अपनी ध्यानसूची में जोड़ लें और इनपर आने वाले अनुरोधों पर लेख बनाकर हिन्दी विकिपीडिया को समृद्ध करें।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 11:05, 11 मई 2012 (UTC)
राम प्रसाद 'बिस्मिल' पृष्ठ पर लाला हरदयाल के चित्र को न हटाये जाने के सम्बन्ध में
प्रिय लवी सिंहल! उपरोक्त लेख पर मेरे द्वारा अप्लोड किये गये चित्र (चित्र:Patron of Ram Prasad Bismil.gif) को स्रोत और लाइसेंस जानकारी सहित विकिमीडिया कॉमन्स पर उपलब्ध होने के कारण इसलिये नहीं हटाया जाना चाहिये क्योंकि इसे मैंने अपने नोकिया मोबाइल से स्वयं खींचा और उसके बाद मोबाइल पर ही उपलब्ध मल्टीमीडिया टूल्स का उपयोग करके इसे सम्पादित करते हुए नाम व फ्रेम आदि डालकर इसे आकर्षक बनाने का प्रयास किया है। यह चित्र निश्चित रूप से कला-पारखियों को पसन्द आयेगा। अब जिन्हें यह दृष्टि ही प्राप्त न हो उनको तो मैं कुछ नहीं कह सकता। नमस्कार!--Krantmlverma (वार्ता) 07:49, 11 मई 2012 (UTC):डॉ॰'क्रान्त'एम०एल०वर्मा (talk•Email)
जैन धर्म
नमस्कार मैं पिछले कई वर्षों से जैनधर्म का अध्ययन और अध्यापन कर रहा हूँ इसलिए इस विषय पर काफी जानकारी है इसलिए मुझे संपादन की अनुमति प्रदान करें. प्रवीण जैन
- ज्ञान होना अच्छी बात है परन्तु आपको संपादन करने के लिए पहले पंजीकृत होना होगा। संपादनों में आपको स्रोत देना अनिवार्य है अन्यथा आपके संपादन हटा दिए जाएँगे। आशूबातकरें 09:43, 15 मई 2012 (UTC)
- प्रवीण जी, आपका विकिपीडिया पर संपादन करने के लिये स्वागत है। यद्यपि आपको सभी सदस्य पंजीकृत सदस्य बनने की सलाह देंगे, परंतु यदि आप पंजीकृत होना नहीं चाहते, तो यह अनिवार्य नहीं है। आप पंजीकरण के बिना भी विकिपीडिया संपादित कर सकते हैं! अधिक जानकारी हेतु विकिपीडिया संपादन स्वशिक्षा लें।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 18:44, 15 मई 2012 (UTC)
- प्रवीण जी, 'जैन धर्म' पर हिन्दी विकिपिडिया पर बहुत कुछ लिखने की जरूरत है। इसलिये आपका हिन्दी विकी पर विशेष स्वागत है। आप लिखना शुरू करें। स्रोत आदि बातें बाद की बातें हैं। पंजीकृत हो लें तो अच्छा है, नहीं तो बिना पंजीकरण के भी सम्पादन कर सकते हैं। स्वागतम! -- अनुनाद सिंहवार्ता 03:44, 16 मई 2012 (UTC)
Updates and Ideas for and from the India communities (May 2012)
Greetings! Here is another series of updates from across Indic language communities which might be useful for the Hindi community!
- The first Indian language Wikipedia conference: WikiSangamolsavam was successfully conducted by Malayalam Wikipedians in Kollam, Kerala.
- The Film project in Hindi Wikipedia has been active since December, 2011 with 4 editors and over 1000 film articles. It's also an open invitation for more members to hop in and expand the project scope.
- Gujarati Wikipedians have started working on their third book on Wikisource called Bhadrambhadra. They are also planning to conduct a Wiki summer camp for students in Gujarat.
- The Assamese community is doing great on a bunch of projects including the CD project, medicine project and the ongoing photo contest organized by volunteers. The community is also planning an event to celebrate the 10th anniversary of Assamese Wikipedia on June 10th, 2012.
- The translation project in Kannada Wikipedia is 12 members strong.
- The Odia community members have implemented the social media pilot to attract newbies and engage them in editing via Facebook. This plan requires mentors from the existing community to guide new users to edit Wikipedia
- Here's is a list of all the Outreach documents translated in Indic languages by respective community members. This is work in progress and all community members are welcome to help translate more documents!
- Here's a blog post by Barry Newstead, the Chief Global Development Officer, WMF on his wonderful experience at the WikiSangamolsavam in Kerala.
- Please reach out to Shiju or I for any support you need. (Our email IDs are shiju@wikimedia.org and noopur@wikimedia.org respectively.)
Please share your comments and ideas below on any of these updates.Noopur28 Noopur28 (वार्ता) 09:16, 16 मई 2012 (UTC)
प्रिय भवानी भाई! नमस्कार। आपने उपरोक्त लेख में गये को परिवर्तित करके प्रत्येक स्थान पर गए कर दिया है जो मेरी दृष्टि से उचित नहीं है। कारण समझ लीजिए- हुआ, हुई और हुए तीनों ही शब्द सही है। इनका प्रयोग एकवचन, स्त्रीलिंग और बहुवचन के साथ होता है। अब यदि इसी आधार पर कम्प्यूटर में गयी और गये लिखने के बजाय गई और गए लिखें तब फिर फिर एकवचन के साथ हमें गआ ही लिखना होगा जो निस्सन्देह अटपटा-सा लगेगा। सम्भवत: इसीलिये प्रयोग में एकवचन के साथ हम हमेशा गया ही लिखते हैं, गआ नहीं। मैं समझता हूँ आप भी मेरी इस बात से सहमत होंगे। यदि सम्भव हो तो मेरे वार्ता पृष्ठ पर इसकी चर्चा कर लें। धन्यवाद।Krantmlverma (वार्ता) 06:55, 17 मई 2012 (UTC)
- क्रान्त जी आप ने बहुत अच्छा सवाल खडा किया। एक वचन में बच्चा बहु० में बच्चे, लडका-लडके, अच्छा-अच्छे। लेकिन क्या करें क्रिया के रूपों में आधुनिकतम पाठ्य-पुस्तक में गया - गए, आया -आए, समझाया - समझाए को ही मानक रुप में लिया गया है। देखिए न हम तो कीजिये, लिखिये, लिखकर भी काम चला लेते हैं। परन्तु काम चलाना अलग मानक रुप को लिखना अलग। कृपया केन्द्रीय हिन्दी संस्थान द्वारा प्रकाशित पाठ्य-पुस्तकों में देखिए, यही संस्थान हिन्दी की सबसे बडी संस्था है। हिन्दी भाषा विज्ञान की व्याख्या यहीं से होती है, देश-विदेश के शिक्षक यहीं से प्रशिक्षण लेते हैं।
बच्चा का बहुवचन बच्चे है तो गया का गये क्यों नहीं? गए लिखेंगे तो गआ होना चाहिए मैं भी सहमत हूँ। कभी-कभी व्याकरण में प्रमाण होने पर भी कुछ नहीं हो सकता। हिन्दी में नाक स्त्रीलिंग में है, जैसे मेरी नाक पतली है या लम्बी है आदि, इसके विपरीत कान पुंलिंग में जैसे मेरा कान या मेरे कान। शरीर के एक ही प्रकार के अंगों में भी भेदभाव? फिर भी नाक स्त्रीलिंग में ही है और कान पुलिंग में।भवानी गौतम (वार्ता) 09:55, 17 मई 2012 (UTC)
- प्रिय भवानी भाई! इस प्रकार के कई सवाल मैंने अपने मित्र स्वर्गीय डॉ॰ श्यामबहादुर वर्मा जी के समक्ष उठाये थे। वह मेरी बात से शत प्रतिशत सहमत थे। उन्हॉने मुझे मानदेय प्रदान करते हुए कई बार अपने निवास पर बुलाया और कई शब्दों की व्युत्पत्ति को लेकर गम्भीर चर्चाएँ भी कीं। इसका उल्लेख उन्होंने अपने ग्रन्थ वृहद हिन्दी शब्दकोश की भूमिका में किया है। यह ग्रन्थ प्रभात प्रकाशन दिल्ली ने छापा है। परन्तु अब किसके पास इतना समय है। बहरहाल हम अपना धर्म निभा रहे हैं आप भी अपना धर्म पूरी ईमानदारी से निभाते जाइये। यह दुनिया है, यूँ ही चलती रहेगी। आपने मेरा मन्तव्य समझा इसके लिये आपको हृदय से बहुत-बहुत साधुवादKrantmlverma (वार्ता) 10:21, 17 मई 2012 (UTC)
एक ही नाम के दो अलग अलग लोगो के बारे में जानकारी
मित्रो आपसे जानकारी चाहिए | अगर एक ही नाम के दो अलग अलग व्यक्ति के बारे में जानकारी देनी हो तो क्या करना होगा और यदि दोनों का कार्यक्षेत्र सामान हो तो क्या करना चाहिए ?
- ऐसी स्थिति में आप उन दोनों व्यक्तियों के नाम के आगे कोष्टक लगाकर लिख स्वकते हैं कि वे किस क्षेत्र में कार्यरत हैं। उदाहरण के लिए यदि राम प्रसाद नाम के दो व्यक्ति हैं जिनके बारे में लेख लिखना है तो इस प्रकार लिख सकते हैं राम प्रसाद (संगीतकार) और राम प्रसाद (वैज्ञानिक)। और यदि दोनों एक ही कार्यक्षेत्र से हों तो इसके लिए उनके जन्म वर्ष से उन्हें पहचाना जा सकता है जैसे राम प्रसाद (जन्म १९५६) और राम प्रसाद (जन्म १९६६)। यह एक उपाय है। अब यदि कोई राजनीति में हो और विभिन्न राजनैतिक दलों से सम्बन्धित हों तो कोष्टक में नाम के साथ उस राजनैतिक दल का नाम लिख सकते हैं। और यदि दोनों एक ही दल में हों तब जन्मवर्ष से समस्या सुलझाई जा सकती है। रोहित रावत (वार्ता) 16:59, 17 जून 2012 (UTC)
Updates on social media pilot
Greetings! Here is a small update on the Social Media pilot supported by India Program. This pilot is running on two Facebook groups for Wikipedia activities: one in English (One is You can also write on Wikipedia) and one in Odia (Odia Wikipedia). Both of these are being piloted to see if we can explain the very basics of editing to new editors and to encourage them to make their first basic edits. This is done You can visit these groups to see the regular editing sessions that we are conducting there. So far, we have been able to get 30 first time editors in English and 10 in Odia - all of whom have completed a few basic tasks (like creating usernames, corrected mistakes, adding references, inter-wiki links!)
Facebook is a useful way of engaging with young users because they are more comfortable there. Here is a 19 point comprehensive guide that we've developed to illustrate the kind of language, nature of messages and way of interacting on Fb that you might find useful and can implement on your groups as well. Please note the mini-editing sessions we have devised with just 5 tasks to make the start of a new editor's Wiki journey really simple! If you need any help to try this pilot in your group please write to me (noopur@wikimedia.org). (Even if your community does not yet have a facebook page, or if the page is inactive right now, I can support you.) Happy to help! Noopur28 (वार्ता) 08:42, 29 मई 2012 (UTC)
- क्या हिंदी विकी का फेसबुक पर् कोई पृष्ठ अस्तित्व मे है। मुझे ढुंढने पर नही मिला। --गुंजन वर्मासंदेश 07:50, 2 जून 2012 (UTC)
Update on IPv6
(Apologies if this message isn't in your language. Please consider translating it, as well as the full version of this announcement on Meta)
The Wikimedia Foundation is planning to do limited testing of IPv6 on June 2-3. If there are not too many problems, we may fully enable IPv6 on World IPv6 day (June 6), and keep it enabled.
What this means for your project:
- At least on June 2-3, 2012, you may see a small number of edits from IPv6 addresses, which are in the form "
2001:0db8:85a3:0000:0000:8a2e:0370:7334
". See e.g. w:en:IPv6 address. These addresses should behave like any other IP address: You can leave messages on their talk pages; you can track their contributions; you can block them. (See the full version of this announcement for notes on range blocks.)
- In the mid term, some user scripts and tools will need to be adapted for IPv6.
- We suspect that IPv6 usage is going to be very low initially, meaning that abuse should be manageable, and we will assist in the monitoring of the situation.
Read the full version of this announcement on how to test the behavior of IPv6 with various tools and how to leave bug reports, and to find a fuller analysis of the implications of the IPv6 migration.
--Erik Möller, VP of Engineering and Product Development, Wikimedia Foundation 01:01, 2 जून 2012 (UTC)
Distributed via Global message delivery. (Wrong page? Fix here.)
नमस्कार मित्रों, मैने मॉनमाउथ रेजिमेंटल संग्रहालय को इस वर्ष का दूसरा निर्वाचित लेख बनने के लिए नामित किया है। मेरा आपसे विनयपूर्वक अनुरोध है कि अपनी अमूल्य टिप्पणियाँ नामांकन पृष्ठ पे देकर इस लेख को निर्वाचित बनने में मदद करें, धन्यवाद।<>< Bill william comptonTalk 14:17, 3 जून 2012 (UTC)
सदस्यों की जीवनी से भरा हिन्दी विकिपीडिया
प्रिय मित्रों, हम बहुत दिनों से देखते आए हैं कि हिन्दी विकिपीडिया में सदस्य (user) ही अपना परिचय डलवाने में व्यस्त दिखते हैं। कई ऐसे स्वयं निर्मित अन्य द्वारा निर्मित जीवित सदस्य जीवनियों को हटाया भी गया। विकिपीडिया ज्ञान का प्रसार करने का एक महत्वपूर्ण जरिया होना चाहिए। इसके यूजर ही अपने को नोटेबल मानकर अपना परिचय देते जाएंगे तो ज्ञान का प्रसार करना दूर की बात होगी और हास्यपीडिया जरुर बनेगा। User:Krantmlverma और मदनलाल वर्मा 'क्रान्त', सदस्य:पूर्णिमा वर्मन और पूर्णिमा वर्मन, सदस्य:Dr.jagdish और जगदीश व्योम, सदस्य:शार्दूल और शार्दूल पाण्डेय, यह भी। क्या करें। ये सभी हटाए जाने चाहिए। अपने विचार रखें।भवानी गौतम (वार्ता) 16:02, 3 जून 2012 (UTC)
- Thanks a ton Bhawani for raising this very important issue being constantly ignored here on hi.wp. An additional issue that we should be dealing with is the notability criteria that should be employed. The page on M. L. Verma survived on en.wiki mainly because the administrators there opined that he has some coverage in Hindi media whose reliability they were unable to assess. We know very well that essentially all of Hindi media are ready to publish small news articles on almost everybody and anybody. Does that make one notable? I remember very well that newspapers of the likes of नव भारत, दैनिक भास्कर etc. in my previous city used to (if not even now) publish news articles of students who secure first position in their class examinations. Does that make each such student notable? I'm sure other Indian editors must be having similar experiences to recount. We need to ponder over this. लवी सिंघल (वार्ता) 17:30, 3 जून 2012 (UTC)
फलाने लेखको इसलिए यहाँ रखा जाय क्योंकि वह अंग्रेजी में है अथवा अंग्रेजी में रखा जाय क्योंकि वह हिन्दी में हैं। जैसे यहाँ पर हुआ। जब हिन्दी में प्रस्ताव आएगा तो बोला जाता है यह लेख अंग्रेजी में है या (बच गया) और हिन्दी में रखा जाना चाहिए। दूसरे विकि का हवाला देकर लेख को न परखा जाय। संदर्भ और स्रोत वहीं पर हो, उसीको समझा जाय। हिन्दी नसझमने के कारण ही यह हुआ-भवानी गौतम (वार्ता) 00:25, 4 जून 2012 (UTC)
- मैरे अनुसार यदि यह ज़रुरी होगा तो समाचार पत्र में इस बारे में जरुर होगा परन्तु लेख मे केवल समाचार पत्रो का नाम ही दिया है। साथ हि इस यह किसी ज्ञान वाला लेख नही है। जैसे गणित, रसायन या अन्य से जुडा हुआ। अत: मैरे भी अनुसार इसे हटाया जाना चाहिये। आनन्द विवेक सतपथी वार्ता 02:00, 4 जून 2012 (UTC)
- भवानी जी, मैने यह हवाला तो कभी दिया ही नहीं कि चूँकि यह लेख अंग्रेज़ी विकिपीडिया पे बच गया था इसलिए यह यहाँ भी बचना चाहिए। वहाँ हुई चर्चा का लिंक देने से मेरा तात्पर्य इसी से था कि वहाँ भी लेख के विषय को एक हद तक उल्लेखनीय माना गया था। अगर जहाँ तक रही बात मेरी व्यक्तिगत राय कि तो मैं भी इस लेख को हटाना ही चाहता हूँ। परन्तु विकिपीडिया पे अपनी निजी राय से कार्य नहीं होता। सम्बंधित व्यक्ति अंग्रेज़ी दैनिक समाचारपत्रों जैसे द ट्रिब्यून (Dr Krant gets fellowship) में भी कवर हों चुके हैं। ऐसे में क्या लेख को बिना किसी चर्चा के हटाया जा सकता हैं?<>< Bill william comptonTalk 03:11, 4 जून 2012 (UTC)
Numerals in Hindi wikipedia
Dear All,
I wrote a small article about the state of Indic numerals in various Indic language wikipedias with special empasis on Hindi wikipedia. It is available in meta wiki here. The main aim of the article is to emphasis the importance of adopting a standard in numeral (rather than the current mixing up devanagri and arabic numerals) and move forward. Since Hindi wikipedia already has more than 1 lakh articles it is important that Hindi wiki community reach an agreemnt on this and impliment that. Hope community will do that soon.--Shiju (वार्ता) 04:32, 4 जून 2012 (UTC)
विकिपीडिया:चौपाल/पुरालेख 28/Header
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Updates from India Program Team
This is the first post from the India Program team regarding the team. I have been posting updates on the various mailing lists - but am acutely aware that the majority of our community is on village pumps or project pages and hence this post. Do excuse me for posting something which is not solely focused on this project, but the work we are doing has learnings that you might find useful for your project. Here are 5 important links that you might find useful
- There is an India Program page on meta - which has links to a number of important workstreams (on the right of the page)
- Here is your India Program team. Feel free to reach out for any help or to provide any suggestion - or just to say hello!
- I submitted the following mid-year report to the community on January 15th 2011 - outlining the activities for 2011 and the priorities for 2012. Strictly speaking, this wasn't a mid-year report because it covered all of 2011, but going forward, I intend to make it a half-yearly affair. Please add your comments or suggestions here, or below this post.
- I have recently started monthly updates. The monthly update for February is available here. Please add your comments or suggestion here. The areas of emphasis for March are here. Please add your comments or here. This is really useful for us to ensure that we are doing what you need most.
- I have also started a new tab on the India Program page for Learnings, called Gyan. I think it is going to be a pretty cool place for us to put together a whole host of learnings, lessons, heartbreaks, Eureka moments and inspirations - gathered from all over the community. Stay tuned for more!
- One of the essential things that India Program needs to constantly work out is keeping our community informed of the work that we are doing - so that this work is clearer but also to help cross-pollinate ideas amongst a wider set of community members who might not have been engaged on specific village pump / talk page discussion or involved in particular activities (e.g. outreach events) or wikiprojects. I propose to have a fortnightly IRC for the community with India Program. (For those who are not familiar with IRC, it is an Internet messaging system similar to a regular chat room. It's very simple to use and you can join in by clicking on the following link. This would be done on the 1st and 3rd Thursdays of every month at 9pm IST (which is GMT + 0530) - THOUGH NOT THIS MONTH - BECAUSE I HAVE MISSED THE TIMELINE. Just for March, we will do it on March 15th and March 29th (both at 9pm IST which is GMT + 0530). I suggest that these chats are focused on specific work streams. As with many community meet-ups - folks will give time to attend a meet-up or participate in an IRC only if there is a topic of relevance to them. Therefore, we will do one IRC on Indic languages and one on Outreach & Communications. The March 15th one will be focused on Indic Languages and the one on March 29th will be on Outreach & Communications. (All IRCs will start with a re-cap of India Programs activities.) There is quite a bit of overlap on these topics - so feel free to join both. Please do also invite anyone who is interested to know more about India Program or - even more importantly - interact with fellow Wikimedians. As always, the logs will be put up on meta for the benefit of those who can't attend and for the record.
Please feel free to translate this post for the benefit of the larger audience. In fact, I'd be really grateful if you did!
किसी पृष्ठ के एक हिस्से का संदर्भ देना
यदि किसी लेख में किसी दूसरे लेख के केवल एक हिस्से का संदर्भ देना हो और पूरा लेख न दिखाना हो तो उसके लिए क्या करना पड़ेगा।--Somesh virgo (वार्ता) 18:45, 12 मार्च 2012 (UTC)
- विकिपीडिया पर कोई भी लेख किसी अन्य विकिपीडिया लेख को सन्दर्भ के रूप में प्रयोग नहीं कर सकता। यह en:Circular reference हो जाएगा। यह करना गलत है क्योंकि ऐसे में बात का कोई सत्यापन नहीं होता। यद्यपि विकिपीडिया पर सभी बातें स्रोत सहित ही लिखी जानी चाहियें, तब भी ऐसी कई बातें लिखी होती हैं जिनका कोई स्रोत नहीं दिया होता। ऐसे में, अगर विकिपीडिया के लेखों को ही स्रोत बनाना शुरू कर दिया जाए तो बिना किसी जाँच के कुछ भी लिखना संभव होगा। (वैकल्पिक रूप से देखें: en:Wikipedia:Manual of Style/Self-references to avoid) यदि आपको किसी एक लेख में लिखी बात किसी दूसरे लेख में लिखनी हो तो पहले देखें कि मूल बात का स्रोत क्या है, स्रोत ढूँढें और फिर अपने लेख में उसी स्रोत का प्रयोग करें।
- (नोट: अगर आपका तात्पर्य सन्दर्भ देने से नहीं, बलकी कड़ी बनाने से, अर्थात link बनाने से था तो स्पष्ट करें)--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 21:09, 12 मार्च 2012 (UTC)
- मेरे समझ से प्रश्नकर्ता यह पूछना चाहते हैं कि किसी बड़े लेख का 'पता' बताने के बजाय उसके किसी भाग (जैसे एक शीर्षक या उपशीर्षक) का पता बताना हो तो कैसे करेंगे? -- अनुनाद सिंहवार्ता 03:42, 13 मार्च 2012 (UTC)
- '#' के चिह्न का प्रयोग करके। मसलन भारत के लेख के लिए [[भारत]] जो भारत के लिए जोड़ देता है और [[भारत#राजनीति]] उसके राजनीति विभाग के लिए - भारत#राजनीति। वैसे यह विकिपीडिया:स्वशिक्षा/विकिपीडिया जोड़ में भी समझाया गया है। --Hunnjazal (वार्ता) 05:58, 13 मार्च 2012 (UTC)
- प्रिय सिद्धार्थ घई, अनुनाद सिंह तथा Hunnjazal जी, दरअसल मेरा अभिप्राय कड़ी जोड़ने से था न कि संदर्भ देने से। आप लोगों ने अपना क़ीमती वक़्त निकालकर मुझे जो समझाया है उसका मैं आभारी हूँ।--Somesh virgo (वार्ता) 16:02, 14 मार्च 2012 (UTC)
- '#' के चिह्न का प्रयोग करके। मसलन भारत के लेख के लिए [[भारत]] जो भारत के लिए जोड़ देता है और [[भारत#राजनीति]] उसके राजनीति विभाग के लिए - भारत#राजनीति। वैसे यह विकिपीडिया:स्वशिक्षा/विकिपीडिया जोड़ में भी समझाया गया है। --Hunnjazal (वार्ता) 05:58, 13 मार्च 2012 (UTC)
- मेरे समझ से प्रश्नकर्ता यह पूछना चाहते हैं कि किसी बड़े लेख का 'पता' बताने के बजाय उसके किसी भाग (जैसे एक शीर्षक या उपशीर्षक) का पता बताना हो तो कैसे करेंगे? -- अनुनाद सिंहवार्ता 03:42, 13 मार्च 2012 (UTC)
क्या आप जानते हैं में तकनीकी परिवर्तन
क्या आप जानते हैं भाग के अद्यतन और मेंटेनेंस को कुछ आसान बनाने के लिये कुछ सुझाव साँचा वार्ता:क्या आप जानते हैं#प्रणाली में परिवर्तन पर रखे हैं। सदस्य उसपर टिप्पणी करने के लिये आमंत्रित हैं।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 12:10, 15 मार्च 2012 (UTC) इस भाग को अद्यतित और सार्थक बनाए रखने के लिए कुछ नियमों में भी परिवर्तन का सुझाव है। [6] देखकर अपने मत से अवगत कराएं। अनिरुद्ध वार्ता 18:40, 25 मार्च 2012 (UTC)
स्थानान्तरण
किसी पृष्ठ का नाम परिवर्तन करने के लिए इस विकल्प को चुनने के बाद नाम बदलने की जो जगह आती है उसमें देवनागरी टंकण अक्षम क्यों है? अभी कुछ दिनों से यह समस्या आ रही है। कृपया इसे ठीक करें। रोहित रावत (वार्ता) 15:12, 18 मार्च 2012 (UTC)
- रोहित जी, इसकी वजह कहीं पर हमारे वर्तमान इनपुट स्क्रिप्ट के कोड में है। यह कोड तीन भागों में है: [7], [8] और [9]।
- जहाँ तक मुझे समझ आया है, गड़बड़ी पहले भाग में है जो इस स्क्रिप्ट का असल कोड है (दूसरे और तीसरे भाग ट्रांस्लिटरेशन और इनस्क्रिप्ट के नियम हैं)। ये गड़बड़ी ठीक करना कम-से-कम मेरे बस से बाहर की बात है।
- यह कोड User:Junaidpv ने लिखा था और उन्होंने ने ही mw:Extension:Narayam बनाया है। इस समस्या को समाप्त करने का सबसे आसान तरीका (जो शायद स्थायी भी हो) होगा कि हम Narayam extension को हिन्दी विकिपीडिया पर सक्षम करें।
- इसे सक्षम करने से पहले मैं चाहूँगा कि sa:User:Siddhartha Ghai/vector.js में किये ट्रांस्लिटरेशन नियमों के बदलाव लागू किये जाएँ ताकि यह अभी से अधिक सरल हो सके; और फिर इसे यहाँ सक्षम कर दिया जाए।
- अभी की प्रणाली के ऊपर इसमें क्या फ़ायदे होंगे इसके लिये विकिपीडिया:चौपाल/पुरालेख_27#Narayam देखें।
- अन्य सदस्य भी इस विषय पर गौर करें कि इस समस्या को कैसे सुलझाया जाए।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 07:42, 21 मार्च 2012 (UTC)
- नोट: संस्कृत विकिपीडिया (जहाँ यह extension सक्षम है) पर यह परेशानी नहीं आ रही है--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 07:47, 21 मार्च 2012 (UTC)
- इस सन्दर्भ में विकिपीडिया:चौपाल/Narayam देखें।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 14:56, 21 मार्च 2012 (UTC)
संपादकों के अधिकारों में परिवर्तन
m:Requests for comment/Userrights on Hindi Wikipedia की बहस के अनुसार सभी संपादकों के पिछले अधिकार बदल दिए गए है। कुछ अधिकारों के समूह अन्य समूहों से मिला दिए गए है या सीधा हटा दिए गए है। मुझे लगता है की अब पुनः सारे अधिकार समूहों का ढंग से गठन करना होगा और पुनः चुनाव प्रक्रिया के अनुसार ये अधिकार लेने होंगे। आशूबातकरें 08:08, 20 मार्च 2012 (UTC)
- पास हुए ड्राफ्ट के अनुसार अधिकार बदलने की प्रक्रिया कुछ ओर ही होनी चाहिए थी, परन्तु पता नहीं यह पीटर सायमंड्स क्या कर रहें हैं, इन्होंने एक बॉट प्रबंधक (सदस्य:MGA73bot) को प्रबंधक ही बना दिया और यह सदस्य हिन्दी विकिपीडिया पे न तो सक्रिय हैं और न ही हिन्दी जानते हैं, यह तो प्रबंधक बनना भी नही चहाते। इसी प्रकार ड्राफ्ट के बिंदुओं का पूर्ण रूप से पालन ही नहीं हों रहा। बिना हिन्दी विकिपीडिया के सदस्यों को कुछ बताए इसे कार्यान्वित करना मेरी नज़र में विकिपीडिया की कार्य प्रणाली के विरुद्ध व अनुचित है।<>< Bill william comptonTalk 11:53, 20 मार्च 2012 (UTC)
- बात तो सही है। प्रमुख अधिकारों को बिना किसी सुचना के हटा दिया गया है। इसमें ना तो सदस्यों का कार्य अनुभव देखा गया है और ना ही उनके कार्य करने का तरीका। ड्राफ्ट के बिंदुओं का भी पालन ठीक से नहीं हो रहा है। इस तरह की हरकतों से हमें हिन्दी विकिपीडिया के रख रखाव में और दिक्कत आएगी। पहले ही यहाँ मुश्किलें कम नहीं और इस पे ये काम। किस आधार पर ये अधिकार हटाए गए है यह पूछना पड़ेगा। शायद इस मुद्दे को पुनः RFC पर रखना पड़ेगा। आशूबातकरें 12:35, 20 मार्च 2012 (UTC)
- मेरे विचार से हिन्दी विकि पर मयूर जी और अन्य लोगों द्वारा अभी तक अधिकांश निर्णय आपसी चर्चा के बाद ही लिये गये थे। मुझे याद नहीं कि कहीं अधिकारों का सरासर दुरुपयोग किया गया हो। मयूर जी के बारे में जो कुछ भी कहा जा रहा है वह अशोभनीय है। मुझे तो यही समझ में नहीं आ रहा है कि मयूर की गलती कैसे है। यह तो उन लोगों की गलती है या विकिपिडिया की ढिलाई है कि कोई बिना किसी 'उच्च अधिकारी' के अनुमति के ही 'खतरनाक अधिकार' हासिल कर ले।
कुछ भी हो इस प्रकरण को सुलझाया जाय और हिन्दी विकि के विकास को इससे नुकसान न पहुँचने दिया जाय। हो सकता है कोई इस तरह का विवाद खड़ा करके हिन्दी विकि कार्यकर्ताओं में विवाद उत्पन्न करना चाहता हो।-- अनुनाद सिंहवार्ता 14:45, 21 मार्च 2012 (UTC)
- समस्या यह है कि हिन्दी विकि के सदस्यों के पास बहस करने का उतना फालतू समय नहीं है जितना कुछ और लोगों के पास है। हो सकता है कुछ निष्पक्ष स्टीवर्ड्स को भी गलतफहमी हुई हो, लेकिन कुछ लोग तो सिर्फ मौका भुनाने के लिए ऐसे (आरएफसी) पेजों पर पहुँच जाते हैं।
- मयूर जैसे सदस्य की सम्पूर्ण प्रतिभा को समझने मात्र के लिए भी व्यक्ति को कई क्षेत्रों का ज्ञाता होना पड़ेगा। मयूर जी का हिन्दी विकि पर योगदान इतना अधिक और गुणवत्तापूर्ण है कि वह अंग्रेजी विकि के श्रेष्ठ सदस्यों और कुल विकिमीडिया के सभी सदस्यों में भी प्रमुख स्थान रखता है (और मैं यहाँ संख्या की बात नहीं कर रहा हूँ)। मयूर जी ने अपने दिन रात एक करके "केवल अपने संपादनों की संख्या बढ़ाने के लिए ऐसा किया है" यह विचार हास्यास्पद है। मैं ऐसे योग्य सदस्य के लिए कही गयी अपमानजनक टिप्पणियों की भर्त्सना करता हूँ। -Hemant wikikoshवार्ता 17:12, 22 मार्च 2012 (UTC)
- मैं हेमंत जी व अनुनाद जी के विचारों से बिल्कुल सहमत हूँ और सम्बन्धित आरएफपी पर भी मैने यही विचार रखा था। आशा करता हूँ कि मयूर जी इस वाक्य को भूल कर पुनः हिन्दी विकिपीडिया पे अपना योगदान जारी रखेंगे।<>< Bill william comptonTalk 18:53, 22 मार्च 2012 (UTC)
- प्रिय मित्रों, जो कुछ भी हुआ उससे किसी भी प्रकार भयभीत होने के जरुरत नहीं है क्योंकि हम लोगों से सम्पादन करने का अधिकार तो नहीं छीना गया है। अब मैं आपको इस घटना के बारे में बताउंगा, दरसल कुछ दिनों पहले जब इण्डिया मेलिंग लिस्ट पर मैनें इण्डिया चेपटर की हिन्दी विकि को कोई भी सहयोग न देने के लिये उनकी भर्त्सना की तो मैं नहीं जानता था कि मैनें कितने दुश्मन बना लिये, बस तब से वह लोग स्टीवर्ड से मेरी शिकायत करने में लगे रहे। बाकी बात रही गलतियों की तो दुनियां मैं ऐसा कोई इन्सान नहीं जिससे गलतियाँ न हो यदि हम कापीराइट उल्लंघन, संदर्भ का अभाव इत्यादि अंग्रेजी विकि की पालिसी की बात करे तो हिन्दी विकि के लगभग सभी सदस्यों ने यह गलती की होगी भले ही शुरुवाती अवस्था में, परन्तु उन पर कोई कार्यवाही करने से पहले हम उस सदस्य को एक चेतावनी अवश्य देते है परन्तु इस बार ऐसा नहीं हुआ क्योंकि वे सब जानते थे कि हिन्दी विकि के सदस्य बहुत कम ही किसी चर्चा में भाग लेते है अत: उन्होने इस प्रकार की प्रक्रिया अपनायी, इसके अलावा हिन्दी विकि के इतने सारे सदस्य समूह भी कुछ स्टीवर्ड्स को खटकते थे। इन लोगों ने मेरी जो भी गलतियां दिखायी है वह मेरे प्रबंधक बनने के शुरुवाती कुछ माह में घटित है एवं उन गलतियों का सुधार मैनें स्वयं विकिमीडिया स्टीवर्ड्स से करवाया था जैसे कि ओवरसाइट सदस्य समूह हटवाना एवं ऐबयुज फिल्टर से आई पी लाग हटवाना इत्यादि, मैनें कभी भी डेवलपर्स से इन अधिकारों की माँग नहीं की थी परन्तु यह अधिकार उन्होने गलती से हिन्दी विकि में डाल दिये थे जिसे मैनें स्टीवर्ड jyothis से gmail पे चर्चा करके हटवा दिया था, परन्तु उन पुरानी बातों को पुन छेड़ना गढे़ मुद्दे उखाड़ने वाली बात है। मुख्यत मुझे यह सजा हिन्दी विकि पर अत्यधिक प्रबंधन कार्य करने के लिये दी गयी। खैर यह हम सब जानते है कि यह सदस्य समूह कभी भी कोई भी हटा सकता है बस एक वस्तु जिसे कोई नहीं हटा सकता वह है हमारे योगदान जिसके लिये हम इस विकिपरियोजना में हमेशा याद रखे जायेंगे। अत: इस घटना को भूलकर अपनी संपादकीय शक्ति को पहचाने और इस परियोजना को आगे बढा़ये, हाँ परिवर्तन इस दुनिया का सबसे बडा़ नियम है कोई भी व्यक्ति न तो हर समय शीर्ष पर नहीं रहता है और न हर समय तल पर जो वस्तु हमारे साथ रहती है वह है हमारे अच्छे एवं बुरे संस्कार, मुझे खुशी है कि मैनें हिन्दी विकि के लिये जो कुछ भी किया वह इसके उत्थान के लिये निष्पक्ष भावना से किया और आप सब लोगों का मुझे पूर्ण सहयोग मिला जिसके लिये मैं आप सबका आभारी हूँ। अब मैं अपने आप को हिन्दी विकि से अलग कर रहा हूँ क्योंकि मैं नहीं चाहता कि मेरे कारण हिन्दी विकि पुन किसी राजनीतिक दुष्परिणाम से गुजरे, मेरे विचार से विकिपीडिया पर मेरा सफर यही तक था। आप सभी को शुभकामनाएँ, हिन्दी को यू ही आगे बढा़ते चले --Mayur (talk•Email) 04:31, 24 मार्च 2012 (UTC)
- मैं हेमंत जी व अनुनाद जी के विचारों से बिल्कुल सहमत हूँ और सम्बन्धित आरएफपी पर भी मैने यही विचार रखा था। आशा करता हूँ कि मयूर जी इस वाक्य को भूल कर पुनः हिन्दी विकिपीडिया पे अपना योगदान जारी रखेंगे।<>< Bill william comptonTalk 18:53, 22 मार्च 2012 (UTC)
- समस्या यह है कि हिन्दी विकि के सदस्यों के पास बहस करने का उतना फालतू समय नहीं है जितना कुछ और लोगों के पास है। हो सकता है कुछ निष्पक्ष स्टीवर्ड्स को भी गलतफहमी हुई हो, लेकिन कुछ लोग तो सिर्फ मौका भुनाने के लिए ऐसे (आरएफसी) पेजों पर पहुँच जाते हैं।
- मेरे विचार से हिन्दी विकि पर मयूर जी और अन्य लोगों द्वारा अभी तक अधिकांश निर्णय आपसी चर्चा के बाद ही लिये गये थे। मुझे याद नहीं कि कहीं अधिकारों का सरासर दुरुपयोग किया गया हो। मयूर जी के बारे में जो कुछ भी कहा जा रहा है वह अशोभनीय है। मुझे तो यही समझ में नहीं आ रहा है कि मयूर की गलती कैसे है। यह तो उन लोगों की गलती है या विकिपिडिया की ढिलाई है कि कोई बिना किसी 'उच्च अधिकारी' के अनुमति के ही 'खतरनाक अधिकार' हासिल कर ले।
- बात तो सही है। प्रमुख अधिकारों को बिना किसी सुचना के हटा दिया गया है। इसमें ना तो सदस्यों का कार्य अनुभव देखा गया है और ना ही उनके कार्य करने का तरीका। ड्राफ्ट के बिंदुओं का भी पालन ठीक से नहीं हो रहा है। इस तरह की हरकतों से हमें हिन्दी विकिपीडिया के रख रखाव में और दिक्कत आएगी। पहले ही यहाँ मुश्किलें कम नहीं और इस पे ये काम। किस आधार पर ये अधिकार हटाए गए है यह पूछना पड़ेगा। शायद इस मुद्दे को पुनः RFC पर रखना पड़ेगा। आशूबातकरें 12:35, 20 मार्च 2012 (UTC)
मयूर यह कोइ रास्ता नहीं है। १९७२ में इंदिरा गांधी ने एक कानून द्वारा राजाओं की विशेष सुविधाएं अवैध मानकर समाप्त कर दी थी। राजा सर्वोच्च न्यायालय में गए। न्यायालय ने कानून अवैध ठहरा दिया और संसद भंग कर दी। इंदिरा पुनः और अधिक बहुमत से चुनकर आ गई। और पुनः वही कानून बनाया। तब से भारत में राजाओं का विशेषाधिकार समाप्त है। विकिया में अराजकता चाहे जितनी हो इसकी मूल संकल्पना के प्रति मैं आश्वस्त हूँ। ६ महीने बाद ही सही हम फिर से प्रशासक तय करेंगें। और यदि विकिया छोड़ें गें तो निस्चित रूप से किसी समानांतर सृष्टि की रचना करेंगें। अभी मैं दो दायित्वों से बंधा हूँ। एक तो अपना शोधग्रंथ लिख रहा हूँ। दूसरा रोज कॉलेज की कक्षाएं लेनी होती है। सबकुछ बेहतर करने की आदत है। इसलिए विकिया का शेयर थोड़ा कम हुआ है। लेकिन आपके साथ की और आशा है। कुछ दिन बाद हिंदी विकिया के लिए कुछ बेहतर करने की स्थिति में रहुँगा। तब हिंदी विकिया के आप सरीखे सदस्यों के साथ की जरूरत पड़ेगी। अनिरुद्ध वार्ता 07:13, 24 मार्च 2012 (UTC)
नयी दिल्ली के राष्ट्रीय हस्तकला संग्रहालय मे विकिपीडिया प्रस्तुति
प्रिय मित्रो मैं आपको हमारे राष्ट्रीय हस्तकला संग्रहालय में सफल ग्लैम मीटिंग के बारे में बताना चाहती हूँ। यह नई दिल्ली में १८ मार्च रविवार को हुई . हमारी मुलाकात २ बजे शुरू हुई और हमने सभी दीर्घाओं और प्रदर्शन के चारों ओर घूम कर एक साथ परिचित बनने का फैसला किया। सुभाशीष और नूपुर सहित हम कूल १४ स्वयंसेवक (वोलंटियर) थे। 3:30 तक हम चारों ओर देख कर गोंड चित्रकला, मांडणा चित्रकला, शेखावटी पेंटिंग, संग्रहालय पर लेख लिखने लगे और इन से हिंदी अनुवाद भी करने लगे. संपादन में भाषा विविधता देख हमें अच्छा लगा. हम में से ४ व्यक्ति हिंदी विकिपीडिया पर काम करना चाहते हैं और आपका सहयोग अनिवार्य होगा. हमारी गतिविधियों के बारे में जानकारी यहां पायी जा सकती है मीटीण्ग की जानकारी यह सिर्फ हमारी पहली मीटिंग थी और संपादन व् योगदान के बारे में जानकारी आप वहीँ पा सकते हैं। यह एक सुखद अनुभव था कि संग्रहालय के निदेशक, डॉ॰ रुचिरा घोष ने हमें सभी दीर्घाओं में तस्वीरें लेने के लिए अनुमति दी थी। यह तस्वीर कला वस्तुओं के लिए अनुमति जारी है और उन्हें प्रतिलिपि लाइसेंस के तहत अपलोड की जा सकती है। हम कम से कम महीने में एक बार बैठक जारी रखना चाहते है और आप सभी का सह्कार पा कर आगे बढ़ना चाहते हैं।Noopur28 (वार्ता) 09:41, 20 मार्च 2012 (UTC)
सदस्य अधिकारों में बदलाव
स्टीवार्ड सदस्य:Snowolf ने मेटा विकि पे हुई चर्चा के अनुसार कुछ सदस्यों के अधिकारों में बदलाव किए हैं। ड्राफ्ट के अनुसार यह अधिकार 20 सितंबर 2012, यानि अबसे छह महीने बाद, एक्सपायर हों जाएँगे। दिए गए लिंक को भी देखें, धन्यवाद।<>< Bill william comptonTalk 17:07, 20 मार्च 2012 (UTC)
मकसद ठीक होने के बावजूद मयूर कई प्रक्रियागत गलतियां करते रहे हैं। किंतु यद दिलचस्प है कि उन्हें ठीक करने वालों ने भी गलत प्रक्रिया ही अपनाई है। जिन्हें अपना निर्णय हिंदी विकिया पर रखना जरूरी लगा क्या वे निर्णय लेने की प्रक्रिया से हिंदी विकिया के सदस्यों को नहीं जोड़ सकते थे। यह कार्यवाई हिंदी चौपाल पर सूचना देने के एक सप्ताह बाद भी तो की जा सकती थी? मैं इस प्रक्रिया से पूर्णतः असहमती दर्ज करते हुए अधिकारों के नये वर्गीकरण से स्वयं को अलग रखने और केवल एक सदस्य के रूप में हिंदी विकिया से जुड़े रहने का निर्णय ले रहा हूं। अनिरुद्ध वार्ता 08:11, 23 मार्च 2012 (UTC)
- अनिरुद्ध जी, मेटा विकि पे हुई इस आर॰एफ॰सी की सूचना चौपाल पे स्टीवार्ड द्वारा दी गई थी, तथा अनुरोध किया गया था कि सदस्य वहाँ पे अपने विचार रखें। इस नोटिफिकेशन को यहाँ देने के लिए तो मेरे से स्टीवार्ड MBisanz ने कहा था। और मेरी नजर में हिन्दी विकिपीडिया का कोई भी सदस्य इस निर्णय से सहमत नहीं होगा। अगर उस समय यहाँ के सदस्यों ने मयूर जी के पक्ष में वहाँ कुछ कहा होता तो शायद निर्णय ऐसा न होता।<>< Bill william comptonTalk 12:36, 23 मार्च 2012 (UTC)
I admit that I was a bit coward to openly come out in Mayur's support. Perhaps, this was because I was nurturing some (immature) hopes of getting a few extra buttons next to my username. Also because, I did and do think that some of Mayur's ideas about hi.wiki were wrong. That said, I have not been able to justify to myself any of the actions taken against him during last few days. I didn't comment on the RfC as I have very little knowledge about the issues mentioned therein. However, Aniruddh's brave step provided me with an idea on how best to react to this situation.
Frankly, I do realise now that these buttons don't matter at all. One fine day some steward from nowhere is gonna enter the scene and take them away anyway -- as they have done in this case. Also, I do feel now that administrative work is more of a nuisance rather than pleasure. So, I shall continue to edit here but request the sysops to take away all my rights on hi.wiki. For the record, I'm also removing this user template from my en.wiki userpage. Also, I henceforth won't be asking for any rights on any wikimedia project.
This is also in protest of the fact that many of the rights which were granted to me by proper community consensus on en.wiki have been taken away without caring so much as to even inform me or let me present my case. If there is any thing like principles of natural justice, they've certainly been violated in Mayur's case as well as mine. All in good faith. लवी सिंघल (वार्ता) 16:29, 23 मार्च 2012 (UTC)
बिल जी! मुंबई के जिमी जी के बीज वकतव्य की यह बात मुझे ठीक लगी थी कि सबसे महत्वपूर्ण है सामग्री जोड़ना। बाकी साज-सज्जा और प्रबंधन उसे व्यवस्थित रखने के लिए और बाद की चीजें हैं। मुश्किल यह है कि निर्णय लेने का अधिकार रखने वालों ने इतना देखना भी जरूरी नहीं समझा कि हिंदी विकिया के सदस्यों की संख्या इतनी अधिक नहीं है कि सदस्यों का कोइ समूह निरंतर रेफ्रेंस डिस्क के संदेश देखता रहे। यहां सभी जरूरी मुद्दे चौपाल पर सुलझ जाते हैं।। विकिया को छोटे भाषायी परियोजनाओं के साथ वही रवैया और प्रणाली नहीं अपनानी चाहिए जो बड़ी परियोजनाओं पर लागू हैं। यह विकिया परियोजनाओं के लिए आत्मघाती कदम होगा और जिमी की मंशा के प्रतिकूल भी। स्टुअर्ट को नहीं पता की उन लोगों ने मयूर से भी बड़ी गलती कर दी है। इस तरह तो कभी वे हमारी भागीदारी के बिना ही हिंदी विकिया बंद करने का निर्णय ले लेंगें। क्योंकि यहाँ कॉपीराइट उल्लंघन, प्रबंधन अव्यवस्था, संदर्भ का अभाव, सक्रिय सदस्यों की कमी आदी कितने ही कारणऐसी कार्यवाइ को उचित ठहराने के लिए गिनाए जा सकते हैं। अनिरुद्ध वार्ता 21:05, 23 मार्च 2012 (UTC)
- बिल्कुल सही कहा अनिरुद्ध जी। स्टीवर्ड्स ने मयूर से भी बड़ी गलती कर दी है। मयूर की तथाकथित गलती के लिए पूरे हिन्दी विकि प्रोजेक्ट का मानापचयन कर दिया गया; मयूर को कोई चेतावनी नहीं दी गयी; पूरी चर्चा में प्रायः उन लोगों के मत के आधार पर निर्णय लिया गया जो हिन्दी विकि से दूर दूर तक जुड़े ही नहीं हैं। मैं आरएफसी पर राय इसलिए नहीं रख सका था कि मैं वास्तविक जीवन में भारी व्यस्त था और अभी भी चल रहा हूँ, केवल हद पार हो जाने के कारण जैसे तैसे समय निकालकर लिख रहा हूँ।
- (कल्पना कीजिये) मुझे अगर कोई एक छोटे विकि को नष्ट-भ्रष्ट करने का बेहतरीन प्रोसीजर सोचने को कहता, तो मैं इससे बेहतर तरीका नहीं सोच सकता था। .... खैर। - Hemant wikikoshवार्ता 05:11, 26 मार्च 2012 (UTC)
Narayam
ऊपर रोहित जी द्वारा बताई गई समस्या को ध्यान में रखते हुए मैं हिन्दी विकिपीडिया पर Narayam सक्षम करने का प्रस्ताव रखता हूँ। यह प्रस्ताव Narayam में कुछ सुधार करने के पश्चात उसे यहाँ सक्षम करने का है। पूर्ण प्रस्ताव विकिपीडिया:चौपाल/Narayam पर पाया जा सकता है। सभी सदस्यों से अनुरोध है कि इसे अपना समर्थन दें ताकि टंकन सम्बंधी समस्याओं का समाधान किया जा सके। धन्यवाद--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 14:06, 21 मार्च 2012 (UTC)
- इस प्रयोग के लिये मेरा पूरा समर्थन है। -- अनुनाद सिंहवार्ता 14:50, 21 मार्च 2012 (UTC)
समर्थन। अनिरुद्ध वार्ता 01:15, 24 मार्च 2012 (UTC)
- समर्थन। --गुंजन वर्मासंदेश 08:02, 25 मार्च 2012 (UTC)
टंकण समस्या
मैं आमतौर पर इंटरनेट एक्सप्लोरर का प्रयोग करता हूँ लेकिन पिछले कुछ दिन से मैं एक अजीब समस्या का सामना कर रहा हूँ मैं जब भी सम्पादन पृष्ठ पर जाता हूँ तो अधिकतर समय हिन्दी टंकण का विकल्प दिखाई ही नहीं देता और मैं चाह कर भी सम्पादन नहीं कर पाता। मैं आल्ट+एफ५ दबाता हूँ पर पुन: अधिकतर समय कुछ नहीं होता। इसने मुझे परेशान किया हुआ है कोई हल सुझायें। इसी प्रकार गूगल क्रोम पर अंग्रेजी अक्षर गायब हो जाते हैं और अंग्रेजी टाइपिंग भी अक्षम रहती है, इसका क्या हल है? Dinesh smita (वार्ता) 16:47, 22 मार्च 2012 (UTC)
- दिनेश जी ऊपर रोहित जी ने भी कुछ ऐसी ही समस्या का विवरण किया है। इसे सुलझाने के लिये विकिपीडिया:चौपाल/Narayam पर प्रस्ताव है कि यहाँ Narayam extension सक्षम किया जाए, जिससे ये परेशानियाँ दूर हो जानी चाहियें। ये एक्स्टेंशन वर्तमान प्रणाली का ही नया रूप है। कृपया इसे अपने समर्थन दें ताकि इसे शीघ्र-अति-शीघ्र यहाँ सक्षम किया जा सके।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 10:15, 23 मार्च 2012 (UTC)
सुरक्षित पृष्ठ
हिन्दी विकिपीडिया पर कई ऐसे पृष्ठ हैं जिन्हें विभिन्न कारणों से सुरक्षित किया जाता है। परंतु इस समय इन पृष्ठों की सुरक्षा कब हटाई जानी चाहिये इस बात की जाँच की कोई प्रणाली नहीं है। अतः ऐसे कुछ पृष्ठ हैं जो महीनों या सालों से सम्पादित नहीं हुए हैं (शायद उनकी सुरक्षा के कारण)। ऐसे पृष्ठों की पहचान करने और उनपर उपयुक्त कदम उठाने के लिये मैंने सदस्य:Siddhartha Ghai/pp के उप-पृष्ठों में सुरक्षित पृष्ठों की सूची बनानी शुरू की है। ये सूचियाँ API द्वारा बनाई जा रही हैं और ये सुरक्षा स्तर के साथ ये जानकारी देती हैं कि पृष्ठ का अन्तिम सम्पादन कब हुआ था। अभी एक ही सूची बनाई है जो कि सदस्य:Siddhartha Ghai/pp/si1 पर है। ये वे पृष्ठ हैं जो अनिश्चितकाल के लिये पूर्ण सुरक्षित हैं। मेरे विचार में हमें इनकी जाँच करनी चाहिये और उपयुक्त रूप से सुरक्षा में परिवर्तन करना चाहिये। सभी प्रबंधकों से अनुरोध है कि जितने पृष्ठों की हो सके जाँच करें और आम सदस्य भी इसके लिये आमंत्रित हैं। यदि किसी सदस्य को कोई ऐसा पृष्ठ मिलता है जो असुरक्षित किया जाना चाहिये अथवा जिसका सुरक्षा स्तर घटाया जाना चाहिये, तो वे इसका अनुरोध विकिपीडिया:पृष्ठ सुरक्षा अनुरोध पर कर सकते हैं। अगर किसी प्रबंधक को किसी पृष्ठ की सुरक्षा के कारण पर संदेह हो तो वे भी विकिपीडिया:पृष्ठ सुरक्षा अनुरोध पर अन्य प्रबंधकों की राय लेने हेतु अनुरोध कर सकते हैं। धन्यवाद--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 08:21, 27 मार्च 2012 (UTC)
- नोट: किसी गड़बड़ी के कारण इसमें इस समय अर्ध-सुरक्षित पृष्ठ भी शामिल हैं।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 08:42, 27 मार्च 2012 (UTC)
- बग 33304 से सम्बंधित--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 10:12, 27 मार्च 2012 (UTC)
संयुक्त राज्य या संयुक्त राज्य अमेरिका
मेरे विचार से संयुक्त राज्य अमेरिका पूरा नाम लिखना उपयुक्त है क्योंकि अंग्रेज़ी में युनाइटॅड स्टेट्स एक नामवाचक संज्ञा है लेकिन हिन्दी में ऐसा नहीं है। अंग्रेज़ी में बहुत से स्थानों पर चीन के लिए द पीप्ल्स रिपब्लिक भी लिखा जाता है लेकिन हिन्दी में चीन का पूरा नाम चीनी जनवादी गणराज्य लिखा जाता है। ये सब हर भाषा की अपनी-अपनी विशिष्टाएँ हैं। कम से कम इन बातों की तो नकल ना की जाए। बाकी जो जैसा ठीक समझे लिखे। रोहित रावत (वार्ता) 16:09, 27 मार्च 2012 (UTC)
- आपने सही कहा रोहित जी, हिन्दी में संयुक्त राज्य का वह अर्थ निकलता ही नहीं जो अंग्रेज़ी में युनाइटॅड स्टेट्स से होता है। हिन्दी में पूरा नाम संयुक्त राज्य अमेरिका ही उपयुक्त व प्रचलित है।<>< Bill william comptonTalk 16:54, 27 मार्च 2012 (UTC)
Wikipatrika: Next Issue
Dear friends, I just sent an email to the Hindi mailing list regarding Wikipatrika. It's a fantastic way of celebrating the wonderful work of your community. I'm trying to help bring out the next issue in April 2012. Can i request you to create a page on the Hindi wikipedia and start adding content, and share this page with everyone else. You can create your stories in Hindi or in English. (Someone can then help translate it before it can move to wiki.wikimedia.in) Please do refer to my email for further details and please reach out to me if you need any help. Noopur28 (वार्ता) 10:10, 28 मार्च 2012 (UTC)
विधेयक
इस पृष्ठ के रचयिता ने विधेयक के सम्बन्ध में यह कहा है कि यह संसद द्वारा पारित विधि होती है जबकि विधेयक या बिल संसद में एक प्रस्ताव होता है और वह प्रस्ताव पारित होने के बाद अधिनियम बनता है। इस विषय को मिटाना उचित नहीं होगा क्योंकि विधेयक अपने आप में एक विषय है लेकिन इस पृष्ठ का आंकलन अति आवश्यक है।--Somesh virgo (वार्ता) 19:10, 28 मार्च 2012 (UTC)
बाहरी कड़ी
अंग्रेज़ी विकी में बाहरी कड़ी के reference में जब कोई लिंक डाला जाता है तो external links में वह लिंक पूरा-पूरा दिखाई देता है। लेकिन हिन्दी विकी में वह नम्बर के तौर पर आता है। ऐसा क्यों?--Somesh virgo (वार्ता) 21:35, 28 मार्च 2012 (UTC)
- यह आम तौर पर सभी स्रोतों के लिए लागू होता है। आप यदि चित्रों लिए भी स्रोत देंगे तो वे ऐसे ही दिखेंगे। इसके लिए आप citation का प्रयोग कर सकते है क्योंकि वही सही तरीका है सन्दर्भ देने का। या आम साधारणतः अंग्रेज़ी विकी के स्रोतों को कॉपी पेस्ट कर सकते है। यह भी कार्यरत होता है। अगर आप कोई नया लेख बना रहे है तो आप इस लेख में उदहारण देख सकते है। डीसी अवंती। यह लेख प्रथम हिन्दी विकी पर ही बनाया गया था और यहाँ पर सन्दर्भ कि कड़ियाँ साफ़ तौर पर देखी जा सकती है। अब जब आप external links (बाहरी कड़ियाँ) कि बात करते है तो सन्दर्भ और बाहरी कड़ियों में अंतर है। सन्दर्भ आपके कथनों कि पुष्टि के लिए है और बाहरी कड़ियाँ अधिक जानकारी के लिए। आशूबातकरें 05:49, 30 मार्च 2012 (UTC)
- यह कुछ ऐसे होता है:
- यह आम तौर पर सभी स्रोतों के लिए लागू होता है। आप यदि चित्रों लिए भी स्रोत देंगे तो वे ऐसे ही दिखेंगे। इसके लिए आप citation का प्रयोग कर सकते है क्योंकि वही सही तरीका है सन्दर्भ देने का। या आम साधारणतः अंग्रेज़ी विकी के स्रोतों को कॉपी पेस्ट कर सकते है। यह भी कार्यरत होता है। अगर आप कोई नया लेख बना रहे है तो आप इस लेख में उदहारण देख सकते है। डीसी अवंती। यह लेख प्रथम हिन्दी विकी पर ही बनाया गया था और यहाँ पर सन्दर्भ कि कड़ियाँ साफ़ तौर पर देखी जा सकती है। अब जब आप external links (बाहरी कड़ियाँ) कि बात करते है तो सन्दर्भ और बाहरी कड़ियों में अंतर है। सन्दर्भ आपके कथनों कि पुष्टि के लिए है और बाहरी कड़ियाँ अधिक जानकारी के लिए। आशूबातकरें 05:49, 30 मार्च 2012 (UTC)
लिखा पाठ | दिखने में |
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[http://hi.wikipedia.org] |
[10] |
[http://hi.wikipedia.org हिन्दी विकिपीडिया] |
हिन्दी विकिपीडिया |
http://hi.wikipedia.org |
http://hi.wikipedia.org |
- दिखने के इस तरीके में इसके दोनों ओर <ref></ref> लगाने से सिर्फ़ इतना फ़र्क आता है कि कड़ी वहाँ न दिखकर लेख में नीचे-नीचे दिखती है। बाकी नम्बर दिखेगा या फिर पूरा एड्रेस ये तो ऊपर दिये उदाहरणों में से किस प्रकार लिखा गया है उसी पर निर्भर करता है।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 10:34, 31 मार्च 2012 (UTC)
मेरा लेख आज का चित्र मुझे समुचित समय दिये बिना शीघ्र हटा दिया गया
मैंने बहुत समय पूर्व आज का चित्र शीर्षक से एक लेख दो चित्र फाइलों के साथ विकिपीडिया पर डाला था जिसे पूर्व सूचित किये बगैर एक दम हटा दिया गया यह सही है कि मैंने उस लेख के साथ दो चित्र भी डाले थे जिन पर लाइसेंस की अनुमति नहीं दी गयी थी वह अनुमति मैंने आज ही उन दोनों चित्र फाइलों पर दे दी है। आप सभी से अनुरोध है कि जल्दबाजी में लिये गये निर्णय पर पुनर्विचार करें ताकि मुझ जैसा सदस्य हिन्दी विकिपीडिया पर टिका रह सके धन्यवाद. Krantmlverma (वार्ता) 05:15, 30 मार्च 2012 (UTC)
- आप अपने चित्र का यहा नामान्कन कर सकते हैं Featured picture candidates, Valued image candidates तथा Quality images candidates Rajenver (वार्ता) 06:02, 30 मार्च 2012 (UTC)
"क्या आप जानते हैं" के नियमों में बदलाव
विकिपीडिया के सभी सदस्यों से मेरा अनुरोध है कि वे यहाँ हो रही चर्चा का हिस्सा बनके विकिपीडिया के मुख्यपृष्ठ के "क्या आप जानते हैं" अनुभाग के लिए सुझाए गए नए नियमों के प्रति अपनी राय दें व जल्द से जल्द इनको पास कराने में मदद करें जिससे अटके हुए नामित हुक पे इन नए नियमों का पालन हो सके व अनुभाग में नए हुक आ सकें। मेरा सदस्यों से यह भी अनुरोध है कि वे भी नए नियमों के अनुरूप लेखों को इस भाग के लिए नामित करें ताकि हिन्दी विकिपीडिया का यह विभाग जीवंत हो सके। धन्यवाद।<>< Bill william comptonTalk 12:12, 31 मार्च 2012 (UTC)
नारायम
प्रिय मित्रों नारायम अब हिन्दी विकि पर समर्थ कर दिया गया है अत: हिन्दी विकि से पुराना देवनागरी टूल हटा दिया गया है ताँकि नारायम प्रयोग करने में कोई दुविधा न हो। इस टूल को हिन्दी विकि पर लाने का प्रस्ताव लाने के लिये सिद्धार्थ घई को साधुवाद सहित धन्यवाद--Mayur (talk•Email) 04:01, 3 अप्रैल 2012 (UTC)
पृष्ठ हटाने हेतु चर्चा
हमारी वर्तमान पृष्ठ हटाने की नीति के अनुसार जो भी लेख शीघ्र हटाने योग्य नहीं हैं, उन्हें विकिपीडिया:पृष्ठ हटाने हेतु चर्चा से गुज़ारना पड़ेगा। परंतु अब तक यह चर्चा प्रक्रिया किसी सुगठित तरीके से नहीं चल रही। इसे सुगठित तरीके से चलाने के कुछ विकल्प इसके वार्ता पृष्ठ पर रखे हैं। सभी सदस्यों से अनुरोध है कि वे इसपर अपनी टिप्पणी एवं सुझाव दें। धन्यवाद--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 07:14, 7 अप्रैल 2012 (UTC)
हस्ताक्षर करने के लिए टिल्ड् कैसे टाइप करें?
कृपया कोई सदस्य मुझे यह बताए कि अपने हस्ताक्षर करने के लिए टिल्ड कैसे टाइप करें। अभी तो टिल्ड दबाने पर ्््् आ रहा है। अपने हस्ताक्षर वाले टिल्ड मैंने कहीं और टाइप किए और यहाँ डाल दिए हैं। धन्यवाद। रोहित रावत (वार्ता) 18:15, 8 अप्रैल 2012 (UTC)
- जब तक हिन्दी ट्रांस्लिटरेशन सक्षम है ~ और ` टाइप करना संभव नहीं है। टिल्ड टाइप करने के लिये आपको नारायम इनपुट
Ctrl + M
द्वारा अक्षम करना होगा। यह नारायम की एक ख़ामी है। इसके अतिरिक्त नारायम में इस समय लाघव चिन्ह ॰ टाइप करना भी संभव नहीं है। यदि किसी सदस्य के पास इन समस्याओं को दूर करने के लिये कोई key mapping के सुझाव हों तो अवश्य बताएँ। वर्तमान key mappings के लिये विकिपीडिया:नारायम देखें।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 21:02, 8 अप्रैल 2012 (UTC)
- टिल्ड टाइप करने के लिए तो फिलहाल संपादन के दौरान निचे दिए गए बटन का उपयोग किया जा सकता है जो विकिविनियास में मिलते है। एक और समस्या है। मैं ऑ या इसकी मात्रा टाइप करने में असमर्थ हूँ। निर्देशों के अनुसार यह O से हो जाना चाहिए परन्तु ऐसा नहीं हो रहा है। आशूबातकरें 02:22, 9 अप्रैल 2012 (UTC)
- कुछ नियम अभी ठीक इसलिए नहीं काम कर रहे क्योंकि यद्यपि पैच को मर्ज कर दिया गया है, इसे अभी डिप्लॉय नहीं किया गया है। जब तक ये डेप्लॉय नहीं होता तब तक इसमें जो कमियाँ ठीक की गई हैं वे दूर नहीं होंगी।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 18:47, 9 अप्रैल 2012 (UTC)
- इसके अनुसार 25 अप्रैल को ये बदलाव मीडियाविकि 1.20 के साथ यहाँ आ जाना चाहिये।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 19:40, 9 अप्रैल 2012 (UTC)
खाली पृष्ठ
हमारी वर्तमान हटाने की नीति के अनुसार मापदंड व5 के अंतर्गत खाली पृष्ठों को हटाया जा सकता है। परंतु इस मापदंड के संदर्भ में खाली पृष्ठ किसे माना जाएगा इसका ज़िक्र नहीं है। मार्डी फिश लेख को इसी कारण हटाने के लिये नामांकित किया गया है कि इसके अभी के अवतरण में इन्फोबौक्स के अतिरिक्त कुछ भी नहीं है। यद्यपि इसे आसानी से बढ़ाया जा सकता है, मैं समुदाय की इस बात पर राय जानना चाहूँगा कि ऐसे लेख जिनमें सिर्फ़ इन्फोबोक्स, नैवबौक्स, साँचा:आधार, या कोई चित्र ही हो (अर्थात एक भी वाक्य ना लिखा हो बस केवल साँचे और चित्र ही हों), उसे क्या इस मापदंड में गिना जा सकता है? या फिर ऐसे किसी भी पृष्ठ को चर्चा के बाद हटाया जाना चाहिये? मेरे विचार में ऐसे पृष्ठों में एक भी वाक्य ना होने के कारण वे "लेख" नहीं कहे जा सकते और उन्हें खाली ही मानना चाहिये। अन्य सदस्यों के विचारों का स्वागत है।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 04:24, 12 अप्रैल 2012 (UTC)
- मेरे विचार से हिन्दी विकि समुदाय का बहुमत आज तक इसी बात पर रहा है कि यदि किसी लेख में कुछ भी जानकारी है तो उसे हटाना नहीं जाहिये क्योंकि भविष्य में कोई भी नया संपादक उसका विस्तार कर सकता है। अत: हमें केवल विकिपीडिया:हटाना में दिये गये मापदण्डों को मानक मानकर ही लेखों पर कोई कार्यवाही करनी चाहिये।--Mayur (talk•Email) 15:30, 14 अप्रैल 2012 (UTC)
- मेरे विचार से यदि किसी लेख का नाम सही है और वह महत्वपूर्ण टॉपिक है (किन्तु खाली है), तो जितनी मेहनत उसे हटाने में लगाएंगे लगभग उतनी ही मेहनत में दो उपयोगी वाक्य लिखकर उसे आगे बढ़ा देना श्रेयस्कर है। -- अनुनाद सिंहवार्ता 05:27, 16 अप्रैल 2012 (UTC)
Updates & Ideas from and for Indic Communities
Greetings all!
I thought it would be useful to share the following updates from various Indic communities - which you might find interesting for the Hindi community.
- Odia community had a great weekend between March 30 and April 2 - including 3 outreach sessions and 1 community meetup. They shared a great report that includes lessons, solutions and next steps on outreach & community collaboration - which are applicable across many communities.
- Wikisource is seeing increased participation across communities and there is's a story that was shared about Gujarati community's Wikisource as well as an update from Shiju on a tool (DjVu) that will be useful to all Wiki librarians. If you are not familiar with Wikisource and want to know a little bit more, Amir Aharoni has written a basic introduction about it.
- Malayalam community is organizing the first Indic wiki conference ever - Sangamothsavam - on April 28-29 in Kollam, Kerala. They have very sweetly invited other Indic Wikimedians to attend, and we know that a couple of communities are going to be sending delegate - because they can take back ideas to their own communities.
- A couple of interesting Wikiprojects are active across different Indic communities. The medical project is up and running in Assamese, Bangla, Odia, Malayalam and Telugu. The Kannada community is working on a translation enhancement project
- India Program worked to several Indic communities on outreach, ideas for helping newbies, Wikiprojects as well as other technical support - and have prepared the following report for March. In April, the plan is to continue this support including Hindi editing at the Crafts Museum GLAM project as well as planning the 10th anniversaries of Nepali and Assamese.
- There are regular IRC meetings to discuss Indic languages, outreach and communication support that India Program provides. These are all logged here - and there are a couple of useful ones on how to establish and build Indic Wikisources as well as outreach, especially for Indic languages. (IRCs are conducted one 1st & 3rd Thursdays of every month at 9pm IST at #wikimedia-office. Please do join in; you'll find them very useful.)
Please reach out to Shiju or I for any support you need. (Our email IDs are shiju@wikimedia.org and noopur@wikimedia.org respectively.)
Please share your comments and ideas below on any of these updates. Noopur28 (वार्ता) 05:00, 16 अप्रैल 2012 (UTC)
विकिपत्रिका
विकिपत्रिका के मई 2012 के संस्करण के लिये कार्य विकिपीडिया:विकिपत्रिका/मई 2012 पर शुरू किया गया है। इसमें सभी हिन्दी विकिपरियोजनाओं से सम्बंधित जानकारी जोड़ने की आवश्यकता है। सदस्यों से अनुरोध है कि इसमें सहायता प्रदान करें। साथ ही, कृपया कोई भी जोड़ी जानकारी का अंग्रेज़ी अनुवाद विकिपीडिया:विकिपत्रिका/मई 2012/en पर जोड़ दें। चूँकि विकिपत्रिका अंग्रेज़ी में है अतः अंग्रेज़ी अनुवाद का प्रयोग किया जाएगा। धन्यवाद--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 09:54, 27 अप्रैल 2012 (UTC)
कुँजीपटल शॉर्टकट
• हिंदी विकिया पर सारे कुँजीपटल शॉर्टकट अंग्रेजी अक्षरों के साथ संबद्ध हैं। उदाहरण के लिए संवाद के लिए ऑल्ट+t, संपादित करें के लिए ऑल्ट+e, पुराने अवतरण के लिए ऑल्ट+h आदि। इन अंग्रेजी अक्षरों को हिंदी अक्षरों से बदलने की जरूरत है। क्योंकि हिंदी इनस्क्रिप्ट के साथ काम करने पर इन निर्देशों के लिए कुँजीपटल बदलने की जरूरत पड़ती है। शायद बहुत से लोग अभी रोमण कीबोर्ड से काम करते हों किंतु कीबोर्ड शार्टकट जिस उद्देश्य के लिए बने हैं वह हिंदी अक्षरों के साथ ही पूरा होगा। मसलन माइक्रोसॉफ्ट के हिंदी संस्करण और अंग्रेजी संस्करण के लिए अलग और उसी भाषा के अक्षरों वाले शार्टकट तय किए गए हैं। कृपया सॉफ्टवेयर संबंधी जानकारी रखने वाले सदस्य इस ओर ध्यान दें। अनिरुद्ध वार्ता 23:46, 27 अप्रैल 2012 (UTC)
- अनिरुद्ध जी, आप अपने अनुकूलन कुँजीपटल शॉर्टकटस् बना सकते हैं।<>< Bill william comptonTalk 00:16, 28 अप्रैल 2012 (UTC)
धन्यवाद। आपका दिया गया लिंक काफी काम का है। यद्यपि मुझे अब भी समझ नहीं आया कि कीबोर्ड शॉर्टकट बदला कैसे जाए। To disable or modify these access keys, add the code near the bottom of your own skin file (e.g., User:Example/vector.css). फिर भी अंग्रेजी विकिया पर ऐक्सेसिब्लिटी संबंधी पृष्ठ ठीक ढ़ंग से बना हुआ है। हिंदी विकिया पर अभी इसे करना पड़ेगा। अनिरुद्ध वार्ता 16:58, 28 अप्रैल 2012 (UTC)
- अनिरुद्ध जी, आपके विचार पर गौर करने के बाद मैंने हिन्दी विकी के लिए यह पृष्ठ विकिपीडिया:कुँजीपटल शॉर्टकटस बनाना शुरू कर दिया है। यदि कोई अनुवाद या समझने में दिक्कत आपको नज़र आती है तो उसे सुधारने के लिए आप स्वतन्त्र है। धन्यवाद। आशूबातकरें 06:06, 30 अप्रैल 2012 (UTC)
टंकण सहायता कड़ियाँ
इस समय मुख्य रूप से दिखने वाली टंकण सहायता कड़ियाँ जो कि पार्श्वपट्टी और साइटनोटिस मैं हैं, विकिपीडिया:देवनागरी में कैसे टंकण करें? पर जाती हैं। अब इस पृष्ठ पर विभिन्न ऑनलाइन एव्व्म ऑफ़लाइन टूल्स की जानकारी है परंतु विकिपीडिया की मूल इनपुट प्रणाली नारायम की जानकारी विकिपीडिया:नारायम पर है। अतः मेरे विचार में इन कड़ियों क पाठ वही रखते हुए इनका लिंक विकिपीडिया:नारायम का कर देना चाहिये। अन्य सदस्यों के विचार आमंत्रित हैं।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 12:16, 28 अप्रैल 2012 (UTC)
- यह विचार सही है और मै इससे सहमत हूँ. चूँकि अब डिफॉल्ट इनपुट विधि नारायम है तो हमें हिन्दी टंकण सहायता के लिए नारायम की विधि पहले देनी चाहिए. अन्य टूल्स व विधियां हम "इन्हें भी देखें" या "अन्य टूल्स" के विभाग में दे सकते है क्योंकि अधिकांश नए सदस्यों को नारायम के बारे में ज्ञान नहीं होता और वे केवल टूल्स ही खोजते रह जाते है। आशूबातकरें 04:42, 29 अप्रैल 2012 (UTC)
- Mediawiki:Sitenotice और Mediawiki:Sidebar में परिवर्तन कर दिये हैं। साथ ही पार्श्वपट्टी में कुछ कड़ियाँ सहायता से हटाकर योगदान वाले भाग में डाल दी हैं चूँकि वे experienced users से सम्बंधित थीं, नए सदस्यों से नहीं (अतः योगदान में वे सहायता से बेहतर fit बैठती हैं)। यदि कहीं और टंकण सहायता कड़ी ठीक करनी हो तो बताएँ और यदि किसी सदस्य को पार्श्वपट्टी में किये परिवर्तन से आपत्ती हो तो अवश्य बताएँ। धन्यावाद--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 08:52, 5 मई 2012 (UTC)
- यह विचार सही है और मै इससे सहमत हूँ. चूँकि अब डिफॉल्ट इनपुट विधि नारायम है तो हमें हिन्दी टंकण सहायता के लिए नारायम की विधि पहले देनी चाहिए. अन्य टूल्स व विधियां हम "इन्हें भी देखें" या "अन्य टूल्स" के विभाग में दे सकते है क्योंकि अधिकांश नए सदस्यों को नारायम के बारे में ज्ञान नहीं होता और वे केवल टूल्स ही खोजते रह जाते है। आशूबातकरें 04:42, 29 अप्रैल 2012 (UTC)
निर्वाचित चित्र
इस सप्ताह जो निर्वाचित चित्र साँचा लगना था उसका चित्र कॉमन्स से किसी कारण से हटा दिया गया था। अतः मुखपृष्ठ पर लाल कड़ी दिख रही थी। ऐसे में मैंने अगले सप्ताह के साँचे को इस सप्ताह में प्रयोग कर लिया था। अब अगले सप्ताह के साँचे (साँचा:प्रमुख चित्र सप्ताह १८ वर्ष २०१२) को बनाने की आवश्यकता है। आम तौर पर आशीष जी ये कार्य संभालते हैं, पर लगता है वे किसी कारण पिछले कुछ दिनों से यहाँ नहीं आ पाए हैं। ऐसे में अनुरोध है कि इस प्रक्रिया क अनुभव रखने वाला कोई सदस्य इस साँचे को बना दे ताकि अगले सप्ताह कार्य ठीक चलता रहे। धन्यवाद--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 13:33, 28 अप्रैल 2012 (UTC) हां, मैंने उसे सुधार दिया है। ध्यान न दे पाने हेतु क्षमाप्रार्थी हूं।-- प्रशा:आशीष भटनागरवार्ता 09:40, 5 मई 2012 (UTC)
अनुवाद
Hello. I am sorry that I don't speak Hindi. Can someone help us with a translation please? http://en.wikipedia.org/wiki/Wikipedia:Reference_desk/Language#Language_poster Thank you. गूगल अनुवाद: हैलो.मुझे खेद है कि मैं हिन्दी बात नहीं करते. किसी अनुवाद कृपया के साथ हमारी मदद कर सकते हैं? http://en.wikipedia.org/wiki/Wikipedia:Reference_desk/Language#poster.2Fhi शुक्रिया. 184.147.123.69 (वार्ता) 15:42, 1 मई 2012 (UTC)
Yours truly
जब हम अंग्रेजी में कोई पत्र लिखते हैं तो Yours truly, yours sincerely या yours faithfully जैसे वाक्यांशों से पत्र का समापन करते है। कृपया कोई मुझे इन वाक्याशों का हिन्दी समकक्ष शब्द सुझाएगा?Dinesh smita (वार्ता) 11:19, 2 मई 2012 (UTC)
- अर्थ : (भवदीय, आपका विश्वासपात्र) यह (Yours truly, yours sincerely या yours faithfully) के हिन्दी पर्यायवाची शब्द है। आनन्द विवेक सतपथी सन्देश 12:10, 2 मई 2012 (UTC)
- लेकिन क्या, औपचारिक आधिकारिक पत्रों में आपका विश्वासपात्र या फिर आपका निष्ठावान जैसे वाक्यांश प्रयोग किये जा सकते हैं?Dinesh smita (वार्ता) 05:25, 4 मई 2012 (UTC)
- हिन्दी में अधिकांशतः भवदीय का ही प्रयोग करते हैं। हां विद्यालय आदि के लिये आपका आज्ञाकारी प्रयोग किया जाता है, किन्तु विश्वासपात्र आदि कहीं नहीं देखा। यह आवश्यक नहीं कि सभी भाषाओं में सभी नियम समान हों, अतः प्रत्येक शब्द का हिन्दी अनुवाद शब्दशः नहीं किया जाता है, ऐसे ही अंग्रेज़ी भी शब्दशः अनुवाद नहीं करती है।-- प्रशा:आशीष भटनागरवार्ता 09:38, 5 मई 2012 (UTC)
- लेकिन क्या, औपचारिक आधिकारिक पत्रों में आपका विश्वासपात्र या फिर आपका निष्ठावान जैसे वाक्यांश प्रयोग किये जा सकते हैं?Dinesh smita (वार्ता) 05:25, 4 मई 2012 (UTC)
नारायम
नारायम में ज़, ड़, क़ और ढ़ जैसे अक्षर कैसे टाइप करने हैं?Dinesh smita (वार्ता) 11:25, 2 मई 2012 (UTC)
- सहायता के लिये देखें विकिपीडिया:नारायम। अगर उससे स्पष्ट ना हो तो समझने में आई परेशानी का उल्लेख करें ताकि उसे बेहतर बनाया जा सके।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 08:55, 5 मई 2012 (UTC)
प्रबंधक सम्बंधी नीतियाँ
इस समय प्रबंधकों सम्बंधी नीतियाँ बताते कम-से-कम निम्न तीन पृष्ठ हैं:
मेरे विचार में इन तीनों को सुगठित कर के विकिपीडिया:प्रबन्धक में मिला देना चाहिये ताकि सारी जानकारी एक जगह एकत्रित हो। साथ ही प्रबंधकों के नामांकन, उन नामांकनों की स्वीकृति और प्रबंधकों को हटाने से सम्बंधित नीतियों पर चर्चा की भी आवश्यकता है; चूँकि अब वरिष्ठ सदस्यों का सदस्य समूह अलग नहीं है, अतः इन नीतियों को अद्यतन की आवश्यकता है। सदस्यों से अनुरोध है कि वे इस संबंध में अपने विचार रखें। धन्यवाद--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 09:02, 5 मई 2012 (UTC)
- मेरे विचार में दो पृष्ठों की आवश्यकता है, पहला विकिपीडिया:प्रबन्धक, जिसका उद्देश्य सदस्यों को हिन्दी विकिपीडिया पे "प्रबंधक" के पद से परिचय देना होगा। इस पृष्ठ में प्रबंधक पद की परिभाषा, कर्तव्यों, व प्रबंधक बनने की प्रक्रिया का विवरण होगा। दूसरा पृष्ठ सदस्यों से ज्यादा निवर्तमान प्रबंधकों के लिए ज्यादा उपयोगी होगा, इसमें प्रबंधक के कार्य, टूल्स व अधिकार, आदि का विवरण होगा। इस पृष्ठ में हम सभी महत्वपूर्ण पृष्ठों जैसे विकिपीडिया की पृष्ठ हटाने की निति, सदस्य अवरोध करने की निति आदि के लिंक दे सकते हैं। अगर किसी को इस प्रारूप से कोई दिक्कत न हों तो में इस विलय और नए पृष्ठ के निर्माण में सहायता कर सकता हूँ। रही बात विकिपीडिया पे प्रबंधक बनने, नामांकन प्रक्रिया, प्रबंधक हटाने, आदि की नीतियों से सम्बन्धित तो इसके लिए में एक प्रलेख तैयार कर सकता हूँ जिसे सभी सदस्यों की स्वीकृति के बाद लागू किया जा सकता है। कृपया इसमें अपने विचार रखें।<>< Bill william comptonTalk 15:19, 8 मई 2012 (UTC)
- मैं आपकी बातों से सहमत हूँ। एक पृष्ठ प्रबंधक-सम्बंधी जानकारी के लिये (नीति, नामांकन, निष्कासन इत्यादि) और एक पृष्ठ प्रबंधकों की सहायता के लिये, ताकि सभी प्रबंधक अपने सारे कार्यों को ठीक से जान सकें, नए प्रबंधक उस पृष्ठ के प्रयोग से जानकारी पा सकें और सदस्य नामांकन करने से पहले जान सकें कि प्रबंधक बनकर क्या करना होता है)। कृपया नीति के संबंध में कार्य शुरू करें, मैं कोशिश करूँगा कि प्रबंधक सहायता पृष्ठ को बनाऊँ। कार्य शुरू करने पर ड्राफ़्ट की कड़ी यहाँ अवश्य दे दें। धन्यवाद--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 10:49, 11 मई 2012 (UTC)
बर्बरता की परिभाषा
विकिपीडिया के संदर्भ में क्या कहीं बर्बरता की परिभाषा दो गई है?
मुख्य रूप से मेरा प्रश्न इस संदर्भ में है कि क्या जो पृष्ठ केवल attack pages के रूप में बनाए गए हैं, अर्थात जिनपर किसी व्यक्ति/वस्तु/प्रोडक्ट/कंपनी/समूह इत्यादि पर मानहानिकारक बातों के अतिरिक्त कुछ भी नहीं है, उसे पृष्ठ हटाने की नीति में बर्बरता के अंदर माना जाए या नहीं?
यह प्रश्न इसलिए उठा रहा हूँ क्योंकि पुराने अंग्रेज़ी साँचे (जो श्र:शीघ्र हटाने हेतु साँचे में पाए जा सकते हैं), या तो हटाए जाने हैं या पुनर्निर्देशित किये जाने हैं। इसमें एक साँचा है साँचा:Db-g10। क्या इसे साँचा:शीह-व3 पर पुनर्निर्देशित किया जाना चाहिये या हटाया जाना चाहिये?
सदस्य कृपया सहायता दें। आभारी--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 12:49, 5 मई 2012 (UTC)
- विकिपीडिया की परिभाषा में किसी भी तरह का संपादन जो विकिपीडिया की [मूल] नीतियों के विरुद्ध है वो बर्बरता है। बर्बरता एक व्यापक शब्द है और हर तरह का कार्य जो विकिपीडिया की नीतियों के विरुद्ध है उसे बर्बता में डाल सकते हैं, अगर उसके लिए पर्याप्त शब्दावली की कमी है। तो मेरे विचार से सम्बन्धीत साँचे को पुनर्निर्देशित करना चाहिए।<>< Bill william comptonTalk 15:01, 8 मई 2012 (UTC)
विशेष पृष्ठ अनुवाद
ट्रांसलेटविकि पर विशेष पृष्ठों के नामों का अनुवाद संभव है, परंतु अब तक हिन्दी में इनका अनुवाद नहीं किया गया है। चूँकि इनका अनुवाद सभी के लिये होता है, अतः इनका अनुवाद करने के लिये सर्वसम्मति की आवश्यकता है। अतः विकिपीडिया:चौपाल/विशेष पृष्ठ अनुवाद पर इन पृष्ठों के नामों के अनुवाद प्रस्तावित हैं। सदस्यों से अनुरोध है कि वे इन्हें देखें और अपनी टिप्पणी एवं सही लगें तो समर्थन प्रदान करें। धन्यवाद--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 16:04, 6 मई 2012 (UTC)
- सिद्धार्थ जी! नमस्कार!! क्या मैं इस पृष्ठ को सम्पादित कर दूँ? क्योंकि बड़ा डर लगता है कुछ लोग खाँमोखाँ को मेरे पीछे हाथ धोकर पड़े हुए हैं वे यह कहकर उसे हटा या मिटा सकते हैं कि मैंने किस अधिकार से इस पृष्ठ को सम्पादित किया? आप तो जानते ही हैं मुझे कोई विशेषाधिकार तो प्राप्त हैं नहीं। कृपया इसे अन्यथा न लें धन्यवाद,Krantmlverma (वार्ता) 07:42, 8 मई 2012 (UTC)
- नमस्कार क्रांत जी। कृपया यहाँ के किसी भी सदस्य के कार्यों को अन्यथा ना लें। मुझे हमारे सह-कारियों पर पूरा भरोसा है कि वे अच्छी मंशा से ही कार्य कर रहे हैं, चाहे उनके विचार आपसे कुछ भिन्न हों। जहाँ तक रही बात इस पृष्ठ के संपादन की, तो आप कोई भी नया अनुवाद जोड़ सकते हैं (चाहे अनुवाद किया गया हो)। बस इतना अनुरोध है कि वर्तनी की गलती के अलावा कोई अनुवाद हटाएँ ना (चाहे उसमें अंग्रेज़ी शब्दों का देवनागरीकरण हो), अनुवाद अच्छा ना लगने पर चर्चा भाग में बताएँ ताकि पता चल सके कि उस अनुवाद के संबंध में अन्य सदस्यों के क्या विचार हैं। सहायता के लिये आपका धन्यवाद--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 14:01, 9 मई 2012 (UTC)
प्रिय सिद्धार्थ जी! उपरोक्त में से मैंने सही को टिक कर दिया है और कुछ जगह जो मुझे गलत लगे उनके आगे क्रॉस भी लगा दिया है। कृपया देख लेवें। Krantmlverma (वार्ता) 06:15, 11 मई 2012 (UTC) :डॉ॰'क्रान्त'एम०एल०वर्मा (talk•Email)
जनार्पीत नहीं, जनार्पित
जब भी हम किसी पृष्ठ को सम्पादित करते हैं तो नीचे लिखा आता है:
"आप यह भी प्रमाणित कर रहे हैं कि यह लेख सामग्री आपने स्वयं लिखी है अथवा जनार्पीत या किसी अन्य मुक्त स्रोत से कॉपी की है। कॉपीराइट वाले लेखों को, बिना अनुमति के, यहाँ नहीं डालिये !"
मेरे विचार से यहाँ पर जनार्पीत के स्थान पर जनार्पित होना चाहिये। क्यों जी! ठीक है न। Krantmlverma (वार्ता) 07:42, 8 मई 2012 (UTC)
- मीडियाविकि:Wikimedia-copyrightwarning में यह त्रुटि थी जो ठीक कर दी गई है।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 14:41, 17 मई 2012 (UTC)
Article translation request
I am trying to find someone who can help to translate User:Russavia/Polandball into Hindi. If anyone could help with that, it would be great if you could drop me a message on email (russavia.wikipedia@gmail.com) or on my Commons talk page (Commons:User_talk:Russavia). All editors have my permission to edit the article at User:Russavia/Polandball to do the translation.
The article already exists on Russian, Spanish, Catalan, Arabic, Dutch, Greek, Swahili, Persian, etc Wikipedias. Any help with translating this article would be greatly appreciated
In return for a translation of the article, I will upload 50 new Indian-related images to Commons, from a range of subjects. Russavia (वार्ता) 23:17, 10 मई 2012 (UTC)
- Listed at विकिपीडिया:अनुवाद अनुरोध which is the standard page for translation requests (use it only if you have the link to the article in another language, for new articles use विकिपीडिया:अनुरोधित लेख).
- मैं हिन्दी विकिपीडिया के सदस्यों को इन पृष्ठों से अवगत कराना चाहता हूँ।
- विकिपीडिया:अनुवाद अनुरोध पर विभिन्न विषयों के लेखों को किसी अन्य विकिपीडिया से अनूदित करने के अनुरोध डाले जा सकते हैं और जो सदस्य उनमें रुचि रखता हो वह अनुवाद कर सकता है।
- विकिपीडिया:अनुरोधित लेख में वर्णानुसार कई लेखों की सूची है जो विकिपीडिया पर नहीं हैं और होने चाहियें। सदस्य इस पृष्ठ पर वर्णानुसार या विषयानुसार अनुरोध कर सकते हैं यदि उनके पास किसी अन्य विकिपीडिया की कड़ी ना हो (अर्थात नए लेख का अनुरोध करना हो, अनुवाद का नहीं)।
- सदस्यों से अनुरोध है कि वे इन दो पृष्ठों को अपनी ध्यानसूची में जोड़ लें और इनपर आने वाले अनुरोधों पर लेख बनाकर हिन्दी विकिपीडिया को समृद्ध करें।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 11:05, 11 मई 2012 (UTC)
राम प्रसाद 'बिस्मिल' पृष्ठ पर लाला हरदयाल के चित्र को न हटाये जाने के सम्बन्ध में
प्रिय लवी सिंहल! उपरोक्त लेख पर मेरे द्वारा अप्लोड किये गये चित्र (चित्र:Patron of Ram Prasad Bismil.gif) को स्रोत और लाइसेंस जानकारी सहित विकिमीडिया कॉमन्स पर उपलब्ध होने के कारण इसलिये नहीं हटाया जाना चाहिये क्योंकि इसे मैंने अपने नोकिया मोबाइल से स्वयं खींचा और उसके बाद मोबाइल पर ही उपलब्ध मल्टीमीडिया टूल्स का उपयोग करके इसे सम्पादित करते हुए नाम व फ्रेम आदि डालकर इसे आकर्षक बनाने का प्रयास किया है। यह चित्र निश्चित रूप से कला-पारखियों को पसन्द आयेगा। अब जिन्हें यह दृष्टि ही प्राप्त न हो उनको तो मैं कुछ नहीं कह सकता। नमस्कार!--Krantmlverma (वार्ता) 07:49, 11 मई 2012 (UTC):डॉ॰'क्रान्त'एम०एल०वर्मा (talk•Email)
जैन धर्म
नमस्कार मैं पिछले कई वर्षों से जैनधर्म का अध्ययन और अध्यापन कर रहा हूँ इसलिए इस विषय पर काफी जानकारी है इसलिए मुझे संपादन की अनुमति प्रदान करें. प्रवीण जैन
- ज्ञान होना अच्छी बात है परन्तु आपको संपादन करने के लिए पहले पंजीकृत होना होगा। संपादनों में आपको स्रोत देना अनिवार्य है अन्यथा आपके संपादन हटा दिए जाएँगे। आशूबातकरें 09:43, 15 मई 2012 (UTC)
- प्रवीण जी, आपका विकिपीडिया पर संपादन करने के लिये स्वागत है। यद्यपि आपको सभी सदस्य पंजीकृत सदस्य बनने की सलाह देंगे, परंतु यदि आप पंजीकृत होना नहीं चाहते, तो यह अनिवार्य नहीं है। आप पंजीकरण के बिना भी विकिपीडिया संपादित कर सकते हैं! अधिक जानकारी हेतु विकिपीडिया संपादन स्वशिक्षा लें।--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 18:44, 15 मई 2012 (UTC)
- प्रवीण जी, 'जैन धर्म' पर हिन्दी विकिपिडिया पर बहुत कुछ लिखने की जरूरत है। इसलिये आपका हिन्दी विकी पर विशेष स्वागत है। आप लिखना शुरू करें। स्रोत आदि बातें बाद की बातें हैं। पंजीकृत हो लें तो अच्छा है, नहीं तो बिना पंजीकरण के भी सम्पादन कर सकते हैं। स्वागतम! -- अनुनाद सिंहवार्ता 03:44, 16 मई 2012 (UTC)
Updates and Ideas for and from the India communities (May 2012)
Greetings! Here is another series of updates from across Indic language communities which might be useful for the Hindi community!
- The first Indian language Wikipedia conference: WikiSangamolsavam was successfully conducted by Malayalam Wikipedians in Kollam, Kerala.
- The Film project in Hindi Wikipedia has been active since December, 2011 with 4 editors and over 1000 film articles. It's also an open invitation for more members to hop in and expand the project scope.
- Gujarati Wikipedians have started working on their third book on Wikisource called Bhadrambhadra. They are also planning to conduct a Wiki summer camp for students in Gujarat.
- The Assamese community is doing great on a bunch of projects including the CD project, medicine project and the ongoing photo contest organized by volunteers. The community is also planning an event to celebrate the 10th anniversary of Assamese Wikipedia on June 10th, 2012.
- The translation project in Kannada Wikipedia is 12 members strong.
- The Odia community members have implemented the social media pilot to attract newbies and engage them in editing via Facebook. This plan requires mentors from the existing community to guide new users to edit Wikipedia
- Here's is a list of all the Outreach documents translated in Indic languages by respective community members. This is work in progress and all community members are welcome to help translate more documents!
- Here's a blog post by Barry Newstead, the Chief Global Development Officer, WMF on his wonderful experience at the WikiSangamolsavam in Kerala.
- Please reach out to Shiju or I for any support you need. (Our email IDs are shiju@wikimedia.org and noopur@wikimedia.org respectively.)
Please share your comments and ideas below on any of these updates.Noopur28 Noopur28 (वार्ता) 09:16, 16 मई 2012 (UTC)
प्रिय भवानी भाई! नमस्कार। आपने उपरोक्त लेख में गये को परिवर्तित करके प्रत्येक स्थान पर गए कर दिया है जो मेरी दृष्टि से उचित नहीं है। कारण समझ लीजिए- हुआ, हुई और हुए तीनों ही शब्द सही है। इनका प्रयोग एकवचन, स्त्रीलिंग और बहुवचन के साथ होता है। अब यदि इसी आधार पर कम्प्यूटर में गयी और गये लिखने के बजाय गई और गए लिखें तब फिर फिर एकवचन के साथ हमें गआ ही लिखना होगा जो निस्सन्देह अटपटा-सा लगेगा। सम्भवत: इसीलिये प्रयोग में एकवचन के साथ हम हमेशा गया ही लिखते हैं, गआ नहीं। मैं समझता हूँ आप भी मेरी इस बात से सहमत होंगे। यदि सम्भव हो तो मेरे वार्ता पृष्ठ पर इसकी चर्चा कर लें। धन्यवाद।Krantmlverma (वार्ता) 06:55, 17 मई 2012 (UTC)
- क्रान्त जी आप ने बहुत अच्छा सवाल खडा किया। एक वचन में बच्चा बहु० में बच्चे, लडका-लडके, अच्छा-अच्छे। लेकिन क्या करें क्रिया के रूपों में आधुनिकतम पाठ्य-पुस्तक में गया - गए, आया -आए, समझाया - समझाए को ही मानक रुप में लिया गया है। देखिए न हम तो कीजिये, लिखिये, लिखकर भी काम चला लेते हैं। परन्तु काम चलाना अलग मानक रुप को लिखना अलग। कृपया केन्द्रीय हिन्दी संस्थान द्वारा प्रकाशित पाठ्य-पुस्तकों में देखिए, यही संस्थान हिन्दी की सबसे बडी संस्था है। हिन्दी भाषा विज्ञान की व्याख्या यहीं से होती है, देश-विदेश के शिक्षक यहीं से प्रशिक्षण लेते हैं।
बच्चा का बहुवचन बच्चे है तो गया का गये क्यों नहीं? गए लिखेंगे तो गआ होना चाहिए मैं भी सहमत हूँ। कभी-कभी व्याकरण में प्रमाण होने पर भी कुछ नहीं हो सकता। हिन्दी में नाक स्त्रीलिंग में है, जैसे मेरी नाक पतली है या लम्बी है आदि, इसके विपरीत कान पुंलिंग में जैसे मेरा कान या मेरे कान। शरीर के एक ही प्रकार के अंगों में भी भेदभाव? फिर भी नाक स्त्रीलिंग में ही है और कान पुलिंग में।भवानी गौतम (वार्ता) 09:55, 17 मई 2012 (UTC)
- प्रिय भवानी भाई! इस प्रकार के कई सवाल मैंने अपने मित्र स्वर्गीय डॉ॰ श्यामबहादुर वर्मा जी के समक्ष उठाये थे। वह मेरी बात से शत प्रतिशत सहमत थे। उन्हॉने मुझे मानदेय प्रदान करते हुए कई बार अपने निवास पर बुलाया और कई शब्दों की व्युत्पत्ति को लेकर गम्भीर चर्चाएँ भी कीं। इसका उल्लेख उन्होंने अपने ग्रन्थ वृहद हिन्दी शब्दकोश की भूमिका में किया है। यह ग्रन्थ प्रभात प्रकाशन दिल्ली ने छापा है। परन्तु अब किसके पास इतना समय है। बहरहाल हम अपना धर्म निभा रहे हैं आप भी अपना धर्म पूरी ईमानदारी से निभाते जाइये। यह दुनिया है, यूँ ही चलती रहेगी। आपने मेरा मन्तव्य समझा इसके लिये आपको हृदय से बहुत-बहुत साधुवादKrantmlverma (वार्ता) 10:21, 17 मई 2012 (UTC)
एक ही नाम के दो अलग अलग लोगो के बारे में जानकारी
मित्रो आपसे जानकारी चाहिए | अगर एक ही नाम के दो अलग अलग व्यक्ति के बारे में जानकारी देनी हो तो क्या करना होगा और यदि दोनों का कार्यक्षेत्र सामान हो तो क्या करना चाहिए ?
- ऐसी स्थिति में आप उन दोनों व्यक्तियों के नाम के आगे कोष्टक लगाकर लिख स्वकते हैं कि वे किस क्षेत्र में कार्यरत हैं। उदाहरण के लिए यदि राम प्रसाद नाम के दो व्यक्ति हैं जिनके बारे में लेख लिखना है तो इस प्रकार लिख सकते हैं राम प्रसाद (संगीतकार) और राम प्रसाद (वैज्ञानिक)। और यदि दोनों एक ही कार्यक्षेत्र से हों तो इसके लिए उनके जन्म वर्ष से उन्हें पहचाना जा सकता है जैसे राम प्रसाद (जन्म १९५६) और राम प्रसाद (जन्म १९६६)। यह एक उपाय है। अब यदि कोई राजनीति में हो और विभिन्न राजनैतिक दलों से सम्बन्धित हों तो कोष्टक में नाम के साथ उस राजनैतिक दल का नाम लिख सकते हैं। और यदि दोनों एक ही दल में हों तब जन्मवर्ष से समस्या सुलझाई जा सकती है। रोहित रावत (वार्ता) 16:59, 17 जून 2012 (UTC)
Updates on social media pilot
Greetings! Here is a small update on the Social Media pilot supported by India Program. This pilot is running on two Facebook groups for Wikipedia activities: one in English (One is You can also write on Wikipedia) and one in Odia (Odia Wikipedia). Both of these are being piloted to see if we can explain the very basics of editing to new editors and to encourage them to make their first basic edits. This is done You can visit these groups to see the regular editing sessions that we are conducting there. So far, we have been able to get 30 first time editors in English and 10 in Odia - all of whom have completed a few basic tasks (like creating usernames, corrected mistakes, adding references, inter-wiki links!)
Facebook is a useful way of engaging with young users because they are more comfortable there. Here is a 19 point comprehensive guide that we've developed to illustrate the kind of language, nature of messages and way of interacting on Fb that you might find useful and can implement on your groups as well. Please note the mini-editing sessions we have devised with just 5 tasks to make the start of a new editor's Wiki journey really simple! If you need any help to try this pilot in your group please write to me (noopur@wikimedia.org). (Even if your community does not yet have a facebook page, or if the page is inactive right now, I can support you.) Happy to help! Noopur28 (वार्ता) 08:42, 29 मई 2012 (UTC)
- क्या हिंदी विकी का फेसबुक पर् कोई पृष्ठ अस्तित्व मे है। मुझे ढुंढने पर नही मिला। --गुंजन वर्मासंदेश 07:50, 2 जून 2012 (UTC)
Update on IPv6
(Apologies if this message isn't in your language. Please consider translating it, as well as the full version of this announcement on Meta)
The Wikimedia Foundation is planning to do limited testing of IPv6 on June 2-3. If there are not too many problems, we may fully enable IPv6 on World IPv6 day (June 6), and keep it enabled.
What this means for your project:
- At least on June 2-3, 2012, you may see a small number of edits from IPv6 addresses, which are in the form "
2001:0db8:85a3:0000:0000:8a2e:0370:7334
". See e.g. w:en:IPv6 address. These addresses should behave like any other IP address: You can leave messages on their talk pages; you can track their contributions; you can block them. (See the full version of this announcement for notes on range blocks.)
- In the mid term, some user scripts and tools will need to be adapted for IPv6.
- We suspect that IPv6 usage is going to be very low initially, meaning that abuse should be manageable, and we will assist in the monitoring of the situation.
Read the full version of this announcement on how to test the behavior of IPv6 with various tools and how to leave bug reports, and to find a fuller analysis of the implications of the IPv6 migration.
--Erik Möller, VP of Engineering and Product Development, Wikimedia Foundation 01:01, 2 जून 2012 (UTC)
Distributed via Global message delivery. (Wrong page? Fix here.)
नमस्कार मित्रों, मैने मॉनमाउथ रेजिमेंटल संग्रहालय को इस वर्ष का दूसरा निर्वाचित लेख बनने के लिए नामित किया है। मेरा आपसे विनयपूर्वक अनुरोध है कि अपनी अमूल्य टिप्पणियाँ नामांकन पृष्ठ पे देकर इस लेख को निर्वाचित बनने में मदद करें, धन्यवाद।<>< Bill william comptonTalk 14:17, 3 जून 2012 (UTC)
सदस्यों की जीवनी से भरा हिन्दी विकिपीडिया
प्रिय मित्रों, हम बहुत दिनों से देखते आए हैं कि हिन्दी विकिपीडिया में सदस्य (user) ही अपना परिचय डलवाने में व्यस्त दिखते हैं। कई ऐसे स्वयं निर्मित अन्य द्वारा निर्मित जीवित सदस्य जीवनियों को हटाया भी गया। विकिपीडिया ज्ञान का प्रसार करने का एक महत्वपूर्ण जरिया होना चाहिए। इसके यूजर ही अपने को नोटेबल मानकर अपना परिचय देते जाएंगे तो ज्ञान का प्रसार करना दूर की बात होगी और हास्यपीडिया जरुर बनेगा। User:Krantmlverma और मदनलाल वर्मा 'क्रान्त', सदस्य:पूर्णिमा वर्मन और पूर्णिमा वर्मन, सदस्य:Dr.jagdish और जगदीश व्योम, सदस्य:शार्दूल और शार्दूल पाण्डेय, यह भी। क्या करें। ये सभी हटाए जाने चाहिए। अपने विचार रखें।भवानी गौतम (वार्ता) 16:02, 3 जून 2012 (UTC)
- Thanks a ton Bhawani for raising this very important issue being constantly ignored here on hi.wp. An additional issue that we should be dealing with is the notability criteria that should be employed. The page on M. L. Verma survived on en.wiki mainly because the administrators there opined that he has some coverage in Hindi media whose reliability they were unable to assess. We know very well that essentially all of Hindi media are ready to publish small news articles on almost everybody and anybody. Does that make one notable? I remember very well that newspapers of the likes of नव भारत, दैनिक भास्कर etc. in my previous city used to (if not even now) publish news articles of students who secure first position in their class examinations. Does that make each such student notable? I'm sure other Indian editors must be having similar experiences to recount. We need to ponder over this. लवी सिंघल (वार्ता) 17:30, 3 जून 2012 (UTC)
फलाने लेखको इसलिए यहाँ रखा जाय क्योंकि वह अंग्रेजी में है अथवा अंग्रेजी में रखा जाय क्योंकि वह हिन्दी में हैं। जैसे यहाँ पर हुआ। जब हिन्दी में प्रस्ताव आएगा तो बोला जाता है यह लेख अंग्रेजी में है या (बच गया) और हिन्दी में रखा जाना चाहिए। दूसरे विकि का हवाला देकर लेख को न परखा जाय। संदर्भ और स्रोत वहीं पर हो, उसीको समझा जाय। हिन्दी नसझमने के कारण ही यह हुआ-भवानी गौतम (वार्ता) 00:25, 4 जून 2012 (UTC)
- मैरे अनुसार यदि यह ज़रुरी होगा तो समाचार पत्र में इस बारे में जरुर होगा परन्तु लेख मे केवल समाचार पत्रो का नाम ही दिया है। साथ हि इस यह किसी ज्ञान वाला लेख नही है। जैसे गणित, रसायन या अन्य से जुडा हुआ। अत: मैरे भी अनुसार इसे हटाया जाना चाहिये। आनन्द विवेक सतपथी वार्ता 02:00, 4 जून 2012 (UTC)
- भवानी जी, मैने यह हवाला तो कभी दिया ही नहीं कि चूँकि यह लेख अंग्रेज़ी विकिपीडिया पे बच गया था इसलिए यह यहाँ भी बचना चाहिए। वहाँ हुई चर्चा का लिंक देने से मेरा तात्पर्य इसी से था कि वहाँ भी लेख के विषय को एक हद तक उल्लेखनीय माना गया था। अगर जहाँ तक रही बात मेरी व्यक्तिगत राय कि तो मैं भी इस लेख को हटाना ही चाहता हूँ। परन्तु विकिपीडिया पे अपनी निजी राय से कार्य नहीं होता। सम्बंधित व्यक्ति अंग्रेज़ी दैनिक समाचारपत्रों जैसे द ट्रिब्यून (Dr Krant gets fellowship) में भी कवर हों चुके हैं। ऐसे में क्या लेख को बिना किसी चर्चा के हटाया जा सकता हैं?<>< Bill william comptonTalk 03:11, 4 जून 2012 (UTC)
Numerals in Hindi wikipedia
Dear All,
I wrote a small article about the state of Indic numerals in various Indic language wikipedias with special empasis on Hindi wikipedia. It is available in meta wiki here. The main aim of the article is to emphasis the importance of adopting a standard in numeral (rather than the current mixing up devanagri and arabic numerals) and move forward. Since Hindi wikipedia already has more than 1 lakh articles it is important that Hindi wiki community reach an agreemnt on this and impliment that. Hope community will do that soon.--Shiju (वार्ता) 04:32, 4 जून 2012 (UTC)
फ्रेडरिक एंगेल्स
साथियों मैं आपका ध्यान फ्रेडरिक एंजेल्सपेज की ओर खींचना चाहता हूं
,
इस महान जर्मन दार्शनिक का सही नाम फ्रेडरिक एंगेल्स है। मेरी राय है कि इस पृष्ट को रीडायरेक्ट पृष्ट के रूप में कनवर्ट करके, फ्रेडरिक एंगेल्स के नाम से एक नया पेज बनाया जाये और इसकी सारी सामग्री को उस पर चंस्पा कर दिया जाये। उम्मीद है कि आप मेरी राय से सहमत होंगे।
-Viplovecomm (वार्ता) 17:32, 5 जून 2012 (UTC)
साथियों चूंकि आप लोगों की ओर से जवाब नहीं मिला है इसलिये जरूरी सुधारों पर अमल कर रहा हूं। मैने मूल पुस्तकों और अन्य स्रोतों से जांच लिया है, सही नाम फ्रेडरिक एंगेल्स ही है।
-Viplovecomm (वार्ता) 18:28, 6 जून 2012 (UTC)
निर्वाचित लेख प्रेमचंद में सामग्री जोडना
नमस्कार, प्रेमचंद पर विकिपीडिया सदस्यों ने एक अच्छा लेख तैयार किया है। लेकिन मेरी समझ से प्रेमचंद लेख में निम्नलिखित सामग्री जोडी जानी चाहिए ताकि वह एक उत्कृष्ठ और अपेक्षाकृत मुकम्मल लेख बन सके. (चूंकि यह एक निर्वाचित लेख है, इसलिए इसमें संपादन का अधिकार शायद वरिष्ठ सदस्यों और प्रबंधकों को है)
- प्रेमचंद संबंधी सहायक पुस्तकों में मशहूर आलोचक रामविलास शर्मा की 'प्रेमचंद' और 'प्रेमचंद और उनका युग' पुस्तक जोडें. हिन्दी साहित्य का कोई भी विद्यार्थी बता देगा कि हिंदी में प्रेमचंद को स्थापित करने में रामविलास शर्मा की सबसे बडी भूमिका है।
- प्रेमचंद की कृतियों से संबंधित अनुभाग में उनकी रचनाओं का संक्षिप्त परिचय भी नहीं दिया हुआ है, कृपया इसे बढाने का कष्ट करें. विशेषतौर पर उनकी कहानियों पर स्वतंत्र पृष्ठ बनाने की जरूरत है। प्रेमचंद ने 300 से अधिक कहानियां लिखीं जिनमें से 100 से ज्यादा अमर हो गईं.
- प्रेमचंद के जीवन संबंधी विवादों पर भी एक अनुभाग बनाएं. जैसे- जागरण विवाद, प्रवासीलाल वर्मा विवाद, प्रेस में हडताल का मसला आदि. इन विवादों के आने से प्रेमचंद के जीवन पक्ष को हम बेहतर ढंग से समझ सकेंगे. इसके लिए प्रेमचंद की जीवनियों की मदद ली जा सकती है।
- प्रेमचंद पर डॉ॰ कमलकिशोर गोयनका (प्रेमंचद: अध्ययन की नई दिशाएं, प्रेमचंद का अप्राप्य साहित्य), डॉ॰ धर्मवीर (सामंत का मुंशी प्रेमचंद, प्रेमचंद की नीली आंखें) आदि नई दृष्टियों का भी संक्षिप्त ब्यौरा देवें. पिछले 2 दशकों में प्रेमचंद पर हुए अध्ययनों में प्रेमचंद के साहित्य के मूल्यांकन की काफी नई दिशाएं निकली हैं। धन्यवाद. --गंगा सहाय मीणा (वार्ता) 17:56, 5 जून 2012 (UTC)
== आपका सुझाव अच्छा है इस पर शीघ्र विचार किया जायेगा--डॉ॰ जगदीश व्योम (वार्ता) 05:34, 6 जून 2012 (UTC)
= धन्यवाद जगदीश व्योम जी. :) गंगा सहाय मीणा (वार्ता) 19:15, 7 जून 2012 (UTC) प्रेमचंद आलेख फिलहाल २ सप्ताह के लिए सभी के संपादन के लिए खोल दिया गया है। अनिरुद्ध वार्ता 14:47, 8 जून 2012 (UTC) शुक्रिया अनिरुद्ध जी. गंगा सहाय मीणा (वार्ता) 17:36, 8 जून 2012 (UTC)
2011 Picture of the Year competition
македонски • norsk • polski
Dear Wikimedians,
Wikimedia Commons is happy to announce that the 2011 Picture of the Year competition is now open. We are interested in your opinion as to which images qualify to be the Picture of the Year 2011. Any user registered at Commons or a Wikimedia wiki SUL-related to Commons with more than 75 edits before 1 अप्रैल 2012 (UTC) is welcome to vote and, of course everyone is welcome to view!
Detailed information about the contest can be found at the introductory page.
About 600 of the best of Wikimedia Common's photos, animations, movies and graphics were chosen –by the international Wikimedia Commons community– out of 12 million files during 2011 and are now called Featured Pictures.
From professional animal and plant shots to breathtaking panoramas and skylines, restorations of historically relevant images, images portraying the world's best architecture, maps, emblems, diagrams created with the most modern technology, and impressive human portraits, Commons Features Pictures of all flavors.
For your convenience, we have sorted the images into topic categories.
We regret that you receive this message in English; we intended to use banners to notify you in your native language but there was both, human and technical resistance.
See you on Commons! --Picture of the Year 2011 Committee 18:20, 5 जून 2012 (UTC) Distributed via Global message delivery. (Wrong page? Fix here.)
IRC on community building - June 7, 2012
Hey folks, Hisham had posted an update on the community building pilot Shiju ran as part of India Program. This pilot was run in Assam but there are tips and pointers and suggestions from this pilot that are relevant for all Indic communities. As part of the India Programs IRCs, we propose the first monthly IRC of June to be on this topic. We'd like to discuss how to build and support communities by increasing the number of editors, assessing progress on Wikiprojects as well as fostering possibilities of new collaborations. Please join us on 7th June at 09:30 p.m IST using this link. Thank you. Noopur28 (वार्ता) 10:38, 6 जून 2012 (UTC)
प्रवीण अग्रवाल और प्रवीन अग्रवाल पृष्ठों के बारे में
कृपया देखें कि क्या ये पृष्ठ विकिपीडिया मानकों के अनुसार सही हैं? समीर (वार्ता) 18:54, 8 जून 2012 (UTC)
Sysop Dr.jagdish
Since I could not find the correct page, I'm moving a resolution against the above sysop here to be relieved of his rights. He has around 5435 live edits as of now. The concerned admin has been involved in arbitrary protection of pages with which he has a COI often restricting their revisions to the sysop group alone. See his complete log here. In particular, he has been repeatedly removing maintenance templates from a wiki article on himself inspite of being warned on his talk page. I request the community to express its views. Regards, लवी सिंघल (वार्ता) 13:39, 9 जून 2012 (UTC)
- एक प्रबंधक बल्कि एक विकिपीडिया संपादक होते हुए भी जगदीश जी ने जो कार्य किएँ हैं वे विकिपीडिया समाज पे बर्दाश्त नहीं हो सकतें। बिना बर्बरता के अपने बनाएँ लेखों को सुरक्षित करना, लेखों से सुधार हेतु लगाएँ गए साँचो को बिना कोई कारण दिए हटाना, आदि अपने प्रबंधक पद का दुरपयोग है। इनका तो अपना लेख भी है, जब इन्हें यह ही नहीं पता कि विकिपीडिया पे किस विषय या किस व्यक्ति पे लेख बनाया जा सकता है तो मुझे तो यह समझ नहीं आता कि इन्हें प्रबंधक पद कैसे प्राप्त हुआ। प्रबंधक विकिपीडिया का आदर्श सदस्य होता है, उसे सारी नीतियों व दिशानिर्देशों की सम्पूर्ण जानकारी होनी चाहिए, उसे अपने टूल्स का विकिपीडिया के विकास में प्रयोग करना चाहिए न कि अपने लेख बनाके व अवैध रूप से उसे सुरक्षित करके उनका दुरपयोग करना। मेरे विचार में हमें ऐसे प्रबंधक कि कोई आवश्यकता नहीं जो विकिपीडिया को नुकसान पहुचाने के लिए अपने विशेषाधिकारों का दुरपयोग करे।<>< Bill william comptonTalk 14:35, 9 जून 2012 (UTC)
- लेखों को सुरक्षित इसलिए किया गया है कि उन्हें कई बार बेकार की सामग्री उनमें शामिल कर दी गई जो नहीं होनी चाहिए, मेरे लेख हिन्दी साहित्य पर केन्द्रित हैं जिसका मुझे लम्बा अनुभव है, हिन्दी के लेखों में सही और विश्वसनीय सामग्री जाये यह मेरा प्रयास रहा है, आप तो प्रबंधक पद को ही चुनौती देने लगे....... यदि किसी लेख को आप लोग हटाना चाहते हैं तो हटा दीजिये, लेकिन इस तरह की टिप्पणी लिखना उचित नहीं है, विकिपीडिया के प्रति मेरा सम्मान भाव है इसलिए यहाँ जुड़ा हूँ, मेरे विषय में हिन्दी से जुडे सभी लोग जानते हैं, आप उनसे मेरे विषय में राय ले लें फिर यहाँ कुछ लिखें ...... मैंने आज तक किसी पर व्यक्तिगत छींटाकशी नहीं की है और न मैं ये पसंद करता हूँ, यदि आपके अधिकार में प्रबंधक पद से हटाना हो तो तुरन्त हटा दीजिए मुझे कोई आपत्ति नहीं होगी। अनिरुद्ध जी मेरे विषय में जानते हैं आप उनसे चर्चा कर लीजिए।--डा० जगदीश व्योम (वार्ता) 04:44, 10 जून 2012 (UTC)
- मैं समर्थन करता हूँ कि ऐसे प्रबन्धक विकिपीडिया के लिए घातक बन सकते हैं। इन्हें शीघ्रातिशीघ्र प्रबंधक (sysop)पद से हटा दिया जाना। भवानी गौतम (वार्ता) 04:53, 10 जून 2012 (UTC)
- You've again proved my point by making a COI edit. You simply should NOT meddle with a page on yourself. लवी सिंघल (वार्ता) 05:13, 10 जून 2012 (UTC)
- मैं भी इन्हें शीघ्रातिशीघ्र प्रबंधक पद से हटाने का समर्थक हूँ। भारतीय भाषा (वार्ता) 17:23, 12 जुलाई 2012 (UTC)
Sysop Gunjan verma81
The sysop has made less than 100 (54) in the last one year. Thus, IMHO he should be relieved of his rights as per the criterion विकिपीडिया:प्रबंधक#प्रबन्धक/प्रशासक पद से निवृति. I must state here very clearly that I am largely appreciative of his contributions to hi.wiki and do not have any personal animosity against him. It is only due to his inactivity (perhaps because of a busy schedule in real life?) that I am asking him to be removed as a sysop to prevent any possible misuse of his account and ensure only active admins. His rights should be reinstated as soon as he becomes active again. This post is for the consideration of the community. All in good faith. लवी सिंघल (वार्ता) 07:21, 10 जून 2012 (UTC)
- कृपया मुझे इस पद से मुक्त किया जाये. जैसे के लावी ने कहा है अपनी निजी जिन्दगी की व्यस्तता के कारण मैं विकी पर अपना समय नहीं दे पा रहा हूँ. क्रपया यह भी नोट करे की मैं इस पद के लिए चयनित किसी वोटिंग से नहीं हुआ था बल्कि स्टीवर्डस द्वारा कुछ समय पहले हिंदी विकी के समस्त सदस्यों को दिए विशेष अधिकारों के कारण मैं SysOp बन बैठा. --गुंजन वर्मासंदेश 12:09, 11 जून 2012 (UTC)
- पूर्ण हुआ – हिन्दी विकिपीडिया पे आपके योगदान के लिए धन्यवाद।<>< Bill william comptonTalk 13:27, 11 जून 2012 (UTC)
हिंदी साहित्य व नव्योत्तर काल में सुधार की आवश्यकता
साथियों, मैं अभी विकिपीडिया हिन्दी की उत्तम लेख श्रेणी देख रहा था. वहां से हिंदी साहित्य पृष्ठ पर गया और वहां से नव्योत्तर काल पृष्ठ पर. हिंदी साहित्य से जुडे होने के कारण मेरी समझ से दोनों ही पृष्ठों को सुधारने की जरूरत है- खासतौर पर इसलिए कि इनका संबंध उत्तम लेख श्रेणी से है, जबकि वास्तव में ये काफी सामान्य ढंग से लिखे गए हैं और हिंदी साहित्य के इतिहास में नव्योत्तर काल जैसा कोई स्वीकृत युग नहीं है. गंगा सहाय मीणा (Ganga Sahay Meena) (वार्ता) 20:43, 10 जून 2012 (UTC)
देवनागरी अंकों के स्थान पर अंतर्राष्ट्रीय अंकों व आसान भाषा का प्रयोग व पूर्णविराम का सवाल
विकिपीडिया ज्ञान का एक सुलभ और सहज स्रोत है. हिन्दी के संदर्भ में विकिपीडिया में इस्तेमाल होने वाले देवनागरी अंक और क्लिष्ट या मुश्किल भाषा इसे जटिल बनाते हैं. भारतीय संविधान में भी अंतर्राष्ट्रीय अंकों और (राजभाषा विभाग के एक ताजा सर्कुलर के अनुसार) आसान भाषा के प्रयोग की ही बात कही गई है. हिंदी के सभी बडे पत्र-पत्रिकाएं भी इसका पालन कर रहे हैं. सभी बडे प्रकाशक अपने प्रकाशनों में अंतर्राष्ट्रीय अंकों का प्रयोग करते हैं. इसकी सबसे बडी वजह यह है कि देवनागरी अंकों को बहुत ही कम पाठक समझते हैं. मेरी राय है कि विकिपीडिया को सहज-सुलभ बनाने के लिए यहां भी अंतर्राष्ट्रीय अंकों व आसान भाषा का प्रयोग उचित होगा. इस संदर्भ में आप वरिष्ठ सदस्यों की राय का इंतजार है. धन्यवाद. गंगा सहाय मीणा (Ganga Sahay Meena) (वार्ता) 20:57, 10 जून 2012 (UTC)
- मीणा जी, आप बिल्कुल सही कह रहें हैं। मेरा भी यही मानना है कि जब आम जनता को देवनागरी अंक समझ ही नहीं आते तो इनका प्रयोग करके हिन्दी विकिपीडिया को और जटिल बनाने से क्या फायदा। अब मुख्यतः सभी जगह अंतर्राष्ट्रीय अंको का प्रयोग होता है, तो यहाँ क्यों नहीं। परन्तु मीणा जी इस विषय पे कई बार चर्चा हों चुकी हैं, आप चौपाल के पुरालेख देख सकते हैं। और यह विषय काफी जटिल है, भूतकाल में हुई चर्चाओं का कोई निष्कर्ष सामने नहीं आया। परन्तु मैं अन्य सदस्यों से अनुरोध करूँगा कि इस विषय पे अपनी राय दें जिससे कि आने वाले समय में इस विषय पर प्रस्ताव रखा जा सके।<>< Bill william comptonTalk 12:02, 11 जून 2012 (UTC)
- शुक्रिया भाई बिल विलियम जी, मेरी यही समझ है कि हम अपनी भाषा के साथ उदारता से पेश आयेंगे तो इससे उसके बोलने/पढने वालों के साथ उस भाषा का ही भला होगा. जब संविधान और पूरा विद्वत समाज इसके पक्ष में है तो मुझे लगता नहीं कोई समस्या है. आइए, हिन्दी को आसान और सुलभ बनाएं. गंगा सहाय मीणा (Ganga Sahay Meena) (वार्ता) 12:29, 11 जून 2012 (UTC)
नये सदस्यों से आग्रह है कि इस विषय पर पिछली चर्चा को गंभीरता पूर्वक देखें। २00३ से २0१२ तक इस विषय पर कई बार चर्चा हो चुकी है और अभी तक अंतर्राष्ट्रीय अंक के नाम पर देवनागरी अंक को समाप्त करने की कोशिश सफल नहीं हुई है। और पुर्णिमा जी, आशीष जी, हेमंत जी, अनुनाद जी सुरुची जी आदि की राय उपेक्षणीय नहीं हो सकती। भले ही इनमें से अधिकांश विभिन्न वजहों से विकिया से दूर हों। अनिरुद्ध वार्ता 16:19, 13 जून 2012 (UTC)
- भाई अनिरुद्ध जी, आप अपनी बात तर्कपूर्ण ढंग से कहेंगे तो ज्यादा असर पडेगा. मैंने कुछ पुरानी बहसें देखी हैं इस मसले पर, लेकिन उनसे सहमत नहीं हुआ जा सकता क्योंकि वहां पर स्वयं किसी एक राय पर आम सहमति नहीं है. ऐसा भी नहीं है कि किसी ने एक बार जो बात कह दी, वह पत्थर की लकीर बन गई. हमें व्यावहारिक धरातल पर सोचना चाहिए. जहां तक 'देवनागरी अंकों को समाप्त करने की कोशिश' का सवाल है तो ऐसी कोशिश कोई नहीं कर रहा. मेरी चिंता केवल यह है कि देवनागरी अंक कितने लोग समझते हैं? हमें यह भी सोचना चाहिए कि विकिपीडिया के लक्ष्य पाठक कौन हैं? वे जो भी हैं, मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि उनमें से अधिकांश देवनागरी अंक नहीं समझते और इसी वजह से वे विकिपीडिया की तुलना में किसी दूसरे स्रोत को देखना ज्यादा पसंद करते हैं. हमें विकिपीडिया पर सूचनाओं को आसान बनाना चाहिए. अंतर्राष्ट्रीय अंकों व आसान भाषा द्वारा हम यह कर सकते हैं. दूसरी बात यह कि भारत के संविधान में अंकों के अंतर्राष्ट्रीय रूप का निर्देश है, इस दृष्टि से भी इनका प्रयोग अनुचित नहीं है. भाषा कोई व्यक्तिगत जिद नहीं, अभिव्यक्ति का माध्यम है. भाषा के जिस रूप को अधिकांश लोग समझते हों, उसी का अनुसरण करना लोकतांत्रिक होगा. आशा है आप इसे अन्यथा नहीं लेंगे. धन्यवाद. गंगा सहाय मीणा (Ganga Sahay Meena) (वार्ता) 16:50, 13 जून 2012 (UTC)
मैंने ऊपर दो सवाल उठाए हैं, इसी क्रम में यह तीसरा मुद्दा भी है. मेरे वार्ता पृष्ठ पर भाई आनंद विवेक जी ने पूर्णविराम के सही प्रयोग का सवाल उठाया है. मैं उपर्युक्त दोनों मुद्दों के अलावा यहां पूर्णविराम -खडी पाई (।) बनाम फुल स्टॉप (.)- के प्रयोग के बारे में विकिपीडिया नीतियों के हिसाब से आप सभी सुधीजनों से आपकी राय जानना चाहता हूं ताकि हम सब उसका अनुसरण कर सकें. इस संदर्भ में यह दिचलस्प बहस देखी जा सकती है. मुझे तीनों ही मुद्दों पर Bill william compton जी, Dr.jagdish जी, पूर्णिमा वर्मन जी आदि वरिष्ठ सदस्यों की राय का बेसब्री से इंतजार रहेगा. धन्यवाद. गंगा सहाय मीणा (Ganga Sahay Meena) (वार्ता) 06:52, 11 जून 2012 (UTC)
- मैरे अनुसार (।) का ही उपयोग करना सही होगा चुँकि अधिकाँश हिन्दी समाचार पत्रो में (।) का ही उपयोग किया जाता है। जो दैनिक भास्कर जैसे समाचार पत्र पर देख सकते है। [11] यहा देख सकते है। साथ ही विद्यालय एव परीक्षाओ में भी इसका उपयोग होता है। विद्यालय के किताबो मे भी इसी का उपयोग किया जाता है। निर्वाचित लेखो में भी इसी का उपयोग किया गया है। अत: सभी लेखो में भी (।) का उपयोग किया जाना चहिए। आनन्द विवेक सतपथी वार्ता 07:43, 11 जून 2012 (UTC)
- मीणा जी, हिन्दी भाषा में पूर्ण विराम का प्रयोग फुल-स्टॉप से अधिक होता है। मैं मानता हूँ कि कुछ पत्रिकाएँ व कुछ समाचरपत्र फुल-स्टॉप का प्रयोग करने लगे हैं, परन्तु अभी भी इनकी संख्या पूर्ण विराम का प्रयोग करने वालो से कम ही है। एक भाषा को लिखने के कई तरीके हों सकते हैं जैसे अंग्रेज़ी की अलग-अलग राष्ट्रों में कई प्राकृत भाषा हैं: अमेरिकी अंग्रेज़ी, ब्रिटिश अंग्रेज़ी, ऑस्ट्रेलियाई अंग्रेज़ी, दक्षिण अफ्रीकी अंग्रेज़ी, आदि। इन सभी रूपों में अंग्रेज़ी के कुछ एक शब्द को अलग-अलग वर्तनियों के साथ लिखा जा सकता है व एक ही शब्द का अलग-अलग राष्ट्र में मतलब भी अलग हो सकता है। परन्तु फिर भी इन सभी में विराम चिन्हों का एक ही मानक है। इसी प्रकार हिन्दी की भी कई प्राकृत भाषा हैं, इनमें से एक इंटरनेट पर प्रयोग होने वाला रूप भी है जो प्रमुख रूप से सबसे अस्थिर रूप है। हिन्दी की कई वेबसाइट गूगल ट्रांसलेट का प्रयोग करती हैं। और गूगल ट्रांसलेट का किया अनुवाद बेकार होता है, इसलिए दिन-प्रतिदिन इन्टरनेट पर हिन्दी वर्तनियाँ खराब होती जा रही है। इसी प्रकार, इंटरनेट पे से पूर्ण विराम का प्रयोग कई वेबसाइट ने बंद कर दिया है। परन्तु अभी भी शिक्षा, सरकारी कामकाज, और मुख्य समाचारपत्रों की वेबसाइट पूर्ण विराम का ही प्रयोग करती हैं। यहाँ तक की अमेरिका, कनाडा, आदि में भी हिन्दी सिखने वाले छात्रों को पूर्ण विराम का ही प्रयोग बताया जाता है (जैसे यह वेबसाइट, वैंकूवर पब्लिक लाइब्रेरी की वेबसाइट का हिन्दी रूप है)। तो मेरे विचार से जब मुख्यतः हिन्दी स्रोत अभी भी पूर्ण विराम का प्रयोग कर रहें हैं तो इसका प्रयोग विकिपीडिया पे भी होना चाहिए। वैसे जब आप नारायम सक्षम कर लेते हैं तो फुल-स्टॉप तो स्वयं ही पूर्ण विराम बन जाता है, इसलिए पूर्ण विराम का प्रयोग तो फुल-स्टॉप से भी आसान है।<>< Bill william comptonTalk 11:51, 11 जून 2012 (UTC)
- भाई बिल विलियम जी, आपकी राय निश्चिततौर पर महत्वपूर्ण है. इस संदर्भ में मैं यहां निम्न बिंदु रखना चाहता हूं-
- हिन्दी में पूर्ण विराम का कोई बाध्य नियम नहीं है, इसलिए ही कई पत्रिकओं ने फुल स्टॉप को अपना लिया है, हिन्दी की प्रतिष्ठित व लोकप्रिय पत्रिका हंस इसका सबसे बडा उदाहरण है. आप इसका कोई भी अंक खोलकर देख सकते हैं.
- आनंद विवेक जी और बिल जी, आप दोनों ने समाचार पत्रों का हवाला दिया है. आप जानते हैं कि भाषा के संदर्भ में समाचारपत्र कभी आदर्श नहीं माने जा सकते- साहित्यिक पत्रिकाओं और पुस्तकों के तुलना में. हिन्दी के प्रमुख पत्र नवभारत टाइम्स की भाषा इसका एक उदाहरण है. इसलिए मेरी समझ से
- पूर्ण विराम के दोनों ही प्रयोग सही हैं. बस इतना ध्यान रखा जाना पर्याप्त है कि एक लेख में पूर्णविराम के प्रयोग में एकरूपता हो. मैं खडी पाई (।) के प्रयोग पर सवाल खडे नहीं कर रहा, बस इतना कहना चाह रहा हूं कि फुल स्टॉप (.) का प्रयोग भी गलत नहीं है. मैं Indic IME का Hindi Typewriter कीबोर्ड इस्तेमाल करता हूं जो मैंने राजभाषा विभाग की वेबसाइट से लिया है, और दुर्भाग्य से इसमें खडी पाई (।) का बटन ही नहीं है. इसलिए मुझे खडी पाई का इस्तेमाल करने के लिए कॉपी-पेस्ट का सहारा लेना पडता है. मुझे लगता है मेरी जैसी स्थिति में कुछ और लोग भी होंगे. गंगा सहाय मीणा (Ganga Sahay Meena) (वार्ता) 12:45, 11 जून 2012 (UTC)
- दोनों का प्रयोग लोग कर रहे हैं (जान-बुझकर या अज्ञानतावश) पर हिंदी भाषा विज्ञान क्या कहता है? हिंदी व्याकरण के नियम क्या कहते हैं? भारत शिक्षा बोर्डों के पाठ्य-पुस्तकों में क्या है? सभी को देखते हुए हिन्दी पूर्ण विराम चिन्ह (।) ही सही है जो हिंदी विकिपीडिया ने आजतक अपनाया है। फुल स्टॉप का प्रयोग गूगल अनुवाद से होता है। फुल स्टॉप का प्रयोग हिंदी में अशुद्ध माना जाता है भले ही पत्र-पत्रिकाएँ प्रयोग करे। राष्ट्रीय हिंदी संस्थान हिंदी की सबसे बडी संस्था है, उसके बताए गए निर्देशों पे चलें तो अच्छा होगा।भवानी गौतम (वार्ता) 13:07, 11 जून 2012 (UTC)
- मीणा जी, क्या आपने नारायम को सक्षम करके देखा है? असल में आप किसी भी बहारी टूल का प्रयोग करें, अगर नारायम सक्षम है तो वह फुल-स्टॉप को पूर्ण विराम में बना देगा। इसके लिए आपके Hindi Typewriter में खडी पाई के बटन होने कि कोई आवश्यकता नहीं है। मैं भी बहारी टूल का ही प्रयोग करता हूँ और मेरे टूल में भी यह विकल्प नहीं है परन्तु जब मैं कुछ भी लिखता हूँ तो नारायम को सक्षम कर लेता हूँ इससे जैसे ही मैं अपने कम्प्यूटर के किबोर्ड पे से फुल-स्टॉप वाली कुंजी दबाता हूँ वो पूर्ण विराम में बदल जाती है। नारायम सक्षम करने के लिए आप अपनी स्क्रीन के सबसे ऊपर इनपुट विधि को सक्षम करलें। अगर अभी भी आपको कोई समस्या आए तो पूछें, प्रबंधक होते हुए मेरा कर्तव्य सदस्यों की सहायता करना ही है।<>< Bill william comptonTalk 13:13, 11 जून 2012 (UTC)
- हिन्दी देवनागरी लिपि में पूर्ण विराम का प्रयोग ही अधिक उपयुक्त है, कुछ पत्रिकाएँ कादम्बिनी, हंस आदि पूर्ण विराम के लिये ( । ) की जगह ( . ) का प्रयोग कर रही हैं परन्तु ( । ) प्रयोग उचित है। एन. सी. ई. आर. टी. की पुस्तकों में भी ( । ) प्रयोग किया जा रहा है, इसलिये मेरे विचार से पूर्ण विराम के लिये ( । ) प्रयोग ही ठीक है।--डा० जगदीश व्योम (वार्ता) 14:26, 11 जून 2012 (UTC)
- आप सभी की राय मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. मैं फिर दुहराऊं, खडी पाई के प्रयोग से मेरी कोई असहमति नहीं है. मेरी व्यक्तिगत समस्या तो यह है कि मेरे टाइपिंग टूल में खडी पाई का बटन ही नहीं है. आपके कहने पर नारायम भी चालू करके देख लिया, तब भी खडी पाई ( । ) नहीं आई. 10 साल से जो टाइपिंग टूल इस्तेमाल कर रहा हूं, उन्होंने बदलना भी मुश्किल लग रहा है. धन्यवाद. गंगा सहाय मीणा (Ganga Sahay Meena) (वार्ता) 17:56, 11 जून 2012 (UTC)
- हिन्दी देवनागरी लिपि में पूर्ण विराम का प्रयोग ही अधिक उपयुक्त है, कुछ पत्रिकाएँ कादम्बिनी, हंस आदि पूर्ण विराम के लिये ( । ) की जगह ( . ) का प्रयोग कर रही हैं परन्तु ( । ) प्रयोग उचित है। एन. सी. ई. आर. टी. की पुस्तकों में भी ( । ) प्रयोग किया जा रहा है, इसलिये मेरे विचार से पूर्ण विराम के लिये ( । ) प्रयोग ही ठीक है।--डा० जगदीश व्योम (वार्ता) 14:26, 11 जून 2012 (UTC)
अपनी सुविधा के लिए तर्क का सहारा लेकर देवनागरी के बुनियादी स्वरूप को बदलने की कोशिश करने की अपेक्षा देवनागरी अंक या पूर्णविराम टंकित करना या पढ़ना सीखने में बहुत ही कम कोशिश की जरूरत है। प्रचलन के तर्क के आधार पर टंकित को टाइप कहने या लिखने का मैं समर्थन नहीं कर सकता हूँ। और पुरानी बहसें इतना समझने के लिए पर्याप्त हैं कि तर्क के आधार पर हम कम-से-कम इस मसले पर किसी एक सर्वमान्य निर्णय तक नहीं पहुँच पाए हैं। इसलिए मानकीकरण के नाम पर अपनी सुविधा आरोपित करने के बजाय हिंदी की मूल प्रकृति को सीखने की कोशिश कीजिए। पिछली बहस के दौरान मैने खुद नागरी अंक टंकित करना सीखा था और 123456789 की तुलना में १२३४५६७८९ को पढ़ना या टंकित करना सीखना मुश्किल नहीं है। और यकीन जानिए अपके द्वारा दिए गए हर तर्क का प्रत्युत्तर पहले दिया जा चुका है। उन्हें दुहराने में समय लगाने के बजाय मैं कुछ और करना ज्यादा पसंद करूँगा। अनिरुद्ध वार्ता 23:06, 14 जून 2012 (UTC)
- भाई अनिरुद्ध जी, हम जानते हैं कि भाषाएं बहता नीर होती हैं, हमारे चाहने से न तो वे रुकती हैं और न ही अपनी दिशा तय करती हैं. अपना रास्ता खुद बना लेती हैं. जो हिंदी (गद्य) हम लिख रहे हैं, उसका इतिहास डेढ सौ साल से पुराना नहीं है. इसी तरह भाषाओं का भविष्य भी निर्धारित नहीं होता. जो भाषाएं कृत्रिम हो जाती हैं, वे ठहरे हुए पानी की तरह सड जाती हैं, मर जाती हैं. संस्कृत इसका बडा उदाहरण है. हिंदी से प्रेम मुझे भी है, लेकिन अंध-प्रेम नहीं. आपने खुद कहा कि पिछली बहस के दौरान आपने खुद नागरी अंक सीखें. अब सोचिए कि पढे-लिखे लोगों को जो चीज प्रयास करके सीखनी पडे, उसे सहज कैसे कहा जा सकता है! मेरी समझ से विकिपीडिया सिर्फ उच्च अध्ययन किये हुए लोगों के लिए नहीं, ज्ञान और सूचनाओं का एक जनमाध्यम है, इसलिए इसका लोकतांत्रीकरण जरूरी है. और भाई, सुविधा का तर्क भी महत्वपूर्ण होता है. भाषाविज्ञान की एक शाखा ऐतिहासिक भाषा विज्ञान में इस बात के प्रमाण मिल जायेंगे कि भाषाओं के बदलने में सुविधा के तर्क की कितनी भूमिका रही है. कुछ लोगों ने कंप्यूटर को संगणक कहने की खूब कोशिश की, लेकिन चल नहीं पाया. जब कंप्यूटर सभी लोग समझते हैं, टाइप सभी लोग समझते हैं तो ऐसे आमफहम शब्दों से हम परहेज क्यों करें? मेरा निवेदन यही है कि हम चाहे भाषा को जितना बांधने की कोशिश कर लें, वह अपना रास्ता खुद बना लेगी. गंगा सहाय मीणा (Ganga Sahay Meena) (वार्ता) 04:42, 15 जून 2012 (UTC)
- गंगा सहाय जी, संस्कृत अकेले नहीं मरी, हजारों भाषाएँ मर चुकी हैं और रोज-रोज मर रही हैं। आपके सिद्धान्त से पालि 'बहता हुआ नीर' रहा होगा, वह क्यों मरी? लैटिन क्यों मरी? यह सरासर 'सरलीकरण' है कि संस्कृत की मृत्यु 'कृत्रिम' होने के कारण हुई। इसके विपरीत यह निश्चित है कि किसी चीज का 'अप्रयोग' या उपेक्षा उसकी मृत्यु का कारण बनती है। चीनी आदि लिपियाँ जो इतनी कठिन होने के बावजूद जीवित हैं तो इसका कारण है कि वे लोग इसको मजबूती के साथ थामे हुए हैं। जबकि भारत की प्राचीन लिपियाँ और अभी हाल तक प्रयुक्त कैथी, मोदी आदि लिपियाँ मर गयीं। देवनागरी अंक भी मर जाएंगे।
और यदि 'बहता नीर' का तर्क सही है तो आपका प्रश्न ही गलत है। तब तो किसी को भाषा और लिपि के बारे में विचारने या उसके किसी प्रकार के मानकीकरन की जरूरत ही नहीं है। 'भाषा बहता नीर' है इसलिये 'पूर्ण विराम' लिखा जाय, 'फुल स्टॉप' लिखा जाय या स्लैश लिखा जाय - इस पर विचार करना - सब इस पर बाँध बांधने जैसे ही हैं।-- अनुनाद सिंहवार्ता 05:17, 15 जून 2012 (UTC)
- गंगा सहाय जी, संस्कृत अकेले नहीं मरी, हजारों भाषाएँ मर चुकी हैं और रोज-रोज मर रही हैं। आपके सिद्धान्त से पालि 'बहता हुआ नीर' रहा होगा, वह क्यों मरी? लैटिन क्यों मरी? यह सरासर 'सरलीकरण' है कि संस्कृत की मृत्यु 'कृत्रिम' होने के कारण हुई। इसके विपरीत यह निश्चित है कि किसी चीज का 'अप्रयोग' या उपेक्षा उसकी मृत्यु का कारण बनती है। चीनी आदि लिपियाँ जो इतनी कठिन होने के बावजूद जीवित हैं तो इसका कारण है कि वे लोग इसको मजबूती के साथ थामे हुए हैं। जबकि भारत की प्राचीन लिपियाँ और अभी हाल तक प्रयुक्त कैथी, मोदी आदि लिपियाँ मर गयीं। देवनागरी अंक भी मर जाएंगे।
गंगा सहाय जी, आप माईक्रोसोफ्ट के द्वारा हिन्दी टंकन कर सकते है। यह गुगल आई एम ई कि तरह कार्य करता है। परन्तु (.) के स्थान पर (।) पुर्ण विराम आ जाता है। इसके अलावा मैंने हंस पत्रिका का मुख्य पृष्ठ खोला परन्तु उसमें भी (।) का ही उपयोग किया गया है। मैने किसी भी हिन्दी पुस्तक में (.) का उपयोग नही देखा है। -- आनन्द विवेक सतपथी वार्ता 09:29, 15 जून 2012 (UTC)
- भाई आनंद विवेक जी, पूर्ण विराम की बात से कुछ देर के लिए सहमत हुआ जा सकता है लेकिन अंतर्राष्ट्रीय अंकों के स्थान पर देवनागरी अंकों को थोपने से सहमत होना मुश्किल है। अगर आप सोचते हैं कि आपने अभी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय पृष्ठ में अंतर्राष्ट्रीय अंकों को देवनागरी अंकों में बदलकर हिंदी के हित में काम किया है, तो मैं कहूंगा कि यह काफी भ्रामक समझ है। आप खुद सोचिए कि विकिपीडिया किसके लिए है? इंटरनेट पर सूचनाएं देखने वालों में वे तमाम लोग भी शामिल हैं जिन्होंने हिन्दी या संस्कृत में उच्च शिक्षा नहीं प्राप्त की है। ये लोग देवनागरी अंक नहीं समझते। उन तमाम लोगों के लिए अंतर्राष्ट्रीय अंक और आसान भाषा सहायक होते हैं। जब भारत के संविधान और इस देश के लोगों को अंतर्राष्ट्रीय अंकों से कोई समस्या नहीं है तो फिर आप चुनींदा लोगों का अंतर्राष्ट्रीय अंकों के प्रति दुराग्रह का कारण समझ में नहीं आता। अगर आप लोग किताबों को अपना आदर्श मानते हैं तो फिर हिंदी के सबसे बडे प्रकाशक राजकमल, वाणी, प्रकाशन संस्थान, ग्रंथशिल्पी आदि चलिए और उनकी किताबें देखिए। अब कोई भी प्रकाशन देवनागरी अंकों का प्रयोग नहीं करता। अगर इसके बावजूद आप अंतर्राष्ट्रीय अंकों का बहिष्कार करते हैं तो मैं इसे आप लोगों का व्यक्तिगत दुराग्रह कहूंगा जिसे आप विकिपीडिया पर थोप रहे हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि इससे विकिपीडिया और ज्ञान परंपरा का नुकसान ही होगा. गंगा सहाय मीणा (Ganga Sahay Meena) (वार्ता) 12:33, 15 जून 2012 (UTC)
- आनन्द जी इस बात का ध्यान रखें कि जब तक इस समस्या का कोई हल नहीं निकलता तब तक ऐसे बदलाव न करें। विकिपीडिया पर सर्वसम्मति बनाने के पश्चात ही ऐसे बदलाव किए जा सकते हैं। अगर लेख में पहले से अन्तराष्ट्रीय अंको का प्रयोग हुआ है तो उसे देवनागरी अंको में न बदलें।
- मीणा जी, बस कुछ समय का इन्तजार करें, इस समस्या का हल जल्द ही निकाला जाएगा और मापदंड निर्धारित किया जाएगा कि किन अंको का प्रयोग किया जाएय और किन का नहीं।<>< Bill william comptonTalk 13:19, 15 जून 2012 (UTC)
- विकिपीडिया पर यह बहस पहले भी हो चुकी है, देवनागरी लिपि में अनेक बार संशोधन किये गए हैं, लेकिन केवल इसलिए संशोधन करना कि अमुक लोगों को यह समझना कठिन होगा, यह गलत धारणा है, जो देवनागरी लिपि पढ़ना चाहेगा वह इसके नियम और व्याकरण को भी समझना चाहेगा, हम यदि इसे बार बार सरल करते रहे तो फिर एक दिन देवनागरी रह ही नहीं जायेगी, अनिरुद्ध जी तथा अनुनाद जी की बात से मैं सहमत हूँ, पूर्ण विराम के लिए फुल स्टाफ लगाना ठीक नहीं है भले ही कोई प्रकाशक या कोई पत्रिका ऐसा कर रही हो, या किसी व्यक्ति को टाइप करने में समस्या आ रही है तो उस नियम को ही सरल कर दो..... यह अनुचित है..... हाँ अन्तर्राष्ट्रीय अंकों के प्रयोग की बात पर सहमति बनाना आवश्यक है ताकि विकि पर एक जैसे अंक ही लिखे जायँ।--डा० जगदीश व्योम (वार्ता) 14:50, 15 जून 2012 (UTC)
जिस तरह यह चर्चा चल रही है, उस तरह इसका अन्त होना मुश्किल है। कृपया सभी सदस्य अपना सुझाव व्यक्त करें। देवनागरी या अन्तर्राष्ट्रीय अँक में मैरे अनुसार जब तक चर्चा समाप्त नही होती इसका उपयोग सही रहेगां क्योकि इसे अन्तर्राष्ट्रीय अंक मे परिवर्तित करना (खोजें और बदलें) टुल के साथ आसान हो जाता है। परन्तु अन्तर्राष्ट्रीय अंक से देवनागरी अंक में परिवर्तन करने से जालपृष्ठ के पते व कुछ कोड (उदा. 200px) आदि काम नही करते है। में दोनो अंको के उपयोग से सहमत हुँ। अन्तर्राष्ट्रीय अंक का उपयोग विद्यालय के पुस्तको में भी होता है। परन्तु इसका उपयोग सभी लेखो में यदि किया जाए तो देवनागरी अंक तो विकिपीडिया से विलुप्त हो जाएगा। -- आनन्द विवेक सतपथी वार्ता 02:35, 16 जून 2012 (UTC)
कई दिन से यह चर्चा देख रहा हूँ, देवनागरी लिपि की जो पहचान है यदि हम उसे धीरे धीरे सरल करने के नाम पर बदलते जायेंगे तो फिर यह भी हो सकता है कि कोई यह कहे कि देवनागरी लिपि में टाइप करने में बहुत दिक्कत आती है इसे रोमन में टाइप किया जाना चाहिये आदि आदि सबसे अधिक परेशान गंगा सहाय मीणा जी दिख रहे हैं एक मीणा जी के प्रस्ताव पर विकि से विराम और अंक बदल दीजिये और फिर दो चार प्रस्ताव और आ जायें फिर क्या होगा एक समस्या और इस पर विशेष गञ्भीरता से ध्यान देने की जरूरत है यह कि जब विकि पर देवनागरी में टाइप करते हैं तो अंक देवनागरी लिपि के अनुसार ही बनते हैअ यदि इन्हे अंग्रेजी के अंक बनाये जायें तो और ज्यादा दिक्कत आयेगी, इसलिये विकि पर देवनागरी के अंक ही रखे जायें, अनुनाद की बात देवनागरी और विकि के हित में है यहाँ वही आता है जो हिन्दी से प्रेम रखता है अन्यथा अग्रेजी विकि पर जाता है इसलिये मीणा जी विकि की चिन्ता आप न करें और इसे चलने दें वैसे भी यहाँ काम करने वालों पर आरोप लगाना एक शौक सा हो गया है--Froklin (वार्ता) 07:42, 16 जून 2012 (UTC)
- सम्मानित साथियों, पूर्णविराम के मसले पर मैं आपकी बात से सहमत हूं यानी कुछ पत्रिकाओं के प्रयोग के बावजूद खडी पाई ( । ) का प्रयोग ही ठीक है । लेकिन जहां तक अंकों का सवाल है, इस पर हम सभी को पुनर्विचार करना चाहिए। जिन्हें हम बाहरी अंक कहकर खारिज कर रहे हैं, वे भारतीय संविधान के अनुसार (और कुछ लोगों के अनुसार जवाहरलाल नेहरू की पुस्तक 'डिस्कवरी ऑफ इंडिया' के अनुसार) भारतीय अंकों का अंतर्राष्ट्रीय रूप है। यानी ये अंक विदेशी नहीं, हमारे ही हैं। इनके प्रयोग के संदर्भ में सबसे प्रामाणिक स्रोत भारतीय संविधान, हिंदी पुस्तकें, हिंदी माध्यम की शिक्षा प्रणाली और पाठ्य-पुस्तकें, हिंदी समाचार-पत्र, हिंदी संदर्भ-ग्रंथ आदि ही होने चाहिए, न कि विकिपीडिया के चुनींदा सदस्य और उनकी राय। अंकों के किसी रूप के प्रयोग से मुझे कोई व्यक्तिगत फायदा या नुकसान नहीं होगा, मेरी चिंता विकि पाठकों को लेकर है। विकि ने आप पाठकों को भी योगदान और संपादन का अधिकार अपने लोकतांत्रिक स्वरूप के कारण दिया है, आशा है अंकों के मामले में भी इसका पालन किया जाएगा. गंगा सहाय मीणा (Ganga Sahay Meena) (वार्ता) 07:55, 16 जून 2012 (UTC)
- गंगा सहाय जी, आप जिस संविधान की बात कर रहे हैं उसी ने कहा था कि १५ वर्ष बाद हिन्दी भारत की राजभाषा होगी और अंग्रेजी को यहाँ से पूर्णतः बिदा कर दिया जायेगा। उसका क्या हुआ? आप जिन हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं की बात कर रहे हैं वे 'हिन्दी पत्र' हैं जो एक पृष्ट अंग्रेजी में निकालने लगे हैं। भारत का हिन्दी सिनेमा और उसके 'कलाकार' हिन्दी नहीं बोलते। क्या हम उनकी नकल करेंगे। क्या वे हमारे आदर्श होंगे? भारत के हर गली में हर विद्यालय 'इंग्लिश मिडियम' हो गया है। हम 'हिन्दी विकि' ही क्यों बनाएँ? क्या हमे अंग्रेजी विकि को ही और अधिक समृद्ध नहीं बनना चाहिये? सब अंग्रेजी मे पढ़ रहे हैं। ये हिन्दी कौन पढ़ेगा?
भैया, हर चीज की योजनापूर्वक रक्षा करनी पड़ती है। उसके लिये लड़ना पड़ता है नहीं तो पलक झपकाते ही लोग उसे मार डालेंगे। भारतीय बच्चों को 'देवनागरी अंक' नहीं सिखाये जाते। रोमन अंक और उसका 'गणित' पाठ्यक्रम में है। यूरोप ने इस अवैज्ञानिक अंक प्रणाली को अभी तक विदा नहीं किया। यह तो रोमन अंक प्रणाली की पंगुता है कि उसकी सहायता से जोड़-घटाना और कोई गणित नहीं हो सकता जिसके कारण वे 'सहर्ष' दाशमिक अंक प्रयोग करते हैं। यह सही है कि भारतीय अंकों से ही अंतरराष्ट्रीय अंक व्युत्पन्न हुए हैं। इससे तो हमारे मूल अंकों की रक्षा करना और जरूरी हो जाता है। हिन्दी विकि तनकर खड़ा हो और घोषणा करे कि हम देवनागरी अंकों का ही प्रयोग करेंगे। हम किसी की अंधी नकल नहीं करेंगे। हमारी नकल करना शुरू करो।-- अनुनाद सिंहवार्ता 15:03, 16 जून 2012 (UTC)
- गंगा सहाय जी, आप जिस संविधान की बात कर रहे हैं उसी ने कहा था कि १५ वर्ष बाद हिन्दी भारत की राजभाषा होगी और अंग्रेजी को यहाँ से पूर्णतः बिदा कर दिया जायेगा। उसका क्या हुआ? आप जिन हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं की बात कर रहे हैं वे 'हिन्दी पत्र' हैं जो एक पृष्ट अंग्रेजी में निकालने लगे हैं। भारत का हिन्दी सिनेमा और उसके 'कलाकार' हिन्दी नहीं बोलते। क्या हम उनकी नकल करेंगे। क्या वे हमारे आदर्श होंगे? भारत के हर गली में हर विद्यालय 'इंग्लिश मिडियम' हो गया है। हम 'हिन्दी विकि' ही क्यों बनाएँ? क्या हमे अंग्रेजी विकि को ही और अधिक समृद्ध नहीं बनना चाहिये? सब अंग्रेजी मे पढ़ रहे हैं। ये हिन्दी कौन पढ़ेगा?
अतिशय किसी भी रूप में निषिद्ध है। वह नकारात्मक अभिवृत्ति को दर्शाता है, चाहे समर्थकों का हो चाहे आलोचकों का। जो हिंदी ज्ञानकोष की वास्तव में बेहतरी चाहता है उसके लिए पहली प्राथमिकता किसी भी रूप में सामग्री सहेजने और उसके गुणात्मक स्तर में यथाज्ञान वृद्धि की होनी चाहिए। देवनागरी के अंकों को अंतरराष्ट्रीय अंको से परिवर्तित करने के लिए संबद्ध समर्थकों द्वारा जिस क्रांतिकारी आकुलता और पैगंबरी आत्मविश्वास का प्रदर्शन किया जा रहा है, उस प्रक्रिया में वे जितने तर्क जुटा सकते हैं उससे कई गुणा बेहतर तर्क समर्थन में पहले से मौजूद हैं। देवनागरी पढ़ने, लिखने या समझने में जिनको समस्या है उनकी कई अन्य वर्तनीगत समस्यायें भी हैं। यह उनके चौपाल पर किये गये संवादों की भाषा और वर्तनी से ही जाना जा सकता है। किंतु यह उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना उनका संपादन योगदान। अतः इस पर बहस करने से बेहतर है कि लेख निर्माण और संपादन की रचनात्मक प्रक्रिया को जारी रखा जाय। और संविधान की बात क्या कीजै! संशोधन की संभावना तो वहाँ भी है और यहाँ भी। निर्माण नहीं तो संशोधन ही करें। यथासंभव सकारात्मक करें क्योंकि नकारात्मक संशोधन से संविधान का ही मूल स्वरूप खण्डित होता है। ज्ञान पर किसी की मिल्कियत नहीं होती इसलिए न कोई आगे चलेगा न पीछे। इच्छा हो तो साथ दें आवश्यकता हो तो साथ लें। साथी भाव से ही बेहतरी संभव है। न पैगंबर बनें न ही अनुयायियों का आह्वान करें। -- अजीत कुमार तिवारी वार्ता 15:48, 16 जून 2012 (UTC)
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साथियों, मैंने विकिपीडिया के हित में एक जरूर सवाल उठाया था, लेकिन यहां निराशा ही हाथ लगी। काफी सदस्यों के पूर्वाग्रह सामने आ चुके हैं, मुमकिन है कुछ और लोगों के भी आएं। अंकों के मुद्दे पर मैं अंतिम रूप से निम्न बिंदुओं के माध्यम से अपना पक्ष रखना चाहता हूं.
- हिंदी विकिपीडिया मुख्य रूप से हिंदी समझने वाले तमाम पाठकों के लिए है, न कि मात्र हिंदी में उच्च शिक्षित लोगों के लिए, इसलिए भारतीय अंकों के अंतर्राष्ट्रीय रूप का प्रयोग किया जाना चाहिए। मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि हिंदी में साक्षर लोगों में भारतीय अंकों के अंतर्राष्ट्रीय रूप को लगभग 100 प्रतिशत लोग समझते होंगे, जबकि देवनागरी रूप को 5 प्रतिशत से अधिक लोग नहीं समझते।
- आपका दावा निराधार और कल्पित है। भारत के हिंदी भाषी अधिकांश क्षेत्रों में गाँव की पाठशाला में आज भी बच्चों के शिक्षा की शुरुआत नागरी अंक के साथ होती है। अनिरुद्ध वार्ता 23:21, 16 जून 2012 (UTC)
- अनिरुद्ध जी, आप शायद भूल रहें हैं कि विकिपीडिया गाँव की पाठशालाओं में पढ़ रहें बच्चों से ज्यादा शहर में रहने वाली, अन्तराष्ट्रीय अंको को समझने वाली, जनता द्वारा प्रयोग में लाया जाता है। विकिपीडिया का लगभग सारा का सारा ट्रेफिक शहरों से ही आता है।<>< Bill william comptonTalk 03:21, 17 जून 2012 (UTC)
- अंकों के जिस रूप के प्रयोग की मैं बात कर रहा हूं, वे रोमन नहीं, (भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार) भारतीय अंकों का अंतर्राष्ट्रीय रूप है, इसलिए उनका प्रयोग किया जाना चाहिए। (अनुनाद जी और तिवारी जी, भारतीय संविधान में अभी इस मामले में कोई संशोधन नहीं हुआ है)
- आपने यह भी तो पढ़ा होगा कि भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने संविधान के लागू होने के ५ वर्ष बाद ही नागरी अंक के प्रयोग का अध्यादेश जारी किया था। हिंदी भाषा के इतिहास को थोड़ा स्वतंत्रोत्तर भाषायी राजनीति वाला अध्याय भी पढ़िए। अनिरुद्ध वार्ता 23:26, 16 जून 2012 (UTC)
- आप शायद भूल रहें हैं कि किसी राष्ट्रपति द्वारा अध्यादेश ज़ारी करने से सविधान नहीं बदलता। संसदीय लोकतंत्र की कार्यप्रणाली से तो आप परिचित होंगे ही।<>< Bill william comptonTalk 03:21, 17 जून 2012 (UTC)
- भारत में हिंदी माध्यम के विद्यालयों में (अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों की बात नहीं कर रहा, इसलिए कृपया अनुनाद जी गुमराह न हों और न दूसरों को करें) यही अंक प्रयोग में लाये जाते हैं। यानी ये हिंदीभाषी समुदाय के सहज विवेक का हिस्सा हैं, इसलिए विकिपीडिया पर भी इनका प्रयोग होना चाहिए।
- यह भी अधूरा सत्य है। तमाम कोशिश के बावजूद केवल हिंदी जानने वाले गाँवों के बच्चे और बड़े नागरी अंक समझते और प्रयोग करते हैं। हाँ नागरी अंक से परिचित होने के बावजूद शहरों के बुद्धिजीवियों को इसके प्रयोग करने में जरूर अनेक बाधाएं नजर आती है। और अपने ही रूप को युगल दर्पण में देखकर वे स्वयं को इतना विराट समझ लेते हैं कि देहातों का सच या तो देख नहीं पाते या मामूली मान लेते हैं। अनिरुद्ध वार्ता 23:32, 16 जून 2012 (UTC)
- हिंदी माध्यम की शिक्षा में पहली कक्षा से पीएच.डी. तक की पाठ्य पुस्तकों में इन्हीं अंकों का प्रयोग होता है, अतः विकिपीडिया पर भी इनका प्रयोग उचित होगा।
- इन पाठ्यपुस्तक के भाषिक स्वरूप पर अंतिम निर्णय थोपने वाले वकीलों और राजनितिज्ञों के हिंदी और ज्ञान के प्रति स्नेह से मैं परिचित हूँ। ऐसे निर्णयों के दर्ज न हुए प्रतिरोध को भी जानता हूँ और नागरी अंकों के संरक्षण के लिए उठाए गए कदमों को भी। फिर कह रहा हूँ। चौपाल के पुराने पृष्ठ देखिए। हाल में भाषा संबंधी जारी हुए फतबे पर भी हम चर्चा कर चुके हैं और उसे खारिज कर चुके हैं। आप यह दावा भी कर दें कि परास्नातक बल्कि परास्नातक तक आपने नागरि अंक की हिंदी की किताब पाठ्यपुस्तक के रूप में नहीं पढ़ी तो इसे कोइ भी हिंदी से स्नातक करने वाला विद्यार्थी आपकी सीमा ही मानेगा। हाँ विज्ञान के छात्रों के लिए यह बात ठीक है। किंतु तब जो ठीक है उसे मानना हिंदी विकिया के अस्तित्व के लिए ही ठीक नहीं है। अनिरुद्ध वार्ता 23:50, 16 जून 2012 (UTC)
- यह तर्क तो बिल्कुल ही निराधार है। परास्नातक और परास्नातक से ज्यादा विकिपीडिया स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों द्वारा प्रयोग में लाया जाता है। अगर स्नातक वाले छात्र ने कभी देवनागरी इंक पढ़े होंगे तो इसका मतलब यह नहीं है कि विकिपीडिया अपने मुख्य पाठकों से मुंह फेर ले।<>< Bill william comptonTalk 03:21, 17 जून 2012 (UTC)
- हिंदी के छोटे से लेकर बडे प्रकाशकों की पुस्तकों और संदर्भ ग्रंथों में इन्हीं अंकों का प्रयोग होता है, इसलिए विकिपीडिया पर भी इनका प्रयोग होना चाहिए। हिंदी के सबसे बडे प्रकाशकों में राजकमल प्रकाशन, वाणी प्रकाशन, राधाकृष्ण प्रकाशन, नेशनल बुक ट्रस्ट (सरकारी), प्रकाशन विभाग भारत सरकार, ग्रंथशिल्पी, शिल्पायन, साहित्य अकादमी (सरकारी), प्रकाशन संस्थान आदि हैं और सभी भारतीय अंकों के अंतर्राष्ट्रीय रूप का प्रयोग करते हैं। ये विकि नीति है कि किसी भी बात की सत्यता जांचने के लिए संबंधित किताबों और संदर्भ ग्रंथों को प्रामाणिक माना जाता है। फिर इस संदर्भ में इस नीति का पालन क्यों नहीं किया जा रहा?
- हिंदी की साहित्यिक संस्थाओं- साहित्य अकादमी, प्रगतिशील लेखक संघ, जनवादी लेखक संघ, जन संस्कृति मंच आदि में भी भारतीय अंकों का अंतर्राष्ट्रीय रूप प्रयुक्त होता है, इसलिए विकिपीडिया पर भी अपेक्षित है।
- जाँचनी ही है तो आज की ही क्यों पिछले सौ वर्षों की महावीर प्रसाद द्वीवेदी, प्रेमचंद, शुक्ल, प्रसाद, द्विवेदी के दौर की किताबें भी जाँचिए। साहस हो तो भारतेंदु और उससे पहले के दौर की किताबों का भी जिक्र कीजिए। आधुनिक काल से पहले के नागरि लिपि और उसके अंक की भी चर्चा चलाइए। नागरी लिपि और अंक पिछले ५0 या सौ वर्षों की सीमाओं से परे की अर्जित संपत्ति हैं। और हिंदी की संस्थाओं में काशी नागरी प्रचारिणी सभा हिंदी साहित्य सभा की पहले की किताबें और गतिविधियाँ देखिए। और मैं निश्चित रूप से जानता हूँ कि तब का समाज हिंदी के प्रयोग और प्रसार के प्रति जितना चिंतित था उनकी अपेक्षा आपके द्वारा गिनाए गए प्रकाशक और संस्थाएं आज व्यवसायिक अधिक हैं या हिंदी की हिताकांक्षी इसे आप भी बखूबी समझते होंगें। प्रकाशन विभाग की कुछ तकनीकि समस्याएं भी हैं और कुछ मनौवैज्ञानिक और आर्थिक भी। विकिया हिंदी प्रयोक्ताओं को अनुदान, राजनितिक संरक्षण, या विवेकहीन कानूनों को अपनाने की जरूरत नहीं है। अनिरुद्ध वार्ता 23:58, 16 जून 2012 (UTC)
- आप फिर गलत तर्क दें रहें हैं, विकिपीडिया आधुनिक समय का ज्ञानकोष है। सौ वर्ष पुराने लेखों व किताबों से इसका कोई वास्ता नहीं। यह आधुनिक समय में प्रयोग में लाए जाने वाली भाषा में लिखा जाता है न कि अब उपयोग से बहार हो चुके भाषा के पुराने व अल्पसंख्यक स्वरूप में।<>< Bill william comptonTalk 03:21, 17 जून 2012 (UTC)
- हिंदी के सबसे बडे समाचार पत्रों- दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर, हिंदुस्तान, नवभारत टाइम्स, जनसत्ता (साहित्य समाज में सम्मानित), राष्ट्रीय सहारा, राजस्थान पत्रिका, अमर उजाला आदि सभी में भारतीय अंकों के अंतर्राष्ट्रीय रूप का प्रयोग होता है। इन सभी अखबारों की पाठक संख्या प्रति अखबार एक करोड से अधिक है, इसलिए यह झूठी बात कहकर इन्हें खारिज करने की कोशिश न की जाए कि ये अपना एक पृष्ठ अंग्रेजी में निकालते हैं। ये सभी शुद्ध रूप से हिंदी के अखबार हैं और इनमें समाचारों के अलावा विचारों के लिए भी एक या दो पृष्ठ होते हैं। जनसत्ता की प्रसार संख्या कम है लेकिन वह हिंदी साहित्य जगत में सर्वाधिक प्रतिष्ठित अखबार है और भाषा व साहित्य के मसलों पर सर्वाधिक संवेदनशील।
- आपके द्वारा गिनाए गए अखबारों की नागरी लिपि और हिंदी भाषा के प्रति संवेदनशीलता का रहस्य उनके पन्ने पलटते ही प्रचलित हिंदी शब्दों के बदले भी अंग्रेजी शब्दों की भरमार के साथ स्पष्ट हो जाते हैं। संवेदनशीलता का तमगा लगाना और प्रदान करना दूसरी बात है और वास्तव में संवेदनशील होना और बात। और एक बात और भारत के हजारों गाँवों तक करोड़ों प्रतियाँ छापने वाले इनमें से एक भी अख़बार की पहुँच नहीं है। जहाँ के लोग अंतर्राष्ट्रीय अंक जानते हैं और नागरी अंक के साथ जीते हैं। वे छत्तीस का रिश्ता बनाते हैं जिसे अंग्रेजी अंक 36 कभी समझा सकता है क्या? ४ को मोटरिया, ५ को खड़उँआ, ६ को उल्टीवा और ७ को घुड़मुड़िवा कहकर विराट लग रहे अखबारों के अंक तो नहीं सीखे जा रहे हैं। अनिरुद्ध वार्ता 00:14, 17 जून 2012 (UTC)
- यहीं समाचारपत्र अब हिन्दी जानने वालो द्वारा प्रयोग में लाए जाते हैं। और इन्होंने अपने को समय अनुसार बदल लिया है, ये समझ चुके हैं कि भाषा के बदलते स्वरूप के साथ इन्हें भी बदलना पड़ेगा क्योंकि अगर इन्होंने इस बात को नजरअंदाज करा तो इन्हें लोग पढ़ना ही बद कर देंगे। आप यह क्यों नहीं सोचते कि जब जनता खुद ही देवनागरी अंको को पढ़ना नहीं चाहती तो हम क्यों उन पे देवनागरी अंक थोप रहें हैं और इसका सबसे बड़ा सबूत है समाचारपत्रों का देवनागरी अंको को त्याग के अन्तराष्ट्रीय अंको को अपनाना क्योंकि समाचारपत्र भाषा के सबसे नवीनतम व सबसे ज्यादा समझे जाने वाले स्वरूप को प्रयोग में लाते हैं।
- आप बार-बार गाँवों पर क्यों जाके अटक जाते हैं? विकिपीडिया शहरी आबादी द्वारा प्प्रयोग में लाया जाता है न कि आपकी गाँव की जनता द्वारा। जिस प्रकार आपने यह तर्क दिया कि ये अखबार गाँवों तक पहुँचते ही नहीं तो आप यह कैसे भूल गए कि विकिपीडिया का तो वहाँ पहुँचना और भी मुश्किल है। जहाँ बिजली नहीं, कंप्यूटर नहीं, इंटरनेट नहीं, पढ़ी-लिखी आबादी बहुत कम, आदि आप बार-बार उनकी क्यों दुहाई देते हैं? जब वो सस्ता सा अखबार नहीं पढ़ सकते तो क्या वो कप्यूटर पर इंटरनेट चला के विकिपीडिया के लेख पढ़ेंगे? अव्यवहारिक बात न करें।<>< Bill william comptonTalk 03:21, 17 जून 2012 (UTC)
- भारत सरकार के सरकारी दस्तावेजों में भारतीय अंकों के अंतर्राष्ट्रीय रूप का प्रयोग होता है। यह बात इसलिए महत्वपूर्ण है कि आम आदमी से सरकार तक केवल भारतीय अंकों के अंतर्राष्ट्रीय अंकों का प्रचलन है।
- भारत सरकार के कार्यालयों में अंतर्राष्ट्रीय कहे जाने वाले अंक का ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय कही जाने वाली भाषा अंग्रेजी का भी शत प्रतिशत प्रचलन है। जवाहर लाल नेहरु युनिवर्सिटि में भी और दिल्ली विश्वविद्यालय के भारतीय भाषा विभाग में भी। जेएनयु में तो हिंदी शोध-ग्रंथ के पृष्ठ पर भी डिक्लरेशन अंग्रेजी में ही लिखवाया जाता है। शोध विषय अंग्रेजी के ही प्रमाणिक माने जाते हैं। यह आपकी नजर में हिंदी प्रेम होगा। मुझे इनके आधार पर निर्णय लेने में गंभीर आपत्ति है। मेरी समझ में नहीं आता है कि ऊपर से नीचे तक कार्यालयों में प्रचलित अंग्रेजी से कुछ लोग केवल अंक ही क्यों चुनते हैं। शायद इसलिए की काली मिर्च में पपीते के बीज मिला दो। पता भी नहीं चलेगा की कब धोखा कर दिया। अनिरुद्ध वार्ता 00:25, 17 जून 2012 (UTC)
- समाज बदल गया है और बदल रहाँ है आप बदलते हैं या नहीं यह आपकी कमी है। आप इसे पपीते के बीज बोलें या कुछ और सचाई यही है कि आप जिस हिन्दी की अगुवाई करते हैं उसे तो अब देश की सरकार प्रयोग में लाना पसंद नहीं करती जहाँ हिन्दी समझी जाती है, केवल जहाँ उसका अस्तित्व है।<>< Bill william comptonTalk 03:21, 17 जून 2012 (UTC)
- विकिपीडिया के वरिष्ठ सदस्यों का यह कहना दुखद है कि जिसको देवनागरी अंकों से दिक्कत है, वे अंग्रेजी विकिपीडिया पर जाए। क्या सिर्फ भारतीय अंकों का अंतर्राष्ट्रीय रूप आ जाने से (जो कि हिंदी माध्यम की हर पाठशाला में सिखाया जाता है) क्या कोई अंग्रेजी पढने लगेगा? यह बात समझनी चाहिए कि ये अंक भारतीय ज्ञान परंपरा का अनिवार्य हिस्सा है। इनको अंग्रेजी से जोडना पूर्वाग्रह होगा।
- सभी महत्वपूर्ण हिंदी वेबसाइटें- बीबीसी हिंदी, केन्द्रीय हिंदी निदेशालय, केन्द्रीय हिंदी संस्थान, राजभाषा विभाग आदि भारतीय अंकों के अंतर्राष्ट्रीय रूप का प्रयोग करती हैं, इसलिए विकिपीडिया पर भी यही अंक प्रयुक्त होने चाहिए।
- हम भी अंतर्राष्ट्रीय अंक को नागरी का व्युत्पन्न और भारतीय ज्ञान परंपरा से आया हुआ जानते हैं। और और अनुनाद जी के शब्दों में इसिलिए इनका संरक्षण और प्रयोग और भी जरूरी समझते हैं। हिंदी वेवसाइटों के निर्माताओं के साथ अपनी तकनीकि समस्याएं हैं। पूर्ण विराम टंकित करना नहीं आता। कोइ बात नहीं फुलस्टॉप से काम चलाओ। नागरी अंक के बारे में तो सोंचने की जरूरत भी नहीं है। अंग्रेजी की-बोर्ड के अंक हैं ही। वे अंतर्राष्ट्रीय कहे भी जाते हैं और प्रचलित भी हैं। विकिया के प्रयोक्ताओं ने मेहनत कर नागरी अंकों के प्रयोग का समाधान निकाल लिया है। वे उनसे आगे बढ़ चुके हैं। अंतर्राष्ट्रीय अंकों के प्रयोग का निर्णय पश्चगामी कदम होगा। थोड़ा इंतजार कीजिए। अभी तो औरों को हिंदी विकिया पर गर्व है॥ जल्द ही वे इसका अनुकरण भी करेंगें। और इसका संदर्भ के रूप में प्रयोग भी करेंगें। अनिरुद्ध वार्ता 00:33, 17 जून 2012 (UTC)
- विकिपीडिया कोई संग्रहालय नहीं है कि आप यहाँ बैठके भाषा संरक्षण करें। और आप शायद विकिपीडिया का मूल उद्देश्य ही भूल गए हैं, जिमी वेल्स भी इस बात को कई बार दोहरा चुके हैं कि विकिपीडिया भाषा संरक्षण के लिए नहीं अपितु ज्ञान के प्रसार के लिए है।<>< Bill william comptonTalk 03:21, 17 जून 2012 (UTC)
- हिंदी की सभी बडी साहित्यिक, गैर-साहित्यिक (समाचार विश्लेषण, विचार विश्लेषण वाली) पत्रिकाओं में भारतीय अंकों का अंतर्राष्ट्रीय रूप प्रयुक्त होता है, इसलिए विकिपीडिया पर भी होना चाहिए। हिंदी गद्य के उद्भव से ही उसे रूप और आकार देने में साहित्यिक पत्रिकाओं की सबसे अहम भूमिका रही है।
- हिंदी गद्य के उद्भव से ही उसे रूप और आकार देने वाली पत्र-पत्रिकाओं ने २00 वर्षों तक नागरी अंक का ही प्रयोग किया है। और कुछ क्षेत्रों में आज भी कर रहे हैं। कालांतर में नागरी अंक का प्रयोग करने वाली पत्रिकाएं मिटती गईं और आज विकसित हिंदी की बहती गंगा से अपना स्वीमिंग पुल बनाने वाले अंग्रेजी भाषी मालिकों के हिंदी भाषी कर्मचारी बाध्य होकर या अनजाने में उस विरासत को मिटाने में लगे हैं। अनिरुद्ध वार्ता 00:41, 17 जून 2012 (UTC)
- उत्तर पहले भी दिया जा चुका है परन्तु फिर एक बार बता देता हूँ कि विकिपीडिया वर्तमान पे जीता है न कि आपके 200 वर्ष पहले के इतिहास में। अब चाहे इसे आप स्वीमिंग समझे या जकूज़ी। <>< Bill william comptonTalk 03:21, 17 जून 2012 (UTC)
- विश्वविद्यालयों के हिंदी प्रकाशनों में भी भारतीय अंकों के अंतर्राष्ट्रीय रूप का प्रयोग होता है, उदाहरण के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय की पाठ्य सामग्री देखी जा सकती है। इसलिए विकिपीडिया पर भी भारतीय अंकों के अंतर्राष्ट्रीय रूप का प्रयोग अपेक्षित है।
- मैं गत साढे सात वर्षों से देश के प्रतिष्ठित केन्द्रीय विश्वविद्यालयों (दिल्ली विश्वविद्यालय, पांडिचेरी विश्वविद्यालय और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय) में हिंदी भाषा व साहित्य का अध्यापन कर रहा हूं इसलिए पूरी जिम्मेदारी के साथ कह सकता हूं कि सभी जगह (अकादमिक और गैर-अकादमिक जगत में) भारतीय अंकों के अंतर्राष्ट्रीय रूप का प्रचलन है, इसलिए विकिपीडिया पर भी उनके प्रयोग में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
- देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से संबद्ध होना और हिंदी भाषा-साहित्य का अध्यापन यदि हिंदी और नागरी अंक संबंधी निर्णय के लिए कोइ कसौटी है तो भी मेरा नागरिक अंक का समर्थन करना पर्याप्त होना चाहिए। और इस आधार पर यदि कोइ दावा किया जाता है तो भी नागरी अंक के प्रचलन का दावा मेरे नाम के साथजोड़कर मान लेना चाहिए। अनिरुद्ध वार्ता 00:55, 17 जून 2012 (UTC)
- विकिपीडिया की नीति है कि यहां सदस्यों की व्यक्तिगत राय के बजाय समाज में प्रचलित राय को पूरी निष्पक्षता से स्थान दिया जाता है। उपर्युक्त सभी प्रमाण समाज में प्रचलित राय के हैं जो एक ही निष्कर्ष पर पहुंचते हैं इसलिए विकिपीडिया पर भारतीय अंकों के अंतर्राष्ट्रीय रूप का प्रयोग होना चाहिए।
- विकिपीडिया की स्पष्ट नीति है कि जहाँ तक हो सके सभी लेखों को निष्पक्ष दृष्टि से लिखिये (Neutral Point of View -पक्षपात रहित दृष्टिकोण)। लेख राष्ट्रवादी, पक्षपातपूर्ण अथवा घृणा आधारित नही होना चाहिये। लेख तथ्यों पर आधारित होना चाहिये। साथी सदस्यों के उपर्युक्त मत उनके इस पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं, उदाहरणार्थ- हमारे मूल अंकों की रक्षा करना और जरूरी हो जाता है। हिन्दी विकि तनकर खड़ा हो और घोषणा करे कि हम देवनागरी अंकों का ही प्रयोग करेंगे। हम किसी की अंधी नकल नहीं करेंगे। (अनुनाद सिंह)। ऐसी पक्षपातपूर्ण धारणा रखने वाले साथियों को समझना चाहिए कि विकिपीडिया एक सुलभ ज्ञानस्रोत है, अपनी कोई जिद पूरी करने के आंदोलन का केन्द्र नहीं। ऐसी पक्षपातपूर्ण दृष्टि के खिलाफ विकिपीडिया की आत्मा की रक्षा करने के लिए भारतीय अंकों के अंतर्राष्ट्रीय रूप का प्रयोग करना जरूरी है।
- हिंदी विकिपीडिया पर मात्र ढाई सौ सक्रिय सदस्य हैं (उनमें से आधे से अधिक लोगों की मातृभाषा हिंदी नहीं है, शेष में से आधे बहुत कम सक्रिय हैं) और ये हिंदीभाषी समाज और हिंदी के पाठकों की राय का किसी भी रूप में प्रतिनिधित्व नहीं करते। इसलिए अगर इनकी राय और बहुमत ही सर्वोपरि माना जाता है तो यह बहुत खतरनाक साबित हो सकता है। इनके विचारों से साबित हो चुका है कि हिंदी भाषा के प्रति रूढ समझ रखते हैं। कल्पना करें कि ये इसी रूढ समझ से अपनी वैचारिक पसंद के पृष्ठ को रखना चाहें और विरोधी विचार के पृष्ठ को हटाना चाहेंगे तो भी क्या बहुमत के आधार पर फैसला किया जाएगा? यह दुखद है कि आम हिंदीभाषियों की विकिपीडिया तक पहुंच केवल पाठक के रूप में है, संपादक के रूप मे नहीं। उन तमाम पाठकों की राय का भी सम्मान होना चाहिए जो भारतीय अंकों के अंतर्राष्ट्रीय रूप में दीक्षित हैं (जैसा कि कई माननीय समस्यों ने भी स्वीकार किया है)।
- सर्वसुलभ ज्ञानकोश बनाने की ज़िद ही विकिपीडिया है। और आज यह एक आंदोलन भी है। अंग्रेजी को ही आप्त मानते हों तो विकिपीडिया मूवमेंट गूगल कीजिए। सचमुच कुछ सक्रिय सदस्यों की नागरी अंक के प्रयोग की राय करोड़ों हिंदीभाषियों का प्रतिनिधित्व नहीं करती है। ऐसे में कुछ कभी-कभी सक्रीय हुए सदस्यों की राय के प्रतिनिधि होने के तर्क का क्या कहना? और नागरी का समर्थन कर रहे सदस्य कल्पना लोक में चाहे जितने खतरनाक हो जाएं व्यवहारतः उन्होंने जितना काम किया है उसके प्रति मैं श्रद्धानत हूँ। और अंतर्राष्ट्रीय अंक का समर्थन और विकिया पर संपादन सभी आम लोग ही कर रहे हैं। यह किसी के भी संपादन के लिए प्रतिबंधित नहीं है। हम हर नए सदस्य के सकारात्मक कार्य का स्वागत करने और मुश्किल आने पर सहयोग के लिए बेताब हैं। शायद आप भूल रहे हैं कि प्रेमचंद का सुरक्षित पृष्ठ आग्रह के तत्काल बाद सभी के संपादन के लिए खोला गया है। अनिरुद्ध वार्ता 01:14, 17 जून 2012 (UTC)
- तो क्या आपकी राय करोड़ों हिंदीभाषियों का प्रतिनिधित्व करती है? आप शायद यह नहीं जानते कि विकिपीडिया विकिपीडिया सम्पादकों की सर्वसम्मति पे ही चलता है। आप पता नहीं कहाँ से करोडों लोगों को उठा लाते हैं, जब बात यह कहो कि आम जनता अन्तराष्ट्रीय अंको का प्रयोग करती है तो आप भाषा संरक्षण को बीच में ले आते हैं। पता नहीं आपका तर्क एक जगह क्यों नहीं रहता और बार-बार तथ्य के अनुसार डगमगा जाता है।<>< Bill william comptonTalk 03:21, 17 जून 2012 (UTC)
- विकिपीडिया किसी व्यक्ति या समूह की जागीर नहीं कि वह अपनी दमित इच्छाओं को यहां पूरा करे। इसके लिए वे स्वतंत्र पुस्तक लिख सकते हैं जिसमें मनचाहे अंकों का इस्तेमाल करें। अगर पुस्तक अनुकूल लगी तो पाठक उसके पास जायेंगे, नहीं तो नकार देंगे। विकिपीडिया एक लोकतांत्रिक जनमाध्यम है जिसकी नीति में व्यक्तिगत विचारों के लिए कोई जगह नहीं है। यहां ज्ञान का वही रूप अपेक्षित है जो जनता के बीच प्रचलित हो। चूंकि जनता के बीच (जैसा कि कई माननीय सदस्यों ने भी स्वीकार किया) भारतीय अंकों का अंतर्राष्ट्रीय रूप प्रचलित है, इसलिए यहां भी उसी का प्रयोग किया जाना चाहिए।
मेरे द्वारा ऊपर रखे गए बिंदुओं की सत्यता की जांच आप विभिन्न स्रोतों से कर सकते हैं। अगर इनके तर्कपूर्ण जवाब माननीय सदस्यों के पास हैं और वे हिंदी विकिपीडिया को आम पाठक से दूर करना चाहते हैं तो देवनागरी अंकों को थोपने के लिए वे स्वतंत्र हैं। मैं जिस उत्साह से हिंदी विकिपीडिया से जुडा था, उसने ही दुख के साथ इसे छोड दूंगा। धन्यवाद! इति! गंगा सहाय मीणा (Ganga Sahay Meena) (वार्ता) 18:54, 16 जून 2012 (UTC)
- यह हिंदी के पाठकों के प्रति गंभीर चिंता का ही परिणाम था की इससे भी तीखे बहसों और असहमतियों के बावजूद बहुत से सदस्यों ने हिंदी विकिया आंदोलन का लगातार साथ निभाया। आपके लिए शायद यह समझना अभी बाकी है कि हिंदी विकिया पर सामग्री जोड़ना सर्वाधिक महत्वपूर्ण है और शेष मुद्दे इतना महत्व नहीं रखते कि इस मूल कार्य से खुद को अलग किया जाय। और यह सार्वजनिक बहस का तरीका नहीं है कि मेरी मानो तो ठीक वरना बहिष्कार करूँगा। क्योंकि यदि यही धमकी दूसरे भी दें तो क्या होगा। विकिया व्यक्ति की जागीर नहीं है। फिर किसी सामाजिक संपत्ति का बहिष्कार कोइ जिम्मेदार व्यक्ति कैसे कर सकता है? नागरी अंक के सवाल को छोड़कर आप कुछ और कीजिए। और तब आप पाएंगें कि यहाँ सहयोग की कितनी बलवती भावना है। आप नहीं जानते मगर अनुनाद जी सरीखे लोगों ने हिंदी के लिए विकिया और उससे बाहर भी जितना कार्य किया है वह आकादमीक प्रतिष्ठानों में मोटी तन्ख्वाह पाने वालों के लिए हमेशा चुनौती और शर्म का कारण बनेगा। हम आपके हर तरह के लोकतांत्रिक अधिकारों और उसके अनुरूप लिए गए निर्णय का पूरा सम्मान करेंगें। अनिरुद्ध वार्ता 01:30, 17 जून 2012 (UTC)
- सर्वप्रथम, मेरा अनिरुद्ध जी से अनुरोध है कि वे चर्चा के दौरान इंडेंटेशन का प्रयोग करने का कष्ट करा करें, इसके लिए आपको अपूर्ण विराम (colon) को उपयोग करना होता है। दूसरा, मेरा उनसे अनुरोध है कि वे अपने तर्को पे कायम रहें। जब बात यह होती है कि मुख्यतः हिंदीभाषी अब अन्तराष्ट्रीय अंको का प्रयोग करते हैं तो ये भाषा संरक्षण और गाँव की आबादी का अन्तराष्ट्रीय अंको का ज्ञान न होने की दुहाई करते हैं, वैसे इसका इन्होंने आजतक कोई प्रमाण तो दिया है नहीं इसलिए मैं तो यह तर्क भी स्वीकार नहीं करता (ध्यान रहें विकिपीडिया प्रमाण दिए तर्को को ही मानता है न कि आपके व्यक्तिगत अनुभव/ज्ञान को) और जब बात होती है कि विकिपीडिया समुदाय अन्तराष्ट्रीय अंको का प्रयोग करने के पक्ष में है तो ये कहते हैं कि हिंदीभाषी लोगों के लिए निर्णय हम नहीं ले सकते, वैसे इनका यह तर्क भी गलत है चूँकि विकिपीडिया चलता ही इसके सम्पादकों की सर्वसम्मति से है, और आप यही सुनना चाहते है तो हाँ विकिपीडिया के कुछ सक्रिय सदस्य ही करोडों हिंदीभाषीयों के लिए निर्णय ले सकते हैं। अब इसे चाहे विकिपीडिया की कमजोरी कहें या ताकत। वैसे हिंदीभाषी भी अन्तराष्ट्रीय अंको का ही प्रयोग करते हैं, इसलिए मुझे तो आजतक आपके तर्को की बुनियाद ही समझ नहीं आई। तीसरा, इन बातों को दिमाग से निकाल दें कि विकिपीडिया भाषा संरक्षण के लिए या गाँव की (मुख्यतः अनपढ़, बिना कम्पयूटर, इंटरनेट और बिजली की सुविधाओं वाली) जनता के लिए है। सीधे शब्दों में: विकिपीडिया का उपयोग करने वाली जनता मुख्यतः शहरी है और अन्तराष्ट्रीय अंको का प्रयोग करती है, इसलिए अपना हट छोड़ के अन्तराष्ट्रीय अंको को स्वीकार करें, धन्यवाद।<>< Bill william comptonTalk 03:21, 17 जून 2012 (UTC)
- बिलजी, मेरे द्वारा दिए गए तर्क की बुनियाद हिंदी माध्यम से गाँव में पढ़ा हुआ व्यक्ति ही समझ सकता है। वैसे मैने यह कभी नहीं कहा है कि गाँव के लोग अंतर्राष्ट्रीय अंक नहीं समझते। तर्क ध्यान से पढ़िए। वे इसे जानते हैं मगर नागरी का वे प्रयोग ही नहीं करते हैं बल्कि वह अंक उनके मुहावरों में है। गीतों में है। उदाहरण के लिए पिछली बातें फिर से पढ़िए। और यह बुनियादी बात समझने की कोशिश कीजिए की वाशिंगटन की सड़कों का हाल वहाँ रहने वाला ही जानता है किताबों में उसे पढ़ने और गूगल मैप से नक्सा देखने वाला नहीं। और ४-५ लोगों को प्रतिनिधी न मानने की बात मैने नहीं उठाई है। शुरुआती दिनों में मुझे आपकी राय विकिया की मूल धारणा लगी थी इसलिए दुख हुआ था। अब मैं जान चुका हूँ कि यह केवल आपकी राय है और कम-से-कम विकिया के मूल संकल्पकर्ता की नहीं। विकिया अगर भाषा संरक्षण के लिए नहीं है तो उसके २00 संस्करण की क्या जरूरत है। आपको याद होगा कि मैने मुंबई से लौटकर कुछ अनुभव साझा किए थे। और विकिया सम्मेलन की बुनियाद ही इसी पर अवलंबित थी कि कैसे विकिया अंग्रेजी से इतर भाषाओं में आगे बढ़े और गाँवों के लोगों तक पहुँचे। वरना लंदन में बैठकर भारत के हिंदी भाषी शहरी क्षेत्रों के लिए काम करने का और क्या औचित्य हो सकता है। शहरी क्षेत्र के और विश्वविद्यालय के लोग बखूबी अंग्रेजी जानते हैं और उनके लिए हिंदी विकिया की जरूरत नहीं है। मुझे भी जितनी मदद अंग्रेजी विकिया से मिली है हिंदी से नहीं मिली है। अपनी धारणा बदलिए। मोबाइल के साथ अंतर्जाल और विकिया गाँव तक पहुँचने लगी है। और हिंदी विकिया का लक्ष्य पाठक वे ही लोग हैं या हो सकते हैं जो केवल हिंदी जानते हैं। मेरी समझ में नहीं आता है कि आप अंतर्राष्ट्रीय अंक के प्रति इतनी आतुरता क्यों दिखा रहे हैं। आपके और मेरे आने से भी पहले से विकिया पर काम करने वालों ने नागरी अंक अपनाया है। मैं उनकी अनुपस्थिति में अपने मन की करने की कोशिश सफल नहीं होने दूँगा। और यदि ५-६ व्यक्ति प्रतिनिधि हैं तो फिर नागरी अंक के पक्ष में वर्षों पहले निर्णय लिया जा चुका है। उसकी पुनर्पुष्टि भी हुई है। रोज रोज एक ही बात पर बहस करने की क्या जरूरत है? या आपके मत से जब भी कोइ एक व्यक्ति आकर आपके मन की बात रखेगा। चुनाव प्रक्रिया शुरु हो जाएगी? हो सकता है आपको अंक समझने में दिक्कत होती हो। लेकिन हिंदी विकिया के लक्ष्य पाठक आप जैसे लोग तो नहीं हो सकते। अनिरुद्ध वार्ता 04:23, 17 जून 2012 (UTC)
- सबसे पहले यह बता दूँ कि विकिपीडिया पर देवनागरी अंक किसी के लिये कोई समस्या नहीं हैं। ऐसे टूल उपलब्ध हैं जो एक कुंजी दबाते ही देवनागरी अंकों को 'अन्तरराष्टीय अंकों' में बदलकर सारी सामग्री प्रदर्शित करेंगे (इसके उल्टा भी सम्भव है)। इसलिये यह मुद्दा बिल्कुल सारहीन है। जबकि भाषा, लिपि, जैवविविधता, पर्यावरण आदि का संरक्षण आज सारे विश्व में सबसे 'पवित्र' विषय बने हुए हैं। इसी सन्दर्भ में मैं बिल काम्टन से निवेदन करूँगा कि वे बताएँ कि जिमी वेल्स ने कब और कहाँ कहा/लिखा/दोहराया है कि "विकिपीडिया भाषा संरक्षण के लिए नहीं अपितु ज्ञान के प्रसार के लिए है।"-- अनुनाद सिंहवार्ता 05:04, 17 जून 2012 (UTC)
- विकि पर देवनागरी के अंकों को लेकर फिर से छिड़ी बहस को देखकर यही कहना चाहूँगा कि इस समय विकि पर सामग्री सहेजने की आवश्यकता है, गंगा सहाय मीणा जी एवं बिल जी इस मूल मुद्दे से हटकर विकि से जुड़ स्वयं सेवी सदस्यों की भावनाओं को ठेस पहुँचाने का कार्य कर रहे हैं, अनिरुद्ध जी और अनुनाद जी ने विकि पर बहुत कार्य किया है इसके अतिरिक्त अन्य सदस्यों व प्रबंधकों ने विकि को यहाँ तक पहुँचाने में अपना अमूल्य समय दिया है परन्तु बिल जी को यह टिप्पणी करते देर न लगी कि एक सम्मानित प्रबंधक द्वारा लेख बनाये जाने से और कुछ लेखों को प्रदूषण से बचाने के पवित्र उद्देश्य में उन्हें विकि के प्रबंधक से विकि को खतरा दिखने लगा, एक दूसरे सदस्य ने हटाने के लिए जोरदार समर्थन कर दिया जबकि वास्तविकता यह है कि डा० जगदीश व्योम ने अनेक लेखों को स्तरीय बनाने तथा वर्तनी की अशुद्धियों को सुधारने का महत्वपूर्ण कार्य किया है और अब भी विकि प्रेम के कारण यहाँ बिना चिन्ता किये कार्य कर रहे हैं, उनके विरुद्ध ऐसी अपमानजनक टिप्पणी बिल द्वारा लिखे जाने के बाद भी शायद इसीलिये कुछ नहीं लिखा कि विकि पर इस तरह का विवाद उचित नहीं है, बिल जी विकि पर काफी समय दे रहे हैं पर उनका व्यवहार विकि से लोगों को जोड़ने की जगह दूर हटने की दिशा में ले जा रहा है, अनिरुद्ध जी और अनुनाद जी का विकि से जुड़े रहना विकि के लिये बहुत शुभ है मीणा जी देवनागरी के अंकों में मत उलझिये हो सके तो विकि पर कुछ लेख बनाइये तो विकि का भला होगा, बिल जी रातोरात विकि के सर्वेसर्वा बनना चाहते हैं ऐसा उनकी टिप्पणियों से प्रतीत होता है, सारे पूर्व प्रबंधक अभी भी फिर से सक्रिय हो सकते हैं यदि बेकार की टीका टिप्पणी करने वाले विकि पर अपना काम करने लगें और एक दूसरे को सम्मान देने लगें, मैं निवेदन करना चाहता हूँ कि देवनागरी लिपि को इतना मत कमजोर कर डालिये कि उसका दम ही घुट जाये, शायद यही अनिरुद्ध जी की चिन्ता है जिसे यहाँ समझा जाना चाहिये न कि उनका विरोध करके तमाम लोगों की भावनाओं को ठेस पहुँचानी चाहिये। --आलोचक (वार्ता) 05:17, 17 जून 2012 (UTC)
- माननीय संपादक सदस्यों, किसी भी बहस में तर्क का जवाब तर्क से दिया जाना चाहिए और अपने तर्कों को प्रमाणों से पुष्ट करना चाहिए। अनिरुद्ध जी के कुतर्कों का जवाब बिल जी ने तर्कपूर्ण ढंग से दे दिया है। अनिरुद्ध जी का यह (कु)तर्क बेबुनियाद है कि गांव के लोग अंतर्राष्ट्रीय अंक नहीं समझते। मैंने पहली से बी.ए. तक की पढाई गांव के सरकारी स्कूलों से की है और मेरा इस बीच कभी भी देवनागरी अंकों से परिचय भी नहीं हुआ। किसी भी राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल की किताबें देख लें या फिर एन.सी.ई.आर.टी. की समस्त किताबें, कहीं भी देवनागरी अंकों का प्रयोग नहीं होता। हर कहीं अंतर्राष्ट्रीय अंकों का प्रयोग होता है. बिल अगर भारत में पढे नहीं, रहते नहीं तो इसका मतलब यह नहीं कि उन्हें भारत के बारे में कुछ जानकारी भी नहीं है। वे जिस तन्मयता और तटस्थता के साथ विकिपीडिया की सेवा कर रहे हैं, उसे संदेह की दृष्टि से नहीं देखा जाना चाहिए और तर्कों का जवाब तर्कों से देना चाहिए। समीर (वार्ता) 05:59, 17 जून 2012 (UTC)
समीर जी, क्या आपको हिंदी समझ नहीं आती। मैने कभी नहीं कहा कि गाँव के लोग नागरी अंक समझते हैं और अंतर्राष्ट्रीय अंक नहीं। बिल के इस तर्क के बाद मैने साफ किया है कि सवाल यह है कि दोनों प्रचलित अंकों में नागरी के साथ नागरी अंक यहाँ के समर्पित सदस्यों ने पहले ही चुन लिए थे और मेरी समझ से ठीक चुना था। इसे परिवर्तित करने की कोइ जरूरत नहीं है। जिसे सीखने का शौक हो नागरी अंक सीख ले। अन्यथा अंतर्राष्ट्रीय अंक का प्रयोग करे। लेकिन यहाँ तो कुछ करने के बजाय नागरी अंकों को समाप्त करने की चेष्टा की जा रही है। और आप भूल गये की गंगा जी के जेएनयु और आपके जेएनयु के होने और नए सदस्य होने का भी कुछ अर्थ है। मूर्खता मत कीजिए। विकिया पर आए हैं तो किसी सार्थक उद्देस्य के लिए आइए। मेरे पास इतना समय नहीं है कि मैं आपका आइपी पता देखूँ और संपादन जाँचूँ। मिटाने और प्रतिबंधों में भी मेरी आस्था नहीं है। इसलिए पृष्ठ मिटाने के बदले यदि १% भी संभावना हो तो मैं लेख संपादित करता हूँ मिटाता नहीं हूँ। और बिल नागरी लिपि के मूल स्वरूप पर मतदान नहीं हो सकता है। और यह आपकी राय के अनुरूप हो या न हो विकिया की नितियों के अनुरूप है। मतदान के नाम पर गलत प्रवृत्तियों को बढ़ावा देने की जरूरत नहीं है। अनिरुद्ध वार्ता 06:22, 17 जून 2012 (UTC)
- भाई, आपके कुतर्कों का भी कोई जवाब नहीं। अगर आप और मैं संयोग से भारतवासी हैं और एक ही शहर में, एक ही वर्ष पैदा हुए हों तो इसपर किसका बस चलता है? जब आदमी के पास तर्क ना हो तो वह व्यक्तिगत आक्षेपों पर उतर आता है। समीर (वार्ता) 06:40, 17 जून 2012 (UTC)
- समीर जी, बिल कितनी हिन्दी समझते हैं और आप कितने हिन्दी प्रेमी हैं यह इसी बात से मालूम हो जाएगा कि जब विकि पर हिन्दी के नाम पर मात्र एक हजार पन्ने ही थे तब बिल कहाँ थे और आप कहाँ थे? आज जब अनिरुद्ध, अनुनाद, पूर्णिमा वर्मन, मुनिता प्रसाद, मयूर, जगदीश व्योम, रोहित रावत, आशीष भटनागर आदि ने अपना समय देकर विकि को यहाँ तक लाकर खड़ा कर दिया है तब बिल यहाँ आकर कुछ और समर्थन लेने, कुछ लोगों को विकि पर काम करने के लिए तैयार करने की जगह विकि को विवाद में उलझा कर सब ठप कर देने की साजिश सी कर रहे हैं, अंकों के विषय की कोई झंझट नहीं है जैसा कि अनुनाद जी ने कहा है, देवनागरी लिपि में उसी के अंक हों यह पहले ही तय हो चुका है लेकिन आप और बिल यहाँ कहीं नहीं थे जो आपको पता चल पाता, मीणा जी कुछ अच्छे लेख बनायें यह बहस और कुतर्क छोड़ दें, आप अनिरुद्ध के लिए कुतर्क करने का आरोप लगा कर उन्हें उकसाने का प्रयास कर रहे हैं, आपनै आखिर विकि के लिए क्या किया है इसे देख लें, कुछ सदस्य तो यहाँ हिन्दी में लिखने में भी शरमाते हैं और चौपाल पर अंग्रेजी में ही लिख रहे हैं इनके लिए क्या कहा जाए, ऊपर इसे देखा जा सकता है, आखिर आप लोग देवनागरी को जीवित रखने की मुहिम चला रहे हैं या उसे मिटा देने की कोई साजिश कर रहे हैं, विकि के लाखों हिन्दी प्रेमी यह जानना चाहते हैं।--सुगन्धा 06:51, 17 जून 2012 (UTC)
- प्रिय सुगंधा जी, जब एक लोकतांत्रिक मंच पर तर्कपूर्ण बहस हो रही हो तो हर व्यक्ति की बात का महत्व होता है, मैं आपकी बात को सिर्फ इस आधार पर खारिज नहीं कर सकता कि आप विकिपीडिया पर कल ही अवतरित हुई हैं समीर (वार्ता) 07:27, 17 जून 2012 (UTC)
- भाई समीर जी, मैने पहले ही सिद्ध कर दिया है कि देवनागरी अंक किसी के लिये कोई समस्या नहीं हैं। फॉक्स_रिप्लेस (FoxReplace) तथा अन्य कई औजार हैं जिनके प्रयोग से एक कुंजी दबाकर देवनागरी अंकों को अन्तरराष्ट्रीय अंकों में बदला जा सकता है। लेकिन देवनागरी अंकों के अप्रयोग का कोई भी निर्णय उनको मृत्यु-शैया की तरफ धकेल देगा। यह एक गम्भीर चिन्ता का विषय है। आपने कहा है कि सारी पत्रपत्रिकाएं, पुस्तकें और सारी दुनिया अन्तरराष्त्ट्रीय अंकों का प्रयोग कर रही हैं। यही तो चिन्ता का विषय है। यह अंधी नकल का नतीजा है। वीर और दृढ निश्चयी भोंदी नकल नहीं करते, नया मार्ग निकालते हैं। नये प्रतिमान स्थापित करते हैं। हिन्दी और देवनागरी का इतिहास ही ले लीजिये। उन्नीसवीं और बीसवीं शताब्दी के संगम के वर्षों में भारत के सामान्य लोग फारसी पढ़ते थे, उर्दू-फारसी लिपि सीखते थे, कोर्ट-कचहरियों और शिक्षा में हिन्दी/देवनागरी कहीं नहीं थी। कुछ सपूतों को यह अंधकार स्वीकार्य नहीं था। उन्होने मुहिम छेड़ी। हिन्दी साहित्य की अपूर्व उन्नति हुई। हिन्दी का पूरे देश में प्रचार-प्रसार हुआ। वह स्वतंत्र भारत की राजभाषा घोषित हुई। आप ही की तरह वे लोग भी कह सकते थे ..... कुछ नहीं होने वाला.. आदि। अंग्रेजों के राज में चारो ओर यही प्रचारित कर दिया गया था कि उनके राज्य में सूरज कभी नहीं डूबता। किन्तु कुछ वीर क्रान्तिकारियों को पता था कि जहाज कितना भी बड़ा क्यों न हो एक छेद करने की जरूरत है। वह भी डुबोया जा सकता है। उन्हें पता था कि मन की हार ही वास्तविक हार है। मृत्यु भी कोई पराजय नहीं है। और लाखों मीरजाफरों के बावजूद अन्ततः भारत स्वतंत्र हुआ। -- अनुनाद सिंहवार्ता 08:12, 17 जून 2012 (UTC)
- सुगंधा जी और आलोचक जी को अगर मेरे हिन्दी विकिपीडिया पे दिए योगदान पे कोई आशंका है तो एक बार ध्यान से इन तथ्यों पे गौर करें: हिन्दी विकिपीडिया के मुखपृष्ठ पर जो छह महीने से निर्वाचित लेख लगा हुआ है वो मैने ही बनाया है, जो वर्तमान निर्वाचित लेख उम्मीदवार है वो मेरा ही बनाया लेख है, हिन्दी विकिपीडिया पे जो दो निर्वाचित सूचियाँ है वो मैने ही बनाई है, हर हफ्ते मुखपृष्ठ पर जो क्या आप जानते हैं अनुभाग है उसका अद्यतन मैं ही करता हूँ, इसके साथ ही मैने 181 लेख बनाएँ हैं], और जा के देखें कि विकिपीडिया के अन्य मुख्यतः लेखों और मेरे बनाएँ लेखों में क्या अंतर होता है, और जाते-जाते यह भी सुन लें कि हिन्दी विकिपीडिया का तीसरा सबसे अधिक प्रबंधक कार्य करने वाला भी मैं ही हूँ। मैं अपनी बढ़ाई करना पसंद नहीं करता यही कारण है कि और सदस्यों कि तरह मैं अपने सदस्य पृष्ठ पर अपने बनाएँ लेख जाके नहीं चिपकाता, परन्तु मैं यह नहीं सुन सकता कि यहाँ मैं फालतू कि चर्चा में अपना और ओरो का समय बर्बाद करता हूँ। मेरा परम उद्देश्य हिन्दी विकिपीडिया को विश्वस्तरीय ज्ञानकोष बनाना है, इसलिए मैं हमेशा जोर देता हूँ कि लेखों में संदर्भ डाला करें, कॉपीराइट उल्लंघन से बचे, आदि, परन्तु ये सब बाते आप सदस्यों को पता नहीं क्यों बुरी लगती हैं। जो लोग ज्ञानकोष का अर्थ समझते ही नहीं अब उन्हें मैं क्या समझाऊँ, वे सिर्फ लेखों की ज्यादा मात्रा पे ही बल देते हैं यह नहीं सोचते कि उनकी गुणवक्ता सुधारी जाए या नहीं। इसी मानसिकता का नतीजा है कि हिन्दी विकिपीडिया की इतनी बुरी हालत है, अंग्रेज़ी विकिपीडिया अपने मुखपृष्ठ पर उन विकिपीडिया परियोजनाओं का नाम भी देता है जहाँ पे केवल 50,000 या उससे भी कम लेख हैं परन्तु एक लाख से भी अधिक लेख होते हुए भी हिन्दी विकिपीडिया का नाम इसलिए नहीं दिया जाता क्योंकि यहाँ के लेखों की गुणवक्ता इतनी बेकार है कि वो हिन्दी विकिपीडिया को इसके लायक ही नहीं समझते। और जब से मैने और कुछ रचनात्मक सदस्यों ने हिन्दी विकिपीडिया पे योगदान देना शुरू हुआ है तो उसकी गुणवक्ता में सुधार हुआ है और इसका सबसे बड़ा उदहारण हिन्दी विकिपीडिया की गहराई का 27 से लगभग 37 होना है। अब मैं और अधिक इस चर्चा में भाग नहीं ले सकता क्योंकि मेरा उद्देश्य हिन्दी विकिपीडिया को सुधारना है न कि हिन्दी की झूठी अगुवाई करके अपने को हिन्दी संरक्षक सिद्ध करना। और मैं केवल उन सदस्यों की टिपणीयों को महत्व देता हूँ जिन्होंने यहाँ कुछ करके दिखाया हो, अचानक से बुलाएं जाने पर सक्रिय होने वाले सदस्य अपने विचार अपने पास ही रखें, धन्यवाद।<>< Bill william comptonTalk 08:53, 17 जून 2012 (UTC)
- "मैं अपनी बढ़ाई करना पसंद नहीं करता यही कारण है कि और सदस्यों कि तरह मैं अपने सदस्य पृष्ठ पर अपने बनाएँ लेख जाके नहीं चिपकाता"
बिलियम काम्टन जी आपने अपना सारा काम बड़ी खूबी के साथ गिनवा दिया और यह भी कह दिया कि आप अपनी बढ़ाई करना पसंद नहीं करते, क्या आप यह चाहते हैं कि अन्य सदस्य और प्रबंधक यहाँ काम न करें? आपने फिर दुहराया है " और सदस्यों कि तरह मैं अपने सदस्य पृष्ठ पर अपने बनाएँ लेख जाके नहीं चिपकाता" इसमें आप पूर्णिमा वर्मन और डा० जगदीश व्योम की ओर संकेत कर रहे हैं, आपने यह भी लिखा है कि ऐसे प्रबंधकों की विकिपीडिया पर जरूरत नहीं है, इसका आशय है कि विकि पर ऐसे सदस्य और प्रबंधक रहें जो हिन्दी और हिन्दी भाषा की ऐसी तैसी करते रहें। क्या विकि पर साहित्यकार एवं लेखक अपना पन्ना नहीं बना सकता है, यदि वह खुद साहित्यकार या लेखक या पत्रकार है और विकि पर कार्य भी कर रहा है तो इसमें पन्ना बनाने में हर्ज ही क्या है, डा० व्योम और पूर्णिमा वर्मन के पन्नों को देखकर अगर कोई उन्हें हटाने को लिख देते हैं तो आप आपे से बाहर जाकर कुछ भी अनाप शनाप लिखने लगते हैं, शायद इसी से आहत होकर डा० व्योम ने अपना पन्ना खुद ही हटा दिया कि व्यर्थ के विवाद में क्यों पड़ा जाय, पर मुझे लगता है कि डा० व्योम को पन्ना नहीं हटाना चाहिये, हाँ उसमें कुछ ऐसा हो जो प्रशंसा की श्रेणी में आता हो तो उतना हिस्सा भले ही सम्पादित किया जाना चाहिये। अनिरुद्धजी और अनुनाद जी विकिपीडिया के बहुत ही कर्मठ और पूरी लगन से कार्य करने वाले प्रबंधक हैं, उनसे इस तरह का कुतर्क करना आपकी हिन्दी के प्रति मंशा को जाहिर करता है, आपने इतने अच्छे लेख यहाँ से हटा कर नष्ट कर डाले जिनकी भरपायी काफी समय में हो सकेगी, विकिपीडिया सबका है किसी की जागीर नहीं है, सब यहाँ अपना बहुत कीमती समय दे रहे हैं और सब सम्मानित व्यक्ति हैं इसलिये यहाँ विशेषकर चौपाल पर टिप्पणी सोच विचार कर करें और भाषा संयत रखें।--आलोचक (वार्ता) 11:10, 17 जून 2012 (UTC)
- भाई बिलियम कॉम्टन जी, दुख है कि मेरे प्रश्न का उत्तर दिये बिना ही आप यहाँ से भी पलायन करने जा रहे हैं। आपके आंकड़ों की बाजीगरी मुग्ध कर गयी। आपने यह नहीं बताया कि कितने अच्छे लेखों को आपने डिलीट कर दिया। कितने उत्साही लोगों को यहाँ से निरुत्साहित करके भेज दिया। हिन्दी की निन्दा करने का कोई अवसर आप चूके हैं तो बताइये। आपके आने के पूर्व हिन्दी विकि जिस गति से विकास कर रही थी, आपके आने के बाद वह वेग जारी रहा या कम हुआ है, कृपया बताएँ।-- अनुनाद सिंहवार्ता 10:14, 17 जून 2012 (UTC)
- भ्राता अनुनाद, कृपया एक अच्छा लेख तो बताएँ जो मैने हटाया हो? कृपया एक ऐसा कार्य तो बताएँ जो मैने विकिपीडिया के नियमों के विरुद्ध किया हो? आप इसे "बाजीगरी" कहते हैं, कृपया एक ऐसा तथ्य तो बताएँ जो मैने गलत लिखा हो? हिन्दी की निंदा मैने कभी की नहीं, यह आपका भ्रम ही है, मेरे देवनागरी अंको के प्रति विचार आप से मेल न खाते हों परन्तु हिन्दी भाषा का मैने हमेशा सम्मान किया है और यही वजह है कि मैं अपना यहाँ योगदान दें रहाँ हूँ। आपके किस प्रश्न का उत्तर मैने नहीं दिया कृपया यह भी बताएँ हों सकता है इतनी बड़ी चर्चा में मैने कुछ छोड़ दिया हों। आपने शायद मेरे दिए तथ्य ठीक से पढ़े नहीं, मेरे आने के बाद ही हिन्दी विकिपीडिया को इसकी प्रथम निर्वाचित सूची मिली है, मेरे द्वारा ही विकिपीडिया को इस वर्ष का पहला और अभी तक का एकमात्र निर्वाचित लेख मिला है, मेरे आने के बाद ही नियमित रूप से 'क्या आप जानते हैं?' का अद्यतन होता है, मेरे आने के बाद ही विकिपीडिया पे से कॉपीराइट उल्लंघन वाली फाइलों को यहाँ से हटाया गया है, और मैने आने के बाद ही केवल एक वर्ष में हिन्दी विकिपीडिया की गहराई जो इसकी गुणवत्ता को परखती है उसमें दस अंको का उछाल हुआ है। और ध्यान रखें कि जिस विकास की आप बात कर रहें हैं उसमें पहले केवल लेख बनाने पे जोर दिया जाता था परन्तु अब उनकी गुणवत्ता में भी सुधार होने लगा है। और इस प्रश्न का तो आप उत्तर अवश्य ही दें कि मैने आजतक कौन सा अच्छा लेख यहाँ से हटाया है? आप हमेशा इस बात को लेने रोते हैं परन्तु आजतक कोई प्रमाण नहीं दिया। इसका मतलब तो यही निकलता है कि आपकी और मेरी नजर में एक अच्छे ज्ञानकोष के लेख का स्तर ही भिन्न है।<>< Bill william comptonTalk 10:38, 17 जून 2012 (UTC)
- भाई बिलियम कॉम्टन जी, दुख है कि मेरे प्रश्न का उत्तर दिये बिना ही आप यहाँ से भी पलायन करने जा रहे हैं। आपके आंकड़ों की बाजीगरी मुग्ध कर गयी। आपने यह नहीं बताया कि कितने अच्छे लेखों को आपने डिलीट कर दिया। कितने उत्साही लोगों को यहाँ से निरुत्साहित करके भेज दिया। हिन्दी की निन्दा करने का कोई अवसर आप चूके हैं तो बताइये। आपके आने के पूर्व हिन्दी विकि जिस गति से विकास कर रही थी, आपके आने के बाद वह वेग जारी रहा या कम हुआ है, कृपया बताएँ।-- अनुनाद सिंहवार्ता 10:14, 17 जून 2012 (UTC)
- भाई बिल बिलियम कॉम्टन जी, इसी चर्चा में आपसे पूछा था कि कृपया सन्दर्भ बताएँ कि जिमी वेल्स ने कब और कहाँ कहा/लिखा/दोहराया है कि "विकिपीडिया भाषा संरक्षण के लिए नहीं अपितु ज्ञान के प्रसार के लिए है।" यह विशेष रूप से आपसे पूछा गया था क्योंकि आप इस खेल में माहिर हैं कि जो चीज/नियम अस्तित्व में नहीं हैं उन्हें भी बड़ी 'उदारता' से कोट कर देते हैं। जब उसकी छानबीन की जाती है तो एक लिंक से दूसरे पर और दूसरे से तीसरे पर भागने लगते हैं।
आप पर मनमानी लेखों को डिलीट करने का मुकद्दमा बहुत पहले चलाया जा चुका है और उस समय आम सहमति बनी थी कि हिन्दी विकि की स्थिति को देखते हुए लेखों को मिटाने के बजाय उनमें सुधार करना या एक-दो वाक्य जोड़कर उन्हें 'जीवित' रखना बेहतर विकल्प है। आप उसका उलंघन करते रहे हैं। अभी हाल ही में आपने 'लोकसंस्कृति' के लेख को मार दिया जबकि उस।में कुछ ऐसी सामग्री थी जिसे मामूली सुधार करके एक अच्छा आधार लेख बनाया जा सकता था। यही हाल 'सृजनात्मकता' लेख की हुई। क्या सृजनात्मकता (क्रिएटिविटी) पर हिन्दी में लेख नहीं होना चाहिये जो आपने मिटा दिया? हिन्दी विकि की सबसे पहली आवश्यकता यह है कि लोगों को खोजने पर अधिकाधिक विषयों पर हिन्दी में कुछ न कुछ जानकारी मिले। आपके अलावा शायद ही कोई 'निर्वाचित' होने के लिये लेख लिख रहा हो। मैं खुद इसको कोई महत्व नहीं देता। यदि लेखों को मिटाने और कापीराइट वाली छबियों को हटाने से हिन्दी विकि की गुणवत्ता बड़ रही है तो हम सभी को लेख लिखने के बजाय इसी काम में लग जाना चाहिये।
हिन्दी की बेइज्जत करने और हिन्दीसेवियों का मनोबल गिराने के लिये भी आपको कटघरे में खड़ा किया गया था। कृपया स्मृति पटल को साफ कीजिये।-- अनुनाद सिंहवार्ता 11:20, 17 जून 2012 (UTC)
- भाई बिल बिलियम कॉम्टन जी, इसी चर्चा में आपसे पूछा था कि कृपया सन्दर्भ बताएँ कि जिमी वेल्स ने कब और कहाँ कहा/लिखा/दोहराया है कि "विकिपीडिया भाषा संरक्षण के लिए नहीं अपितु ज्ञान के प्रसार के लिए है।" यह विशेष रूप से आपसे पूछा गया था क्योंकि आप इस खेल में माहिर हैं कि जो चीज/नियम अस्तित्व में नहीं हैं उन्हें भी बड़ी 'उदारता' से कोट कर देते हैं। जब उसकी छानबीन की जाती है तो एक लिंक से दूसरे पर और दूसरे से तीसरे पर भागने लगते हैं।
- समीर, जितनी तन्मयता आपने अनिरुद्ध जी और सुगंधा जी के तर्कों को ध्वस्त करने में लगायी है उसका लेशमात्र भी ओमप्रकाश वाल्मीकि के पृष्ठ में लगा देते तो लेख लवी सिंघल जी को ज्ञानकोषीय लग जाता। विकि पर उपाधियाँ देने का अधिकार केवल प्रबंधकों को है। अनिरुद्ध जी ने जो उपाधि आपको दी है, तर्कशास्त्र में उसे प्रयोजनमूलक प्रमाण के अंतर्गत व्यवहृत किया जाता है। अभी मैं भी "कल ही अवतरित" हुआ हूँ इसीलिए संयम बरत रहा हूँ। लेकिन आपको भी ऐसे टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। महिला सदस्यों के प्रति सम्मानपूर्ण और सभ्य भाषा का ही प्रयोग करें। तर्कशास्त्र के साथ कुछ अध्ययन भाषाशास्त्र और व्यवहारशास्त्र का भी करें। इसे सुझाव नहीं चेतावनी समझिए। मेरा योगदान अभी नगण्य है इसीलिए विलियम जी के तर्कों का उत्तर कुछ दिन बाद दूँगा। विलियम ने किंचित सदस्यों की वर्तनी संबंधी सीमाओं पर जो ध्यानाकर्षित किया है, उम्मीद है कि उस पर खुद भी अमल करेंगे। उनका योगदान अमूल्य है लेकिन नियम, तटस्थता, अंतरराष्ट्रीयता और ज्ञानकोषीयता के पार्श्व में जिस अहंकार का प्रदर्शन उनकी हालिया टिप्पणियों में हुआ है उससे उन्हीं की सुसंगतता और तटस्थता खण्डित हुई है। विलियम जी यकीन मानिये आपकी मसीही मंशा का हम श्रद्धावनत होकर सम्मान करते हैं किंतु विकि नीतियों को परिचालित(manipulate)करने की किसी भी कोशिश का पुरजोर विरोध किया जायगा। आशा है इसे व्यक्तिगत न लिया जायगा। तर्कशास्त्र में तर्क की कई पद्धतियाँ और भी हैं। विलियम जी आपसे जो मुखातिब हैं उनके गाँवों में अखबार खरीदना आज भी एक सुविधा(luxury)है, लेकिन तस्वीर बदल रही है। बातें और भी हैं लेकिन प्राथमिकता बहस से ज्यादा निर्माण की होनी चाहिए और उसमें मैं आपसे बहुत पीछे हूँ। लेकिन जल्द ही तस्वीर भी बदलेगी और स्वर भी। आपकी तटस्थता, अर्थक्रियावादिता, ज्ञान और धैर्य का तो कायल हो ही गया हूँ।-- अजीत कुमार तिवारी वार्ता 08:41, 17 जून 2012 (UTC)
- गंगा सहाय जी की यह उपलब्धि जरूर महत्वपूर्ण है की उन्होंने जितना योगदान किया है उससे ज्यादा हिंदी विकिया का नुकसान कर दिया है। वे खुद जाएं या बिल नुकसान तो हिंदी विकिया का ही होगा। बिल की योग्यता का कायल हूँ इसलिए उनकी अयोग्यता पर बहस करने के बजाय मैं दूसरे रास्ते चलता रहा हूँ। लेकिन निर्वाचित लेख, गहराई और कॉपिराइट आदि को अपनी उपलब्धि गिनाकर बिल ने भी अपनी अज्ञानता का ही परिचय दिया है। निर्वाचित लेख पूर्णिमा जी की देन हैं और बाद में आशीष, मुनिता, और मयूर, रोहित जी ने इसपर बहुत काम किया था। गहराई का श्रेय भी मयूर तथा उनके बॉट को है जिसने हिंदी विकिया को बीस से ३५ के आसपास पहुँचाया था। अंग्रेजी विकिया पर लंक एक लाख आलेख पूरा होते ही आया था और तब शायद बिल जी नहीं थे या थे भी तो उनकी भूमिका नगण्य थी। लेकिन बिल ने अच्छे लेख बनाए हैं और मुझे उनसे कुछ सीखने को मिला है इसमें शक नहीं है। सबाल्टर्न अध्ययन, ब्रह्मपुराण, आदि लेख हटाए नहीं जाने चाहिए थे बल्कि विकिफाइ का टैग लगाकर सालभर इंतजार कर लेना चाहिए था। अब मजबूर होकर मुझे हटाए गए पृष्ठों पर नजर रखनी पड़ रही है। और उनकी संवाद शैली हमेशा नए सदस्यों के लिए प्राणघातक रही है। नया सदस्य मेरे जैसी जिद लेकर विकिया से नहीं जुड़ता है। आरंभ में ही अगर ऐसे संवाद आशीष, मुनिता, गुँजन, अनुनाद, आदी ने मेरे वार्ता पृष्ठ पर चिपकाए होते तो आज अनिरुद्ध यहाँ पर होता ही नहीं। इसलिए बिल जी से अनुरोध है कि गंगा जी की तरह बहिष्कार वाला तरीका प्रयुक्त न करें। क्योंकि औरों ने भी यही किया तो क्या होगा। और हिंदी विकिया हिंदी अंतर्जाल की स्थिति और सामाजिक परिवेश से नियम लेकर चलेगी। मुजे जिमी का कथन बिल्कुल ठीक लगा था की बड़ी परियोजनाओं के नियम यदि छोटी परियोजनाओं पर थोपे गए तो उनकी हत्या हो जाएगी। और यह भी कि सबसे जरूरी है सामग्री जोड़ना। संदर्भ, शैली, चित्र आदी आप या कोइ और बाद में भी लगा देगा। जिमि ने कहा था कि शेक्सपियर पर मैने केवल एक पंक्ति लिखी थी आज ७ हजार संपादनों के साथ वह ४५ पृष्ठों का अंग्रेजी लेख बन गया है। इसलिए भी हिंदी के नए लेख हटाने से पहले तटस्था पूर्वक नहीं बल्कि सहृदयता पूर्वक विचार करना जरूरी है। स्तर खुद ही सुधरेगा यदि संपादनकर्ता बढ़ेंगें। और हम इसके लिए लठमार शैली में नहीं आराम से धीरे-धीरे अपनत्व पूर्वक नए सदस्यों को प्रशिक्षित कर सकते हैं। अनिरुद्ध वार्ता 12:27, 17 जून 2012 (UTC)
- हालांकि नागरी अंकों पर तर्क करने का अब मन नहीं है, फिर भी बस एक सूचना है जेएनयू के क्रांतिकारी साथियों के लिए। प्रगति प्रकाशन मास्को का जितना भी साहित्य हिंदी में है सभी में नागरी के ही अंकों का प्रयोग है। आपको सुलभ है इसलिये देख सोच कर तर्क करें। -- अजीत कुमार तिवारी वार्ता 15:15, 17 जून 2012 (UTC)
- गंगा सहाय जी की यह उपलब्धि जरूर महत्वपूर्ण है की उन्होंने जितना योगदान किया है उससे ज्यादा हिंदी विकिया का नुकसान कर दिया है। वे खुद जाएं या बिल नुकसान तो हिंदी विकिया का ही होगा। बिल की योग्यता का कायल हूँ इसलिए उनकी अयोग्यता पर बहस करने के बजाय मैं दूसरे रास्ते चलता रहा हूँ। लेकिन निर्वाचित लेख, गहराई और कॉपिराइट आदि को अपनी उपलब्धि गिनाकर बिल ने भी अपनी अज्ञानता का ही परिचय दिया है। निर्वाचित लेख पूर्णिमा जी की देन हैं और बाद में आशीष, मुनिता, और मयूर, रोहित जी ने इसपर बहुत काम किया था। गहराई का श्रेय भी मयूर तथा उनके बॉट को है जिसने हिंदी विकिया को बीस से ३५ के आसपास पहुँचाया था। अंग्रेजी विकिया पर लंक एक लाख आलेख पूरा होते ही आया था और तब शायद बिल जी नहीं थे या थे भी तो उनकी भूमिका नगण्य थी। लेकिन बिल ने अच्छे लेख बनाए हैं और मुझे उनसे कुछ सीखने को मिला है इसमें शक नहीं है। सबाल्टर्न अध्ययन, ब्रह्मपुराण, आदि लेख हटाए नहीं जाने चाहिए थे बल्कि विकिफाइ का टैग लगाकर सालभर इंतजार कर लेना चाहिए था। अब मजबूर होकर मुझे हटाए गए पृष्ठों पर नजर रखनी पड़ रही है। और उनकी संवाद शैली हमेशा नए सदस्यों के लिए प्राणघातक रही है। नया सदस्य मेरे जैसी जिद लेकर विकिया से नहीं जुड़ता है। आरंभ में ही अगर ऐसे संवाद आशीष, मुनिता, गुँजन, अनुनाद, आदी ने मेरे वार्ता पृष्ठ पर चिपकाए होते तो आज अनिरुद्ध यहाँ पर होता ही नहीं। इसलिए बिल जी से अनुरोध है कि गंगा जी की तरह बहिष्कार वाला तरीका प्रयुक्त न करें। क्योंकि औरों ने भी यही किया तो क्या होगा। और हिंदी विकिया हिंदी अंतर्जाल की स्थिति और सामाजिक परिवेश से नियम लेकर चलेगी। मुजे जिमी का कथन बिल्कुल ठीक लगा था की बड़ी परियोजनाओं के नियम यदि छोटी परियोजनाओं पर थोपे गए तो उनकी हत्या हो जाएगी। और यह भी कि सबसे जरूरी है सामग्री जोड़ना। संदर्भ, शैली, चित्र आदी आप या कोइ और बाद में भी लगा देगा। जिमि ने कहा था कि शेक्सपियर पर मैने केवल एक पंक्ति लिखी थी आज ७ हजार संपादनों के साथ वह ४५ पृष्ठों का अंग्रेजी लेख बन गया है। इसलिए भी हिंदी के नए लेख हटाने से पहले तटस्था पूर्वक नहीं बल्कि सहृदयता पूर्वक विचार करना जरूरी है। स्तर खुद ही सुधरेगा यदि संपादनकर्ता बढ़ेंगें। और हम इसके लिए लठमार शैली में नहीं आराम से धीरे-धीरे अपनत्व पूर्वक नए सदस्यों को प्रशिक्षित कर सकते हैं। अनिरुद्ध वार्ता 12:27, 17 जून 2012 (UTC)
यह लेख व्यक्तिगत प्रशंसा की श्रेणी में आते हैं
An Invite to join the Wikimedia India Chapter
- - - - - - - - - - - - Wikimedia India Chapter - - - - - - - - - - - - | ||
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Hi all,
Greetings from the Wikimedia India Chapter ! Wikimedia India is an autonomous non-profit organization. The objective of the Chapter is to educate Indian public about availability and use of free and open educational content and build capacity to access and contribute to such resources in various Indian languages and in English. It works in coordination with Wikimedia Foundation and the Wikipedian community to promote building and sharing of knowledge through Wikimedia projects. As you have shown an interest in articles related to India we thought you might be interested in knowing about the Wikimedia India chapter, its activities, volunteering and process to gain membership to the society. We need your help.
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More details can be found at Official Portal • Our Blog • Our Wiki | ||
We welcome you to join and particpate in the India Chapter's activites. To join the chapter please click here. We thank you for your your contributions thus far and look forward to your continued participation.
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Hindi Wikipedia 9th Anniversary on 11th July,2012
Dear fellow Wikimedians, as you all know on 11th July,2012 Hindi Wikipedia will turn 9. Hindi Wikipedia has attracted both readers and editors across India. Both Assamase and Kannada Wikipedia has celebrated recently thier 10th and 9th Anniversary respectively. If you planning to celebrate the anniversary please feel to contact chapter@wikimedia.in -- Naveenpf (वार्ता) 02:47, 17 जून 2012 (UTC)
- नवीन भाई, हिन्दी विकिपीडिया की नौवीं वर्षगाँठ सभी हिन्दीसेवियों के लिये उत्साह वृद्धि का दिन है। हम सभी इसे अपने-अपने ढंग से मनाएँगे। ११ जुलाई तक हिन्दी विकि को एक लाख पाँच हजार तक पहुँचा दें, यही सबसे बड़ा योगदान और सर्वाधिक हर्ष का विषय होगा। -- अनुनाद सिंहवार्ता 05:16, 17 जून 2012 (UTC)
हिन्दी भाषा को भ्रष्ट करने की साजिश
इन दिनों देखने में आ रहा है कि हिन्दी के वाक्यों को एक बिन्दू से समाप्त करने का चलन हो चला है जिसकी शुरुआत विदेशी कम्पनियों जैसे गूगल, माइक्रोसॉफ्ट इत्यादि ने की हिन्दी के वाक्यों को बिन्दू से समाप्त करके। और जैसा की जग-जाहिर है भारत के भाषाई जयचँद और मैकाले की अवैध सन्तानें हिन्दी भाषा के स्वरूप को बिगाड़ने के इस चलन में विदेशियों का वैसे ही जोर-शोर से साथ दे रही हैं जैसे एक समय में जयचँद ने अपने भारतीय राजाओ का साथ ना देकर अपने निहित स्वार्थ के लिए विदेशी आक्रमणकारी का साथ दिया। ये मैकाले की सन्तानें अबतक को हिन्दी को अंग्रेज़ी के शब्दों से ही भ्रष्ट कर रही थीं पर अब तो भाषा के स्वरूप को बहुत सीमा तक बिगाड़ने में सफल हो चुके हैं। जैसा की सभी जानते होंगे कि किसी देश-स्थान की संस्कृति को नष्ट करना हो तो सबसे पहले उस स्थान की भाषा को बिगाड़ा जाता है। ये काम इन विदेशियों ने सदियों तक बहुत अच्छे से किया। लेकिन जब इन विदेशी कम्पनियों ने देखा की भारत कहीं बहुत आगे ना निकल जाए तो इन लोगो ने एक बार फिर वही पुराने हथकण्डे अपनाने आरम्भ कर दिए हैं। और उसपर से भी सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि ना केवल ये विदेशी बल्कि इस देश में भी मैकाले की सन्ताने और भाषा के जयचँद इस काम में बड़ी तत्परता से विदेशियों का साथ दे रहे हैं। और अब तो यह चलन हिन्दी विकिपीडिया पर भी आरम्भ हो चुका है जैसा की इसी चौपाल पर देखा जा सकता है। हो सकता है कि बहुत से लोग अज्ञानता के कारण ऐसा कर रहे होंगे लेकिन फिर भी क्या इन लोगों को इतनी समझ नहीं है कि हिन्दी में वाक्य कैसे समाप्त किया जाता है? वे लोग जो ऑफ़लाइन गूगल ट्राँस्लिटरेशन का उपयोग हिन्दी लिखने के लिए कर रहे है के लिए एक सुझाव है कि वे Manage Macros... में जाकर बाईं ओर Macro Text के नीचे कोई ऐसा key combination टाइप करें जो बहुत ही कम कभी उपयोग में आएगा जैसे qw या 1q या 2q या qa या ./ और दाईं ओर Macro Target के नीचे पूर्णविराम (।) किसी हिन्दी लिखने वाली साइट जैसे विकिपीडिया से कॉपी कर वहाँ पेस्ट करें। इसके बाद आपको जब भी गूगल ट्राँस्लिटरेशन का उपयोग हिन्दी लिखने के लिए करना हो और कोई वाक्य समाप्त करना हो तो उस की कॉम्बिनेशन को टाइप करें जो आपने Manage Macros... में लिखा है। सबसे अच्छा तो यह हो कि इन कम्पनियों पर भारत सरकार वैसे ही रोक लगाए जैसे चीन की सरकार ने लगा रखी है। तब इनकी अकल ठिकाने आएगी। इस चौपाल पर भी कुछ लोगों ने लिखा है कि हिन्दी में पूर्णविराम का उपयोग करने को लेकर कोई बाध्यता नहीं है। लेकिन हिन्दी में सदियों से वाक्यों की समाप्ति पूर्णविराम से हो रही है और जिन लोगों ने ऐसा किया था तो कुछ सोच समझ कर ही क्या होगा। जैसा की सभी जानते है कि अङ्ग्रेज़ी एक अपूर्ण और हीन भाषा है जिसमे ना तो शब्दों के उच्चारण का वर्तनी से कोई मेल है और ना ही वर्तनी का उच्चारण से। जिसकी जो समझ में आए बोलो और लिख दो। लेकिन हिन्दी एक वैज्ञानिक लिपि पर आधारित भाषा है। हिन्दी में किसी शब्द का केवल एक ही उच्चारण होता है जैसे वह लिखा जाता है। इसी प्रकार अङ्ग्रेज़ी में बड़े अवैज्ञानिक ढंग से बड़े और छोटे अक्षर प्रयुक्त होते हैं जिससे हर बार यह समस्या होती है कि किस शब्द को बड़े अक्षर से आरम्भ किया जाए और किसे छोटे अक्षर से। लेकिन हिन्दी में इसकी भी कोई समस्या नहीं है। इसलिए अङ्ग्रेज़ी में यदि एक छोटी सी बिन्दी लगाकर वाक्य समाप्त कर दो तो अगले वाक्य का पता चल जाता है क्योंकि अगला वाक्य बड़े अक्षर से आरम्भ हो रहा होता है। अब यदि किसी ने ध्यान दिया हो तो पाया होगा कि हिन्दी के वाक्य समान आकार वाले अक्षरों से ही आरम्भ होते हैं और इसलिए अगला वाक्य कहाँ आरम्भ हो रहा है को ढूँढने में समस्या होती है और इसलिए बिन्दू से वाक्य की समाप्ति हिन्दी में सही नहीं है। और यदि हिन्दी किसी दूरी वाले स्थान पर लिखी हो जैसे रेलवे स्टेशन इत्यादि पर तो दूर से पढ़ने वाले व्यक्ति की समझ में नहीं आएगा कि कहाँ वाक्य समाप्त हो रहा है और कहाँ से आरम्भ हो रहा है लेकिन पूर्णविराम होने से पता चल जाता है। लेकिन इन विदेशी कम्पनियों को तो केवल अपना काला साम्राज्य फैलाने से मतलब है और दुःख की बात तो यह है कि यहाँ के भाषा के जयचँद भी इस काम में बहुत तत्परता से इन विदेशियों का साथ दे रहे हैं। इन कम्पनियों को चीन ने औकात दिखा कर रखी है इसलिए ये चीन में ऐसी हरकतें नहीं करते हैं। अब भारत सरकार को भी कोई ठोस कदम उठाना चाहिए ताकि भाषाई भ्रष्टाचार को और अधिक फैलने से रोका जा सके। रोहित रावत (वार्ता) 05:45, 17 जून 2012 (UTC)
- भाई रोहित जी, आपसे सहमत हूँ कि 'महारानी के सेवक' हिन्दी विकि पर भी अपना 'काम' कर रहे हैं। इनके बारे में मैने वर्षों पहले सबको सचेत कर दिया था। विषयान्तर न हो, इसलिये अभी बस इतना ही! -- अनुनाद सिंहवार्ता 07:44, 17 जून 2012 (UTC)
लेख हटाने की बातें
मेरा अन्तर्हृदय कहता है -आत्मप्रशंसा या प्रचार के लिए लिखे गए लेख हटाने का बिल क्रम्पटन का निर्णय सही था। विकिपीडिया थोडा-बहुत जो भी योगदान किये जाते हैं, प्रशंसनीय है। परंतु विकिपीडिया में योगदान के बहाने दो-चार संपादन करके अपने बारे में लिखने की बात केवल हिन्दी विकिपीडिया में ही नहीं, सभी विकियों में है। उल्लेखनीयता के जाँच के लिए विकिपीडिया में नियम(फॉर्मुला) निर्धारित है, उसी फॉर्मुले के अनुसार व्यक्ति की उल्लेखनीयता खोजी जाती है। उस खोज के परिणाम अनुसार लेख हटाए जाते हैं, यही काम बिल क्रंप्टन ने किया। किसी जीवित व्यक्ति के बारे में लेख बनाने से पहले सोचना चाहिए कि व्यक्ति कितना महत्वपूर्ण हैं, संदर्भ कैसे हैं। लेख उल्लेखनीय विषयों पर ही होने चाहिए। क्या उल्लेखनीय है और क्या नहीं, इसको लेकर विकिपीडिया पर हमेशा बहस जारी रहती है लेकिन यह तो स्पष्ट है कि पृथ्वी पर हर व्यक्ति के लिए लेख नहीं होना चाहिए। यह बात विकिपीडिया:स्वशिक्षा में दी गई है।
लेखकों को अपने बारे में और अपनी उपलब्धियों के बारे में लेख नहीं लिखना चाहिए, क्योंकि यह एक "स्वार्थ संघर्ष" (कॉन्फ़्लिक्ट ऑफ़ इन्ट्रॅस्ट) की स्थिति बना देता है। अगर आपके कारनामें वास्तव में उल्लेखनीय हैं, तो धीरज रखिए। कभी न कभी, कोई न कोई आप पर लेख बना ही देगा - कृपया स्वयं न बनाइए ।
क्या जीवित व्यक्ति जो अभी भी कोई नोकरी ( स्कूल, कॉलेज, मीडिया या कहीं पर भी हो) कर रहा हो, बारे में लिखी गई बातें ही हिन्दी विकि में ज्ञानकोष है? अन्य सारे विषय वस्तु नगण्य हैं? जीवनी के बारे में ही क्यों चिन्ता? मेरा सब लोगों से अनुरोध है कि सर्वसम्मत जीवनियों को ही रखा जाय बाँकी सभी जीवित कम महत्व के जीवनियों को हाल के लिए हटाया जाना चाहिए। ऐसे जीवनियों को हटाने से विकिपीडिया कमजोर नहीं होगा और सशक्त होगा। अनुशासित ढंग से काम होगा।भवानी गौतम (वार्ता) 15:04, 18 जून 2012 (UTC)
- भवानी जी। आपका अंतर्हृदय ठीक कहता है। हिंदी विकिया पर उन्हीं व्यक्तियों के नाम के लेख होने चाहिए जिन्हें कम-से-कम १0-२0 शहरों के ५-१0 हजार लोग जानना चाहें। धीरज रखिए और ऐसे लेखों पर जिन्हें आप विकिया के अनुरूप न मानते हों उनपर नोटेबल का साँचा लगा दें। उनका परीक्षण कर उपयुक्त कार्य किया जाएगा। कम संख्या में सदस्यों और प्रबंधकों के सक्रीय रहने और ज्यादा ध्यान लेख निर्माण तथा विकास पर केंद्रित करने के कारण बहुत सी गलत चीजें रह जाती है। आप सरीखे सदस्यों की सहायता से हम उन्हें हटाने में और विकिया को बेहतर स्तर तक ले जाने में सफल होंगें। अनिरुद्ध वार्ता 23:31, 18 जून 2012 (UTC)
यह लेख जीवित व्यक्तियों पर बने हुये लेख है
जिनमें अपना प्रचार किया गया है, इस तरह के लगभग एक हजार से भी अधिक लेख विकिपीडिया पर हैं, इनमें अनेक ऐसे हैं जो मंचों पर हिन्दी के नाम पर कमाई कर रहे हैं और हिन्दी के लिये इनका कोई योगदान नहीं है, फिर भी इनके लेख अभी तक हैं, भवानी गौतम जी मुझे केवल आप ही ऐसे व्यक्ति दिख रहे हो जो विकि के हित की सोच रहे हो इसलिए आपसे ही उम्मीद है, अनिरुद्ध, अनुनाद आदि तो बेकार में विकि पर घास छील रहे हैं, आप और क्रमप्टन जी मिलकर ऐसे लेखों को तुरन्त हटाने का काम करें, ये लेख व्यक्तिगत प्रशंसा की श्रेणी में आते हैं
--Froklin (वार्ता) 15:30, 18 जून 2012 (UTC)
- Froklin जी किसी के साथ मिलने न मिलने या पक्ष लेने की बात नहीं है। मेरा विचार मैंने रखा। बाँकी काम प्रबन्धक और प्रशासक करेंगे। मेरा कहना है प्रबन्धक और प्रशासक जिन लेखों को सर्वसम्मति से रखना चाहेंगे रखेंगे यदि उनके बीच सर्वसम्मति नहीं बनती या सही संदर्भ नहीं दिए जाते उनको हटाएंगे। आप को क्या आपत्ति है? आपने जो भी नाम दिए हैं सभी (उल्लेखनीय) नोटेबल हैं, इनको हटाने की बात को मैं समर्थन नहीं कर सकता। अनिरुद्ध, अनुनाद का नाम क्यों उछाल रहे हैं? उन लोगों ने अपना परिचय हिन्दी विकि में नहीं डाला है, उन लोगों के योगदान से ही हिन्दी विकि इस मुकाम पर है। वे प्रबन्धक हैं, उन्हें ही बहस के बाद सम्मति बनाकर निष्पक्षता से निर्णय लेना है।-भवानी गौतम (वार्ता) 16:07, 18 जून 2012 (UTC)
- मिस्टर फ्रोक्लिन! पहले कुछ काम करिये, संवाद करने का बुनियादी तरीका सीखिये फिर अनुनाद जी, अनिरुद्ध जी, विलियम जी या भवानी जी को प्रमाणपत्र दीजिएगा। अनुनाद जी, अनिरुद्ध जी घास छील रहें हैं और विलियम जी जुताई में लगे हुए हैं। तो प्रभु, अब आप आ ही गये हैं बीजवपन कर दीजिए। विकि की फसल लहलहा उठेगी। यह इलहाम केवल आपको ही नहीं हुआ है कि कई लेख आत्मप्रशंसात्मक हैं। सभी सम्मानित और समर्पित सदस्य इसे सस्ता प्रचार और कुत्सित मनोवृत्ति ही मानते हैं। लेकिन इन्हें हटाने के अलावा भी कई महत्वपूर्ण कार्य लंबित हैं। --```` अजीत कुमार तिवारी वार्ता 18:36, 18 जून 2012 (UTC)
- फ्रोक्लिन जी, हिन्दी विकिपीडिया को नए और रचनात्मक योगदान देने वाले सदस्यों की जरूरत है। अभी लेखों को हटाने के लिए नामांकित करने की जगह नए लेख बनाएँ या बने हुए लेखों को सुधारें। मैं विकिपीडिया समाज की तरफ से आपका स्वागत करता हूँ और आशा करता हूँ कि आप यहाँ अपना अमूल्य समय देंगे। वैसे जो लेख आपने नामांकित किए हैं वे प्रचार नहीं हैं, उदाहरण के लिए कविता कौशिक एक दूरदर्शन अभिनेत्री हैं, इसी प्रकार कुमार विश्वास प्रसिद्ध कवि और शिक्षक हैं। वैसे मैं आपका ध्न्यवाद ही करूँगा कि आपकी वजह से मेरी नजर इन लेखों पे पड़ी और शायद समय के साथ इन्हें सुधार भी दूँगा।<>< Bill william comptonTalk 22:57, 18 जून 2012 (UTC)
- फ़््रॉकलिन जी, विकिया सदस्यों की अकारण निंदा से बचिए। आप स्वयं द्वारा गिनाए गए हजार लेखों पर आत्मप्रचार की श्रेणी लगा दीजिए। इससे हमें उनकी परख करने में सुविधा होगी। आपके हर सकारात्मक कार्य का स्वागत है। और वर्तमान सूची में आपके द्वारा गिनाए गए व्यक्ति नोटेबल हैं। भले ही हम उनके कार्य से सहमत हों या असहमत। दुनिया के सबसे बड़े आतंकवादी और डाकू पर बने लेख भी विकिया के लिए उल्लेखनीय हैं। मिटाने से ज्यादा बनाने पर ध्यान दीजिए। अनिरुद्ध वार्ता 23:13, 18 जून 2012 (UTC)
- Froklin जी किसी के साथ मिलने न मिलने या पक्ष लेने की बात नहीं है। मेरा विचार मैंने रखा। बाँकी काम प्रबन्धक और प्रशासक करेंगे। मेरा कहना है प्रबन्धक और प्रशासक जिन लेखों को सर्वसम्मति से रखना चाहेंगे रखेंगे यदि उनके बीच सर्वसम्मति नहीं बनती या सही संदर्भ नहीं दिए जाते उनको हटाएंगे। आप को क्या आपत्ति है? आपने जो भी नाम दिए हैं सभी (उल्लेखनीय) नोटेबल हैं, इनको हटाने की बात को मैं समर्थन नहीं कर सकता। अनिरुद्ध, अनुनाद का नाम क्यों उछाल रहे हैं? उन लोगों ने अपना परिचय हिन्दी विकि में नहीं डाला है, उन लोगों के योगदान से ही हिन्दी विकि इस मुकाम पर है। वे प्रबन्धक हैं, उन्हें ही बहस के बाद सम्मति बनाकर निष्पक्षता से निर्णय लेना है।-भवानी गौतम (वार्ता) 16:07, 18 जून 2012 (UTC)
- धन्यवाद आप सभी को, मैंने तो चौपाल पर आप लोगों की वार्ता को देख कर ही यह लिखा, मुझे भी यही लगता है कि लेख बनाये जाने चाहिए मिटाना कम होना चाहिए जब तक कि कोई बहुत खराब लेख न हो, जिन लेखों को बिलियम जी ने मिटाया है वह इन सब से अच्छा लेख था (आलोक श्रीवास्तव), यह ठीक नहीं है, मैं यही कहना चाह रहा हूँ। किसी को आहत करना मेरा उद्देश्य नहीं है, विकी पर सब लोग मिलकर और आपस में एकदूसरे का सहयोग करते हुए काम करें तो इसका भला होगा और दुनिया भर में अच्छा संदेश जाएगा, मैं जल्दी ही कुछ लेख बनाना चाहता हूँ। अजीत कुमार तिवारी जी आप ठीक कह रहे हैं कि मुझे अच्छी हिन्दी नहीं आती है, पर आपका यह शब्द ठीक लिखा है क्य - "आत्मप्रसंशात्मक" धन्यवाद। अजीत जी मेरे लिखे की व्यंजना तक आप नहीं पहुँचे और अभिधा में अनिरुद्ध और अनुनाद जी के सम्बंध में अर्थ निकाल पाये, इसीलिये आप आग बबूला हिकर आप यह लिख गये, खैर मैंने आपको समझ लिया है, धन्यवाद।--Froklin (वार्ता) 03:58, 19 जून 2012 (UTC)
आलेख
डा० जगदीश व्योम जी, आप द्वारा बनाये जा रहे लेख "लोक संस्कृति" पर मैंने कादम्बिनी से लेकर आपके एक लेख का कुछ अंश जोड़ा है, कृपया अन्यथा न लें यदि उचित न लगे तो इस अंश को निकाल दीजियेगा, मुझे प्रासंगिक लगा इसलिये मैंने आपकी बिना अनुमति के यहाँ जोड़ दिया है।--आलोचक (वार्ता) 04:42, 19 जून 2012 (UTC)
- आलोचक जी आपके वार्ता पृष्ठ पर आपके लिए संदेश है--डा० जगदीश व्योम (वार्ता) 07:28, 19 जून 2012 (UTC)
Lessons on community building
Dear all, Assamese Wikipedia has seen phenomenal growth in the past one year. It currently has 31 active editors and 6 Wikiprojects (from 10 editors and no project in November 2011.) Their average monthly edits increased from 3000 in April 2011 to 5000 in November 2011. Congratulations, Assamese Community! India Program worked closely the Assamese community - and this work was part of Shiju's pilot focused on basic community building. There are several lessons for how small (and larger) communities can be built. It is worth reflecting on what inspired this progress, and to share these with all other communities.
Lessons
Strong communication: Like Shiju developed strong personal bonds with Assamese Wikipedians to guide them in their efforts, any community needs open communication, exchange of ideas and brainstorming to keep its projects going.
Initial push: Some of us are experienced editors and some might need help getting started. Shiju helped conduct the first two outreach sessions in Assam and this gave the community confidence to do more.
Encouraging collaboration: The basic idea of any Wikiproject is working together. A single editor can write many articles but a group of editors can manage a Wikiproject of hundreds of articles!
Building capacity and confidence: What started with basic support, translations and outreach advice by Shiju resulted in a wonderful 10th anniversary celebration where all editors themselves confidently put forth ideas to promote Assamese Wikipedia.
Healthy environment: Any organization, club or even a group of friends needs cooperation and productive inputs to progress. Like the Assamese Wikipedia family, young and old people from different walks of life who contribute selflessly to Wikipedia need that motivation to continue. Let's always strive to make it a pleasant experience.
While this update focuses on how the Assamese community has successfully woven together a bunch of great friendships, collaborations and figured a great way of working toegether, these learnings could help every community think about what they could also do, or do more of!. If you want to discuss measures to build or improve your community or need our help to start a Wikiproject, you can write to Shiju (salex@wikimedia.org) or if you are interested in conducting outreach sessions, do reach out to Nitika (nitika@wikimedia.org) Noopur28 (वार्ता) 11:22, 20 जून 2012 (UTC)
निर्वाचित लेख
- निर्वाचित लेख की श्रेणी में बिल क्राम्टन जी ने मॉनमाउथ रेजिमेंटल संग्रहालय लेख को निर्वाचित करने के लिए प्रस्तुत किया है, लेख में कई अशुद्धियों के उपरान्त कई लोगों ने निर्वाचित होने के लिए समर्थन भी दे दिया है, लेख में कई अशुद्धियाँ अभी हैं, इस लेख के प्रस्ताव की भाषा देखें तो लगता नहीं कि यह भाषा ठीक है, भवानी गौतम जी तो पूर्ण समर्थन दे चुके हैं अपनी प्रशंसा के साथ, बिल जी की भाषा देखें, अनिरुद्ध जी, अनुनाद जी, भवानी गौतम जी, गंगा सहाय मीणा जी, जगदीश व्योम जी, अजीत कुमार तिवारी जी कृपया इसे देखें-
"इस वर्ष का यह दूसरा निर्वाचित लेख उम्मीदवार है। लेख में पर्याप्त मात्र में संदर्भ हैं, चित्र हैं व कई विकिलिंक्स भी हैं। मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि अपनी अमूल्य टिपणी यों की सहायता से इस लेख को निर्वाचित बनाने में मदद करें। अपने जो समय यहाँ आके टिप्पणियाँ करने में निकाला उसके लिए मेरा धनवाद स्वीकार करें।" --Froklin (वार्ता) 12:06, 22 जून 2012 (UTC)
- फ्रोकलिन जी, आप नए है शायद इसलिए आप यह नहीं जानते कि मेरी हिन्दी काफी कमजोर है। अनुनाद जी, अनिरुद्ध जी आदि इस बात से परिचित हैं। परन्तु मैं हमेशा यह प्रयास करता हूँ कि कम से कम गलतीयाँ करूँ। हिन्दी मेरी प्राथमिक भाषा नहीं है, मैंने इसे अपनी रूचि के लिए सीखा है। वैसे जो गलतीयाँ आपने बताई हैं उनका मुझे बोध है, ये गलतीयाँ ज्यादातर मैं जल्दी-जल्दी लिखने में कर देता हूँ। आपसे अनुरोध करूँगा कि नामांकन के प्रस्ताव की भाषा की बजाय अगर आप लेख में कमियाँ निकालेंगे तो ज्यादा बेहतर होगा क्योंकि इससे लेख को सुधारने में मदद मिलेगी, धन्यवाद।<>< Bill william comptonTalk 04:39, 22 जून 2012 (UTC)
- मुझे इस लेख को 'निर्वाचित लेख' का प्रत्याशी बनाये जाने की मानसिकता को हतोत्साहित करने की आवश्यकता प्रतीत हो रही है। यह लेख वर्तनी और अनुवाद की शैली की दृष्टि से कितना प्रवाही है, इस पर मैं कुछ नहीं कहना चाहता। किन्तु मैं जानना चाहता हूँ कि भारत और हिन्दी की दृष्टि से यह लेख कितना महत्वपूर्ण है। अभी तक स्वाभिमान और स्वतंत्र मानसिकता से युक्त किसी भी भाषा (अंग्रेजी को छोड़कर) में यह लेख नहीं है। यह भी संयोग नहीं है कि केवल एक दिन के अन्तराल पर यह लेख नेपाली और हिन्दी में निर्मित किया गया है। ब्रिटेन और अंग्रेजी के लिये तो यह बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है किन्तु क्या हमारे लिये भी है? कृपया यह न कहें कि 'ज्ञान का किसी भाषा से कोई सम्बन्ध नहीं है।' अनुनाद सिंहवार्ता 06:32, 22 जून 2012 (UTC)
- अनुनाद जी का सुझाव विचारणीय है-- froklin वार्ता 12:29, 22 जून 2012 (UTC)
- अनुनाद जी, सर्वप्रथम आपको एक यह बात समझनी होगी कि हिन्दी विकिपीडिया भारत की सम्पत्ति नहीं है, इसलिए भारत की दृष्टि से लेख को महत्वपूर्ण होने कि कोई आवश्यकता नहीं। आप, मैं व अन्य सदस्य विकिपीडिया पर स्वयंसेवक हैं हमारी राष्ट्रीयता से इस पर कोई असर नहीं पड़ता। विकिपीडिया अन्तराष्ट्रीय ज्ञानकोष है जिसमें विश्व भर का ज्ञान सम्मिलित होता है या होना चाहिए। आप से मैं पहले भी कह चुका हूँ कि अगर भारत में हिन्दी ज्यादा बोली जाती है तो इसका मतलब यह नहीं कि हिन्दी या हिन्दी से जुड़ी हर चीज भारत की हो गई। हिन्दी एक अन्तराष्ट्रीय भाषा है, इसके बोलने व पढ़ने वाले विश्व के कोने-कोने में पाए जाते हैं। जिस प्रकार जर्मन जर्मनी की सम्पत्ति नहीं, जापानी जापान की सम्पत्ति नहीं, उसी प्रकार हिन्दी भारत की सम्पत्ति नहीं है। और हिन्दी विकिपीडिया तो भारत से ज्यादा अमेरिका का है क्योंकि इसके सर्वर, इसको सम्हालने वाला स्टाफ, व इसपे लागू होने वाला कानून सब अमेरिका का ही है। इसका पंजीकरण भी फ्लोरिडा स्टेट से है, तो क्या इसका मतलब है कि यहाँ के सारे लेख अमेरिका "की दृष्टि से महत्वपूर्ण" होने चाहिए? नहीं, क्योंकि जैसा मैंने कहा कि विकिपीडिया अन्तराष्ट्रीय ज्ञानकोष है। जिस धारणा की आप बात कर रहें हैं व पक्षधर हैं उसे अंग्रेज़ी विकिपीडिया पर सिस्टेमेटिक बायस या प्रणालीगत पक्षपात कहते हैं। वहाँ यह न चाहकर भी स्वयं उत्पन्न हो जाती है, परन्तु यहाँ तो आप इसका खुले आम पक्ष ले रहें हैं। वैसे आपने शायद ध्यान न दिया हो कि सम्बंधित लेख अंग्रेज़ी, नेपाली व हिन्दी के अलावा वेल्श विकिपीडिया पर भी है और अगर आपको यह कम लग रहाँ हो तो मैं आसानी से इसे फ़्रांसीसी, रोमन व फिज़ियन विकिपीडिया पे भी बना सकता हूँ। परन्तु अन्य विकिपीडिया परियोजनाओं पर लेख होने न होने से कुछ सिद्ध नहीं होता। आशा है कि आप विकिपीडिया की मूल परिभाषा को समझेंगे।<>< Bill william comptonTalk 12:42, 22 जून 2012 (UTC)
- अनुनाद जी का सुझाव विचारणीय है-- froklin वार्ता 12:29, 22 जून 2012 (UTC)
- काम्प्टन जी विकिपीडिया पर न भारत का अधिकार है और न आपका ही, यहाँ सब अपनी मर्जी से काम कर रहे हैं, चूँकि हिन्दी संस्करण है तो स्वाभाविक है कि हिन्दी वाले ध्यान तो रखेंगे ही, अनुनाद जी भी यही कर रहे हैं लेकिन आप भी वही तो कर रहे हैं, आपने इस लेख को बनाकर तुरन्त निर्वाचित का उम्मीदवार बना दिया जबकि अनेक लेख बहुत अच्छे बने हुए हैं उन्हें निर्वाचित लेख का उम्मीदवार आपने नहीं बनाया, क्यों? जो हिन्दी जानते हैं उन्हें आप यहाँ से चले जाने के लिए षड्यन्त्र करते प्रतीत होते हैं, आश्चर्य होता है कि विकि पर सब मिलकर एक दूसरे का सहयोग करते हुए कार्य क्यों नहीं करते हैं? और निर्वाचित लेख क्या जरूरी है ? अच्छे लेख बने यह होना चाहिए। डा० जगदीश व्योम जी भी अब आपकी हाँ में हाँ मिलाते लग रहे हैं, आपके लेख को सुधार रहे हैं, वाह ! क्या बात है!-- froklin वार्ता 13:00, 22 जून 2012 (UTC)
- फ्रोकलिन जी, आपके इस प्रश्न "अनेक लेख बहुत अच्छे बने हुए हैं उन्हें निर्वाचित लेख का उम्मीदवार आपने नहीं बनाया" का उत्तर यह है कि विकिपीडिया सदस्य अपने कार्य के लिए स्वतंत्र हैं (जब तक वे किसी नियम का उल्लंघन न करें), मैं अपनी रूचि अनुसार लेख बनाता हूँ और यही कार्य अन्य सदस्य भी करते हैं। जैसे मैंने बताया कि विकिपीडिया पर हम स्वयंसेवक इसलिए कोई भी सदस्य बाध्य नहीं है कि वह किसी विशेष विषय से सबंधित ही अपना योगदान दे। "उन्हें निर्वाचित लेख का उम्मीदवार आपने नहीं बनाया", अगर आपको लगता है कि अन्य लेख भी निर्वाचित बन सकने लायक हैं तो आपका मैं स्वागत करता हूँ कि आप उन्हें नामांकित करें और मैं अवश्य ही अपनी टिप्पणियाँ दूँगा व उन्हें सुधारने में अपना पूरा सहयोग दूँगा। कौन सा षड्यन्त्र? यह आपके अपने विचार हैं और मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता, जो आपको सोचना है आप सोचें। आप नए हैं इसलिए विकिपीडिया के नियम व दिशानिर्देश आदि का ज्ञान नहीं रखते हैं, इसलिए आपके प्रति मैं कुछ नहीं कहना चाहता। "सब मिलकर एक दूसरे का सहयोग करते हुए कार्य क्यों नहीं करते हैं", मेरे द्वारा बनाए लेख में से जगदीश जी का अशुद्धियों को दूर करना क्या परस्पर सहयोग नहीं है? "मेरा लेख"? आप एक बात को समझलें कि विकिपीडिया किसी की जागीर नहीं है इसलिए मेरे द्वारा बनाया गया कोई भी लेख मेरा नहीं है, यह मुफ्त लाईसेंस द्वारा हर किसी को उपलब्ध है व इसमें सम्पादन करने के लिए मैं किसी को रोक भी नहीं सकता। "निर्वाचित लेख क्या जरूरी है", बल्कि निर्वाचित व अच्छी गुणवत्ता वाले लेखों की ही जरूरत है। किसी भी विकिपीडिया परियोजना का मूल्यांकन वहाँ पर उपलब्ध निर्वाचित विषयवस्तु व लेखों की गुणवत्ता से होता है, इसे Quality vs Quantity का विवाद कहते हैं। कुछ विकिपीडिया परियोजनाओं जैसे हिब्रू विकिपीडिया, ग्रीक विकिपीडिया व मलय विकिपीडिया, आदि जो लेखों की संख्या की तुलना में हिन्दी विकिपीडिया से भी छोटी हैं परन्तु उनकी गुणवत्ता हिन्दी विकिपीडिया से अधिक अच्छी मानी जाती है। जितना ज्यादा लेखों का स्तर अच्छा होगा उतना अधिक पाठक हिन्दी विकिपीडिया के लेखों को पढ़ना पसंद करेंगे, जिससे पन्नों को देखने के आँकड़े में बढ़ोतरी होगी तथा विकिपीडिया पर नए सदस्य आएँगे।<>< Bill william comptonTalk 13:56, 22 जून 2012 (UTC)
- काम्प्टन जी विकिपीडिया पर न भारत का अधिकार है और न आपका ही, यहाँ सब अपनी मर्जी से काम कर रहे हैं, चूँकि हिन्दी संस्करण है तो स्वाभाविक है कि हिन्दी वाले ध्यान तो रखेंगे ही, अनुनाद जी भी यही कर रहे हैं लेकिन आप भी वही तो कर रहे हैं, आपने इस लेख को बनाकर तुरन्त निर्वाचित का उम्मीदवार बना दिया जबकि अनेक लेख बहुत अच्छे बने हुए हैं उन्हें निर्वाचित लेख का उम्मीदवार आपने नहीं बनाया, क्यों? जो हिन्दी जानते हैं उन्हें आप यहाँ से चले जाने के लिए षड्यन्त्र करते प्रतीत होते हैं, आश्चर्य होता है कि विकि पर सब मिलकर एक दूसरे का सहयोग करते हुए कार्य क्यों नहीं करते हैं? और निर्वाचित लेख क्या जरूरी है ? अच्छे लेख बने यह होना चाहिए। डा० जगदीश व्योम जी भी अब आपकी हाँ में हाँ मिलाते लग रहे हैं, आपके लेख को सुधार रहे हैं, वाह ! क्या बात है!-- froklin वार्ता 13:00, 22 जून 2012 (UTC)
- भाई क्राम्टन जी, मेरा सुझाव यह है कि 'विश्वकोश' की दुहाई देकर भारत को और गुलाम मत बनाइये। पहले ही यह गुलाम मानसिकता में बुरी तरह जकड़ा हुआ है। आपको अच्छी तरह पता है कि वेल्स कहाँ की भाषा है और वह किस दुनिया में है। जहाँ तक लेख की गुणवत्ता का प्रश्न है, वह पहले ही बखाना जा चुका है। -- अनुनाद सिंहवार्ता 15:35, 22 जून 2012 (UTC)
- मित्रों चर्चा में असभ्य भाषा वा राजनैतिक भाषा का प्रयोग न करें तो अच्छा। विकिपीडिया में जो भी निर्णय लिया जाता है चर्चा के साथ मतदान (समर्थन वा विरोध) से किया जाता है, जिसमें समर्थन नहीं है, चर्चा के साथ विरोध लिखें, सबको ज्ञात हो जाएगा। पूर्वाग्रह-प्रेरित होकर विचार रखना भी अच्छा नहीं होता।यहाँ तो एक "स्वार्थ संघर्ष" (कॉन्फ़्लिक्ट ऑफ़ इन्ट्रॅस्ट) लग रहा है। नये सदस्य कृपया यह पढें। -भवानी गौतम (वार्ता) 08:12, 23 जून 2012 (UTC)
देवनागरी लिपि के ए, ये, ई, यी का प्रयोग
- विकिपीडिया पर गए / गये, गई / गयी, आया / आई अर्थात् ए एवं ये तथा ई एवं यी के प्रयोग कैसे करें? यद्यपि इनके प्रयोग के देवनागरी लिपि के निश्चित नियम हैं, कई सदस्य पहले से बने लेखों को परिवर्तित कर रहे हैं, उचित होगा कि चौपाल पर यह चर्चा कर ली जाय ताकि एकरूपता रहे। इसी प्रकार अनुस्वार, अनुनासिक एवं पंचमाक्षर के प्रयोग पर भी चर्चा हो ताकि सभी एक जैसा ही लिखें। --आलोचक (वार्ता) 09:38, 24 जून 2012 (UTC)
आलोचक जी ने सही प्रसंग उठाया है। इसपर चर्चा होनी चाहिए। मैंने जहाँतक पढा और देखा है और जो भाषाविज्ञान से संबन्धित है, वह इस प्रकार है: हिन्दी में क्रिया के अतिरिक्त अन्य शव्दों को बहुवचन करते समय (आ) को (ए) इसीप्रकार (का) को (के), (या) को (ये) आदि करते हैं। उदाहरण: लड़का=लड़के, बच्चा=बच्चे। परंतु क्रिया के रुपों को बहुवचन के साथ प्रयोग करते समय (या को ये ) नहीं बनाते। (या को ए) स्त्रीलिंग के साथ (या को ई) के रुप में प्रयोग करते हैं।
- गया=गए, आया=आए (
गये, आये) - गया=गई, आया=आई(स्त्रीलिंग)(
गयी, आयी) - हुआ=हुए, हुई (
हुये, हुयी)
यह सभी पाठयपुस्तकों में स्पष्ट रुप से दिया गया है। इसीप्रकार दीजिये, लीजिये, कीजिये शव्द भी गलत हैं, शुद्ध शव्द हैं: दीजिए, लीजिए, कीजिए। कृपया सीबीएसई के पाठ्य पुस्तकों में देखें। पञ्चम वर्ण का प्रयोग तत्सम(संस्कृत) शव्दों में होता है। भवानी गौतम (वार्ता) 10:00, 24 जून 2012 (UTC)
- भवानी गौतम जी, सीबीएसई तो कोई पाठ्य पुस्तक लिखती ही नहीं है, आप किस पुस्तक की बात कर रहे हैं?-- froklin वार्ता 11:16, 24 जून 2012 (UTC)
- 'या' से अन्त होने वाली भूतकालिक कृदन्त क्रियाओं के स्त्रीलिंग और बहुवचन रूप में 'ये' और 'यी' का प्रयोग होना चाहिए जैसे- 'आये', 'गयी', 'किये', 'गये', 'दिये', 'पिलायी', 'दिखायी', 'ललचायी' (क्रिया ) आदि।
डा० भोलानाथ तिवारी के अनुसार-- froklin वार्ता 11:52, 24 जून 2012 (UTC)
- froklin जी मेरा समर्थन नहीं करना है, ठीक है, परंतु हिन्दी को मत बिगाड़िए, पहले सी बी एस सी द्वारा पाठचर्या में निर्धारित पुस्तकें पढ़ें, राष्ट्रीय हिन्दी संस्थान निर्मित पुस्तकें देखें। एन् सी आर टी की पुस्तकें देखें। हिन्दी में पहले से ही एक रुपता है। यदि कोई अज्ञानतावश मनमर्जी कहे या लिखे तो उसे नहीं रोक सकते।भवानी गौतम (वार्ता) 12:22, 24 जून 2012 (UTC)
- भवानी गौतम जी, समर्थन देने और न देने से यहाँ क्या अभिप्राय है.. यह बहुत महत्वपूर्ण विषय है, तमाम लोगों को भ्रम है, आप भी फिर से देख लीजिए, जैसे आपने लिखा है- " राष्ट्रीय हिन्दी संस्थान निर्मित पुस्तकें देखें। एन् सी आर टी की पुस्तकें देखें" यहाँ देखें- "राष्ट्रीय हिन्दी संस्थान" नहीं है, यह है "राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद्" तथा इसे " एन् सी आर टी" नहीं कहते हैं इसे " एन सी ई आर टी " कहते हैं। जल्दी में गलती हो जाती है जैसे आपने यह गलतियाँ कर दीं, यही समझना है, इस विषय में प्रसिद्ध भाषा वैज्ञानिक डा० भोलानाथ तिवारी की पुस्तक " हिन्दी वर्तनी की समस्याएँ" पृ० ३७ पढ़ लीजिए सब स्पष्ट हो जाएगा। हम सब हिन्दी विकि पर कार्य कर रहे हैं एक दूसरे का सहयोग कीजिए और यह मत मान कर चलिए कि आप से अधिक और कोई नहीं जानता है। -- froklin वार्ता 12:51, 24 जून 2012 (UTC)
- एन् सी आर टी का मेरा मतलब " एन सी ई आर टी " अथवा "राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद्" ही है, आपका कहना ठीक है। लेकिन "राष्ट्रीय हिन्दी संस्थान" का मेरा मतलब "केन्द्रीय हिन्दी संस्थान" है।भवानी गौतम (वार्ता) 13:34, 24 जून 2012 (UTC)
सौन्दर्य प्रसाधन लेख
- अनुनाद जी एवं अन्य समस्त विद्वान मित्रो सौन्दर्य प्रसाधन नामक लेख में लिखा है कि- "भारत युगयुगांतर से धर्मप्रधान देश रहा है।" मुझे लगता है कि यह ठीक नहीं है, सही यह है कि भारत सदा से एक धर्मनिरपेक्ष देश रहा है। कृपया यहाँ चर्चा करें कि सही क्या है?-- froklin वार्ता 03:29, 23 जून 2012 (UTC)
- २६ जनवरी १९५० से धर्म निरपेक्ष बना।भवानी गौतम (वार्ता) 07:55, 23 जून 2012 (UTC)
जरूरी नहीं है कि 'पंथनिरपेक्षता' और 'धर्मप्रधानता' एक-दूसरे के विलोम संस्कृति हों। 'एकं सद् विप्रा बहुधा वदन्ति' (सत्य एक ही है, विद्वान लोग इसे अलग-अलग तरह से प्रस्तुत करते हैं।) यह पंथनिरपेक्षता का आधार-मंत्र है। 'धर्म' शब्द का अर्थ 'हिन्दू' , बौद्ध, 'मुसलमान', 'इसाई' आदि कभी रहा ही नहीं। धर्म का सनातन और मूल अर्थ 'धारण करने योग्य' रहा है। इसी अर्थ में यह पूरे भारतीय वाङ्मय में प्रयुक्त हुआ है। तुलसीदास लिखते हैं - "खल मंडली बसहुं दिन राती, सखा धरम निबहहिं केहि भांती" ।
मनु ने तो धर्म के लक्षण गिनाए हैं जिनको जानकर आजके कट्टरतम सेक्युलर भी शर्म करेंगे-
- धृति: क्षमा दमोऽस्तेयं शौचमिन्द्रियनिग्रह: ।
- धीर्विद्या सत्यमक्रोधो दशकं धर्मलक्षणम् ।। (मनुस्मृति ६.९२)
( धैर्य , क्षमा , संयम , चोरी न करना , शौच ( स्वच्छता ), इन्द्रियों को वश मे रखना , बुद्धि , विद्या , सत्य और क्रोध न करना ; ये दस धर्म के लक्षण हैं । )
वैसे तिवारी जी ने जल्दीबाजी करके इस विवाद को ही जड़ से मिटा दिया है। अब तो चर्चा करने के लिये मुद्दा ही नहीं बचा है।-- अनुनाद सिंहवार्ता 08:27, 23 जून 2012 (UTC)
नोटेबिलिटी का टेग
अनिरुद्ध जी, अनुनाद जी, बिल काम्पटन जी ! आलोक श्रीवास्तव लेख में सन्दर्भ लगा दिये हैं, इस लेख से नोटेबिलिटी का टेग हटाने का कष्ट करें।--आलोचक (वार्ता) 13:04, 25 जून 2012 (UTC)
- भाई आलोचक जी, मेरे विचार से आपने इस लेख को उल्लेखनीय सिद्ध करने के सारे उपाय कर दिये हैं। अब बिल महोदय से ही पूछ लीजिये (सूची मांगिये) कि उल्लेखनीय होने के लिये क्या-क्या और चाहिये। -- अनुनाद सिंहवार्ता 13:50, 25 जून 2012 (UTC)
- अनुनाद जी, अनिरुद्ध जी, बिल काम्पटन जी ! मैं कुछ अन्य साहित्यकारों पर लेख बनाना चाह रहा हूँ, किसी लेख को बनाने में काफी समय लगता है और यह समय अपने व्यस्त समय में से किसी न किसी तरह से निकाला जाता है, यदि लेख बनाने के बाद उसे हटा दिया जाये तो श्रम तो व्यर्थ जाता ही है कार्य करने में मन भी नहीं लगता है। इसलिए उचित होगा कि आलोक श्रीवास्तव के लेख को उदाहरण के रूप में रख कर यह सुनिश्चित कर लिया जाय कि लेख में क्या-क्या होना चाहिये ताकि उस पर कोई नोटेबिलिटी का टेग लगाने को विवश न हो, अन्य लोग भी चौपाल पर देख कर अपने बनाये हुए लेखों को सुधार सकेंगे। अतः बिल जी ! इस लेख में जो भी कमी रह गई हो, उसे अवश्य बतायें ताकि उसे पूरा किया जा सके और वह आपकी कसौटी पर खरा उतर सके।--आलोचक (वार्ता) 14:29, 25 जून 2012 (UTC)
- आलोचक जी मैं आपके कार्य की सराहना करता हूँ, परन्तु सम्बंधित लेख विकिपीडिया की नोटेबिलिटी निति का पालन नहीं करता और मैं इसके निम्न कारण भी दें रहाँ हूँ:
- विकिपीडिया पर संदर्भ विश्वसनीय होने चाहिए। आप संदर्भ के लिए राष्ट्रीय स्तर के समाचारपत्र, उनकी वेबसाइट के लिंक, उल्लेखनीय लेखकों द्वारा लिखी किताबें, पत्रिकाएँ, आदि उपयोग में ला सकते हैं। परन्तु इस लेख में ऐसा कुछ भी नहीं है सर्वप्रथम ब्लॉग तो कभी भी लेख के अंदर संदर्भ के तौर पर इस्तेमाल ही नहीं हों सकता, चूँकि ब्लॉग कोई भी लिख सकता है, kavitakosh.org विश्वसनीय स्रोत नहीं है चूँकि उसे कोई समाचार एजेंसी या उल्लेखनीय संगठन नहीं चलाता। लेख में आजतक के लिंक को छोड़ के अन्य सभी स्रोत विकिपीडिया के पंचशील का उल्लंघन करते हैं, परन्तु पुश्किन सम्मान स्वयं ही कितना उल्लेखनीय है उस पर भी सवाल हैं।
- पुश्किन सम्मान के आलावा आलोक श्रीवास्तव ने कोई भी उल्लेखनीय कार्य नहीं किया है जिससे उन पर विकिपीडिया पर लेख बनाया जाए। चूँकि उन्हें जो अन्य पुरुस्कार या सम्मान मिलें हैं वे इतने विशाल नहीं हैं कि उनके प्राप्तकर्ता पर लेख बने। हाँ अगर इन्होंने ज्ञानपीठ जैसा कोई सम्मान मिला होता तो अवश्य ही ये उल्लेखनीय होते।
- अगर आप नोटेबिलिटी टैग हटाना चाहते हैं तो विश्वसनीय संदर्भ जोड़े। जैसे आजतक का लिंक दिया है वैसे ही लिंक दें। वैसे मैं भी कोशिश कर चुका हूँ परन्तु मुझे तो विषय से सम्बंधित कोई उल्लेखनीय जानकारी नहीं मिली थी।<>< Bill william comptonTalk 14:47, 25 जून 2012 (UTC)
- क्राम्प्टन जी, 'विश्वसनीय' की सन्दर्भ सहित परिभाषा बताइये जो सबको स्वीकार्य हो तथा हिन्दी विकि पर कहीं लिखी गयी हो। कृपया यह भी बताइये कि 'आजतक' विश्वसनीय कैसे है और 'कविताकोष' कैसे विश्वसनीय नहीं है। तुलसीदास को ज्ञानपीठ या कोई और पुरस्कार नहीं मिला था फिर भी वे उल्लेखनीय कैसे हैं? कृपया जवाब दें। -- अनुनाद सिंहवार्ता 10:49, 26 जून 2012 (UTC)
- अनुनाद जी, कविताकोष विकिपीडिया जैसी वेबसाइट है, जहाँ पर कोई भी संपादन कर सकता है। इस प्रकार यह विकिपीडिया की विश्वसनीय स्रोत की मूल परिभाषा का ही पालन नहीं करती। जिस प्रकार विकिपीडिया के लेखों को किसी भी ज्ञानकोष में संदर्भ की तरह इस्तेमाल नहीं किया जाता उसी प्रकार अन्य स्रोत जहाँ पर संपादन करने की अनुमति सभी को है उसे भी विकिपीडिया पर विश्वसनीय स्रोत नहीं माना जाता। कविताकोष पर कोई भी अपनी रचनाएँ थोड़े पर्यत्न के साथ जोड़ सकता है, परन्तु विकिपीडिया पर इसकी अनुमति नहीं है जबतक विषय उल्लेखनीय न हो। रही बात आजतक के विश्वसनीय होने कि तो इसका कारण यह है कि आजतक एक राष्ट्रीय स्तर की हिन्दी समाचार वेबसाइट है और मोटे रूप से हर राष्ट्रीय स्तर की समाचार वेबसाइट जैसे बीबीसी, सीएनएन, एनबीसी, एनडीटीवी, सीटीवी, आदि विश्वसनीय स्रोत हैं।
- सर्वप्रथम बात यहाँ समकालीन युग की हो रही है इसलिए तुलसीदास का नाम लेने का तो कोई अर्थ निकलता ही नहीं। दूसरा, अगर आप ध्यान से मेरे लेखन को पढ़ेंगे तो पाएँगें कि मैने लिखा है "ज्ञानपीठ जैसा कोई सम्मान" न कि केवल ज्ञानपीठ। और वहाँ पर मेरा अभिप्राय आलोक श्रीवास्तव के द्वारा जीते गए अन्य पुरूस्कारों से तुलना करने से था, मैने यह तो कभी कहा ही नहीं कि केवल पुरुस्कार प्राप्तकर्ता ही उल्लेखनीय हैं। साहित्य पुरुस्कार कई तरह के होते हैं, कुछ अन्तराष्ट्रीय, कुछ राष्ट्रीय स्तर के। राष्ट्रीय स्तर पर भी सरकारी या गैर-सरकारी। मुख्यतः सारे राष्ट्रीय स्तर के सरकारी पुरुस्कार प्रतिष्ठित होते है इसलिए उनके प्राप्तकर्ता को उल्लेखनीय कहा जा सकता है परन्तु गैर-सरकारी पुरुस्कार, जो व्यापक रूप से विभिन्न स्रोतों द्वारा कवर किए जाते है व समाज में अलग स्थान रखते हैं, उन्हें ही प्रतिष्ठित माना जाता है। आलोक श्रीवास्तव को जो सम्मान मिले हैं उनका स्तर देखें, लगभग सभी दिल्ली, मुम्बई, मेरठ, आदि शहरी स्तर के हैं, इन्हें कोई स्वतंत्र व द्वितीयक या तृतीयक स्रोत कवर नहीं करता इसलिए इन पुरूस्कारों के प्राप्तकर्ता को हम उल्लेखनीय नहीं कह सकते। तुलसीदास, सूरदास, कबीर, चंदबरदाई, महावीर प्रसाद द्विवेदी, आदि ने कोई पुरुस्कार न जीता हों परन्तु हिन्दी साहित्य को उनका दिया योगदान ही इतना विशाल है कि उनकी उल्लेखनीयता सिद्ध करने के लिए किसी पुरुस्कार या सम्मान की आवश्यकता नहीं और यह विचार मेरे अपने नहीं अपितु विश्वसनीय स्रोतों के हैं। पुरुस्कार जीतने का मापदंड जब प्रयोग में लाया जाता है जब विषय के बारे में कुछ और उल्लेखनीय हो ही न, जैसे आलोक श्रीवास्तव के संदर्भ में कुछ भी उल्लेखनीय नहीं है।<>< Bill william comptonTalk 13:18, 26 जून 2012 (UTC)
- क्राम्प्टन जी, 'विश्वसनीय' की सन्दर्भ सहित परिभाषा बताइये जो सबको स्वीकार्य हो तथा हिन्दी विकि पर कहीं लिखी गयी हो। कृपया यह भी बताइये कि 'आजतक' विश्वसनीय कैसे है और 'कविताकोष' कैसे विश्वसनीय नहीं है। तुलसीदास को ज्ञानपीठ या कोई और पुरस्कार नहीं मिला था फिर भी वे उल्लेखनीय कैसे हैं? कृपया जवाब दें। -- अनुनाद सिंहवार्ता 10:49, 26 जून 2012 (UTC)
- बिल काम्प्टन जी, मैंने चौपाल पर १८ जून को कुछ लेख सुझाये थे कि ये लेख भी नोटेबिल नहीं हैं, और आपने वहाँ लिखा है कि -
"वैसे जो लेख आपने नामांकित किए हैं वे प्रचार नहीं हैं, उदाहरण के लिए कविता कौशिक एक दूरदर्शन अभिनेत्री हैं, इसी प्रकार कुमार विश्वास प्रसिद्ध कवि और शिक्षक हैं" कुछ और लेख भी हैं जिनके नाम ऊपर दिये हैं वे वास्तव में ऊल्लेखनीय नहीं हैं, पर आपने उन्हें ऊल्लेखनीय मान लिया क्योंकि नाम मैंने सुझाये थे, आज आप आलोक श्रीवास्तव के लिये लिख रहे हैं कि इन्हें ज्ञानपीठ या इस तरह का पुरस्कार नहीं मिला, इसलिये नोटेबिल नहीं हैं, (आपने लिखा है) कविता कौशिक दूरदर्शन में अभिनेत्री हैं और कुमार विश्वास कवि हैं पर इनमें से ज्ञानपीठ तो किसी को नहीं मिला है, यह दोहरी नीतियाँ और पूर्वाग्रह विकि के लिये ठीक नहीं है, आश्चर्य हो रहा है कि आप इस तरह से दो प्रकार की बातें लिख रहे हैं और, किस का लेख रहना चाहिये और किसका नहीं प्रश्न इस बात का नहीं है, विकि की नीति एक होनी चाहिये, स्पष्ट हो जाये तो उसी तरह के लेख बनाये जायें जो विकि का मानदण्ड हो, पर आप एक तरफ अवनीश सिंह चौहान को भी नौटेबिल मान रहे हैं वहीं आलोक श्रीवास्तव जैसे कवि को नोटेबिल नहीं मान रहे हैं। अनिरुद्ध जी और अनुनाद जी आप लोग विकि पर काफी वरिष्ठ हैं और काफी गम्भीरता से कार्य कर रहे हैं कृपया आप इस बहस को गम्भीरता से लें अन्यथा बिल जी की इस नोटेबिल की परिभाषा से विकि से अनेक लेख हटाने होंगे, आलोचक जी ने जो मुद्दा उठाया है उसे सपष्ट करने में आप लोग सहयोग कीजिये ताकि विकि पर कार्य करने वालों का श्रम बेकार न जाये।-- froklin वार्ता 13:45, 26 जून 2012 (UTC)
- froklin, आप पहले ठीक से मेरे लिखे लेखन को पढ़ना सीखें। मैने साफ़-साफ़ कहा है कि "यह तो कभी कहा ही नहीं कि केवल पुरुस्कार प्राप्तकर्ता ही उल्लेखनीय हैं" और "पुरुस्कार जीतने का मापदंड जब प्रयोग में लाया जाता है जब विषय के बारे में कुछ और उल्लेखनीय हो ही न"। कविता कौशिक और कुमार विश्वास दोनों को ही विश्वसनीय और स्वतंत्र स्रोतों द्वारा कवर किए हुए हैं, उनके लिए पुरूस्कार जीतने के मापदंड की कोई आवश्यकता नहीं, वैसे अगर आपने अगर थोड़ा पर्यत्न करके बिना तर्कहीन बात करे ध्यान दिया होता तो आप पाते कि कविता कौशिक को ज़ी गोल्ड पुरस्कार, इंडियन टेली पुरस्कार, इंडियन टेलीविजन अकादमी पुरस्कार, और ग्लोबल इंडियन फ़िल्म और टीवी ऑनर्स, आदि मिलें हुए हैं। आप बस व्यर्थ कि बात करते हैं तथ्य आपके पास कोई होता नहीं। मैने कभी "दो प्रकार की बातें" नहीं लिखीं, आखें खोल के देखें मैने लिखा है "पुरुस्कार जीतने का मापदंड जब प्रयोग में लाया जाता है जब विषय के बारे में कुछ और उल्लेखनीय हो ही न"। जब कविता कौशिक या कुमार विश्वास के बारे में पहले ही इतने उल्लेखनीय तथ्य हैं कि उनके लिए इस मापदंड की आवश्यकता नहीं।<>< बिल विलियम कॉम्पटनवार्ता 04:17, 27 जून 2012 (UTC)
- काम्प्टन आप दूसरे की बात को समझना सीखें, जिस तरह की जिद तथा भाषा का प्रयोग आप यहाँ कर रहे हैं वह उचित नहीं है, आप क्या तर्क और कुतर्क नौटेबिल के लिए देते हैं इसे तमाम लोग पढ़ रहे हैं, लगता है कि आपसे तो बात करना ही बेकार है, विकिपीडिया को आप जाने अनजाने बहुत नुकसान पहुँचा रहे हैं, विकि किसी एक काम्पटन से नहीं चलती है इसे अच्छा बनाने के लिए बहुत सारे लोग चाहिए होते हैं और आप सबको हतोत्साहित कर रहे हैं और अहंकारी भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, आश्चर्य है कि एक प्रबंधक होकर आप इस तरह का व्यवहार कर रहे हैं, अवनीश सिंह चौहान नोटेबिल हैं और आलोक नहीं, यह कुतर्क नहीं है तो और क्या है? अब आप से बात करना ही बेकार है - froklin वार्ता 04:52, 27 जून 2012 (UTC)
- पहले आप अपनी भाषा में सुधार लाएँ। मैने कब कहा कि अवनीश सिंह चौहान नोटेबल है या नहीं? अपनी तरफ से बाते न बनाएँ। मैने बस कविता कौशिक और कुमार विश्वास की उल्लेखनीयता के बारे में अपने विचार रखें थे। आपके सुझाएँ अन्य लेखों व उनके विषयों के बारे में मैं ज्ञान नहीं रखता इसलिए मैने बस इन दो का ही उदहारण दिया था। मैं किस प्रकार का नुकसान पहुँचा रहा हूँ? मेरे द्वारा किया गया हर कार्य विकिपीडिया की नीतियों व दिशा-निर्देशों के अनुसार होता है। मेरे द्वारा हटाए गए लेख पृष्ठ हटाने की नीति के अनुसार होते हैं। अगर मैं इनका पालन करता हूँ तो क्या मैं विकि को नुकसान पहुँचा रहा हूँ? विकिपीडिया कोई मजाक नहीं है जहाँ हर किसी पर लेख बनाएँ जाए। उल्लेखनीयता जैसी भी कोई चीज होती है। "सबको हतोत्साहित कर रहे हैं"? किस को हतोत्साहित करा मैने? जिस पृष्ठ को लेकर यह सारा विवाद खड़ा हुआ है मैने उस पृष्ठ के निर्माता व विषय से निवेदन किया था कि लेख में विश्वसनीय स्रोत डालें अन्यथा विषय उल्लेखनीय न होने के कारण लेख हटा दिया जाएगा। विकिपीडिया एक ज्ञानकोष है जहाँ केवल उल्लेखनीय विषयों पर लेख बनाए जाते हैं और इन विषयों की उल्लेखनीयता विश्वसनीय स्रोतों द्वारा सिद्ध होती है। अगर आपको मेरी किसी बात से ठेस पहुँची हों तो मुझे माफ करें, मेरी इच्छा आपको ठेस पहुँचाने या हतोत्साहित करने की नहीं थी। मैं बस विकिपीडिया की नीतियों और इसकी मूल संरचना का पालन कर रहाँ हूँ।<>< बिल विलियम कॉम्पटनवार्ता 05:23, 27 जून 2012 (UTC)
- बिल महोदय, मुझे अच्छी तरह पता है कि तुलसीदास किस युग में हुए थे और उस युग में ज्ञानपीठ पुरस्कार था या नहीं। प्रश्न यह है कि किसी की उल्लेखनीयता का पैमाना 'अमुक-अमुक' पुरस्कार प्राप्त करना है या नहीं। यह लिखित रूप में कहीं विद्यमान है या आपकी इच्छानुसार बदलता रहेगा? विकिपीडिया में उल्लेखनीयता के कुछ लिखित मापदण्ड हों तो उन्हें बताइये। हिन्दी के कवि को मेरठ और प्रयाग से पुरस्कार नहीं मिलेंगे तो क्या लन्दन से मिलेंगे? -- अनुनाद सिंहवार्ता 14:08, 26 जून 2012 (UTC)
- आप क्यों ठीक से किसी के लेखन को नहीं पढ़तें। मैने साफ़-साफ़ लिखा है कि "पुरुस्कार जीतने का मापदंड जब प्रयोग में लाया जाता है जब विषय के बारे में कुछ और उल्लेखनीय हो ही न", इसमें बार-बार पूछने से क्या फ़ायदा? मेरी इच्छा अनुसार कुछ नहीं बदल रहा है, विकिपीडिया:उल्लेखनीयता पढ़े और विस्तार में पढ़ना है तो अंग्रेज़ी विकिपीडिया पर देखें। हिन्दी के कवि को साहित्य अकादमी पुरस्कार भी मिल सकता है उसे लंदन जाने की क्या आवश्यकता। हर छोटे-मोटे पुरुस्कार का विजेता नोटेबल नहीं बन जाता। आप इतनी सी बात क्यों नहीं समझते कि अगर कोई नोटेबल है तो उसके बारे में अवश्य ही द्वितीयक या तृतीयक स्रोतों में जानकारी मिलेगी।<>< बिल विलियम कॉम्पटनवार्ता 04:17, 27 जून 2012 (UTC)
- बिल महोदय, मुझे अच्छी तरह पता है कि तुलसीदास किस युग में हुए थे और उस युग में ज्ञानपीठ पुरस्कार था या नहीं। प्रश्न यह है कि किसी की उल्लेखनीयता का पैमाना 'अमुक-अमुक' पुरस्कार प्राप्त करना है या नहीं। यह लिखित रूप में कहीं विद्यमान है या आपकी इच्छानुसार बदलता रहेगा? विकिपीडिया में उल्लेखनीयता के कुछ लिखित मापदण्ड हों तो उन्हें बताइये। हिन्दी के कवि को मेरठ और प्रयाग से पुरस्कार नहीं मिलेंगे तो क्या लन्दन से मिलेंगे? -- अनुनाद सिंहवार्ता 14:08, 26 जून 2012 (UTC)
- बिल महोदय, लोगों को क्यों बेमतलब इधर-उधर भटकाते रहते हैं? विकिपीडिया:उल्लेखनीयता पृष्ट पर 'ज्ञानपीठ' या 'ज्ञानपीठ जैसा' या ' साहित्य अकादमी पुरस्कार' का कहीं उल्लेख नहीं है। यह तो आपके मन की उपज है। आपके मन के अन्दर स्थित भ्रमों को विकिपिडिया के मानदण्ड मन मान लीजिये। -- अनुनाद सिंहवार्ता 07:36, 27 जून 2012 (UTC)
- यह निहित है इसमें विशेष रूप से लिखने की आवश्यकता नहीं। हर विकिपीडिया की यही निति होती है कि केवल प्रतिष्ठित पुरुस्कारों के प्राप्तकर्ता को ही उल्लेखनीय माना जाए। इतनी सी बात समझ ने के लिए किसी विशेष ज्ञान या योग्यता की तो आवश्यकता है नहीं। आपको उल्लेखनीयता का अर्थ समझने में इतनी समस्या क्यों हो रही है? अगर हिन्दी विकिपीडिया पर संबंधित दिशानिर्देश नहीं हैं या पूरी तरह से लिखें नहीं हुए इसका मतलब यह नहीं कि इनके अभाव में हर कोई अपनी मर्जी से लेख बनाए और उल्लेखनीयता कि अपनी खुद की परिभाषा बनाले। विकिपीडिया ज्ञानकोष है न कि कविताकोश की तरह की कोई वेबसाइट जहाँ हर किसी छोटे-मोटे कवि या लेखक पर भी लेख बनाए जाए। यह बिमारी मैने यही पर देखी है, अंग्रेज़ी, फ़्रांसीसी, रोमन, सिम्पल, आदि विकिपीडिया पर केवल उल्लेखनीय व्यक्तियों पर ही लेख बनते हैं इसलिए वे सफ़ल भी है और हिन्दी विकिपीडिया में दस वर्षों के पश्चात भी मुख्य भाग अभी भी गैर-ज्ञानकोषीय है। ज्यादातर लेखों में संदर्भ नहीं, तो कौन इनकी विश्वसनीयता पर विश्वास करेगा? हर छोटे-मोटे लेखक, कवि, आदि पर लेख बने हुए है जबकि कितने ही मुख्य विषय अभी भी अनछुए है। जिसका मन करे अपने ऊपर लेख बना लेता है और आप जैसे सदस्य उन लेखों के पहरेदार बन जाते हैं। मैं चुनौती के साथ कहता हूँ किसी अन्य सम्मानजनक विकिपरियोजना पर यही लेख बना के देखें और न इसे हटा दिया जाएगा परन्तु हिन्दी विकिपीडिया पर सब कुछ रखा जाएगा क्योंकि यहाँ ज्यादा लेख बनाने की दौड़ जो लगी हुई है चाहे इसके लिए ज्ञानकोष की गुणवत्ता कितनी भी गिर जाए। छोटी-छोटी विकिपरियोजनाओं की गुणवत्ता यहाँ से अच्छी है तो यहाँ गुणवत्ता पर ध्यान क्यों नहीं दिया जाता? मलयालम और तमिल विकिपीडिया पर भी दिशानिर्देश एकदम साफ़ होते हैं, यहाँ कुछ भी साफ़ नहीं जिसका जो मन करे वो बनाते जाओ। यही कारण है कि इतने अधिक हिन्दीभाषी होने के पश्चात भी हिन्दी विकिपीडिया पर इतने कम सक्रिय सदस्य हैं, जबकि मलयालम के कम मूल भाषी होने के पश्चात भी ज्यादा सक्रिय सदस्य हैं।<>< बिल विलियम कॉम्पटनवार्ता 14:39, 27 जून 2012 (UTC)
- बिल महोदय, लोगों को क्यों बेमतलब इधर-उधर भटकाते रहते हैं? विकिपीडिया:उल्लेखनीयता पृष्ट पर 'ज्ञानपीठ' या 'ज्ञानपीठ जैसा' या ' साहित्य अकादमी पुरस्कार' का कहीं उल्लेख नहीं है। यह तो आपके मन की उपज है। आपके मन के अन्दर स्थित भ्रमों को विकिपिडिया के मानदण्ड मन मान लीजिये। -- अनुनाद सिंहवार्ता 07:36, 27 जून 2012 (UTC)
- निहित तो बहुत कुछ हो सकता है। उसकी कोई सीमा नहीं है। यह 'निहित-निहित' का खेल खत्म कीजिये। भावुक मत बनिये। आपकी मनमानी के लिये अब कुतर्क पर उतर आये। हिन्दी विकि बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। यह एक अच्छा ज्ञानकोष बन चुका है। 'महारानी के सेवक' इसे 'गुलाम विकि' बनाने में जुटे हुए हैं। केवल यही सबके लिये चिन्ता का विषय होना चाहिये।-- अनुनाद सिंहवार्ता 03:51, 28 जून 2012 (UTC)
- आलोक श्रिवास्तव पर बना हुआ लेख अन्य हजारों कलाकारों की तुलना में अधिक उपयुक्त है। आलोचक जी। आप निश्चिंत रहें। ब्लॉग, या कविताकोश का परिचय उपयुक्त संदर्भ नहीं है। किंतु लेख के तथ्य स्वयं उसकी उल्लेखनीयता की ओर संकेत दे दे ते हैं। संदर्भ आज नहीं तो कल लग ही जाएंगें। यह लेख नहीं मिटेगा। आप निश्चिंत होकर मेहनत करें। और विकिया पर किया गया श्रम स्थायी रूप से नहीं मिटता है। इसलिए यदि कभी मिटा भी दिया जाय तो उसकी पुनर्वापसी के अवसर हमेशा रहते हैं। मैं बहुत पहले से इस पक्ष का समर्थक हूँ कि यदि लेख में कल संदर्भ, तथ्य चित्र आदी चिजें जुड़कर बेहतर हो सकती हैं तो उसे रहने देना चाहिए। यद्यपि यह भी ठीक है कि जिवित व्यक्तियों के लेख के लिए उपयुक्त मापदंड तय करना पड़ेगा। अभी लेख पर उल्लेखनियता का टैब रहने दें। सम्मान की रिपोर्टींग, या कैसेटों या सीडी का भी संदर्भ के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। अनिरुद्ध वार्ता 05:32, 27 जून 2012 (UTC)
- अनिरुद्ध जी ! धन्यवाद आपकी सकारात्मक टिप्पणी एवं प्रोत्साहनयुक्त संवाद के लिये। कोई लेख विशेष विकिपीडिया पर रहे या न रहे यह मेरी चिन्ता का विषय नहीं है पर किसी लेख पर समय दिया जाये और फिर उसे कोई यूँ ही एक झटके में मिटा दे तो किया गया श्रम व्यर्थ हो जाता है, यह मेरी चिन्ता है। मुझे यह आभास होता कि काम्पटन जी आलोक श्रीवास्तव के लेख को अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लेंगे और चौपाल पर यह सब लिखने में इतना समय बेकार होगा जितने में कुछ अन्य लेख बनाये जा सकते थे तो मैं यह लेख कदापि नहीं बनाता। खैर मेरे पास अनेक सन्दर्भ आलोक वाले लेख के लिये हैं जिन्हें शीघ्र ही वहाँ लगा दूँगा।--आलोचक (वार्ता) 03:28, 28 जून 2012 (UTC)
- अनिरुद्ध जी, अनुनाद जी, बिल काम्टन जी ! आलोक श्रीवास्तव लेख में कई और सन्दर्भ लगा दिये हैं, एक बार आप लोग देख लीजिये यदि सन्तुष्ट हों तो ठीक है अन्यथा और सन्दर्भों की तलाश की जाय, धन्यवाद।--आलोचक (वार्ता) 15:56, 29 जून 2012 (UTC)
Presenting Chatasabha
नमस्कार,
अंरेजी मैं लिखने के लिये माफ़ि चाहता हुं ।
New editors across Indic Wikipedias often face problems while editing for which need they help. However, most don't know where they can ask questions or get clarifications as they are usually unfamiliar with village pumps or mailing lists or even talk pages on basic editing. Many existing editors want to help new editors and could appreciate a central place where they can meet and help new editors. India Program has started a pilot to support the Odia community's help desk, Chatasabha. (Incidentally, "Chata" means student and "Sabha" means community, in Odia.) This pilot will build on the community's existing efforts - and seeks to provide a structured way of designing and running a Help Desk. It takes learnings from English Wikipedia's Tea House as well as other experiences on Help Desk and similar services.
The Help Desk that is being piloted is user friendly, has guidelines to provide simple answers to new editors and tries to manage the work load of existing community members by providing ready answers to frequently asked questions. The user friendliness of the Help Desk is in the form of being able to ask questions without getting stuck on Wiki markups as well as illustrated answers to some questions.
I have put a page on meta which has the pilot design. Eventually, we would like to help other Indic languages build similar Help Desks. Please do provide your feedback on the talk page.
निवेदन
- नमस्कार सभी को ! मैं हिन्दी विकिपीडिया पर काम करना चाहता हूँ, अनेक दिनो से इसे देखता रहा हूँ, आप सभी की सहायता भी मिलेगी यह भरोसा है।--<>< William ball klintonवार्ता 02:48, 27 जून 2012 (UTC)
क्लिन्टन जी हिन्दी विकी पर आपका स्वागत है काम करना शुरू कीजिये आपको जो भी सहायता चाहिये हम लोग अवश्य ही देंगे। आपका Krantmlverma (वार्ता) 09:46, 27 जून 2012 (UTC)
एक गुमनाम क्रान्तिकारी लाला हनुमन्त सहाय पर मेरा नया लेख
हिन्दी विकीपीडिया के सभी पाठक व सम्पादक बन्धुओ! एक गुमनाम क्रान्तिकारी लाला हनुमन्त सहाय पर मैंने यह लेख पहले अंग्रेजी विकीपीडिया पर यहाँ बनाया था। उसे किसी कारणवश वहाँ स्वीकृति नहीं मिली। अस्तु, मैंने उसी लेख का स्वयं मैनुअली हिन्दी अनुवाद करके यहाँ हिन्दी विकीपीडिया पर डाला है। आपसे अनुरोध है कि इसे बारीकी से जाँचें और यदि कोई त्रुटि या आवश्यक सामग्री ध्यान में आये तो मेरे वार्ता पृष्ठ पर या फिर इस लेख के वार्ता पृष्ठ पर इसी स्थान पर बतलाने की कृपा करें। एक बात और यदि किसी को लाला हनुमन्त सहाय की जन्म-तिथि व मृत्यु-तिथि के बारे में अधिकृत जानकारी हो तो कृपया अवश्य बतलाने का कष्ट करें जिससे कि उसे इस लेख में दिया जा सके। धन्यवाद, Krantmlverma (वार्ता) 09:46, 27 जून 2012 (UTC)
- वर्मा जी, देश के सच्चे सपूतों को गुमनाम बनाने की योजनाबद्ध कोशिशें हुईँ। आपके इस कार्य से किसी गुमनाम सपूत की जीवनी प्रकाश में आयी, इससे अच्छा क्या हो सकता है। शुभकामनाएँ। -- अनुनाद सिंहवार्ता 13:09, 27 जून 2012 (UTC)
- यह तो हमारा धर्म है प्रियवर! मैं एक बात प्राय: कहा करता हूँ "अपने लिये सभी जीते हैं,अपनी चिन्ता सभी करें; उनके लिये कौन जीता है,जो हम सबके लिये मरे?" बहरहाल आपकी टिप्पणी के लिये धन्यवाद अनुनाद जी ! डॉ०क्रान्त एम०एल०वर्मा (वार्ता) 05:41, 28 जून 2012 (UTC)
- लाला हनुमन्त सहाय पर श्रीकृष्ण सरल ने काफी लिखा है, उनके लिखे क्रान्ति गंगा नामक विशाल ग्रंथ में लाला हनुमन्त सहाय पर एक लम्बी कविता सरल जी ने लिखी है।--आलोचक (वार्ता) 04:21, 28 जून 2012 (UTC)
- सरल जी ने वह पुस्तक जब वे जीवित थे, मुझे भेजी थी; मेरे नोएडा वाले घर के पुस्तकालय में सुरक्षित है। जानकारी के लिये धन्यवाद आलोचक जी ! डॉ०क्रान्त एम०एल०वर्मा (वार्ता) 05:41, 28 जून 2012 (UTC)
- Why you are adding useless biography of the people who are not important, please add the science and other important article which can help us gaining knowledge. Only adding biography is not only useless but also fool-ness. Mr. Krantmlverma & अनुनाद सिंह don't be so orthodox.
- प्रिय शिखंडी महोदय, जिन्होने देश की आजादी के लिये अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया उनकी जीवनी हमारे लिये 'प्रकाश-स्तम्भ' का काम करेगी। आप सबसे पहले अनुनाद सिंह के द्वारा किये गये वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकी, तकनीकी, गणित-सम्बन्धी, चिकित्सा-सम्बन्धी तथा अन्य योगदानों की सूची देखिये । मुझे पता है आप 'महारानी के सच्चे सेवक' हैं इसलिये आपकी राय का कितना महत्व है, हम जानते हैं। -- अनुनाद सिंहवार्ता 03:59, 28 जून 2012 (UTC)
- प्रिय अनुनाद सिंह भैया, शिखंडी का मतलब् क्या है ? जिस्ने देश की आजादी के लिये अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया उनकी जीवनी डालो, फल्तु क्यों डाल रहे हो?
जिंदा आदमि जिसका कोइ योगदान् नहि उसका हटाओ, हिंदी विकिपिडिया राजनिति करने के लिये है क्या? -पन्कज्धुन
मुहम्मद अली जिन्ना पर एक लेख किसी ने कम्प्यूटर द्वारा अनूदित करके हिन्दी विकीपीडिया पर डाला गया था चूँकि उसकी सारी सामग्री निरर्थक थी अत: उसे हटा दिया गया है। इसके स्थान पर हिन्दी विकीपीडिया में दूसरा लेख पहले से ही मौजूद था मोहम्मद अली जिन्ना, इस मुहम्मद अली जिन्ना नामक लेख में जो काम की सामग्री थी उसका विलय मोहम्मद अली जिन्ना लेख में कर दिया है। कृपया देख लें और विलय वाला टैग हटा दें। धन्यवाद डॉ०क्रान्त एम०एल०वर्मा (वार्ता) 05:41, 28 जून 2012 (UTC)
विकिपीडिया:मोहम्मद अली जिन्नाह
अंग्रेजी नाम के स्वरूप मैं मोहम्मद अली जिन्ना के पन्ने को मोहम्मद अली जिन्नाह बनाना चाहता था परन्तु यह अब विकिपीडिया:मोहम्मद अली जिन्नाह हो गया है। कृपया इसे ठीक कीजिये. धन्यवाद। Hindustanilanguage (वार्ता) 06:49, 28 जून 2012 (UTC)
- ठीक हो गय।भवानी गौतम (वार्ता) 13:10, 29 जून 2012 (UTC)
वार्ता दिशानिर्देश
सभी को नमस्कार।
विकिपीडिया पर चर्चा एवं वार्ता सम्बंधित कुछ दिशानिर्देशों सहित विकिपीडिया:वार्ता दिशानिर्देश पृष्ठ बनाया है ताकि नए सदस्य इसका फ़ायदा उठा सकें, और समुदाय में चर्चा सम्बंधी निर्देशों को एक जगह इकट्ठा किया ज सके। इसमें सुधार करने के लिये सभी सदस्यों का स्वागत है। यदि ये उपयुक्त हो तो {{वार्ता शीर्षक}} में talk page guidelines की जगह इसकी कड़ी जोड़ दी जाए। धन्यवाद--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 13:18, 2 जुलाई 2012 (UTC)
- नमस्कार सिद्धार्थ जी! उपरोक्त पृष्ठ मैंने देखा है, यत्किंचित सुधार भी कर दिये हैं; मेरे विचार से {{वार्ता शीर्षक}} में talk page guidelines की जगह इसकी कड़ी यदि जोड़ दी जाये तो हिन्दी विकीपीडिया को लाभ ही पहुँचेगा, हानि नहीं। भवदीय डॉ०क्रान्त एम०एल०वर्मा (वार्ता) 13:51, 11 जुलाई 2012 (UTC)
विकिप्रेम में परिवर्तन
नमस्कार, सदस्य पाएँगे कि विकिप्रेम में एक नया मेन्यू "मिठाईयाँ" नाम से जोड़ा गया है। यह प्रयोगात्मक रूप से किया गया है। इसी प्रकार मौजूदा वस्तुएँ विकिप्रेम में से हटाई जा सकती हैं एवं नई जोड़ी जा सकती हैं। इसमें सुधार हेतु सभी सदस्यों के सुझावों का स्वागत है। सदस्य केवल सुझाव देते समय विकिपीडिया अथवा विकिमीडिया कॉमन्स पर उस वस्तु का एक चित्र उपलब्ध कराएँ (मौजूदा चित्र भी प्रयोग किये जा सकते हैं)।
यदि सदस्यों को लगता है कि मिठाइयाँ "खाना और पेय" वाले मेन्यू में ही होनी चाहियें, तो भी बताएँ, इनका विलय संभव है।
विकिप्रेम का उद्देश्य तभी अच्छी तरह संभव होगा यदि इसमें हमारी संस्कृति से जुड़ी वस्तुएँ हों, ताकि विकिप्रेम संदेश भेजने का मन करे। अतः सभी सदस्यों से अनुरोध है कि इसकी बेहतरी के लिये सुझाव दें कि इसमें क्या जोड़ा जाए। धन्यवाद--सिद्धार्थ घई (वार्ता) 20:31, 2 जुलाई 2012 (UTC)
दिनेश सिंह जैसे साहित्यकार का लेख हटाना
अनिरुद्ध जी, अनुनाद जी, आलोचक जी, दिनेश सिंह प्रसिद्ध नवगीतकार थे जिनका निधन अभी २ दिन पहले ही हुआ है, वे हिन्दी साहित्य के एक बड़े साहित्यकार थे, उन पर बना लेख आज बिल क्राम्प्टन ने हटा दिया है, यह तो हद हो गई, भारत के इतने प्रसिद्ध साहित्यकार का पन्ना हटा दिया जाये वह भी उनकी मृत्यु के दूसरे दिन यह तो अपमान करने जैसा है, आप कुछ कर सकते हैं तो कृपया जरूर करें।--सुगन्धा 16:48, 5 जुलाई 2012 (UTC)
- सुगंधा जी, मैं इस लेख से परिचित नहीं हूँ। क्या उस लेख में प्रमाणित स्रोत थे और क्या वे एक उल्लेखनीय व्यक्ति थे? अगर हाँ, तो उनपर लेख होना चाहिए। अगर नहीं, तो नहीं। मैं आपके बताए लेख का स्वयं निरिक्षण करके यहाँ अपना मत दूंगा। --Hunnjazal (वार्ता) 19:25, 5 जुलाई 2012 (UTC)
- मैंने आपका लेख देखा। उसमें कई ख़ामियाँ थीं, उदाहरण: दिनेश जी ने न केवल तत्कालीन गाँव-समाज को देखा-समझा और जाना-पहचाना था उसमें हो रहे आमूल-चूल परिवर्तनों को, बल्कि इन्होने अपनी संस्कृति में रचे-बसे भारतीय समाज के लोगों की भिन्न-भिन्न मनःस्थिति को भी बखूबी परखा, जिसकी झलक इनके गीतों में पूरी लयात्मकता के साथ दिखाई पड़ती है। -- यह निष्पक्षता का उल्लंघन करता है। 'बखूबी परखा' - क्या खूब है और क्या नहीं, इसपर आप पक्ष नहीं ले सकते। ऐसे लेख में बहुत सी जगह किया गया था। इसमें अतिश्योक्तियों का भी बहुत प्रयोग है जो en:WP:Peacock का उल्लंघन है। पूरा लेख वि:निबंधनहीं के भी विरुद्ध जाता है क्योंकि इसका स्वर ज्ञानकोष का लेख कम और निबंध ज़्यादा लगता है। लेख पढ़कर मुझे शक़ हुआ और मैंने इसपर गूगल खोज की तो पूरा लेख यहाँ से लिया हुआ मिला। यह निबंध के रूप में तो है ही लेकिन उस से बढ़कर इसके नीचे साफ़ मुद्राधिकार (कॉपीराईट) का ठप्पा लगा हुआ है। क्या आप जानते हैं कि कहीं से ऐसे सामग्री लेना क़ानूनन जुर्म है? बिल जी ने लेख हटाकर बिलकुल ठीक किया। मेरी राय है कि अगर आपके पास प्रमाणित स्रोत हैं (समाचार पत्रों में निकली ख़बर, इत्यादि - ब्लॉग और व्यक्तिगत निबंध प्रमाणित स्रोत नहीं माने जाते) आप नए सिरे से, अपनी लिखी भाषा में इनपर नया लेख बनाए। मैं समझ सकता हूँ कि वे अवश्य महान होंगे और अपने श्रम और योगदान के लिए प्रशंसनीय होंगे, लेकिन आप भी समझेंगी/समझोगे कि विकिनीतियाँ लागू करनी आवश्यक हैं। आजकल सारे बड़े हिन्दी अख़बार इन्टरनेट पर हैं - अगर आप मुझे इनपर निकली दो सुर्खियाँ दिखा दें तो लेख लिखने में मैं आपकी स्वयं मदद करूंगा। धन्यवाद! --Hunnjazal (वार्ता) 19:47, 5 जुलाई 2012 (UTC)
सुगंधा जी, मेरी और अनिरुद्ध जी की बात हुई है - वे आपका लेख बहाल करके उसे सुधारने में मदद करेंगे। अगर मैं आपकी कोई सहायता कर सकूं, तो वह भी बेझिजक मांगिये। --Hunnjazal (वार्ता) 20:25, 5 जुलाई 2012 (UTC)
- हिन्दी प्रसिद्ध साहित्यकार पर जबरजस्ती करके लेख हटाना सरासर गलत है। । सुगन्धा जी का विरोध उचित है। इस लेख को पुनर्स्थापित करने के लिये अनिरुद्ध जी को साधुवाद। समस्या अपने-अपने पसन्द की है। किसी को इंग्लैण्ड की गलियों और चौराहों पर लेख तो अत्यन्त उल्लेखनीय लग रहे हैं किन्तु भारत के सपूतों और हिन्दी साहित्यकारों पर लेख आंखों की किरकिरी बने हुए हैं। -- अनुनाद सिंहवार्ता 03:39, 6 जुलाई 2012 (UTC)
- यह तो स्पस्ट है कि आपको कॉपीराइट उल्लंघन, विषय उल्लेखनीयता, निष्पक्ष दृष्टिकोण, आदि का शून्य ज्ञान है। आपको यह भी नहीं पता कि किसी दूसरे सदस्य को किसी अपवादक नाम से पुकारना भी विकिपीडिया पर वर्जित है। इसलिए मैं नहीं समझता कि इस बार भी आप कुछ समझेंगे। पर जब भी अन्य सदस्यों को भ्रमित न करें इसलिए बता रहा हूँ। सर्वप्रथम लेख को "जबरजस्ती करके" नहीं हटाया गया था, अगर आपने कभी ध्यान दिया होता तो पता होता कि हिन्दी विकिपीडिया की लेख हटाने की नीतियाँ हैं, इसमें वैश्विक मापदंड का व6 नियम कहता है कि साफ़ कॉपीराइट उल्लंघन वाले लेखों को हटा देना चाहिए। विकिपीडिया पर नियम चलते हैं आपकी भावनाओं से काम नहीं होता यहाँ कुछ "सरासर गलत" नहीं है अगर वो कार्य नियमों की मर्यादा में रह कर किया गया है।
- अब आपकी दूसरी समस्या का उत्तर, सबसे पहले तो जिन लेखों की बात आप कर रहें हैं वे इंग्लैंड के नहीं अपितु वेल्स के हैं। दूसरा, विकिपीडिया ज्ञानकोष है इसलिए यह गज़ेटियर भी है। इसके पाँच स्तम्भ इसको सुनिश्चित करते हैं। भूगोलीय स्थान की उल्लेखनीयता से सम्बन्धित निबंध के अनुसार "populated, legally-recognized places are, by a very large consensus, considered notable, even if the population is very low"। और जिस विशेष लेख की आप बात कर रहें हैं उसका विषय कई उल्लेखनीय इतिहासकारों द्वारा रचित किताबें में वर्णित है व विषय से सम्बंधित अत्यंत विश्वसनीय स्रोत उपलब्ध हैं न कि आपके "हिन्दी प्रसिद्ध साहित्यकार" के लेख की तरह जो पूरी तरह से स्रोतहीन है। "भारत के सपूतों और हिन्दी साहित्यकारों" पर अगर स्रोत मिलेंगे तो वे अवश्य ही विकिपीडिया की द्रष्टि में उल्लेखनीय हैं अन्यथा यहाँ उन पर लेख नहीं बनाए जा सकते। और मैं आपको सावधान करता हूँ कि आप किसी विशेष राष्ट्र से सम्बन्धित लेखों को टारगेट न करें अगर आपके पास विकिपीडिया नीतियों द्वारा समर्थित तथ्य न हों, यह मेरे लिए व अन्य किसी और सदस्य के लिए भी मानहानिकारक हों सकता है।<>< बिल विलियम कॉम्पटनवार्ता 05:35, 6 जुलाई 2012 (UTC)
- हिन्दी प्रसिद्ध साहित्यकार पर जबरजस्ती करके लेख हटाना सरासर गलत है। । सुगन्धा जी का विरोध उचित है। इस लेख को पुनर्स्थापित करने के लिये अनिरुद्ध जी को साधुवाद। समस्या अपने-अपने पसन्द की है। किसी को इंग्लैण्ड की गलियों और चौराहों पर लेख तो अत्यन्त उल्लेखनीय लग रहे हैं किन्तु भारत के सपूतों और हिन्दी साहित्यकारों पर लेख आंखों की किरकिरी बने हुए हैं। -- अनुनाद सिंहवार्ता 03:39, 6 जुलाई 2012 (UTC)
बिल महोदय, रट्टू तोता की तरह काम करना एक बात है और किसी नियम या दिशानिर्देश का 'सही अर्थ' समझना अलग बात है। हिन्दी विकि पर बार-बार चर्चा हुई है सहमति बनी है कि लेखों को हटाना अन्तिम विकल्प होना चाहिये। इस लेख को काफी पहले बनाया गया था। उसके बाद कई लोगों ने इसमें योगदान किया है। मिटाने के बजाय क्या अच्छा नहीं होता कि इसे किसी पूर्वस्थिति में लाया जाता?
आपकी उल्लेखनीयता की समझ को कौन चुनौती दे सकता है? किन्तु थोड़ी चर्चा कर लें। अब इसी को लीजिये : "populated, legally-recognized places are, by a very large consensus, considered notable, even if the population is very low"। कृपया बताएँ कि संसार का कौन सा गाँव, गली, चौराहा या मकान 'लीगली रिकॉग्नाइज्ड' नहीं है? 'वेरी लार्ज कान्सेंसस' का क्या अर्थ है? १%, २०%, ९०% या २४ पीपीएम? और इस 'वेरी लो' का क्या अर्थ है? ३ आदमी, २१ आदमी या दस लाख आदमी? कॉम्प्टन जी, निवेदन है कि लोगों को हतोत्साहित करना बन्द कीजिये और अपना हिन्दी विरोधी दृष्टिकोण त्यागिए। स्वयं ऐसे लेख लिखिये जो हिन्दी विकि पर 'भार' न हों। हो सके तो मेरे प्रश्नों का उत्तर दीजिये। -- अनुनाद सिंहवार्ता 06:44, 6 जुलाई 2012 (UTC)
- जी हाँ विश्व के हर एक गाँव, ग्ली, आदि अगर इन मानकों को पूरा करते हैं तो उन पर लेख बनाए जा सकते हैं। अगर वे एतिहासिक हैं, उन पर प्रचुर मात्र में विश्वसनीय संदर्भ हैं तो उन पर लेख बन सकते हैं। इसलिए अंग्रेज़ी विकिपीडिया पर ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, आदि देशों के हर गाँव पर लेख बने हुए हैं। इसी प्रकार वहाँ हजारों की संख्या में भारतीय गाँवों पर भी लेख हैं और शायद आपको पता न हो परन्तु 20 प्रतिशत हिन्दी विकिपीडिया भारतीय गाँवों से ही बना हुआ है। तो इसका अर्थ यह हैं कि सभी "लीगली रिकॉग्नाइज्ड" भूगोलीय संरचना जिन्हें किसी स्रोत द्वारा प्रमाणित किया जा सकता हैं उस पर लेख बन सकता हैं। अगर आपने कभी ध्यान दिया हो कि मैं या और कोई और सदस्य भी गाँव आदि पर बने लेख नहीं हटाता (अगर यह प्रमाणित किया जा सके की ऐसा कोई गाँव भारत में है भी या नहीं)। इसलिए तो मैंने आपको बताया कि विकिपीडिया ज्ञानकोष होने के नाते *गज़ेटियर* भी है और गज़ेटियर तो आपको पता ही होगा क्या होता है। और कान्सेंसस के बारे में आप इस लिंक पर जा के पढ़ लें।<>< बिल विलियम कॉम्पटनवार्ता 07:36, 6 जुलाई 2012 (UTC)
- बिल महोदय, आप सिद्ध करने पर लगे हुए हैं कि आप रट्टू तोता हैं। आप जब मानते हैं कि विश्व के सारे गली-मुहल्ले 'लीगली रिकॉग्नाइज्ड' हैं तब तो उस वाक्य में 'लेगली-रिकॉग्नाइज्ड' घुसाना मूर्खता है और उसको बिना शंका किये मानना (और दूसरों को मनवाने की कोश करना) महामूर्खता। अगली बात : फिर पूछ रहा हूँ कि 'वेरी लार्ज' विशेषण का आपके लिये क्या मतलब है? आपने जिन गलियों पर लेख बनाए हैं क्या उन पर 'वेरी लार्ज कॉन्सेंसस' था/है? आपने जो लेख आँख मूंदकर मिटा दिये उन पर कितना मतैक्य/मतभेद था (मैने तो सदा ही आपके मनमाने 'डिलीट पॉलिसी' की ओर लोगों का ध्यान खींचा है।) इसके अलावा अन्य प्रश्न भी पूछे थे, उनके उत्तर कहाँ हैं? मैं देखना चाहता हूँ कि आप महारानी की भाषा में लिखे वाक्यों को ब्रह्मवाक्य मानकर रट्टा मार गये हैं या कभी उनकी व्यावहारिकता, अस्पष्टता, सीमा आदि पर शंका भी की है। -- अनुनाद सिंहवार्ता 09:18, 6 जुलाई 2012 (UTC)
जहाँ तक भारत के गाँवों पर हिन्दी विकि पर लेखों का प्रश्न है, मुझे याद है कि इसके बारे में आपने कभी बहुत ही प्रतिकूल टिप्पणी की थी। कृपया यह भी बताइये कि ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया के गाँवों पर जर्मन, रूसी, फ्रांसीसी, चीनी, जापानी आदि विकि में कितने लेख होंगे ? यह जानना जरूरी है कि वे गाँव विदेशियों को कितने उल्लेखनीय लगते हैं। मैं तो सदा से मानता हूं कि भारत के गाँवों पर भी हिन्दी विकि में लिखा जा सकता है।
इसके अलावा आपने उपर लिखा था "जी हाँ विश्व के हर एक गाँव, ग्ली, आदि अगर इन मानकों को पूरा करते हैं तो उन पर लेख बनाए जा सकते हैं। अगर वे एतिहासिक हैं, उन पर प्रचुर मात्र में विश्वसनीय संदर्भ हैं तो उन पर लेख बन सकते हैं।" आपने इसमें एक नया पुच्छा जोड़ दिया है - 'ऐतिहासिक' । कृपया बताइये कि किस स्थान का कोई इतिहास नहीं है? क्या किसी स्थान के बारे में महारानी के किसी सेवक ने कुछ लिख दिया तो वह ऐतिहासिक बन गया और जिसके बारे में कुछ भी नहीं लिखा गया वह ऐतिहासिक नहीं है? -- अनुनाद सिंहवार्ता 09:40, 6 जुलाई 2012 (UTC)
- मैं कुछ सिद्ध नहीं कर रहा बल्कि मैं आपको यह समझाने की व्यर्थ कोशिश कर रहा हूँ कि एक ज्ञानकोष कैसे लिखा जाता है। मैंने कब कहा कि "विश्व के सारे गली-मुहल्ले 'लीगली रिकॉग्नाइज्ड' हैं"? मैंने साफ़-साफ़ कहा है कि जो प्रमाणित किया जा सके वह लीगली रिकॉग्नाइज्ड है। 'वेरी लार्ज' विशेषण का अर्थ है कि विकिपीडिया सदस्यों के बीच बने मतैक्य द्वारा ये नियम बनाएँ गए हैं। मैंने जिन गलियों पर लेख बनाएँ हुए हैं उन पर 'वेरी लार्ज कॉन्सेंसस' था, चूँकि वे विकिपीडिया के पाँच स्तम्भों का पालन करते हैं और उसमें लिखा हुआ है कि *विकिपीडिया गज़ेटियर है*। "आपके मनमाने 'डिलीट पॉलिसी", मैं हिन्दी विकिपीडिया की पृष्ठ हटाने की निति का पालन करता हूँ इसमें मेरी कोई मनमानी नहीं हैं अगर आपको ऐसा लगता है तो बने हुए नियमों में बदलाव करें। बल्कि आप नियमों का पालन न करके अपनी मनमानी सिद्ध कर रहें हैं। वेरी लार्ज या वेरी लो का अर्थ यह है कि ऐसी कोई भूगोलीय संरचना/स्थान जहाँ पर इतनी आबादी रहती है कि उस स्थान की सरकार उसे एक अलग सेटलमेंट का दर्जा देती है। लेगली-रिकॉग्नाइज्ड का अर्थ है कि सरकारी दस्तावेजों में उस विशेष स्थान को एक अलग सेटलमेंट मानते हुए वहाँ की आबादी, क्षेत्रफल, व अन्य सांख्यिकी का रिकॉर्ड रखती है। मतलब आप अपने घर पर तो लेख बना नहीं सकते परन्तु अगर आप किसी कस्बे में रहते हैं जहाँ आबादी 'वेरी लो' नहीं है और आपकी सरकार उस कस्बे को एक अलग सेटलमेंट मानते हुए उसका रिकॉर्ड रखती है तो आप उस कस्बे पर लेख बना सकते हैं।
- उल्लेखनीयता किसी राष्ट्र के अनुसार नहीं बनती। आपको कब समझ आएगा कि विकिपीडिया भारत की सम्पत्ति नहीं है, नहीं है, नहीं है और नहीं है। जितना यह भारत का है उतना ही ग्रेट ब्रिटेन का है और उतना ही विश्व के अन्य देशों का है। आपकी छोटी सोच से विकिपीडिया नहीं चलता। और वैसे तो यह बताना मूर्खता है परन्तु आपको इसी प्रकार की मूर्खता ही पसंद है, तो जाके अंग्रेज़ी विकिपीडिया पर देखें की ग्रेट ब्रिटेन के गाँव अन्य भाषाओं के विकिपीडिया के लिए कितने महत्वपूर्ण या उल्लेखनीय हैं, उदहारण के लिए इस गाँव का लेख देखें ऐकास्टर मालबिस (हिन्दी में), Acaster Malbis (अंग्रेज़ी में), Acaster Malbis (पोलिश में), اکاسٹر مالبس (शाहमुखी पंजाबी में), Acaster Malbis (डच में)। अब मिल गया आपको उत्तर? "भारत के गाँवों पर भी हिन्दी विकि में लिखा जा सकता है", आपके मानने से कुछ नहीं होता, हर देश के गाँव आदि पर लेख यहाँ लिखे जा सकता हैं और लिखें भी जाएँगे। यह ज्ञानकोष विश्व का है भारत का नहीं, हजार बार कह चुका हूँ परन्तु पता नहीं आपको इतनी सी बात हजम क्यों नहीं होती। मैं आपसे बार-बार कह रहा हूँ कि आप अपनी भाषा में सुधार लाएँ, आपके विचारों से जो मेल नहीं खाता वो महारानी का सेवक बन जाता है। ऐतिहासिक से यहाँ यही तात्पर्य है कि उस स्थान को बहारी स्रोतों द्वारा प्रमाणित किया जा सकता हैं और अगर नहीं किया जा सकता तो हाँ उसका "कोई इतिहास नहीं"। आप जिन्हें महारानी के सेवक कह रहें हैं वे ऐसी शख़्सियत नहीं हैं जिनके लेखों पर जोड़ने के लिए एक संदर्भ भी नहीं मिलता परन्तु लेख यहाँ बड़ी शान से बने हुए हैं। "जिसके बारे में कुछ भी नहीं लिखा गया वह ऐतिहासिक नहीं है", जी हाँ उसका कुछ इतिहास नहीं, ज्यादा दूर न जाए नीचे ही देखलें कि Hunnjazal जी ने कितनी सुंदरता से समझाया है कि विकिपीडिया का अपना कुछ पक्ष नहीं होता, इसलिए अगर "जिसके बारे में कुछ भी नहीं लिखा गया" वह ऐतिहासिक नहीं है"।<>< बिल विलियम कॉम्पटनवार्ता 11:43, 6 जुलाई 2012 (UTC)
- बिलियम कॉम्प्टन जी, पहले चर्चाओं में आप भागते रहे हैं और अब भी भागे जा रहे हैं। सबसे पहले मैने पूछा था - "कृपया बताएँ कि संसार का कौन सा गाँव, गली, चौराहा या मकान 'लीगली रिकॉग्नाइज्ड' नहीं है? " आपका इसके संगत उतर था - "जी हाँ विश्व के हर एक गाँव, ग्ली, आदि अगर इन मानकों को पूरा करते हैं तो उन पर लेख बनाए जा सकते हैं। अगर वे एतिहासिक हैं, उन पर प्रचुर मात्र में विश्वसनीय संदर्भ हैं तो उन पर लेख बन सकते हैं।" आपने अत्यन्त असंदिग्ध भाषा में पूछे गये प्रश्न का यह उत्तर दिया है। जरा बताइये कहाँ है इसमें 'लेगली रिकॉग्नाइज्ड' की परिभाषा? मैंने तो आपके उत्तर से यही निष्कर्ष निकाला कि 'लीगली रिकॉग्नाइज्ड' जैसी कोई चीज नहीं है। हाँ भागते-भागते यह जरूर जोड़ दिया कि वह 'ऐतिहासिक' हो। आप फिर लिखते हैं - "ऐतिहासिक से यहाँ यही तात्पर्य है कि उस स्थान को बहारी स्रोतों द्वारा प्रमाणित किया जा सकता हैं और अगर नहीं किया जा सकता तो हाँ उसका "कोई इतिहास नहीं"। वाह सिपाही जी, वाह ! लगे हाँथ यह भी बता दीजिये कि यह ब्रह्मवाक्य आपने कहाँ से रटा है? आपसे यह इसलिये पूछा जा रहा है कि मेरा अनुभव रहा है कि आप मनमानी नियम 'मैनुफैक्चर' करते हैं और बाद में कह देते हैं कि 'यह तो अन्तर्निहित है।' यह भी तो अन्तर्निहित नहीं है? श्री हुञ्जाल को इसमें मत घसीटिये। उनसे भी कुछ बिन्दुओं पर मैने शंका-समाधान का निवेदन किया है। आशा है वे शीघ्र उत्तर देंगे। -- अनुनाद सिंहवार्ता 13:18, 6 जुलाई 2012 (UTC)
लेख को उपयुक्त रूप दे दिया गया है। आशा है कि सदस्य विकिया की मूल भावना 'ज्ञान साहित्य को उपलब्ध कराना' को समझेंगें। निषपक्षता, कॉपिराइट, सरल भाषा, चित्र, संदर्भ, साँचा, श्रेणी आदि बाद की बातें हैं और ये भविष्य में जोड़ी जा सकती हैं। फिर से आग्रह है कि हिंदी विकिया की मूल नीति कि लेख तभी हटाना चाहिए जब उसके विकिलेख बनने की संभावना बिल्कुल 0 हो, का पालन करें। अन्यथा विकिया प्रगति के बजाय लेख भी खोएगी और सदस्य भी। नए सदस्यों की गलतियों को अपना घर ठीक करने की प्रक्रिया में हुई चूक समझकर सुधारने की जरूरत है दंडाधिकारी बनने की नहीं। अनिरुद्ध वार्ता 07:25, 6 जुलाई 2012 (UTC)
- अनिरुद्ध जी, इस लेख की जान बचाने के लिये आपको धन्यवाद। -- अनुनाद सिंहवार्ता 08:58, 6 जुलाई 2012 (UTC)
- अनिरुद्ध जी की बात से मैं पूर्णत: सहमत हूँ। यहाँ पर दण्डाधिकारियों की फसल लहलहाने लगी है। मैं विकीपीडिया पर इस संस्था की मूल भावना को समझकर ही आया था। पिछले एक साल में मैंने अंग्रेजी, हिन्दी, संस्कृत के अतिरिक्त तमिल, तेलुगू, गुजराती भाषा में यथासम्भव योगदान ही दिया है किन्तु मुझे यह कहते हुए बहुत ही कष्ट हो रहा है कि कुछ लोगों को मेरे ये योगदान बिल्कुल ही रास नहीं आये और उन्होंने एक साजिश के तहत पहले मेरी विकीकामन्स पर अप्लोड की गयी फाइलें हटाने के लिये नामांकित करनी शुरू कीं फिर मुझे अंग्रेजी विकीपीडिया पर इन्डेफिनिट ब्लॉक करवाया और अब मुझे हिन्दी विकीपीडिया पर भी ब्लॉक करने की धमकियाँ दी जा रही हैं आप चाहें तो मेरा सदस्य वार्ता पृष्ठ देख सकते हैं। मैंने हिन्दी साहित्य की सेवा के लिये बैंक की प्रतिष्ठित नौकरी छोड़ दी और अद्यतन लगभग अठारह पुस्तकों के प्रकाशनोपरान्त भी निस्वार्थ भाव से जितना बन पड़ता है पैंसठ वर्ष की आयु में भी लगातार लिखता रहता हूँ और विकीपीडिया पर भी सहयोग करता रहता हूँ। तब तक करता रहूँगा जब तक भाई लोग करने देंगे। नमस्कार! -डॉ०क्रान्त एम०एल०वर्मा (वार्ता) 08:20, 6 जुलाई 2012 (UTC)
मेरी कुछ प्रतिक्रियाएँ -
- इसमें कोई दो राय नहीं हैं कि हिन्दी विकिपीडिया को नए सदस्यों कि शदीद आवश्यकता है। मैं सहमत हूँ कि हमें नए सदस्यों के साथ नरमी से व्यवहार करना चाहिए। उल्लेखनीयता और प्रमाणिकता पर तो चिह्न लगाकर नए सदस्य को लेख-सुधार का बहुत मौक़ा दिया जा सकता है। मेरे विचार से इसकी कोई अवधि तय कर लें तो अच्छा हो ताकि सभी एक तरह से काम कर सकें। तीन महीने कैसा रहेगा? मैं तो यह तक कहूँगा कि जिन्होनें २० से अधिक लेख बनाए हों वे ऐसे लेखों में मदद करने के लिए तैयार रहें।
- लेकिन अनिरुद्ध जी, मुद्राधिकार का क्या करें? अगर साफ़ पता चल रहा हो कि लेख कहीं से उठाया गया है, तो उन स्थितियों में क़ानूनी कारणों से तत्काल हटाव (स्पीडी डीलीशन) की नीति होती है। अगर इसमें अधिक उल्लंघन हों तो ऐसी साइटों को बंद करवाया जा सकता है, इसलिए विकिमीडिया फाउन्डेशन वाले सख़्ती लगते हैं। अगर लेख में मुद्राधिकार-रहित सामग्री है तो उसके सहारे लेख रखा जाए। लेकिन अगर सारी सामग्री चोरी की गई हो तो क्या मार्ग लिया जाए? क्या सामग्री हटाकर शीर्षक रहने दिया जाए? या फिर एक वाक्य का सार बनाकर लेख रहने दिया जाए?
- उल्लेखनीयता भाषा पर निर्भर नहीं है। अगर लेख उल्लेखनीय है तो हर भाषा में उल्लेखनीय है। यानि इस नियत से लेख न बनाए कि यह केवल अंग्रेज़ी या हिन्दी विकिपीडिया के लिए ठीक है। हर लेख का अंतिम ध्येय हर भाषा में होना है। इंग्लैण्ड, रूस, बंगलादेश, बोत्स्वाना का कोई मोहल्ला अगर उल्लेखनीय है तो हिन्दी में भी है - किबेरा कीनिया का एक मोहल्ला है। इसपर स्वाहिली में भी लेख है, रूसी में भी, अंग्रेज़ी में भी और चीनी में भी। एक दिन हिन्दी में भी होगा। धौला कुआँ हिन्दी में भी उल्लेखनीय है और अंग्रेज़ी में भी - इसका लेख एक दिन यक़ीनन रूसी में भी होगा। घोड़ी के दूध से बनी कूमीस शराब का लेख कज़ाख़ भाषा में भी है, पोलिश भाषा में भी और हिन्दी में भी। बोहनी के भारतीय रिवाज का लेख अंग्रेज़ी में है (हिन्दी में भी होना चाहिए)। इसलिए यह कहना कि कुछ "हिन्दी विकिपीडिया पर होना चाहिए" या "रूसी विकिपीडिया पर होना चाहिए", अर्थहीन है। या तो वह विकिपीडिया के लिए उचित विषय है, या नहीं। केवल इतना है कि कुछ विषयों में किसी भाषा के बोलने वाले अक्सर अधिक जानकारी रखते हैं, इसलिए वह उस भाषा में पहले बन जाता है। यही कारण है कि रोनिन का लेख जापानी भाषा में पहले बना और हिन्दी में बाद में।
दोस्तों में बहस तो चलती रहती है (रोहित जी ने यह मुझे समझाया था जब मैं पहले चंद लेखों के बाद ही हुए मतभेद के बाद हिन्दी विकिपीडिया हमेशा के लिए छोड़ने वाला था)। किसी कि राय हमसे अलग है इसका मतलब यह नहीं कि वह हमारा शत्रु है। अँधेरे कमरे में जब दाख़िल होते हैं तो सीधा किसी चीज़ को देखें तो नहीं दिखती, लेकिन आँख के कोने से देखें तो दिख जाती है। हिन्दी की भलाई का प्रयत्न करेंगे तो भलाई नहीं होगी। अच्छा, विस्तृत, सरल भाषा में लिखा, प्रमाणित तथ्यों से भरपूर हिन्दी ज्ञानकोष बनाएँगे तो हिन्दी की बहुत भलाई होगी। --Hunnjazal (वार्ता) 18:37, 6 जुलाई 2012 (UTC)
लाला हनुमन्त सहाय वाली बहस और निष्पक्षता
मैं आम तौर पर ऐसी चर्चाओं में न पड़ने की हर सम्भव कोशिश करता हूँ। फिर भी इतना कहूँगा कि सभी सदस्यों को निष्पक्षता का पालन करने की घोर ज़रुरत है। एक उदाहरण लीजिये - एक आदमी एक लाख लोगों का ख़ून करता है। क्या उसे विकिपीडिया पर 'बुरा' बोला जा सकता है? क्या उन लोगों की मृत्यु को दुर्भाग्य कहा जा सकता है? क्या यह कहा जा सकता है कि जो हुआ ग़लत हुआ? उत्तर हैं - नहीं, नहीं और नहीं। आप केवल तथ्य प्रस्तुत कर सकते हैं - "इस आदमी ने एक लाख लोगों को मारा। यह 'निर्दोष-हत्या-वाद' नामक विचारधारा का अनुयायी था।" आप 'निर्दोष-हत्या-वाद' को भी ग़लत नहीं कह सकते। भारत स्वतन्त्र हुआ - यह सही था या ग़लत? इसपर विकिपीडिया के लेखों का कोई पक्ष नहीं हो सकता। चेचक का रोग ख़त्म हो गया। यह अच्छा था या बुरा? इसपर कोई राय नहीं डाली जा सकती। केवल प्रमाणित स्रोतों के साथ उल्लेखनीयता ही अकेली कसौटी है।
भारत को, रूस को, हिन्दी को, क्रिकेट को, मनुष्यों को, पृथ्वी को, सौर मंडल को, किसी भी चीज़ को तबाह करने या मार डालने की साज़िश हो सकती है क्या? ज़रूर हो सकती है। क्या यह साज़िश बुरी है? इसपर विकिपीडिया का कोई मत नहीं। अगर इस साज़िश को प्रमाणित स्रोतों के साथ उल्लेखनीयता दिखलाते हुए दर्शाया जा सकता है, तो हाँ इसपर लेख बन सकता है, जो इसे बुरा या भला कहने का पक्ष नहीं ले सकता - केवल तथ्य प्रस्तुत कर सकता है। क्रांत जी ने अपने लेख में स्रोत डालें हैं, अच्छा किया है। उन्होंने लाला हनुमन्त सहाय को गुमनाम बताया - पहली बात को अगर कोई गुमनाम है तो वह कितना ही महान क्यों न हो - भगवान् का अवतार ही क्यों न हो, ख़ुदा का फ़रिश्ता ही क्यों न हो, मानवों का तारणहार ही क्यों न हो - उल्लेखनीयता के माप पर नहीं उभरता इसलिए उसपर लेख नहीं बनाया जा सकता। लाला हनुमन्त सहाय गुमनाम नहीं थे क्योंकि उनपर ख़बरें हैं जिन्हें स्रोत बनाया गया है। अगर कोई क्रांतिकारी गुमनाम होकर दम तोड़ दे, क्या यह दु:खद है? विकिपीडिया के लिए कुछ दु:खद या सुखद नहीं है - क्योंकि यह एक पक्ष है। यह निष्पक्षता का नियम विकिपीडिया की हर भाषा में है - चाहे वह संस्कृत हो, चाहे रूसी हो। किसी भी लेख में 'दुर्भाग्य' या 'सौभाग्य' शब्द नहीं होना चाहिए (अगर वह किसी उल्लेखनीय व्यक्ति का सीधा कथन/कोट न हो तो)। --Hunnjazal (वार्ता) 19:15, 5 जुलाई 2012 (UTC)
- आपका सुझाव सर माथे प्रिय हुन्ञज़ाल जी ! मैंने लाला हनुमन्त सहाय नामक लेख के लीड पैराग्राफ से आपत्तिजनक वाक्य "उनकी गुमनाम मौत को किसी ने नहीं जाना।" स्वयं ही हटा दिया है। कृपया इस लेख के वार्ता पृष्ठ को भी देख लें जिस पर मैंने लाला जी की जन्म व मृत्यु तिथि के बारे में प्रामाणिक जानकारी माँगी थी यदि आपके संज्ञान में हो तो उपलब्ध कराने का कष्ट करें, धन्यवाद -- डॉ०क्रान्त एम०एल०वर्मा (वार्ता) 04:50, 6 जुलाई 2012 (UTC)
- धन्यवाद क्रांत जी! --Hunnjazal (वार्ता) 02:28, 8 जुलाई 2012 (UTC)
Hunnjazal, I completely disagree with you. You say that you try your best not to take part is "ऐसी चर्चा" while the truth is it is exactly people like you who should be doing it more often. Your crystal clear explanation as to what does NPOV, notability mean just might (I hope) make it comprehensible to even the most retarded amongst us. As a first measure, I propose that what you have written above should be officially adopted as वि:तटस्थ दृष्टिकोण and included in वि:उल्लेखनीयता. Cheers, लवी सिंघल (वार्ता) 13:27, 6 जुलाई 2012 (UTC)
- Thank you! --Hunnjazal (वार्ता) 02:28, 8 जुलाई 2012 (UTC)
कृपया संदेश हिन्दी में लिखें
- लवी सिंघल जी, आप हिन्दी विकिपीडिया पर कार्य कर रहे हैं, परन्तु आपकी टिप्पणी हिन्दी में नहीं होती बल्कि अँग्रेजी में होती है, क्या हिन्दी में लिखने में शर्म आती है? यदि अँग्रेजी में ही लिखना है तो फिर अँग्रेजी विकि है ही, आशा है आप हिन्दी में लिखेंगे चौपाल पर भी।-- froklin वार्ता 16:35, 9 जुलाई 2012 (UTC)
- Froklin, I searched but could not find absolutely any set of rules on hi.wiki that says one cannot write in English on talk pages. I do so to save precious time as typing in Hindi *is* time-consuming and I will continue to do so unless the community passes any resolution banning so. I utilize that time elsewhere to do some *constructive* edits. I am not really surprised that you chose to comment on the language of my comment and not on the content of it. This is not the first occasion when you've violated विकिपीडिया:पंचशील, specifically the fourth point there. I am sparing you this time, but would appeal for actions the next time you resort to such cheap tactics. And yes, thanks for your advice, but I already have contributed little bit to en.wiki too. लवी सिंघल (वार्ता) 04:24, 10 जुलाई 2012 (UTC)
- P.S.: I notice that your signature (हस्ताक्षर) is "froklin" which is certainly neither in Devanagari script nor a word of Hindi language.
- लवी सिंहल जी, मैं भी आपसे निवेदन करना चाहता था कि आप संदेश हिन्दी में लिखें। आप जैसे लोग यदि हिन्दी लिखने में कठिनाई महसूस करेंगे तो सम्पादन कैसे करेंगे? -- अनुनाद सिंहवार्ता 05:25, 10 जुलाई 2012 (UTC)
- लवी सिंघल जी, मेरे हस्ताक्षर देवनागरी लिपि में नहीं है, इस ओर ध्यान दिलाने के लिये धन्यवाद, परन्तु इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि आपको मेरी बात ठीक नहीं लगी, हिन्दी विकिपीडिया न जाने कितने लोग देखते हैं और आप जैसे लोग भी यहाँ हिन्दी में न लिखें तो बहुत ही गलत संदेश जाता है जो ठीक नहीं है, और मैंने जब आपको हिन्दी में लिखा तो भी आपने अँग्रेजी में ही उत्तर दिया, यह राजभाषा हिन्दी के नियमों के भी विरुद्ध है और धारा तीन के विरुद्ध है जिसमें लिखा है कि हिन्दी के पत्र का उत्तर हिन्दी में ही दिया जाना चाहिये, मैंने कुछ गलत लिख दिया हो तो माफी चाहूँगा पर आप हिन्दी में लिखेंगे तो विकि के हित में होगा।-- froklin वार्ता 11:52, 10 जुलाई 2012 (UTC)
- लवी सिंहल जी, आपने इस वार्ता पृष्ट पर अपना संदेश अंग्रेजी में लिखा है। हिन्दी विकि पर जरूरी नहीं कि सबको आपकी अंग्रेजी समझ आये। पुनः निवेदन है कि आप अपना संदेश हिन्दी में ही लिखें। इससे सदस्यों को यह भी पता चलेगा कि आपकी हिन्दी कैसी है।-- अनुनाद सिंहवार्ता 05:00, 11 जुलाई 2012 (UTC)
Hi Anunad and Froklin,
- Firstly, I am not a government servant on whom "धारा तीन" applies and nor are our communication anywhere close to be treated as government communiques. Froklin, was I being too subtle in my reply that I take exception to your uncalled-for comments? Anunad, I do not find it difficult to write in Hindi, I find it difficult to type! And I do make edits in Hindi on article space. It is only on talk pages that I write on en.wiki to save my limited editing time. I am not living a retired life to have ample amount of time after all. Anunad, you surprise me. You do not realise that my message on the IP's talk page that you have referred above is an automated one posted directly from Twinkle gadget. I expect better from you as a sysop. And if you were any careful, you might have noted that the trailing comment which I added to that message was in as pure Hindi as I know. This was my last comment on this topic. I do not find any necessity to further clarify on trivialities. All in good faith. लवी सिंघल (वार्ता) 05:42, 11 जुलाई 2012 (UTC)
- लवी जी, आपके उत्तर के लिये धन्यवाद, आप सरकारी आदमी नहीं है इसलिये आप हिन्दी देवनागरी, राजभाषा हिन्दी नियमावली और संविधान के नियमों का पालन नहीं करेगे, क्योंकि आप वाध्य नहीं है ऐसा करने के लिये, मैं आपके लिखे का यही आशय समझ पाया हूँ, धन्यवाद, अब आपको कुछ लिखने का कोई अर्थ नहीं है, शायद अनुनाद जी और अनिरुद्ध जी कुछ कह सकें, धन्य है हिन्दी विकिपीडिया आप जैसे लोगों को पाकर।-- froklin वार्ता 06:11, 11 जुलाई 2012 (UTC)
- लवी सिंहल जी, चौपाल सभी के लिये है और यह हिन्दी विकिपीडिया की चौपाल है, यहाँ आप हिन्दी में लिखेंगे तो सभी समझ सकेंगे कि आप क्या कहना चाह रहे हैं, ऐसा तो हो नहीं सकता कि आपको हिन्दी लिखना न आता हो हाँ अपनी श्रेष्ठता सिद्ध करने के लिये शायद आप अंग्रेजी में लिख रहे हैं, हिन्दी विकिपीडिया का बहुत सम्मान जनक स्थान बन रहा है, आपके अतिरिक्त अंग्रेजी प्रेम के कारण एक गलत दिशा में संदेश जा रहा है और हिन्दी में काम करने वाले हतोत्साहित हो रहे हैं, हिन्दी के जानकार लोगों को एक एक कर यहाँ व्यर्थ की टीका टिप्पणी करके विकिपीडिया पर काम न करने के लिये विवश किया जाता रहा है। आप अंग्रेजी विकिपीडिया पर भी कार्य कर रहे हैं क्या आपने वहाँ की चौपाल पर अब तक कोई संदेश हिन्दी में लिखा है ? या हिन्दी में लिखने का वहाँ कोई ऐसा साहस कर सकता है? अर्थात नहीं..... फिर यहाँ ही ऐसा क्यों हो रहा है, यह बात विकिपीडिया के संस्थापक की जानकारी में कोई क्यों नहीं ला रहा है? आखिर जब हिन्दी विकिपीडिया है तो फिर चौपाल पर अंग्रेजी क्यों ?-- सुगन्धा वार्ता 05:56, 11 जुलाई 2012 (UTC)
- लवी सिंहल जी, आपसे ऐसे कामचलाऊ उत्तर की अपेक्षा नहीं थी। लेख भी हिन्दी में होने चाहिये और वार्ता का भी हिन्दी में होना जरूरी है। केवल आपका समय कीमती नहीं है। मेरे जैसे कम अंग्रेजी जानने वालों को आपकी अंग्रेजी समझने में घण्टों लग जाते हैं। और यह कैसे हो सकता है कि आपका कीमती समय लेखों का सम्पादन करते समय नष्ट नहीं होता और संदेश लिखते समय नष्ट हो जाता है। यह सरकारी कार्यालय नहीं है, इसी कारण यहाँ हिन्दी में लिखना ज्यादा जरूरी है क्योंकि यह हिन्दी विकि है और इस बात की प्रबल सम्भावना है कि यहाँ काम करने वाले हिन्दी जानते हों किन्तु अंग्रेजी नहीं। कोई आकर यहाँ तमिल में लिखना आरम्भ कर दे, उसके लिये क्या नीति है? -- अनुनाद सिंहवार्ता 07:41, 11 जुलाई 2012 (UTC)
- मेरे विचार से हिन्दी विकिपीडिया पर हिन्दी में ही कार्य करना अनिवार्य है, एवं इसका लक्ष्य भी यही है कि हिन्दी में अधिकतम ज्ञान सुलभ हो। इस कार्य हेतु आपसी संपर्क के लिये यहां चौपाल का प्रावधाण किया गया है। ऐसे ही अन्य विकियों में भी है। अतः यही अपेक्षित है कि चौपाल पर संदेश भि हिन्दी में ही दिया जाये। किन्तु एक बाट पर ध्यान दिलाना चाहूंगा: कि हमें यहां अधिक से अधिक लोगों को कार्य करने के लिये उत्सुक एवं इच्छुक कराना चाहिये, एवं इसके लिये कोई यहां केवल पाठ पढ़ सके यह भी चलेगा, बेहतर होगा कि वह लिख भी सके, इससे भी बेहतर होगा कि वह गुणवत्ता के साथ लिख सके, इसके साथ ही यह अत्योत्तम होगा कि वह वार्ता एवं चौपाल पर भी हिन्दी में लिखे , किन्तु यदि कोई अन्य कार्य सही करता है, एवं मात्र संदेश ही अंग्रेज़ी में लिखता है, तो उसे एक बार सुझाव अवश्य दिया जा सकता है, किन्तु ठीक है, मेरे उपरोक्त कथनानुसार कम से कम उसका ३/४ कार्य तो हिन्दी में ही है। साथ ही उसका प्रमुख कार्य हिन्दी विकी के पाठ सामग्री से संबंधित तो हिन्दी में ही है। अतएव यह भी उस बड़े हिन्दी भाषी इंटरनेट प्रयोक्ताओं में से यहां आने वाले लोगों से कहीं कहीं बेहतर है, जिन्होंने अंग्रेज़ी विकी में कितना भी कार्य किया हो, किन्तु हिन्दी विकी को कार्य के लायक समझा ही नहीं। यानि चौपाळ चाहे १/१० भाग अंग्रेज़ी में हो किन्तु हमारी पाठ सामग्री तो हिन्दी में पनप रही है..... मेरे विचार से सभी सहमत हों, आवश्यक नहीं... किन्तु प्रयास अवश्य करें। अन्त में लवी जी से एक बार नम्र निवेदन अवश्य करूंगा, कि यदि संभव हो तो कम से कम अपने संदेश में opening वाक्य ही हिन्दी में लिख सकें तो काफ़ी अच्छा लगेगा (कम से कम बड़े संदेशॊं में) बाकी लोग भी कुछ खुश हो जायेंगे।-- प्रशा:आशीष भटनागरवार्ता 09:42, 11 जुलाई 2012 (UTC)
- लवी सिंहल जी, आपसे ऐसे कामचलाऊ उत्तर की अपेक्षा नहीं थी। लेख भी हिन्दी में होने चाहिये और वार्ता का भी हिन्दी में होना जरूरी है। केवल आपका समय कीमती नहीं है। मेरे जैसे कम अंग्रेजी जानने वालों को आपकी अंग्रेजी समझने में घण्टों लग जाते हैं। और यह कैसे हो सकता है कि आपका कीमती समय लेखों का सम्पादन करते समय नष्ट नहीं होता और संदेश लिखते समय नष्ट हो जाता है। यह सरकारी कार्यालय नहीं है, इसी कारण यहाँ हिन्दी में लिखना ज्यादा जरूरी है क्योंकि यह हिन्दी विकि है और इस बात की प्रबल सम्भावना है कि यहाँ काम करने वाले हिन्दी जानते हों किन्तु अंग्रेजी नहीं। कोई आकर यहाँ तमिल में लिखना आरम्भ कर दे, उसके लिये क्या नीति है? -- अनुनाद सिंहवार्ता 07:41, 11 जुलाई 2012 (UTC)
- आशीष जी, नमस्कार! आप जैसे वरिष्ठ एवं सज्जन सदस्य जब किसी बात का निवेदन करते हैं या सुझाव देते हैं तो मुझे पूर्ण संदेश भी हिंदी में लिखने में कोई दिक्कत नहीं है। किंतु जब कुछ लोग मनगढं.त नियम/कानून सिखाने लगते है, तब मुझे गुस्सा आता है। माफी चाहता हूँ पर मुझमें बिल और हुंञ्जाल जितना धैर्य नहीं है जो ऐसे बद्तमीज़ प्रबंधकों के साथ भी सलूक से पेश आते हैं। मैंने ऊपर इसीलिए लिखा था कि अब मैं आगे इस चर्चा में और भाग नहीं लूँगा। अब जब कि नीचे एक चर्चा में यह साफ हो ही गया है कि "फ्रॉक्लिन" और "सुगंधा" जी डॉ. जगदीश जी की कठपुतलियाँ-मात्र है, उनके बारे में बात करना निरर्थक है। और मज़ेदार बात यह है कि अनुनाद जी ने खुद अंग्रेज़ी विकि की वार्ता पृष्ठों के लिए नीतियों का हवाला दिया है जिनका मैं भी पुरज़ोर समर्थन करता हूँ और विस्तार में मैंने नीचे लिखा है। हो सकें तो उसपर आप भी अपने विचार रखें। आपका -- लवी सिंघल (वार्ता) 02:40, 13 जुलाई 2012 (UTC)
- There should not be language ristriction in writing messages here (in Chaupaal).
- नये सदस्य प्रश्न पूछने, सहायता लेने अथवा कोई भी सन्देश देने के लिए इसी स्थल का प्रयोग करते हैं, हिन्दी लिपि लिख नहीं सकते उनको हिन्दी का अभ्यास नहीं होता।
- दूसरा कारण यहाँ पर अन्य परियोजना के लोग भी यहाँ पर चर्चा में भाग ले सकते हैं, सभी हिन्दी नहीं जानते।
- चौपाल ज्ञानकोश नहीं है। यह सन्देश के लिए है।
- हिन्दी विकिपीडिया को संपन्न करने के लिए तो चौपाल में अंग्रेजी में न लिखना न होकर अंग्रेजी के अलावा अन्य भाषा में भी लिखा जा सकता है और भाषा न समझने वालों के लिए बाद में जाकर उसका अनुवाद हिन्दी में होना चाहिए।
- जो जैसा सुविधा समझे अंग्रेजी में लिखना कोई नियम का उल्लंघन नहीं, हिन्दी विकिपीडिया की उन्नति के लिए चौपाल में अंग्रेजी में भी लिखते है तो, यह भी एक प्रकार से हिन्दी सेवा है।-भवानी गौतम (वार्ता) 10:48, 11 जुलाई 2012 (UTC)
- भवानी गौतम जी, कृपया अपवाद को नियम मत बनाइये। कोई नया सदस्य आये, किसी को देवनागरी न लिखने आये, किसी को हिन्दी न आती हो, आदि अपवाद हैं। ऐसे संदेशों और सदस्यों पर कोई टीका नहीं करता न उनसे हिन्दी में लिखने का निवेदन करता है। ऐसे संदेश आते रहते हैं और सभी सदस्य उसका स्वागत करते हैं। -- अनुनाद सिंहवार्ता 11:47, 11 जुलाई 2012 (UTC)
- हिन्दी विकीपीडिया पर अंग्रेजी में लिखने के लिये सर्वप्रथम तो इनपुट विधि को पंगु बनाना पड़ता है उसके बाद ही कोई अंग्रेजी में सन्देश लिख सकता है। यहाँ तक कि अपने हस्ताक्षर करते समय चार टिल्ड टाइप करने के लिये भी यही प्रक्रिया अपनानी पड़ती है। शायद इसी झंझट से बचने के लिये कुछ लोग ऐसा करते हों। बहरहाल मेरा सुझाव है कि टूल्स में ही ऐसी कोई व्यवस्था की जाये जिससे इस समस्या का समाधान हो सके। फिर जो भी कोई यहाँ चौपाल पर लिखेगा वह केवल हिन्दी में ही आयेगा और हस्ताक्षर के लिये चार टिल्ड भी टाइप करने में सुविधा रहेगी। रह गयी बात हिन्दी के सन्दर्भ सूत्र आदि देने की तो मैंने अभी हाल में ही लाला हनुमन्त सहाय पर उचित सन्दर्भों सहित एक लेख अंग्रेजी में लिखा था जिसे नो इंग्लिश (NO ENG) का हवाला देकर हटा दिया गया। जब मैंने उन सन्दर्भों का अंग्रेजी अनुवाद भी करके दे दिया तो मुझे अंग्रेजी विकीपीडिया पर सम्पादन करने से हमेशा के लिये ब्लॉक कर दिया गया कि मैं अंग्रेजी पर काम करने के लिये अक्षम हूँ। वहाँ पर इनमें से कोई मेरे बचाव में नहीं आया जो कहने को तो हिन्दी व अंग्रेजी दोनों ही विकीपीडिया में काफी सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं। डॉ०क्रान्त एम०एल०वर्मा (वार्ता) 13:03, 11 जुलाई 2012 (UTC)
- क्रांत जी, मुझे यह समझ नहीं आया। अंग्रेज़ी लेख में आप हिन्दी सामग्री नहीं डाल सकते अगर वह असंबंधित या अनावश्यक है। यह नीति तो हिन्दी में हिन्दी लेखों पर भी लागू है (उनमें अंग्रेज़ी में वाक्य नहीं हो सकते)। लेखों की भाषा बोलचाल की, बिना कठबोली वाली, आम-भाषा होनी अनिवार्य ज़रूर है, लेकिन अंग्रेज़ी विकिपीडिया में हिन्दी स्रोत लगाने पर कोई रोक नहीं है। मैं यह दर्ज़नों दफ़ा कर चुका हूँ। en:Kulhar या en:Behrupiya देखिये। मैंने अनुवाद किया था लेकिन अक्सर लोग नहीं करते हैं - रूसी और चीनी में आपको सैंकड़ों ऐसे मिलेंगे। मैं आपसे सादर यह इसलिए पूछ रहा हूँ क्योंकि आपने यह अंग्रेज़ी पर ब्लाक होने का मुद्दा कई बार उठाया है और मुझे शक़ होने लगा है कि आपके साथ क्या कोई नाइंसाफ़ी तो नहीं हुई जिसपर आप अपील लगा सकें। क्या आपने लेख में ही हिन्दी डाल रखी थी? --Hunnjazal (वार्ता) 15:38, 11 जुलाई 2012 (UTC)
- प्रिय हुंजाल जी ! एक गुमनाम क्रान्तिकारी लाला हनुमन्त सहाय पर मैंने लेख पहले अंग्रेजी विकीपीडिया पर यहाँ बनाया था। उसे पहले तो डिक्लाइन किया गया बाद में आप जैसे किसी सहृदय व्यक्ति ने उसे लेख के रूप में परिवर्तित करना चाहा तो उस लेख को हटा ही दिया गया। अंग्रेजी में बने राम प्रसाद बिस्मिल के वार्ता पृष्ठ को यहाँ देखें आपको वस्तुस्थिति का पता चल जायेगा। यही नहीं आप मेरे अंग्रेजी विकीपीडिया वाले पेज पर जाकर मेरे वैश्विक योगदान भी देख सकते हैं। मैंने अब तक जितना बन पाया किया किन्तु पता नहीं क्यों मुझे अभिमन्यु की तरह घेर कर मार डालने की साजिश चल रही है अब तो मुझे हिन्दी विकीपीडिया से हटाने की धमकियाँ मिलने लगी हैं आप मेरे वार्ता पृष्ठ पर जुलाई २०१२ में सबसे नीचे जाकर स्पष्ठ देख सकते हैं। इससे अधिक और मैं क्या कहूँ डॉ०क्रान्त एम०एल०वर्मा (वार्ता) 16:45, 11 जुलाई 2012 (UTC)
नई नीति का प्रस्ताव
मैं अपना सुझाव वापस ले रहा हूँ (विवरण नीचे की चर्चा में निहित है)। यह मेरे द्वारा सहमती बनाए का एक प्रयास था जो विफल रहा - ऐसा तर्क-वितर्क में कभी-कभार होता ही है - किसी का दोष नहीं और कोई द्वेष की भावना नहीं। धन्यवाद! --Hunnjazal (वार्ता) 08:49, 12 जुलाई 2012 (UTC)
पूरे विषय पर चर्चा देखकर मुझे लगता है कि -
- हिन्दी विकिपीडिया की वार्ताओं में किसी अन्य भाषा में लिखने के विरुद्ध कोई नीति/नियम नहीं है, या ज्ञात नहीं है। यह एक भारतीय संस्थान नहीं है (संयुक्त राज्य अमेरिका के फ्लोरिडा राज्य से चलती है) और इसपर भारतीय कानून लागू नहीं है। उदाहरण के लिए अगर कल को भारतीय सरकार 'रामसेतु' को तोड़ने के लिए उस शब्द का प्रयोग वर्जित कर के 'ऐडम्ज़ ब्रिज' अनिवार्य कर देती है, विकिलेखों में उस नियम का पालन करने की कोई आवश्यकता नहीं है। केवल मुद्रधिकारों में और जीवित व्यक्तियों की मान-हानि में सावधानी ज़रूरी है क्योंकि (अंतर्राष्ट्रीय संधियों के ज़रिये) वह कानून सीमा-पार भी चल जाते हैं - और यह वास्तव में हिन्दी विकिपीडिया पर ख़तरा है।
- किसी लागू नीति-नियम की अनुपस्तिथि में किसी का वार्ताओं में अंग्रेज़ी लिखना ऐसा है जैसा जापान में एक गुजरातियों में किसी का शराब पीना। आप यह कह सकते हैं कि 'हमें अच्छा नहीं लगता' लेकिन आप उसे कानून या नियम की दुहाई नहीं दे सकते। यह नहीं कह सकते कि 'गुजरात में मदिरा मना है, इसलिए मत पीयो'। आप गुजरात में नहीं हैं। अगर आप उसे परेशान करेंगे तो वह पुलिस बुला सकता है क्योंकि जापान में मदिरा पर रोक नहीं है। आप लवी जी की चेतावनी पर ध्यान दें (would appeal for actions the next time you resort to such cheap tactics)। किसी नीति के न होने पर उनपर एक गुट-सा बनाकर संदेशों की बौछार करके उनपर दबाव डालना 'ग्लोबल मॉडरेटरों' के हस्तक्षेप को दावत देना है (इसे आप टोक्यो की गुजराती सभा में जापानी पुलीस के हस्तक्षेप जैसा समझिये)। इसमें कुछ नीतियों का उल्लंघन समझा जा सकता है, जैसे कि - वि:गुटनहीं (वे वास्तव में क्या समझेंगे इसकी भविष्यवाणी मैं नहीं कर सकता लेकिन होने को कुछ भी सम्भव है)।
- अगर हम हिन्दी विकिपीडिया पर केवल हिन्दी में वार्ता चाहते हैं को उसे विधिपूर्वक करना होगा। चौराहे पर दुहाईयाँ देकर नहीं। कोई ऐसा सदस्य जो सब को स्वीकार्य हो प्रक्रियाओं के लिए प्रस्ताव रखे और ऐसे नियम को (१) बिलकुल १-२ वाक्यों में सरल भाषा में लिखे (२) अनावश्यक रूप से सख़्त न बनाए (३) अधिक-से-अधिक सदस्यों की सहमती प्राप्त करने के लिए सुधार प्रक्रिया करे - तो अच्छा होगा। लवी जी ने स्वयं कहा है कि वे नीतिपूर्वक ढंग से बने नियम का पालन करेंगे (I will continue to do so unless the community passes any resolution banning so)।
- कोई इसे अन्यथा न लें। हमारे आगे बहुत भारी कार्य पड़ा है। हिन्दी को बोलने-समझने वाले ६० करोड़ के लिए केवल १ लाख लेख और २० करोड़ पुर्तगाली बोलने वालों के लिए ७ लाख से अधिक लेख हैं। १० करोड़ फ़ारसी बोलने वालों के लिए २ लाख लेख हैं। अंग्रेज़ी में ४० लाख लेख हैं। हिन्दी में इस समय १.०२ लाख लेख हैं और मार्च २०११ में ९० हज़ार थे, यानि १५ महीनो में १२ हज़ार लेख बने। इस रफ़्तार से चले तो अंग्रेज़ी के आज के स्तर की बरबारी ४०० सालों में पूरी होगी, यानि सन् २४१२ में। तात्पर्य यह है कि हम में से हर सदस्य बहुमूल्य है। सब को साथ लेकर चलें - शराबी, कबाबी, कट्टर संस्कृतवादी, सभी।
धन्यवाद --Hunnjazal (वार्ता) 16:23, 11 जुलाई 2012 (UTC)
- हुन्जाल जी, आपकी उपरोक्त बातें बहुत अच्छी हैं। किन्तु आप अपने ही सिद्धान्त को यहाँ ताख पर रखकर लिखा है। क्या वार्ता माँओं और किसानों के लिये नहीं है? क्या भाषा बदल देने से सरल हो गयी? मुझे तो लगता है कि अंग्रेजी में लिखकर श्रीमान जी कठिनता की चोटी पर चढ़ गये। जो लोग दूसरों के लिखे हिन्दी की 'क्वालिटी' की जाँच और सिपाहिगिरी कर रहे हैं क्या उन पर कोई नियम लागू नहीं होता कि कोई हिन्दी में लिखने का निवेदन करे और आप उसके विरुद्ध कार्यवाही करने की चेतावनी दे डालें?
मैं आपकी इस बात से सहमत हूँ कि हिन्दी के विकास के लिये हमको ब्रिटेनवादियों, पाकवादियों, आतंकवादियों, साम्यवादियों, नुक्तावादियों, संस्कृतिवादियों और दासमानसिकतावादियों - सबको लेकर चलना पड़ेगा। -- अनुनाद सिंहवार्ता 03:20, 12 जुलाई 2012 (UTC)
- हुन्जाल जी, आपकी उपरोक्त बातें बहुत अच्छी हैं। किन्तु आप अपने ही सिद्धान्त को यहाँ ताख पर रखकर लिखा है। क्या वार्ता माँओं और किसानों के लिये नहीं है? क्या भाषा बदल देने से सरल हो गयी? मुझे तो लगता है कि अंग्रेजी में लिखकर श्रीमान जी कठिनता की चोटी पर चढ़ गये। जो लोग दूसरों के लिखे हिन्दी की 'क्वालिटी' की जाँच और सिपाहिगिरी कर रहे हैं क्या उन पर कोई नियम लागू नहीं होता कि कोई हिन्दी में लिखने का निवेदन करे और आप उसके विरुद्ध कार्यवाही करने की चेतावनी दे डालें?
अनुनाद जी, स्नानघर में बाल्टी होती है तो क्या बैठक में महमानों के बीच में भी होगी? :-) ज़रा सुनिये -
- वर्तमान नीति के अनुसार लेखों में कठिन भाषा वर्जित है, वार्ताओं में नहीं - क्योंकि वार्ता आम पाठक नहीं पढ़ते। वह लेख बनाने-सुधारने वालों के लिए है। अगर यह 'सरल भाषा' नीति वार्ता पर भी लागू होती तो इस नई नीति बनाने की बात की ज़रुरत क्या होती? इस समय आप किसी भी वार्ता पृष्ठ पर संस्कृत में भी चाहे तो लिख सकते हैं और जितनी पाठ्यपुस्तक वाली हिन्दी चाहे चला सकते हैं। इस समय तो आप वार्ता में तोतली भाषा में भी लिख सकते हैं - 'मैं हलियाणा वाले लेख में भोत छाले गाँवों के बाले में लिखने जा ला हूँ। बिगाल (बिगाड़) लो मेला जो बिगाल सको!' - वास्तव में यह बिगाड़ने वाला वाक्य आप नहीं लिख सकते क्योंकि यह शिष्टता नीति के खिलाफ़ जाता है, लेकिन बाक़ी तुतलाया हुआ ठीक है :-)
- वैसे यह भी ध्यान दें - अगर यह "केवल-हिन्दी प्रस्ताव" बन जाता है और सहमती पाता है, वार्ता में फिर भी कठिन हिन्दी भाषा वर्जित नहीं होगी - केवल संस्कृत/अंग्रेज़ी/फ़्रांसिसी/मराठी/गुजराती वग़ैराह सभी अहिन्दी भाषाओं पर रोक लगेगी। लेखों में तो अभी भी अंग्रेज़ी वर्तमान नीति में स्वीकार्य नहीं है, और लवी जी ने यह स्पष्ट किया था कि वह इसका पालन कर रहें हैं ("And I do make edits in Hindi on article space")।
- जहाँ तक नीति का प्रश्न है अगर कोई जाना-माना आतंकवादी भी लेख बनाना चाहे, उसे रोकने की कोई नीति नहीं है। अगर आतंकवादी निष्पक्षता और उल्लेखनीयता के नियमानुसार लेख बनता है, तो हिन्दी ज्ञानकोष की सेवा कर रहा होगा। मुझे नहीं लगता कोई आतंकवादी ऐसा करेगा क्योंकि यह उसके ध्येयों के उल्टा विरुद्ध होगा, लेकिन अगर करता है तो उसपर कोई रोक नहीं है। विकिपीडिया पर अराजकता नहीं है - आप काम विधिपूर्वक ही कर सकते हैं। वैसे आपने 'ब्रिटेनवादियों, पाकवादियों, आतंकवादियों, साम्यवादियों, नुक्तावादियों, संस्कृतिवादियों और दासमानसिकतावादियों' की ७ श्रेणियाँ गिनाई। इन्हें ज़रूर हिन्दी विकी पर योगदान देने का ज़ोर दें - ७ और लोग भी आये तो पक्के कार्यकर्ताओं की संख्या ५०% बढ़ जाएगी। संपादकों का आकाल है। कोई नियमानुसार लिखे तो हमें क्या आपत्ति है, चाहे परवेज़ मुशर्रफ़ हो चाहे महारानी विक्टोरिया का भूत?
धन्यवाद! --Hunnjazal (वार्ता) 05:22, 12 जुलाई 2012 (UTC)
- वाह हुंजाल जी, कल ही आपने लिखा था कि किसान भी सापेक्षिकता सिद्धान्त पर लेख सम्पादित कर सकता है और आपने एक नया शोध दे दिया कि सामान्य पाठक को वार्ता से कोई लेना देना नहीं है। हुंजाल जी, स्वच्छता की जितनी आवश्यकता स्नानघर में होती है उतनी ही बैठकघर में भी। कितना हास्यास्पद है कि दूसरों पर डण्डा चलाने वाले जब स्वयं कटघरे में खड़ा किये जा रहें हैं तो अपवादों को नियम की तरह प्रयोग करने लग रहे हैं!!! आपके 'सरलता सिद्धान्त' की जय हो! -- अनुनाद सिंहवार्ता 06:12, 12 जुलाई 2012 (UTC)
यह मिथ्या तर्क है, अनुनाद जी। आप यह कह रहें हैं -
- तथ्य १ - लेखों में आम भाषा का इस्तेमाल अनिवार्य है। माएँ और किसान को इन्हें पढ़ सक पाना चाहिए। इन्हें कोई भी - हाँ, किसान भी, आतंकवादी भी - संपादित कर सकते हैं।
- तथ्य २ - वार्ता पृष्ठों पर अभी कोई भाषा-नीति नहीं है। इनपर कोई भी किसी भाषा में भी चाहे लिख सकता है। कुछ अंग्रेज़ी बोल सकने वाले अंग्रेज़ी में भी लिख सकते हैं।
- अनुनाद जी का निहित तर्क - तथ्य १ और तथ्य २ का मतलब है कि किसान अंग्रेज़ी में वार्ता करेंगे।
यह तो ऐसा हुआ कि गाय जानवर है और मनुष्य जानवर है, अर्थात गाय मनुष्य है। न जाने कहाँ दूर जंगलों में निकल गए हैं, कृपया लौट आएँ! यह कौनसा कटघरा है? आपके अनुसार कोई मुक़द्दमा चल रहा है? आप को कोई चीज़ परेशान कर रही है या आप कुछ चाहते हैं, लेकिन यह समझना बहुत मुश्किल है कि वह है क्या। मेरी नज़र में तथ्य २ की वजह से आम हिन्दीभाषी सम्पादकों को समझने में कठिनाई होगी हालांकि वर्तमान नियम में अंग्रेज़ी वार्ताएँ लिखने वाले नीति-उल्लंघन नहीं कर रहे, इसलिए मैंने "केवल-हिन्दी वार्ता नीति" का प्रस्ताव रखा था। क्या आप उसका विरोध कर रहें हैं या चाहते हैं कि मैं अपना सुझाव वापस ले लूँ? आप अपने दिल की बात निडर होकर सीधी रखें। आप क्या चाहते हैं? यहाँ आपका क्या लक्ष्य है? --Hunnjazal (वार्ता) 06:42, 12 जुलाई 2012 (UTC)
- सबसे पहले तो यह बता दूँ कि यहाँ जो गुटबाजी है वह मुझे भी पता है। आप पहले सन्दर्भ से हटकर कोई बात लिख देते हैं और दूसरा उसका विस्तार कर देता है तो आपको बुरी लग जाती है। चलिये अब मूल बात पर आते हैं। किसी सदस्य से कोई निवेदन करता है कि अंग्रेजी में न लिखकर हिन्दी में अपना संदेश लिखे। उसे पढ़ने/समझने में कठिनाई हुई होगी। मुझे भी कठिनाई होती है। जिससे निवेदन किया जाता है, वह सदस्य हिन्दी क्षेत्र का है। हिन्दी लिख सकता है। यहाँ हिन्दी लिखना अपेक्षित भी है। इन सब बातों को जानते हुए भी आप और वह नियम की दुहाई देते फिर रहे हैं कि कोई नियम नहीं है। हम अंग्रेजी में लिखेंगे। जिसको समझना हो समझे, नहीं समझना हो भांड में जाए। और तो और अपनी चौधराहट का डण्डा चला देता है कि अगली बार ऐसा लिखा तो तेरी ऐसी-तैसी कर दूँगा। आप उसके लिये 'थैंक यू' कहिए किन्तु आपको मानना होगा कि आपको पुरस्कार देने वालों और चर्चा पर भी सरलता का महासिद्धान्त लागू होता है। सबसे मजेदार बात तो यह है कि दूसरों को 'चर्चा में अधिकाधिक भाग लेने' का उपदेश देने वाला और नेट पर मुशर्रफगिरी करने वाला इस चर्चा में आगे भाग न लेने की धमकी देकर भाग जाता है। अन्ततः आप कृपया साफ करें कि माँएँ चर्चा के संदेशों को पढ़ सकती हैं और उसमें भाग ले सकती हैं या नहीं? यदि हाँ तो, आपको उस समय तुरन्त उन्हें याद दिलाना था कि आपको यह संदेश हिन्दी में लिखना चाहिये था क्योंकि आप यह कर सकते हैं और आपसे अपेक्षित भी है। 'आत्मनः प्रतिकूलानि परेषां न समाचरेत' (भावार्थ: जो स्वयं न करते हों वैसा करने का उपदेश नहीं देना चाहिये।)-- अनुनाद सिंहवार्ता 08:01, 12 जुलाई 2012 (UTC)
- आइये अब आपके 'थैंक्यू'-तर्क का भी विश्लेषण कर दें:
- तथ्य ४: लवी सिंहल हिन्दी में लिख सकते हैं। उन्हें हिन्दी लिखने में कोई कठिनाई नहीं है।
- तथ्य ५: हिन्दी विकि होने के कारण अपेक्षित है कि यहाँ संदेश हिन्दी में लिखे जाएँगे। क्योंकि यहाँ हिन्दी पढ़ने/समझने वालों की अधिकता है।
- लवी सिंहल और हुञ्जाल जी का निष्कर्ष: हिन्दी में नहीं लिखेंगे। किसी ने फिर हिन्दी में लिखने का निवेदन किया तो बारह बजा दूँगा। मैं 'विशेषाधिकार प्राप्त विकिपिडियन' हूँ। मुझे टोकने की हिम्मत कैसे हुई? इस पर आगे कोई बात नहीं!!!!!
- आइये अब आपके 'थैंक्यू'-तर्क का भी विश्लेषण कर दें:
-- अनुनाद सिंहवार्ता 08:16, 12 जुलाई 2012 (UTC)
अनुनाद जी, मैं नीति की बात कर रहा था। आप किसी व्यक्ति या व्यक्तियों को लेकर कोई हिसाब पूरा करना चाहते हैं या न जाने क्या चाहते हैं, लेकिन ज़ाहिर है आपको मेरी बातें पसंद नहीं आ रहीं। मैंने तो हमेशा हिन्दी में ही लिखा है - हालाँकि अंग्रेज़ी का उत्तर एक-दो वाक्यों में अंग्रेज़ी में देता हूँ - यहाँ तक की मेरे अंक भी देवनागरी में ही होते हैं। ख़ैर, मेरा ध्येय यहाँ आपसे उलझना नहीं था। मैं अपना सुझाव वापस लेता हूँ और ऊपर उसे काट रहा हूँ। ख़ुश रहें और कहा-सुना माफ़! --Hunnjazal (वार्ता) 08:49, 12 जुलाई 2012 (UTC)
- हुंजल जी, चलिए फिर इस चर्चा को बन्द करते हैं। किन्तु जाते-जाते आपको याद दिला दूँ कि आपने हाल में ही तर्क के दोषों पर कुछ-कुछ लिखने की कोशिश की है। आपको इतना तो पता होगा कि ठीक उपर के अनुच्छेद में जो कुछ आपने लिखा है उसमें से कई चीजें तर्क का हिसा नहीं हैं अथवा तार्किक दोष हैं। -- अनुनाद सिंहवार्ता 09:18, 12 जुलाई 2012 (UTC)
अनुनाद जी, एक मिनट को ठंडी सांस लें और फिर सुने। आप व्यवहार की बात कर रहें हैं और मैं नियम की। यह दोनों बिलकुल अलग चीज़ें हैं। शराब पीना लाख ग़लत व्यवहार सही, लेकिन अपराध नहीं है। आप किसी शराब पीने वाले पर ऐतराज़ जताएँ और वह कहे कि 'आपको बुरा लगे सो लगे, मैं कोई अपराध नहीं कर रहा और मुझे तंग करोगे तो पुलिस बुला लूँगा'। अब यह बुरा व्यवहार सही, लेकिन पीनेवाला कानूनी दृष्टिकोण से कह ठीक रहा है। अगर आप नियम बनाने की बात करें तो आपका चिंतन स्तर अलग होना चाहिए। आप इस चीज़ में नहीं उलझेंगे कि 'उसने शराब क्यों पी? उसने मुझे बुरा क्यों बोला?' - आपका ध्येय होगा एक नियम बनाना जिसके तहत लोग शराब नहीं पी सकते। मैं उसपर सहमती बनाने की कोशिश कर रहा था, सो नहीं बनी। मैंने समझा था कि वार्ता पर केवल हिन्दी का नियम होगा और अतिशुद्ध हिन्दी भी स्वीकार्य होगी (जो हो सकती है क्योंकि आम लोगों को उसे पढ़ना नहीं होता) तो आपके लिए इस से अच्छा कुछ नहीं हो सकता। लेकिन आपने उसका भी विरोध किया। तो मुझे समझ ही नहीं आ रहा है कि आप चाहते क्या हैं। जहाँ तक मेरा अनुमान है आप बीत चुके घटनाक्रम में हुए व्यवहार से दुखी हैं और उसका हिसाब चाहते हैं। इस कार्य में मैं न आपकी सहायता कर सकता हूँ और न ही मुझे आपको रोकने में कोई दिलचस्पी रही है, इसलिए मैं अब अलग खड़ा हो गया हूँ। इतना तो मुझे स्पष्ट है कि आप हिसाब पूरा करने की संतुष्टि नहीं ले पाएँगे क्योंकि नियम आपका साथ नहीं दे रहे। इसलिए मैं भविष्य में बिना किसी नतीजे वाला और ऊर्जा नष्ट करने वाला टकराव ही देख रहा हूँ। कोई दो व्यक्ति एक दूसरे को सुबह से रात तक 'आप ग़लत - नहीं, आप ग़लत' कहते रह सकते हैं। यह चक्र किसी अच्छी जगह तो अंत नहीं होगा। दूसरी भाषाओं के लेखक जो गहरे विचारधाराओं और स्वभावों के मतभेदों के बावजूद बिना ऊर्जा बेकार करे लेख बनाने की संस्कृति रखते हैं, हिन्दी विकिपीडिया से आगे निकलते रहेंगे। चीन के कई संपादक ताइवान के कई संपादकों को अलगाववादी देशद्रोही समझते हैं और ताइवान के बहुत से सम्पादक चीनियों को आक्रामक तानाशाह, लेकिन इकठ्ठे काम करने में सक्षम हैं। नियमों का यही फ़ायदा होता है। फिर झड़पों में केवल नियम की तरफ़ इशारा करके बोल सकते हैं 'मेरी आपसे कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं और मैं आपसे किसी राय की अदला-बदली में नहीं पड़ना चाहता। आप नियम के उल्लंघन में हैं, कृपया अपना रवईया बदलें। अगर नियम पसंद नहीं तो चौपाल पर प्रस्ताव रख के बदलवाने की कोशिश कीजिये।' या तो हर प्रश्न पर युद्ध हो सकता है या हम विधिपूर्वक काम कर सकते हैं। जहाँ तक मेरा अनुभव है - 'मेरे साथ ज़ुल्म हुआ और आप मक्कार फ़रेबी हैं' एक कमज़ोर शिकायत से अधिक नहीं बन सकती। अब आगे आप मुझसे ज़्यादा बुद्धि और विवेक रखते हैं। --Hunnjazal (वार्ता) 10:11, 12 जुलाई 2012 (UTC)
- चलिये, ठण्डी सांस लेकर लिख रहा हूँ। कहने के लिये कुछ न हो तो भी कुतर्को का पहाड़ खड़ा करके उसके पीछे छिपना कोई आपसे सीखे। संक्षेप में अपनी बात कहना भी विकिपिडिया की नीति है (और व्यक्ति की योग्यता भी) जिसका पालन आप कभी नहीं कर पाते। यदि तर्क हों तो मेरे प्रश्नों का उत्तर दें। नियम मैने दिखा दिया है, अब उसके प्रकाश में भी बात कर सकते हैं। अब नियम का रोना भी नहीं रो सकते और व्यवहार का भी। -- अनुनाद सिंहवार्ता 14:50, 12 जुलाई 2012 (UTC)
कृपया ताजमहल लेख पर दृष्टिपात करें, तथा इसे निर्वाचित करने हेतु विचार व्यक्त करें। यह लेख पुराना बना हुआ है, अतः कुछ या कई बदलाव/सुधार करने पड़ सकते हैं। -- प्रशा:आशीष भटनागरवार्ता 09:47, 11 जुलाई 2012 (UTC)
- ताजमहल लेख मैंने फिलहाल सरसरी दृष्टि से ही देखा है इसमें अभी भी वर्तनी की काफी अशुद्धियाँ हैं जिनमें सुधार की आवश्यकता है कृपया देख लें डॉ०क्रान्त एम०एल०वर्मा (वार्ता) 13:26, 11 जुलाई 2012 (UTC)
- ताजमहल एक विवादित लेख है, क्योंकि यह तथ्य बार बार उठाया जाता रहा है कि ताजमहल एक हिन्दू शिवालय था जिसके भग्नावशेष पर शाहजहाँ ने यह मकबरा बनवाया था, यह तथ्य एक बडा वर्ग सही मानता चला आ रहा है, इसलिये इस लेख में यह अंश दिया जाना बहुत आवश्यक है क्योंकि विकिपीडिया किसी का पक्ष नहीं लेती बल्कि जो स्थिति है उसके अनुरूप ही यहाँ लेख बनाये जाते हैं, इस पर चर्चा हो यह उचित रहेगा।-- froklin वार्ता 04:30, 12 जुलाई 2012 (UTC)
- नमस्कार! .32 बोर रिवॉल्वर लेख मैंने बना दिया है इसे आप सभी प्रबन्धक गण कृपया देख लें और कोई सुझाव देना हो तो अवश्य दें। एक बात और इसे अंग्रेजी विकीपीडिया से लिंक करने का कष्ट करें क्योंकि वहाँ पर मैं सम्पादन करने के लिये पूर्णत: प्रतिबन्धित हूँ भाई लोगों की कृपा से। धन्यवाद डॉ०क्रान्त एम०एल०वर्मा (वार्ता) 15:27, 11 जुलाई 2012 (UTC)
हिन्दी विकि पर चर्चा की भाषा
मित्रों, जरा देखिये कि हमारी अज्ञानता का कैसे-कैसे लोग दोहन करते हैं। खोजने पर अंग्रेजी विकि के चर्चा पृष्ट पर चर्चा से सम्बन्धित नीतियाँ मिलीं जिसमें चर्चा की भाषा के विषय में भी नीति है। मैं अंग्रेजी में कमजोर हूँ इसलिये कोई इसका अनुवाद कर दे तो कृपा होगी।
सम्बन्धित नीति यह है :
- Use English: No matter to whom you address a comment, or where, it is preferred that you use English on English Wikipedia talk pages. This is so that comments may be comprehensible to the community at large. If the use of another language is unavoidable, try to also provide a translation of the comments. If you are requested to do so and cannot, you should either find a third party to translate or to contact a translator through the Wikipedia:Embassy.
-- अनुनाद सिंहवार्ता 09:59, 12 जुलाई 2012 (UTC)
- Anunad, you really cannot understand the policy on en.wiki that you have quoted above? Then, do you accept that you blindly copy-pasted it here? Why is to so hard for you in general? Nevertheless, for once, let me do the translations for you.
- अंग्रेज़ी का प्रयोग करें : कोई टिप्पणी चाहे आप किसी को भी, कहीं पर भी संबोधित कर रहें हों, अंग्रेज़ी विकिपीडिया के वार्ता पृष्ठों पर अंग्रेज़ी के प्रयोग को प्राथमिकता दी जाती है। यह इसलिए है ताकि टिप्पणियाँ समुदाय के अधिकांश वर्ग को सुबोध हो। यदि अन्य भाषा का प्रयोग अपरिहार्य हो, तो टिप्पणियों का अनुवाद उपलब्ध कराने की कोशिश करें। अगर आपसे ऐसा करने के लिए अनुरोध किया जाता है और आप नहीं कर पाते हैं, तब आप या तो एक तीसरे पक्ष को अनुवाद करने के लिए खोजें या वि:दूतावास के माध्यम से एक अनुवादक से संपर्क करें।
- Do you understand that nowhere does it say that it is compulsory to write in English? It only says "preferred". Let's adopt the above policy verbatim with अंग्रेज़ी replaced by हिंदी and I'll also support the move. Hunnjazal, will you please reconsider in the light of what Anunad himself has advanced above. Cheers, लवी सिंघल (वार्ता) 02:21, 13 जुलाई 2012 (UTC)
Yes, I will support it. And in general, I fully support and endorse the principle of all English Wiki rules applying to Hindi too, unless overruled by consensus - which, given the divisiveness prevalent here, will never happen. Also, on a careful reading, it is evident that this policy permits the use of English on Hindi Wikipedia pages. So, yes, he's totally freed you to continue to use English. This policy is far more lenient than the strict Hindi rule I was proposing! I haven't been able to figure Anunad out. He repeatedly violates en:Wikipedia:No personal attacks and could easily be subject to censure or block (it would be trivial to compile a dozen instances), but what would the point be? In totality, he seems to be at war with himself more than he's with anyone else. --Hunnjazal (वार्ता) 06:48, 13 जुलाई 2012 (UTC)
- बन्धु, यह तो लिखा है कि कोई अंग्रेजी में लिखने का अनुरोध करे तो आपको करना चाहिये (न कि धमकी देनी चाहिये)। यह भी साफ-साफ लिखा है कि यह नीति इसलिये है कि "टिप्पणियाँ समुदाय के अधिकांश वर्ग को सुबोध हो। " हुञ्जाल जी और आप इसी तथ्य को झुठलाने पर लगे हुए थे। खैर यह प्रस्ताव आपको स्वीकार्य है, यह खुशी की बात है। मैं इसे ज्यों का त्यों (अंग्रेजी -->हिन्दी संगत परिवर्तन के साथ) चौपाल पर अवश्य रखूँगा।-- अनुनाद सिंहवार्ता 03:59, 13 जुलाई 2012 (UTC)
इसमें सिर्फ़ यह लिखा है कि 'अच्छा होगा कि वे हिन्दी में लिखें' लेकिन यह ऐसा अनिवार्य नहीं करता और उन्हें अब कोई मजबूर नहीं कर सकता। आपकी मदद कोई नहीं कर सकता अनुनाद जी क्योंकि आपका सबसे बड़ा दुश्मन स्वयं आप ही हैं। मैंने आपकी ही मनचाही नीति बनवाने की कोशिश की थी और आपने अपने ही श्रम से उसी प्रयास को विफल करवा दिया। अब आनंद करें। --Hunnjazal (वार्ता) 06:48, 13 जुलाई 2012 (UTC)
हैं???? अगर आप यही चाहते थे तो आपने मेरे सुझाव का समर्थन क्यों नहीं किया? मैं बिलकुल यही तो कह रहा था। आप एक रहस्यमय व्यक्ति हैं। --Hunnjazal (वार्ता) 10:14, 12 जुलाई 2012 (UTC)
- किस प्रस्ताव की बात कर रहें हैं? कहाँ था प्रस्ताव ? मुझे तो बस उपदेश ही उपदेश दिख रहा है, कृपया उसमें से प्रस्ताव छानकर दिखायेँ। आप उस 'घोषणा' से परिचित तो हैं कि हिन्दी विकि पर कोई नीति नहीं है वहाँ अंग्रेजी विकि की नीतियाँ लागू होती हैं। क्या आज कह रहे हैं कि आप इस नीति को नहीं स्वीकारते?-- अनुनाद सिंहवार्ता 11:26, 12 जुलाई 2012 (UTC)
सभी पढ़ने वाले ऊपर की वार्ता देखकर समझ जाएँगे कि प्रस्ताव क्या था। मैंने साफ लिखा था - "कोई ऐसा सदस्य जो सब को स्वीकार्य हो प्रक्रियाओं के लिए प्रस्ताव रखे और ऐसे नियम को (१) बिलकुल १-२ वाक्यों में सरल भाषा में लिखे (२) अनावश्यक रूप से सख़्त न बनाए (३) अधिक-से-अधिक सदस्यों की सहमती प्राप्त करने के लिए सुधार प्रक्रिया करे तो अच्छा होगा"। मैं इस नीति से परिचित नहीं हूँ कि 'हिन्दी पर नीति न होने पर अंग्रेज़ी कि नीति चलेगी', हालांकि मुझे उस से बिलकुल कोई आपत्ति नहीं है और उसे सहर्ष स्वीकारता हूँ। दरअसल, यह तो बहुत ही बढ़िया है! मैं तो पहले से ही हिन्दी में ही लिखता हूँ। लेकिन अब मैं इस 'अंग्रेज़ी की सभी नीतियाँ हिन्दी पर भी लागू हैं' वाले मापदंड का पूरे ज़ोर से पालन भी करूँगा। इस से अच्छी ख़बर हो ही नहीं सकती थी। --Hunnjazal (वार्ता) 16:39, 12 जुलाई 2012 (UTC)
- हुन्जाल जी, इतनी मेहनत करके क्या छानकर लाये? कचरा? यह प्रस्ताव नहीं है, उपदेश है। और बहुत कोशिश करने पर इसको 'प्रस्ताव के प्रस्ताव का प्रस्ताव' कहा जा सकता है। खैर इसको छोड़िए। इससे आगे चलने पर आपका दोगलापन साफ-साफ पकड़ में आ गया। आपने नीचे, लगभग दस मिनट के भीतर, लिखा है : "अंग्रेज़ी विकिपीडिया की नीतियाँ हिन्दी विकी पर भी लागू हैं इसलिए हिन्दी विकी या अंग्रेज़ी विकी की बात निरर्थक है।(16:51, 12 जुलाई 2012 (UTC)) और यहाँ लिख रहे हैं : "मैं इस नीति से परिचित नहीं हूँ कि 'हिन्दी पर नीति न होने पर अंग्रेज़ी कि नीति चलेगी' । वाह, वाह, वाह !!!!-- अनुनाद सिंहवार्ता 04:12, 13 जुलाई 2012 (UTC)
आपको स्वयं ही नहीं पता आप चाहते क्या हैं। --Hunnjazal (वार्ता) 06:48, 13 जुलाई 2012 (UTC)
- मेरा अपने आप से लड़ने का अधिकार मत छीनिए। चलिये अब स्पष्ट कर दीजिये कि आपका नीचे का कौन सा वक्तव्य 'अन्तिम' माना जाय?
- वक्तव्य-१ : अंग्रेज़ी विकिपीडिया की नीतियाँ हिन्दी विकी पर भी लागू हैं इसलिए हिन्दी विकी या अंग्रेज़ी विकी की बात निरर्थक है।(16:51, 12 जुलाई 2012 (UTC)
- वक्तव्य-२ : मैं इस नीति से परिचित नहीं हूँ कि 'हिन्दी पर नीति न होने पर अंग्रेज़ी कि नीति चलेगी' । (16:39, 12 जुलाई 2012 (UTC)
कौन-सा अंतिम होगा? १६:५१ वाला या १६:३९ वाला? पहले इक्यावन या पहले उनतालीस? मुझे नीति पहले ज्ञात होगी या मैंने नीति पहले लागू करी होगी? कितनी पेचीदगियाँ हैं हर तरफ़ अनुनाद जी! ज़रूर यह आतंकवादियों का षड्यंत्र है! :-) --Hunnjazal (वार्ता) 08:25, 13 जुलाई 2012 (UTC)
- चलिये मान लिया कि दस मिनट के भीतर आपको ज्ञान की प्राप्ति हो गयी। यदि बाद वाले विचार पर कायम हैं तो इसके प्रकाश में एक से अधिक खातों वाली चर्चा में अपना वक्तव्य बदलकर लिख दें।-- अनुनाद सिंहवार्ता 09:17, 13 जुलाई 2012 (UTC)
छद्म खातों का मामला विकिसमुदाय के लिए बहुत हानिकारक है। इसे अनदेखा करने का प्रशन ही नहीं उठता। Wikipedia:Sock puppetry के तहत इन्हें फ़ौरन ब्लाक कर दिया जाना चाहिए। दुख है कि आपके लहजे में अभी भी लगातार अशिष्टता ("दस मिनट के भीतर आपको ज्ञान की प्राप्ति हो गयी") बनी हुई है। आप अब हमें बख़्शें। नमस्ते। --Hunnjazal (वार्ता) 10:07, 13 जुलाई 2012 (UTC)